हरियाणा में पूर्व MLA पर रेड में 31 लाख बरामद:डिजिटल डिवाइस और संदिग्ध रिकॉर्ड जब्त; राजस्थान में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला

हरियाणा में पूर्व MLA पर रेड में 31 लाख बरामद:डिजिटल डिवाइस और संदिग्ध रिकॉर्ड जब्त; राजस्थान में भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा और राजस्थान की 9 जगहों पर छापे मारे। इस दौरान 31 लाख रुपए कैश और कई आपत्तिजनक रिकॉर्ड टीम ने जब्त किए हैं। छापे में कुछ डिजिटल डिवाइस भी मिले हैं, जिन्हें ED ने कब्जे में लिया है। छापेमारी की यह कार्रवाई 24 जनवरी को राजस्थान के जिले अलवर की बहरोड़ विधानसभा के पूर्व विधायक बलजीत यादव और उनके संबंधित व्यक्तियों से जुड़ी बताई जा रही है। यह केस स्कूलों के लिए खेल उपकरण खरीद में एमएलए-एलएडी फंड घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित है। ED ने राजस्थान के जयपुर और दौसा में 7 जगह और हरियाणा के रेवाड़ी में 2 स्थानों पर रेड की थी। रेवाड़ी में पूर्व विधायक की रिश्तेदारी है। इसलिए, ED को मामले के तार हरियाणा तक जुड़े होने का शक था। महंगे दामों पर घटिया क्वालिटी के खेल उपकरण बेचे गए
ED ने यह जांच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और राजस्थान सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता अधिनियम की धाराओं के तहत जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर शुरू की गई थी। ED की जांच में सामने आया कि बलजीत यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र के 32 स्कूलों के लिए खेल उपकरण खरीदने की सिफारिश की थी। इस दौरान उन्होंने टेंडर नियमों का उल्लंघन किया था। जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने
जांच में पता चला है कि टेंडर नियमों का उल्लंघन कर ये ठेके उनके करीबी सहयोगियों के नाम पर बनी संस्थाओं को दिए गए। इनमें बालाजी कंप्लीट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, सूर्या इंटरप्राइजेज, राजपूत स्पोर्ट्स इंटरप्राइजेज और शर्मा स्पोर्ट्स इंटरप्राइजेज शामिल हैं। इन कंपनियों के जरिए स्कूलों को महंगे दामों पर घटिया क्वालिटी के खेल उपकरण बेचे गए। वहीं, एमएलए-एलएडी फंड से इन संस्थाओं को किए गए भुगतान को बलजीत यादव के रिश्तेदारों और सहयोगियों के खाते में डायवर्ट कर दिया गया। ED ने मामले की विस्तृत जांच जारी रखी है और अन्य संदिग्ध लेन-देन और संपत्तियों की जांच कर रही है। मामले में 3.72 करोड़ के घोटाले का आरोप
विधायक और उनसे जुड़े कुछ लोगों पर आरोप है कि इनकी कुछ कंपनियों ने सरकारी स्कूल के अंदर विधायक कोष से सामान की आपूर्ति में 3.72 करोड़ रुपए का घोटाला किया। विधायक कोष का दुरुपयोग कर नियमानुसार जो अनुमति लेनी थी, वह नहीं ली गई। इसके साथ ही टेंडर देने वाली फर्मों ने फेक डॉक्यूमेंट का यूज किया। ढाई गुना ज्यादा पैसे देकर सामान खरीदा
साल 2022-23 में बहरोड़ क्षेत्र में बलजीत यादव और उसके सहयोगियों की कंपनियों ने विधायक कोष में क्रिकेट-बैडमिंटन किट की खरीद की थी। आरोप है कि विधायक फंड में हेराफेरी कर ढाई गुना अधिक पैसे देकर सामान खरीदा और सरकार को नुकसान पहुंचाया। इसमें कुल 32 स्कूलों को सामान दिया गया था। प्रत्येक स्कूल के लिए 9 लाख का खेल सामान खरीद किया था। दावा किया गया कि क्रिकेट के बैट खरीदे गए, जिनकी कीमत भी 15,600 तक बताई गई थी। ज्यादातर स्कूलों को 50-50 बैट दिए गए। इस घोटाले में पहले ACB की ओर से मामला दर्ज किया गया था। इसमें बलजीत यादव और 8 अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा और राजस्थान की 9 जगहों पर छापे मारे। इस दौरान 31 लाख रुपए कैश और कई आपत्तिजनक रिकॉर्ड टीम ने जब्त किए हैं। छापे में कुछ डिजिटल डिवाइस भी मिले हैं, जिन्हें ED ने कब्जे में लिया है। छापेमारी की यह कार्रवाई 24 जनवरी को राजस्थान के जिले अलवर की बहरोड़ विधानसभा के पूर्व विधायक बलजीत यादव और उनके संबंधित व्यक्तियों से जुड़ी बताई जा रही है। यह केस स्कूलों के लिए खेल उपकरण खरीद में एमएलए-एलएडी फंड घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित है। ED ने राजस्थान के जयपुर और दौसा में 7 जगह और हरियाणा के रेवाड़ी में 2 स्थानों पर रेड की थी। रेवाड़ी में पूर्व विधायक की रिश्तेदारी है। इसलिए, ED को मामले के तार हरियाणा तक जुड़े होने का शक था। महंगे दामों पर घटिया क्वालिटी के खेल उपकरण बेचे गए
ED ने यह जांच भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और राजस्थान सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता अधिनियम की धाराओं के तहत जयपुर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज एक FIR के आधार पर शुरू की गई थी। ED की जांच में सामने आया कि बलजीत यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र के 32 स्कूलों के लिए खेल उपकरण खरीदने की सिफारिश की थी। इस दौरान उन्होंने टेंडर नियमों का उल्लंघन किया था। जांच में अब तक ये फैक्ट्स आए सामने
जांच में पता चला है कि टेंडर नियमों का उल्लंघन कर ये ठेके उनके करीबी सहयोगियों के नाम पर बनी संस्थाओं को दिए गए। इनमें बालाजी कंप्लीट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, सूर्या इंटरप्राइजेज, राजपूत स्पोर्ट्स इंटरप्राइजेज और शर्मा स्पोर्ट्स इंटरप्राइजेज शामिल हैं। इन कंपनियों के जरिए स्कूलों को महंगे दामों पर घटिया क्वालिटी के खेल उपकरण बेचे गए। वहीं, एमएलए-एलएडी फंड से इन संस्थाओं को किए गए भुगतान को बलजीत यादव के रिश्तेदारों और सहयोगियों के खाते में डायवर्ट कर दिया गया। ED ने मामले की विस्तृत जांच जारी रखी है और अन्य संदिग्ध लेन-देन और संपत्तियों की जांच कर रही है। मामले में 3.72 करोड़ के घोटाले का आरोप
विधायक और उनसे जुड़े कुछ लोगों पर आरोप है कि इनकी कुछ कंपनियों ने सरकारी स्कूल के अंदर विधायक कोष से सामान की आपूर्ति में 3.72 करोड़ रुपए का घोटाला किया। विधायक कोष का दुरुपयोग कर नियमानुसार जो अनुमति लेनी थी, वह नहीं ली गई। इसके साथ ही टेंडर देने वाली फर्मों ने फेक डॉक्यूमेंट का यूज किया। ढाई गुना ज्यादा पैसे देकर सामान खरीदा
साल 2022-23 में बहरोड़ क्षेत्र में बलजीत यादव और उसके सहयोगियों की कंपनियों ने विधायक कोष में क्रिकेट-बैडमिंटन किट की खरीद की थी। आरोप है कि विधायक फंड में हेराफेरी कर ढाई गुना अधिक पैसे देकर सामान खरीदा और सरकार को नुकसान पहुंचाया। इसमें कुल 32 स्कूलों को सामान दिया गया था। प्रत्येक स्कूल के लिए 9 लाख का खेल सामान खरीद किया था। दावा किया गया कि क्रिकेट के बैट खरीदे गए, जिनकी कीमत भी 15,600 तक बताई गई थी। ज्यादातर स्कूलों को 50-50 बैट दिए गए। इस घोटाले में पहले ACB की ओर से मामला दर्ज किया गया था। इसमें बलजीत यादव और 8 अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत का आरोप था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर