हरियाणा में बारिश-ओलावृष्टि से 51 हजार किसानों काे नुकसान:पोर्टल पर मुआवजे का दावा किया; हिसार-चरखी दादरी के 417 गांवों में सबसे ज्यादा नुकसान

हरियाणा में बारिश-ओलावृष्टि से 51 हजार किसानों काे नुकसान:पोर्टल पर मुआवजे का दावा किया; हिसार-चरखी दादरी के 417 गांवों में सबसे ज्यादा नुकसान

हरियाणा में पिछले महीने हुई बारिश और ओलावृष्टि से सूबे के 51353 किसानों को नुकसान पहुंचा है। इसका खुलासा तब हुआ, जब किसानों ने सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान के मुआवजे का दावा दायर किया। किसानों की बढ़ती संख्या और खराब मौसम को देखते हुए सरकार ने पोर्टल पर दावा दायर करने की लास्ट डेट बढ़ाकर 5 फरवरी कर दी थी। अब तक नौ जिलों के किसानों ने पिछले महीने ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण अपनी रबी फसलों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे का दावा दायर किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBVI) के तहत पंजीकृत न होने वाले प्रभावित किसानों को राज्य सरकार की नीति के तहत मुआवजा मिलेगा। हालांकि, राहत पाने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। सबसे ज्यादा हिसार-चरखी दादरी में नुकसान सूबे के 1,756 गांवों में 2,62,886 एकड़ में कुल फसल का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा दावे चरखी दादरी से आए हैं। यहां 168 गांवों के 12,962 किसानों ने 63,695 एकड़ फसल के नुकसान की सूचना दी है, इसके बाद हिसार के 249 गांवों के 7,173 किसानों ने 43,779 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। वहीं गुरुग्राम में 162 गांवों के 7,152 किसानों ने 32,691 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। रेवाड़ी में 281 गांवों के 6,982 किसान, 31,040 एकड़ से अधिक प्रभावित हुई है। महेंद्रगढ़, झज्जर में भी काफी हुआ नुकसान वहीं महेंद्रगढ़ जिले के 339 गांवों के 6,800 किसानों ने 28,115 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। झज्जर जिले के 220 गांवों के 6,093 किसान, 32,734 एकड़ को कवर करते हैं, फतेहाबाद – 143 गांवों के 2,657 किसान, 18,359 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। वहीं पलवल जिले में 190 गांवों के 1,792 किसान, 10,188 एकड़ से अधिक प्रभावित हुए हैं। रोहतक जिले में चार गांवों के 314 किसानों ने 2,280 एकड़ भूमि के नुकसान की रिपोर्ट दी है। मुआवजा दायर करने की आज लास्ट डेट कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि पोर्टल पर मुआवजा दायर करने की लास्ट डेट बढ़ाकर 5 फरवरी कर दी गई है। जिलों के सभी डीसी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी पात्र किसान अपना नुकसान तुरंत दर्ज कराएं।बताया कि सरकार की इस पहल का उद्देश्य प्रभावित किसानों को त्वरित वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। हरियाणा में पिछले महीने हुई बारिश और ओलावृष्टि से सूबे के 51353 किसानों को नुकसान पहुंचा है। इसका खुलासा तब हुआ, जब किसानों ने सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान के मुआवजे का दावा दायर किया। किसानों की बढ़ती संख्या और खराब मौसम को देखते हुए सरकार ने पोर्टल पर दावा दायर करने की लास्ट डेट बढ़ाकर 5 फरवरी कर दी थी। अब तक नौ जिलों के किसानों ने पिछले महीने ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण अपनी रबी फसलों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे का दावा दायर किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBVI) के तहत पंजीकृत न होने वाले प्रभावित किसानों को राज्य सरकार की नीति के तहत मुआवजा मिलेगा। हालांकि, राहत पाने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है। सबसे ज्यादा हिसार-चरखी दादरी में नुकसान सूबे के 1,756 गांवों में 2,62,886 एकड़ में कुल फसल का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा दावे चरखी दादरी से आए हैं। यहां 168 गांवों के 12,962 किसानों ने 63,695 एकड़ फसल के नुकसान की सूचना दी है, इसके बाद हिसार के 249 गांवों के 7,173 किसानों ने 43,779 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। वहीं गुरुग्राम में 162 गांवों के 7,152 किसानों ने 32,691 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। रेवाड़ी में 281 गांवों के 6,982 किसान, 31,040 एकड़ से अधिक प्रभावित हुई है। महेंद्रगढ़, झज्जर में भी काफी हुआ नुकसान वहीं महेंद्रगढ़ जिले के 339 गांवों के 6,800 किसानों ने 28,115 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। झज्जर जिले के 220 गांवों के 6,093 किसान, 32,734 एकड़ को कवर करते हैं, फतेहाबाद – 143 गांवों के 2,657 किसान, 18,359 एकड़ नुकसान की सूचना दी है। वहीं पलवल जिले में 190 गांवों के 1,792 किसान, 10,188 एकड़ से अधिक प्रभावित हुए हैं। रोहतक जिले में चार गांवों के 314 किसानों ने 2,280 एकड़ भूमि के नुकसान की रिपोर्ट दी है। मुआवजा दायर करने की आज लास्ट डेट कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि पोर्टल पर मुआवजा दायर करने की लास्ट डेट बढ़ाकर 5 फरवरी कर दी गई है। जिलों के सभी डीसी से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी पात्र किसान अपना नुकसान तुरंत दर्ज कराएं।बताया कि सरकार की इस पहल का उद्देश्य प्रभावित किसानों को त्वरित वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर