हरियाणा में जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और होलोग्राम बेस्ड कलर्ड स्टीकर नहीं होंगे, उन्हें पॉल्यूशन कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं दिए जाएंगे। हरियाणा राज्य परिवहन आयुक्त ऑफिस ने इस संबंध में सभी डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर्स, सह-सचिवों, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों (RTA) को ऑर्डर जारी किए हैं। ऑर्डर में लिखा है, “आपको निर्देशित किया जाता है कि आप अपने-अपने क्षेत्राधिकार में कार्यरत सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को तत्काल निर्देश जारी करें कि वे ऐसे किसी भी वाहन को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी न करें, जिस पर एचएसआरपी और रंग कोडित स्टिकर नहीं लगा हो। “परिवहन आयुक्त ने कहा कि डीटीओ को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उनके अधिकार क्षेत्र में पंजीकृत/चल रहे वाहनों के विंडस्क्रीन पर होलोग्राम आधारित रंगीन स्टिकर लगाए जाएं और इस संबंध में एक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जाए। इस बार की सरकार में अनिल विज के पास परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। हरियाणा में बिगड़ रहा AQI हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को बुरा हाल है। हरियाणा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार जा चुका है। 500 से अधिक एक्यूआई को खतरनाक श्रेणी में माना जाता है। जीरो से 50 तक के एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। 50-100 को मध्यम यानी बीच में माना जाता है। 100-200 को खराब स्तर में माना जाता है। 200-300 को अनहेल्दी माना जाता है। 300-400 को गंभीर माना जाता है। 500 से ऊपर के एक्यूआई को खतरनाक माना जाता है। अब यहां पढ़िए क्या हैं परिवहन विभाग के निर्देश हर हफ्ते मुख्यालय भेजनी है रिपोर्ट ऑर्डर के अनुसार, एचएसआरपी, रंग-कोडित स्टिकर के बिना पाए गए सभी परिवहन, गैर-परिवहन वाहनों का चालान किया जाना है और रिपोर्ट साप्ताहिक आधार पर राज्य कार्यालय के साथ साझा की जानी है। आयुक्त के नए निर्देशों के बाद सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही प्रदूषण जांच केंद्रों के संचालकों को इन आदेशों के बारे में सूचित किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वे ऐसे वाहनों को प्रमाण पत्र जारी करना बंद करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच केंद्रों को जारी होने लगे नोटिस हरियाणा राज्य परिवहन आयुक्त के निर्देशों के बाद जिलों के जांच केंद्रों को नोटिस जारी किए जाने लगे हैं। साथ ही ऑफिसर्स वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक कर डीटीओ को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दे रहे हैं, कि उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र में गहन जांच करके एचएसआरपी, रंग-कोडित स्टिकर के बिना कोई भी वाहन संचालित न हो, ऐसा न करने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 की धारा 14 के प्रावधानों को लागू किया जा सकता है। हरियाणा में जिन वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और होलोग्राम बेस्ड कलर्ड स्टीकर नहीं होंगे, उन्हें पॉल्यूशन कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं दिए जाएंगे। हरियाणा राज्य परिवहन आयुक्त ऑफिस ने इस संबंध में सभी डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर्स, सह-सचिवों, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों (RTA) को ऑर्डर जारी किए हैं। ऑर्डर में लिखा है, “आपको निर्देशित किया जाता है कि आप अपने-अपने क्षेत्राधिकार में कार्यरत सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को तत्काल निर्देश जारी करें कि वे ऐसे किसी भी वाहन को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी न करें, जिस पर एचएसआरपी और रंग कोडित स्टिकर नहीं लगा हो। “परिवहन आयुक्त ने कहा कि डीटीओ को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उनके अधिकार क्षेत्र में पंजीकृत/चल रहे वाहनों के विंडस्क्रीन पर होलोग्राम आधारित रंगीन स्टिकर लगाए जाएं और इस संबंध में एक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जाए। इस बार की सरकार में अनिल विज के पास परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। हरियाणा में बिगड़ रहा AQI हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को बुरा हाल है। हरियाणा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 के पार जा चुका है। 500 से अधिक एक्यूआई को खतरनाक श्रेणी में माना जाता है। जीरो से 50 तक के एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। 50-100 को मध्यम यानी बीच में माना जाता है। 100-200 को खराब स्तर में माना जाता है। 200-300 को अनहेल्दी माना जाता है। 300-400 को गंभीर माना जाता है। 500 से ऊपर के एक्यूआई को खतरनाक माना जाता है। अब यहां पढ़िए क्या हैं परिवहन विभाग के निर्देश हर हफ्ते मुख्यालय भेजनी है रिपोर्ट ऑर्डर के अनुसार, एचएसआरपी, रंग-कोडित स्टिकर के बिना पाए गए सभी परिवहन, गैर-परिवहन वाहनों का चालान किया जाना है और रिपोर्ट साप्ताहिक आधार पर राज्य कार्यालय के साथ साझा की जानी है। आयुक्त के नए निर्देशों के बाद सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। साथ ही प्रदूषण जांच केंद्रों के संचालकों को इन आदेशों के बारे में सूचित किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वे ऐसे वाहनों को प्रमाण पत्र जारी करना बंद करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच केंद्रों को जारी होने लगे नोटिस हरियाणा राज्य परिवहन आयुक्त के निर्देशों के बाद जिलों के जांच केंद्रों को नोटिस जारी किए जाने लगे हैं। साथ ही ऑफिसर्स वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक कर डीटीओ को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दे रहे हैं, कि उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र में गहन जांच करके एचएसआरपी, रंग-कोडित स्टिकर के बिना कोई भी वाहन संचालित न हो, ऐसा न करने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 की धारा 14 के प्रावधानों को लागू किया जा सकता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP का हैट्रिक प्लान:GT रोड बेल्ट साधी, अब दक्षिण पर नजर; इसीलिए 17 दिन में दूसरी बार शाह का दौरा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP का हैट्रिक प्लान:GT रोड बेल्ट साधी, अब दक्षिण पर नजर; इसीलिए 17 दिन में दूसरी बार शाह का दौरा हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के लिए GT रोड बेल्ट के बाद अब BJP ने दक्षिणी हरियाणा को साधने की प्लानिंग शुरू कर दी है। जिसकी कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है। शाह 16 जुलाई को दक्षिणी हरियाणा के सेंटर पॉइंट कहे जाने वाले महेंद्रगढ़ में आ रहे हैं। जहां वे OBC मोर्चा के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। शाह का 17 दिन में हरियाणा का ये दूसरा दौरा होगा। इससे पहले वे पंचकूला में वर्कर सम्मेलन कर चुके हैं। सबसे पहले पढ़िए… BJP की बहुमत की प्लानिंग
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। भाजपा इसकी भरपाई जीटी रोड और दक्षिणी हरियाणा से करने की कोशिश में है। जीटी रोड बेल्ट पर 30 और दक्षिणी हरियाणा में 19 विधानसभा सीटें हैं। अगर भाजपा ये सीटें जीतने में कामयाब रही तो हैट्रिक तय है। सभी 90 सीटों पर मारामारी के बजाय भाजपा इन्हीं 49 सीटों पर माइक्रो वर्किंग कर रही है। इनमें से 2-3 सीटें हार भी गए तो भाजपा को बहुमत मिल जाएगा। GT रोड बेल्ट साधने के लिए BJP ने क्या किया
हरियाणा की GT रोड बेल्ट शहरी इलाका है। इस बेल्ट में अंबाला, करनाल, पानीपत, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और कैथल जिलों की तकरीबन 30 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पंजाबी वोटरों के अलावा जनरल कैटेगरी का वोट-बैंक है, जो अमूमन BJP के साथ रहता है। चूंकि लगातार 2 बार BJP सरकार बना चुकी है, इसलिए एंटी इनकंबेसी न हो, इसका तोड़ निकालने के लिए भाजपा ने 3 बड़े कदम उठाए हैं। 1. नायब सैनी को CM बनाया
मनोहर लाल खट्टर की केंद्र में भूमिका तय करने के बाद BJP ने नायब सैनी को सीएम बनाया। नायब सैनी कुरूक्षेत्र से सांसद थे। उनका क्षेत्र इसी जीटी रोड बेल्ट में आता है। उन्हें चुनाव भी करनाल से लड़वाया ताकि इस बेल्ट से CM की कुर्सी कहीं दूसरी जगह न जाए। 2. खट्टर को पहली बार में केंद्रीय मंत्री बनाया
साढ़े 9 साल CM रहे मनोहर लाल खट्टर ने पहला लोकसभा चुनाव करनाल से जीता। फिर उन्हें केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया। खट्टर भी इसी जीटी रोड बेल्ट से आते करनाल से हैं। खट्टर को सीएम कुर्सी से हटाने के बाद पंजाबी वोट बैंक नाराज न हो, इसलिए केंद्रीय मंत्री बना उन्हें भी साध लिया। 3. मोहन बड़ौली को प्रधान बनाया
भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले CM नायब सैनी से अध्यक्ष पद लेकर मोहन लाल बड़ौली को दे दिया। बड़ौली सोनीपत की राई सीट से विधायक हैं। सोनीपत भी इसी जीटी रोड बेल्ट में आता है। बड़ौली को प्रधान बनाने का दांव तब खेला गया जबकि वे इसी साल हुआ लोकसभा चुनाव हार गए थे। उन्हें सिटिंग सांसद रमेश कौशिक की टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया था। दक्षिणी हरियाणा पर फोकस क्यों?
दक्षिण हरियाणा में 6 जिले रेवाड़ी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, नूंह और भिवानी हैं। इनमें कुल 19 सीटें हैं। इनमें से 11 पर अहीरवाल का दबदबा है। नूंह की 3 सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं। इसके अलावा भिवानी-चरखी दादरी में 5 सीटें जाट बाहुल्य हैं लेकिन यहां जाटों के वोट बंटने की सूरत में अहीरवाल डिसाइडिंग फैक्टर साबित होते हैं। 2014 में भाजपा ने दक्षिणी हरियाणा से 15 सीटें जीती थी। जिसमें अहीरवाल बेल्ट की सभी 11 सीटें शामिल थी। इस चुनाव में भाजपा ने अकेले बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा को दक्षिणी हरियाणा 19 में से 10 सीटें मिली। जिनमें अहीरवाल बेल्ट यानी रेवाड़ी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ की 11 सीटों में से 8 ही सीटों पर जीत मिली थी। तब 40 विधायकों ही रह गई और जजपा के 10 विधायकों की मदद से सरकार बनानी पड़ी। अहीरवाल में राव चुनौती बन रहे, इसलिए शाह की एंट्री
दक्षिणी हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट में 3 जिलों की 14 विधानसभा सीटें हैं। इन जिलों में रेवाड़ी, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ शामिल हैं। यूं तो इस बेल्ट में भाजपा का बढ़िया आधार है लेकिन उसके लिए राव इंद्रजीत पर निर्भरता जरूरी है। राव को केंद्र में इस बार भी राज्य मंत्री बनाया गया। जिसको लेकर वे खुद भी नाखुश हैं। वह समर्थकों के जरिए सीएम कुर्सी पर तक दावेदारी ठोक रहे थे। यही वजह है कि राज्य के किसी नेता के बजाय सीधे शाह की यहां एंट्री हो रही है। भिवानी-चरखी दादरी के लिए किरण चौधरी आ चुकी
दक्षिणी हरियाणा में आते 2 जाट बाहुल्य जिले भिवानी और चरखी दादरी में 5 सीटें हैं। यहां जाटों की वजह से भाजपा के लिए चुनौती थी लेकिन उससे निपटने के लिए भाजपा कांग्रेस विधायक किरण चौधरी को पार्टी में ला चुकी हैं। किरण चौधरी पूर्व सीएम बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। इन 5 सीटों पर अहीरवाल समुदाय का भी अच्छा वोट बैंक है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि किरण चौधरी के जरिए जाट और राव के जरिए अहीरवाल को एकजुट कर इन 5 सीटों पर भी उन्हें जीत मिल सकती है। जातीय संतुलन पहले बिठा चुकी भाजपा
हरियाणा में BJP गैर जाट पॉलिटिक्स करती है। 2009 में जब भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो दूसरी पार्टियों के उलट पंजाबी चेहरे मनोहर लाल खट्टर को सीएम बना दिया। दूसरी बार सरकार बनी तो भी उन्हें ही सीएम बनाए रखा। अब लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें हटाया तो किसी जाट नेता की जगह OBC वर्ग से नायब सैनी को सीएम बना दिया। मौजूदा स्थिति में भाजपा ने राजस्थान के जाट नेता डॉ. सतीश पुनिया को पार्टी का प्रभारी बनाया गया है। सीएम नायब सैनी ओबीसी वर्ग से हैं। अब भाजपा ने ब्राह्मण वोट बैंक को देखते हुए मोहन बड़ौली को प्रदेश प्रधान बना दिया।
करनाल में आज कष्ट निवारण समिति की बैठक:स्थानीय शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा करेंगे लोगों की समस्याओं का समाधान
करनाल में आज कष्ट निवारण समिति की बैठक:स्थानीय शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा करेंगे लोगों की समस्याओं का समाधान हरियाणा में करनाल के नागरिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आज जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक का आयोजन किया जाएगा। यह बैठक दोपहर 3 बजे पंचायत भवन में होगी। इस बैठक की अध्यक्षता हरियाणा के स्थानीय शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा करेंगे। बैठक के आयोजन का मुख्य उद्देश्य करनाल के नागरिकों की समस्याओं का समाधान करना है। सभी विभागों के अधिकारी रहेंगे मौजूद DC उत्तम सिंह ने बताया कि बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय पर पहुंचना सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की शिकायतों को सुनना और उनका तुरंत समाधान करना है। समस्या सुनेंगे और मौके पर समाधान करेंगे बैठक के दौरान नागरिक अपनी समस्याओं को सीधे राज्य मंत्री के सामने रख सकेंगे। राज्य मंत्री सुभाष सुधा न केवल समस्याओं को सुनेंगे, बल्कि उनकी समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे। इस बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी समस्या बिना समाधान के न रहे। पूरी तैयारी के साथ पहुंचे बैठक में उपायुक्त उत्तम सिंह ने जोर देकर कहा कि सभी विभागों के अधिकारी पूरी तैयारी के साथ बैठक में शामिल हों। यह बैठक नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां वे अपनी समस्याओं को रख सकते हैं और समाधान प्राप्त कर सकते हैं। नागरिकों को इस बैठक में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।
हरियाणा में बारिश में बनाई सड़कें:PWD मंत्री बोले- अधिकारी बेकसूर; रोड बन रही थी, बारिश आ गई, न बनाते तो दुर्घटना हो जाती
हरियाणा में बारिश में बनाई सड़कें:PWD मंत्री बोले- अधिकारी बेकसूर; रोड बन रही थी, बारिश आ गई, न बनाते तो दुर्घटना हो जाती हरियाणा के करनाल में बारिश के बीच सड़क बनाने को लेकर राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने कहा कि जब बारिश हुई तो सड़क बन रही थी। इस दौरान जो सड़क पर सामान डाला जा रहा था उसका टेम्परेचर ज्यादा होता है, यदि उस सामान को समय पर न फैलाया जाता, तो कोई दुर्घटना भी हो सकती थी। इसलिए जो सामान तैयार किया हुआ था उसको फैला दिया गया। मंत्री ने आगे कहा कि इसके बावजूद भी अधिकारियों को कहा गया है कि अगर उसकी क्वालिटी खराब है तो उसको दोबारा से बनाया जाए। विभाग की ओर से कहा गया है कि एक मिलिंग मशीन लगा दी गई है। सड़क को दोबारा से उखाड़ कर बनाया जाएगा। विभागीय मंत्री ने यह बयान पंचकूला में आयोजित पीडब्ल्यूडी की मीटिंग के बाद यह बयान दिया। बारिश में सड़क बनाने के 2 मामले सामने आए… 1. करनाल में नमस्ते चौक से मीरा घाटी बनाई सड़क
करनाल में नमस्ते चौक से लेकर मीरा घाटी की तरफ जाने वाली सड़क काफी दिनों से टूटी पड़ी थी। इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बने थे, थोड़ी सी बारिश में यहां पानी रुक जाता था। 29 जून यानी शनिवार दोपहर यहां बारिश हुई। बारिश के बीच में ही ठेकेदार ने सड़क बनाने का काम जारी रखा। सड़क बनाने का करीब डेढ़ करोड़ में टेंडर हुआ है। 2. हिसार में 28 करोड़ से बन रही सड़क
हिसार के सेक्टर 14 और 33 के लिए 45 मीटर चौड़ी मास्टर रोड बनाई जा रही है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) ने इस सड़क का टेंडर 2021 में किया था। इसके अलावा दोनों सेक्टरों के लिए बरसाती नाला भी बनाया गया है। सड़क की लंबाई 8.8 किलोमीटर होगी। इस प्रोजेक्ट पर 28.80 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। बारिश में ही इस पर गर्म तारकोल बिछाया जा रहा था। यह सड़क सिरसा नेशनल हाईवे से जोड़ी जानी है। इसी सड़क को बारिश में बनाए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस ने कहा था- विकास पागल हुआ, टेक्नीक बाहर नहीं जानी चाहिए
करनाल में बारिश में सड़क बनाने का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘हरियाणा में BJP सरकार ने नई टेक्नोलॉजी इजाद की है, इससे बारिश में सड़क बनाई जाती है। इस टेक्नोलॉजी को नरेंद्र मोदी के नाम से पेटेंट किया जाएगा। टेक्नोलॉजी का नाम होगा- बारिश में सड़क बनाओ, भ्रष्टाचार से पैसा कमाओ।’ यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट कर कहा, ‘हरियाणा में विकास पागल हो गया है। बारिश में रोड बनाने वाली ये भाजपाई टेक्नोलॉजी देश से बाहर नहीं जानी चाहिए।’ CM ने कहा था- थोड़ी दिक्कत आ जाती है
CM नायब सैनी ने इस मामले को लेकर कहा था- कोई काम चल रहा है तो उसमें थोड़ी दिक्कत आ जाती है, लेकिन जो कांग्रेस सड़क को लेकर तंज कस रही है, उनको 2014 के पहले सड़कों के हालात देखने चाहिए। उनके समय में करनाल से दिल्ली जाना भी मुश्किल हो जाता था। कांग्रेस की सरकार दिल्ली में भी थी और हरियाणा में भी थी। भूपेंद्र हुड्डा काला चश्मा पहनकर चलते थे। चश्मे में उन्हें सड़कें दिखाई नहीं होती थी। अक्टूबर तक की मंत्री ने दी डेट लाइन
पंचकूला में मीटिंग के बाद डॉ बनवारी लाल ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की पूरे प्रदेश में 29 हजार 523 सड़कें हैं। इनमें नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की 3 हजार 66 सड़क हैं। 2022-23 में 3400 किलोमीटर में पैचवर्क का काम हुआ है। वहीं 2023-24 में 4400 किलोमीटर की सड़कें बनाई हैं जिनकी 2350 करोड़ की कीमत थी। मंत्री ने बताया कि अक्टूबर तक सड़कों का काम पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इसके साथ ही अधिकारियों को कहा गया है कि वह अपना काम पूरी ईमानदारी से करें।