हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह से जुड़े महिला कोच यौन शोषण केस में चंडीगढ़ पुलिस ने एसीजेएम राहुल गर्ग की कोर्ट में अपना जवाब पेश किया। जवाब में आरोपी संदीप सिंह की आरोपमुक्त अर्जी का विरोध किया। पीड़िता की ओर से पेश एडवोकेट दीपांशु बंसल ने भी अर्जी का विरोध किया। अर्जी पर बहस के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तारीख तय की है। कोर्ट अब संदीप सिंह की अर्जी पर अपना फैसला देगी। दिसंबर, 2022 में सेक्टर 26 थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 342, 354, 354-ए, 354-बी, 506 और 509 के तहत यह केस दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक संदीप सिंह की अर्जी के विरोध में पुलिस ने पीड़िता द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत के तथ्यों को सामने रखा है। वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गिठत एसआईटी तथा आगे की गई जांच का हवाला दिया है। संदीप सिंह ने आरोप मुक्त की दाखिल की की अर्जी हरियाणा की जूनियर महिला कोच यौन शोषण मामले में आरोपी पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह ने खुद को आरोप मुक्त किए जाने को लेकर चंडीगढ़ एसीजेएम कोर्ट में एक एप्लिकेशन दायर की थी। इस पर कोर्ट की ओर से सुनवाई के लिए आज की डेट तय की गई थी। इसके साथ ही चंडीगढ़ कोर्ट की ओर से इस मामले में प्रॉसिक्यूशन की ओर से भी जवाब दाखिल करने को कहा है। वहीं, वकील दीपांशु बंसल पीड़ित जूनियर महिला कोच की ओर से कोर्ट में पेश हुए। जहां दोनों पक्षों में बहस हुई।आरोपी संदीप सिंह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार में खेल मंत्री थे, जूनियर महिला कोच के आरोपों के बाद पूर्व सीएम ने उनसे खेल विभाग वापस ले लिया था, लेकिन वह मंत्री पद पर बने रहे थे। हालांकि अब हरियाणा में नायब सैनी मुख्यमंत्री हैं, इनके मंत्रिमंडल में उन्हें मंत्रिपद नहीं दिया गया है। कोर्ट में पेश हो चुके संदीप सिंह जूनियर महिला कोच यौन शोषण मामले में आरोपी हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप जनवरी में चंडीगढ़ जिला अदालत में पेश हो चुके हैं। अदालत में पीड़ित पक्ष की ओर से दायर की गई पांच में से तीन अर्जियों पर बहस हुई। इससे पहले 16 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान संदीप सिंह ने कोर्ट में पेश न होने के लिए छूट मांगी थी। इसके बाद फरवरी में सुनवाई की डेट पर पूर्व खेल मंत्री के नहीं पहुंचने पर सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। कोच दाखिल कर चुकी तीन अर्जियां पीड़ित जूनियर महिला कोच की ओर से इस मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किए जाने की अर्जी दाखिल की जा चुकी है। साथ ही केस की सुनवाई मजिस्ट्रेट से हटाकर सेशन कोर्ट में चलाने की मांग और केस की सुनवाई डे टू डे बेसिस पर चलाने की मांग की गई है। तीसरी अर्जी आरोपी की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने कहा था कि इलाका मजिस्ट्रेट जमानत देते हुए उचित शर्तें लगा सकता है, लेकिन अभी तक आरोपी पर कोई शर्त नहीं लगाई गई है। क्या है पूरा मामला 31 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच की शिकायत पर सेक्टर-26 थाना पुलिस ने मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद डीएसपी ईस्ट पलक गोयल के सुपरविजन में मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई।एसआईटी ने जांच के बाद आरोपित संदीप सिंह के खिलाफ चार्जशीट में नई धारा 509 भी जोड़ी थी और शिकायत के लगभग आठ महीने बाद चार्जशीट कोर्ट में फाइल की थी। हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह से जुड़े महिला कोच यौन शोषण केस में चंडीगढ़ पुलिस ने एसीजेएम राहुल गर्ग की कोर्ट में अपना जवाब पेश किया। जवाब में आरोपी संदीप सिंह की आरोपमुक्त अर्जी का विरोध किया। पीड़िता की ओर से पेश एडवोकेट दीपांशु बंसल ने भी अर्जी का विरोध किया। अर्जी पर बहस के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 6 जुलाई की तारीख तय की है। कोर्ट अब संदीप सिंह की अर्जी पर अपना फैसला देगी। दिसंबर, 2022 में सेक्टर 26 थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 342, 354, 354-ए, 354-बी, 506 और 509 के तहत यह केस दर्ज किया था। जानकारी के मुताबिक संदीप सिंह की अर्जी के विरोध में पुलिस ने पीड़िता द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत के तथ्यों को सामने रखा है। वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गिठत एसआईटी तथा आगे की गई जांच का हवाला दिया है। संदीप सिंह ने आरोप मुक्त की दाखिल की की अर्जी हरियाणा की जूनियर महिला कोच यौन शोषण मामले में आरोपी पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह ने खुद को आरोप मुक्त किए जाने को लेकर चंडीगढ़ एसीजेएम कोर्ट में एक एप्लिकेशन दायर की थी। इस पर कोर्ट की ओर से सुनवाई के लिए आज की डेट तय की गई थी। इसके साथ ही चंडीगढ़ कोर्ट की ओर से इस मामले में प्रॉसिक्यूशन की ओर से भी जवाब दाखिल करने को कहा है। वहीं, वकील दीपांशु बंसल पीड़ित जूनियर महिला कोच की ओर से कोर्ट में पेश हुए। जहां दोनों पक्षों में बहस हुई।आरोपी संदीप सिंह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार में खेल मंत्री थे, जूनियर महिला कोच के आरोपों के बाद पूर्व सीएम ने उनसे खेल विभाग वापस ले लिया था, लेकिन वह मंत्री पद पर बने रहे थे। हालांकि अब हरियाणा में नायब सैनी मुख्यमंत्री हैं, इनके मंत्रिमंडल में उन्हें मंत्रिपद नहीं दिया गया है। कोर्ट में पेश हो चुके संदीप सिंह जूनियर महिला कोच यौन शोषण मामले में आरोपी हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप जनवरी में चंडीगढ़ जिला अदालत में पेश हो चुके हैं। अदालत में पीड़ित पक्ष की ओर से दायर की गई पांच में से तीन अर्जियों पर बहस हुई। इससे पहले 16 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान संदीप सिंह ने कोर्ट में पेश न होने के लिए छूट मांगी थी। इसके बाद फरवरी में सुनवाई की डेट पर पूर्व खेल मंत्री के नहीं पहुंचने पर सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। कोच दाखिल कर चुकी तीन अर्जियां पीड़ित जूनियर महिला कोच की ओर से इस मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किए जाने की अर्जी दाखिल की जा चुकी है। साथ ही केस की सुनवाई मजिस्ट्रेट से हटाकर सेशन कोर्ट में चलाने की मांग और केस की सुनवाई डे टू डे बेसिस पर चलाने की मांग की गई है। तीसरी अर्जी आरोपी की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए अदालत ने कहा था कि इलाका मजिस्ट्रेट जमानत देते हुए उचित शर्तें लगा सकता है, लेकिन अभी तक आरोपी पर कोई शर्त नहीं लगाई गई है। क्या है पूरा मामला 31 दिसंबर 2022 को जूनियर महिला कोच की शिकायत पर सेक्टर-26 थाना पुलिस ने मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद डीएसपी ईस्ट पलक गोयल के सुपरविजन में मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई।एसआईटी ने जांच के बाद आरोपित संदीप सिंह के खिलाफ चार्जशीट में नई धारा 509 भी जोड़ी थी और शिकायत के लगभग आठ महीने बाद चार्जशीट कोर्ट में फाइल की थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा सरकार गांवों में कॉलोनियां काटेगी:मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में 56 एकड़ जमीन चुनी; HSVP की तर्ज पर प्लाटों की बिक्री, सभी खरीद सकेंगे हरियाणा की BJP सरकार शहरों की तरह गांवों में कॉलोनी काटकर प्लाट बेचेगी। इसकी शुरुआत प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कृष्णलाल पंवार के विधानसभा क्षेत्र पानीपत के इसराना से होगी। इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया जाएगा। इसके लिए पंचायत की 56 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। इस कॉलोनी को शहरों की तरह आधुनिक सुविधाओं के साथ डेवलप किया जाएगा। प्लाटों की बिक्री हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) की तर्ज पर होगी। मंत्री बोले- हाउसिंग बोर्ड के जरिए यह प्रयोग कर चुके
मंत्री कृष्णलाल पंवार ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि इससे पहले वे हाउसिंग बोर्ड के जरिए यह प्रयोग कर चुके हैं। जब वे बोर्ड में चेयरमैन थे तो अपने कार्यकाल में उन्होंने इसराना विधानसभा क्षेत्र में हाउसिंग बोर्ड से मकान बनवाए थे। तब वह योजना सफल रही थी। इसलिए जिन गांवों में जहां जमीन उपलब्ध होगी, वहां पर शहरी सुविधाओं वाले प्लाट काटकर बेचने की योजना बनाई गई है। योजना के पीछे सरकार के 3 तर्क… 1.गांवों का विकास होगा
हरियाणा सरकार का कहना है कि इस फैसले से गांवों का विकास होगा। बड़ी कॉलोनियां डेवलप होने से गांवों में रोजगार के भी नए मौके पैदा होंंगे। लोगों को शहरों जैसी मूलभूत सुविधाएं गांवों में मिलेंगी, इससे गांवों से शहरों की ओर से पलायन भी रूकेगा। 2. फ्रॉड से बच सकेंगे लोग
गांवों में शहरों जैसी कॉलोनियों के कटने से लोग फ्रॉड से बच सकेंगे। अभी प्राइवेट कॉलोनाइजर्स के जरिए काटी गई कालोनियों में लोग प्लाट ले रहे हैं। इसमें लोगों के साथ कई बार फ्रॉड भी हो जाता है। ऐसे कई मामलों की शिकायतें सरकार के पास पहुंच रही हैं। चूंकि इस स्कीम में सरकार इन्वॉल्व रहेगी, ऐसे में जवाबदेही सरकार की होगी। 3. सस्ती दरों पर मिल सकेंगे प्लाट
लोगों को सरकार की इस योजना के जरिए सस्ती दरों पर प्लाट मिल सकेंगे। अभी प्राइवेट बिल्डर या कॉलोनाइजर्स अपने मनमाने रेट लेकर लोगों को प्लाट दे रहे हैं। सरकार इस योजना के जरिए HSVP की तरह बेस प्राइज तय कर प्लाट बेचेगी। इन कॉलोनियों में प्लॉट लेने के ये होंगे फायदे
हरियाणा में सरकार कॉलोनी काटेगी तो वह पूरी तरह से वैध होगी। ऐसे में इन कॉलोनियों के नक्शे स्वीकृत होंगे। बैंक से लोन आसानी से मिल सकेगा। सड़क, सीवरेज, पानी, स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन कॉलोनियों में सरकार के द्वारा पक्की गलियां, पानी की लाइन, सीवर की लाइन, पार्क, सामुदायिक भवन जैसी सुविधाएं भी रहेंगी। इसके उलट अवैध कॉलोनियों में स्थानीय लोगों को सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिल पाती। जहां प्लाट नहीं, वहां एक लाख रुपए देगी सरकार
सूबे के जिन गांवों के अंदर जमीन नहीं है और जो पात्र है, उनके लिए हरियाणा सरकार ने पात्र लोगों के खातों में एक लाख रुपए की राशि भेजेगी ताकि वे प्लाट खरीद सकें। इसके साथ ही हरियाणा विधानसभा में बिल आ चुका है, जिसके अंतर्गत किसी भी समाज के कोई भी व्यक्ति ने ग्राम पंचायत की जमीन पर 100 से 500 गज के एरिया में मकान बना लिया है और वह मकान 20 वर्ष पूर्व का बनाया हुआ है, लेकिन वह मकान किसी तालाब, फिरनी और कृषि भूमि में न हो, तो उसे इसका मालिकाना हक मिलेगा।