हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को एक और झटका लगा है। हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के पूर्व चेयरमैन गुरविंद्र सिंह धमीजा ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। आज रोहतक में हुए एक समारोह में, धमीजा ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों व प्रदेशभर के बंदा सिंह बहादुर सिख सम्प्रदाय के साथियों के साथ मिलकर कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया। हरियाणा कांग्रेस में राज्यसभा मेंबर शादी लाल बत्रा व जिला संयोजक तरलोचन सिंह ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में धमीजा सहित हरियाणा भर के साथियों को कांग्रेस में शामिल करवाया। बता दें कि धमीजा सैनिक करनाल में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सहपाठी भी रह चुके है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को यह बड़ा झटका मना जा रहा है। भाजपा से मोहभंग: धमीजा का 2014 में भाजपा से जुड़ाव गुरविंद्र सिंह धमीजा ने 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा ज्वाइन की थी। उनका कहना है कि उन्हें भाजपा में शामिल होने की प्रेरणा कुरुक्षेत्र में बाबा बंदा सिंह बहादुर की कर्सी स्थापित करने से मिली थी, जिसे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल में स्थापित किया था। 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस पर रिसर्च शुरू की थी, जिससे धमीजा प्रभावित हुए और भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, अब धमीजा ने खुलासा किया है कि मनोहर लाल खट्टर के दिल्ली की राजनीति में चले जाने के बाद भाजपा की विचारधारा से उनका मोहभंग हो गया। उन्होंने कहा कि, “जिस तरह भाजपा ने अब सिख और पंजाबी समुदायों की उपेक्षा की है, उससे वे अब अपनी विचारधारा बदलने को मजबूर हो गए हैं।” धमीजा का यह बयान भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब भाजपा खुद पंजाबी और सिख समुदायों में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस के लिए बड़ी कामयाबी: धमीजा के शामिल होने से मजबूत हुई पंजाबी वोट बैंक की पकड़ कांग्रेस के लिए गुरविंद्र सिंह धमीजा का शामिल होना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इससे न केवल कांग्रेस का पंजाबी वोट बैंक मजबूत होगा, बल्कि भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती भी खड़ी होगी। पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस राज्य में पंजाबी और बनिया समुदायों को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयास कर रही है। हाल ही में आयोजित राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों में कांग्रेस ने इन समुदायों को सीधे संबोधित किया था। हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को एक और झटका लगा है। हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के पूर्व चेयरमैन गुरविंद्र सिंह धमीजा ने अपने साथियों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया है। आज रोहतक में हुए एक समारोह में, धमीजा ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों व प्रदेशभर के बंदा सिंह बहादुर सिख सम्प्रदाय के साथियों के साथ मिलकर कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया। हरियाणा कांग्रेस में राज्यसभा मेंबर शादी लाल बत्रा व जिला संयोजक तरलोचन सिंह ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में धमीजा सहित हरियाणा भर के साथियों को कांग्रेस में शामिल करवाया। बता दें कि धमीजा सैनिक करनाल में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सहपाठी भी रह चुके है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को यह बड़ा झटका मना जा रहा है। भाजपा से मोहभंग: धमीजा का 2014 में भाजपा से जुड़ाव गुरविंद्र सिंह धमीजा ने 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा ज्वाइन की थी। उनका कहना है कि उन्हें भाजपा में शामिल होने की प्रेरणा कुरुक्षेत्र में बाबा बंदा सिंह बहादुर की कर्सी स्थापित करने से मिली थी, जिसे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने कार्यकाल में स्थापित किया था। 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस पर रिसर्च शुरू की थी, जिससे धमीजा प्रभावित हुए और भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, अब धमीजा ने खुलासा किया है कि मनोहर लाल खट्टर के दिल्ली की राजनीति में चले जाने के बाद भाजपा की विचारधारा से उनका मोहभंग हो गया। उन्होंने कहा कि, “जिस तरह भाजपा ने अब सिख और पंजाबी समुदायों की उपेक्षा की है, उससे वे अब अपनी विचारधारा बदलने को मजबूर हो गए हैं।” धमीजा का यह बयान भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब भाजपा खुद पंजाबी और सिख समुदायों में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस के लिए बड़ी कामयाबी: धमीजा के शामिल होने से मजबूत हुई पंजाबी वोट बैंक की पकड़ कांग्रेस के लिए गुरविंद्र सिंह धमीजा का शामिल होना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इससे न केवल कांग्रेस का पंजाबी वोट बैंक मजबूत होगा, बल्कि भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती भी खड़ी होगी। पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस राज्य में पंजाबी और बनिया समुदायों को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयास कर रही है। हाल ही में आयोजित राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों में कांग्रेस ने इन समुदायों को सीधे संबोधित किया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा कांग्रेस प्रत्याशी 24 घंटे बाद भी रिहा नहीं:वकील बोले- अभी हाथ में नहीं आए ऑर्डर; 3 महीने से जेल में हैं पंवार
हरियाणा कांग्रेस प्रत्याशी 24 घंटे बाद भी रिहा नहीं:वकील बोले- अभी हाथ में नहीं आए ऑर्डर; 3 महीने से जेल में हैं पंवार हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे बाद भी जेल से रिहा नहीं हो सके हैं। बताया जा रहा है कि जज द्वारा ED केस खत्म करने का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। मंगलवार को वकील दिन भर कोर्ट से ऑर्डर निकलवाने में लगे रहे। पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोर्ट केस को रद्द कर चुकी है। अब फैसले की प्रोसेसिंग में समय लग रहा है। वे फिलहाल नहीं बता सकते कि पंवार कब तक जेल से रिहा होंगे। बता दें कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को 20 अगस्त को अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वे जेल में है। सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई सुनवाई हुई। इसमें जज महावीर सिंह सिंधु ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन पर दर्ज केस को रद कर दिया था। उम्मीद थी कि सुरेंद्रपंवार मंगलवार सुबह तक जेल से रिहा हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंवार के वकील ने ये दी जानकारी सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने मंगलवार शाम को भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि अभी सुरेंद्र पंवार को रिहा नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने केस को रद कर दिया है, लेकिन अभी पंवार की रिहाई के ऑर्डर अपलोड नहीं हुए हैं। इसको लेकर प्रोसेसिंग चल रही है। फैसला लिखने के बाद जज के साइन होंगे, इसके बाद आदेश जारी होंगे। सुरेंद्र पंवार कब तक जेल से बाहर होंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक ऑर्डर उनके हाथ नहीं आ जाते, तब तक वे कुछ नहीं कह सकते। वकील बोले- कोई अड़चन नहीं किसी तरह की अड़चन के सवाल पर मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोई अड़चन नहीं है, कोर्ट में प्रोसेसिंग जारी है, इसमें कई बार समय लग जाता है। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया था। 3 महीने से अंबाला जेल में बंद हैं पंवार सुरेंद्र पंवार को ED ने 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अंबाला जेल में हैं। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। सुरेंद्र पंवार ने कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद 12 सितंबर को सोनीपत में पुलिस कस्टडी में ही नामांकन किया था। पंवार के बाहर आने से रोचक होगा मुकाबला भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही है।
कुरुक्षेत्र पहुंचे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल:केडीबी कार्यालय में अधिकारियों की मीटिंग ली; तीर्थों के विकास को लेकर हुई चर्चा
कुरुक्षेत्र पहुंचे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल:केडीबी कार्यालय में अधिकारियों की मीटिंग ली; तीर्थों के विकास को लेकर हुई चर्चा हरियाणा के पूर्व सीएम एवं केंद्रीय ऊर्जा, आवासीय, शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा। इस विजन से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और देश में ऊर्जा की कमी नहीं रहेगी। इन तमाम पहलुओं को लेकर केंद्र सरकार योजनाएं तैयार कर रही है। वे रविवार को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में ब्रहमसरोवर पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक राष्ट्र को विकसित बनाने का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस रोडमैप के तहत वर्ष 2047 तक देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस देश की अर्थव्यवस्था की मजबूती में ऊर्जा का महत्वपूर्ण योगदान होगा, क्योंकि ऊर्जा के माध्यम से ही उद्योगों का विस्तार होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा देश के नागरिकों को तमाम सुविधाएं मिल पाएंगी। मनोहर लाल ने कहा कि ऊर्जा की आपूर्ति के साथ ही प्रदेश विकास की राह पर आगे बढ़ेगा और हर क्षेत्र में प्रगति होगी। उन्होंने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक देश में ऊर्जा की कमी नहीं रहेगी। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अब तक 17 राज्यों का भ्रमण कर चुके है और आने वाले 3 माह में बाकी राज्यों का भी दौरा पूरा करेंगे। इससे हर प्रदेश में ऊर्जा की खपत, बचत और अपार संभावनाओं के बारे में फीडबैक रिपोर्ट तैयार होगी, जिससे वर्ष 2047 तक हर प्रदेश में ऊर्जा की आपूर्ति होगी और कहीं भी उर्जा की कमी नहीं होगी। लोक कलाकारों से की मन की बात
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 का अवलोकन भी किया। इस महोत्सव में ब्रहमसरोवर के तटों पर अलग-अलग प्रदेश की संस्कृति की छटा बिखेरने वाले लोक कलाकारों, पर्यटकों का रुझान आकर्षित कर रहे शिल्पी और महोत्सव को चार चांद लगाने वाले पर्यटकों से केंद्रीय मंत्री ने अपने मन की बात को न केवल किया साझा किया, बल्कि लोक कलाकारों के वाद्य यंत्रों की धुन पर गुनगुना भी उठे। अहम पहलू यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाने में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की ही अहम भूमिका है। इस महोत्सव को वर्ष 2016 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का श्रेय केंद्रीय मंत्री एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ही जाता है। केडीबी अधिकारियों के साथ की बैठक
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 की व्यवस्थाओं और सरकार के विजन के अनुसार महोत्सव को आगे बढ़ता हुआ देखने के लिए ब्रहमसरोवर केडीबी कार्यालय पहुंचे। यहां पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का एडीसी सोनू भट्ट, सीईओ केडीबी पंकज सेतिया, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल आदि ने पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। इसके बाद मनोहर लाल ने अधिकारियों, केडीबी के पदाधिकारियों तथा सदस्यों के साथ 48 कोस के 182 तीर्थों के विकास, व्यवस्थाओं तथा महोत्सव को ओर भव्य बनाने की अपार संभावनाओं पर चर्चा की। ज्योतिसर अनुभव केंद्र व संग्रहालयों का किया निरीक्षण
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने गीता स्थली ज्योतिसर की पावन धरा का अवलोकन कर पवित्र स्थल को नमन किया और प्रदेश सरकार की तरफ से 206 करोड़ रुपए की लागत से निमार्णाधीन ज्योतिसर अनुभव केंद्र तथा संग्रहालयों के भवनों के साथ-साथ अन्य प्रोजेक्टों का निरीक्षण किया। केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों और केडीबी सदस्यों से चर्चा करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को पवित्र ग्रंथ गीता के साथ जोड़ने का प्रयास करें ताकि यह पर्यटक और यात्री कुरुक्षेत्र की पावन धरा से अपने-अपने प्रदेशों में जाने के बाद वहां पर भी गीता का पाठ करें। इन लोगों से केडीबी लगातार संपर्क बनाकर रखे और आने वाले समय में इन लोगों को महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र में आमंत्रित करे। यह नागरिक महोत्सव में आकर गीता उपदेशों का उच्चारण करें और गीता पाठ करें ताकि महोत्सव में आने वाला प्रत्येक पर्यटक और यात्री महोत्सव से जुड़ सके और पूरे प्रदेश में गीतामय माहौल बन सके। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव को देश की बड़ी-बड़ी संस्थाओं के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाए ताकि महोत्सव के लिए सीएसआर के तहत सहयोग मिल सके। इसके साथ ही एक ऐसी लोकल तीर्थ यात्रा सर्किट योजना तैयार की जाए, जिससे तीर्थ यात्री कुरुक्षेत्र के तीर्थों का भ्रमण कर सके। महोत्सव में देश की विरासत से रूबरू होने का मिलता है अवसर
केबिनेट मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को देश की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत को देखने और जानने का अवसर मिलता है। इस महोत्सव का आयोजन कनाड़ा, आस्ट्रेलिया, मारिशॅस, लंदन और श्रीलंका में किया जा चुका है और पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश विश्व के कोने-कोने तक पहुंचे इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर एडीसी सोनू भट्ट, सीईओ केडीबी पंकज सेतिया, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, केडीबी सदस्य विजय नरुला, डॉ. ऋषिपाल मथाना, अशोक रोशा, कैप्टन परमजीत, युद्धिष्ठर , प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, एसडीएम कपिल शर्मा, डीआईपीआरओ डॉ. नरेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।
रोहतक में पराली जलाने वाले किसान पर एक्शन:हरसेक से मिली लोकेशन, टीम ने किया निरीक्षण, पुलिस ने किया केस दर्ज
रोहतक में पराली जलाने वाले किसान पर एक्शन:हरसेक से मिली लोकेशन, टीम ने किया निरीक्षण, पुलिस ने किया केस दर्ज रोहतक के गांव बहु जमालपुर में पराली जलाने वाले किसान पर कार्रवाई की गई है। हरसेक से मिली लोकेशन के बाद ग्राम स्तरीय निगरानी टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया। इस दौरान पराली जलाई हुई मिली। जिसकी शिकायत मिलने पर पुलिस ने किसान के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी। कृषि विभाग के एग्रीकल्चर सुपरवाइजर सहीराम ने बहु अकबरपुर थाने में पराली जलाने की शिकायत दी। शिकायत में बताया कि धान कटाई के बाद बचे हुए अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। उप कृषि निदेशक के आदेशानुसार ग्राम स्तरीय संयुक्त टीम (एग्रीकल्चर सुपरवाइजर, पटवारी व ग्राम सचिव) का गठन किया गया। हरसेक से आग लगने की लोकेशन मिली। जिसकी मौके पर जाकर टीम ने जांच की। केस किया दर्ज
जब टीम खेतों में पहुंची और निरीक्षण किया तो धान के अवशेष जलाए हुए मिले। गांव बहु जमालपुर निवासी किसान जसबीर के 5 कनाल 9 मरले जमीन पर फसलों के अवशेष जलाए हुए मिले। जिसके बाद मामले की शिकायत थाने में दी गई। जिसके आधार पर पुलिस ने किसान के खिलाफ धान के अवशेष जलाने की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। वहीं जांच की जा रही है।