हरियाणा पुलिस वैन में महिला कैदी से हुई गैंग रेप में हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) गंभीर हो गया है। आयोग ने पुलिस महानिदेशक (DGP) और जेल डीजी से हिरासत में महिला कैदियों से यौन शोषण रोकने से संबंधी उठाए गए कदमों की रिपोर्ट तलब कर ली है। आयोग ने यह रिपोर्ट पिछले साल पुलिस वैन में सजा काट रही महिला कैदी से गैंग रेप से संबंधित आरोपों से जुड़ी हुई है। मानवाधिकार आयोग को इसकी ई-मेल से शिकायत मिली थी। अब आयोग ने 4 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक रिपोर्ट देने को कहा है। यहां पढ़िए पूरा मामला पुलिस वैन में महिला कैदी से गैंगरेप का यह मामला फरवरी 2023 का है। ड्रग तस्करी के लिए 15 साल की सजा काट रही एक महिला अपराधी से मनीष और सतीश नामक कैदियों ने पीजीआईएमएस रोहतक के परिसर में पुलिस वैन में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। दोनों कैदियों ने कोल्ड ड्रिंक में नशा मिलाकर महिला कैदी को बेहोश कर रेप किया था। महिला कैदी ने आरोप लगाया था कि दोनों आरोपी जेल अफसरों से नजदीकी का फायदा उठाकर मेडिकल में ड्यूटी लगवाते थे। वहीं जेल में महिला वार्डन भी फोन पर आरोपियों की उसके परिवार से बातचीत कराती थी। आयोग ने कहा, ये गंभीर मामला हरियाणा मानवाधिकार आयोग का कहना है कि यह घटना पुलिस की हिरासत प्रबंधन की महत्वपूर्ण खामियों को उजागर करती है। पुरुष कैदियों का महिला कैदी पर कथित यौन हमला उसके व्यक्तिगत सुरक्षा के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। इस मामले में पुलिस और जेल विभाग को गंभीर कदम उठाने चाहिए। आयोग इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है, दो महीने बाद होने वाली सुनवाई में इस पर बड़ा फैसला लिया जाएगा। SC कोर्ट के निर्णय का दिया उदाहरण आयोग ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने कई निर्णयों में हिरासत में हिंसा और कैदियों के साथ व्यवहार से संबंधित मुद्दों को संबोधित किया है। उदाहरण के लिए, डीके बसू बनाम पश्चिम बंगाल राज्य, 1997(1) एससीसी 416 के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने हिरासत में यातना और मृत्यु को रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए, जिसमें उचित देखरेख और उपचार की आवश्यकता पर बल दिया था। आयोग ने हिरासत में यौन हिंसा को रोकथाम समेत कैदियों के उपचार के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। हरियाणा पुलिस वैन में महिला कैदी से हुई गैंग रेप में हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) गंभीर हो गया है। आयोग ने पुलिस महानिदेशक (DGP) और जेल डीजी से हिरासत में महिला कैदियों से यौन शोषण रोकने से संबंधी उठाए गए कदमों की रिपोर्ट तलब कर ली है। आयोग ने यह रिपोर्ट पिछले साल पुलिस वैन में सजा काट रही महिला कैदी से गैंग रेप से संबंधित आरोपों से जुड़ी हुई है। मानवाधिकार आयोग को इसकी ई-मेल से शिकायत मिली थी। अब आयोग ने 4 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक रिपोर्ट देने को कहा है। यहां पढ़िए पूरा मामला पुलिस वैन में महिला कैदी से गैंगरेप का यह मामला फरवरी 2023 का है। ड्रग तस्करी के लिए 15 साल की सजा काट रही एक महिला अपराधी से मनीष और सतीश नामक कैदियों ने पीजीआईएमएस रोहतक के परिसर में पुलिस वैन में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया था। दोनों कैदियों ने कोल्ड ड्रिंक में नशा मिलाकर महिला कैदी को बेहोश कर रेप किया था। महिला कैदी ने आरोप लगाया था कि दोनों आरोपी जेल अफसरों से नजदीकी का फायदा उठाकर मेडिकल में ड्यूटी लगवाते थे। वहीं जेल में महिला वार्डन भी फोन पर आरोपियों की उसके परिवार से बातचीत कराती थी। आयोग ने कहा, ये गंभीर मामला हरियाणा मानवाधिकार आयोग का कहना है कि यह घटना पुलिस की हिरासत प्रबंधन की महत्वपूर्ण खामियों को उजागर करती है। पुरुष कैदियों का महिला कैदी पर कथित यौन हमला उसके व्यक्तिगत सुरक्षा के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। इस मामले में पुलिस और जेल विभाग को गंभीर कदम उठाने चाहिए। आयोग इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है, दो महीने बाद होने वाली सुनवाई में इस पर बड़ा फैसला लिया जाएगा। SC कोर्ट के निर्णय का दिया उदाहरण आयोग ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने कई निर्णयों में हिरासत में हिंसा और कैदियों के साथ व्यवहार से संबंधित मुद्दों को संबोधित किया है। उदाहरण के लिए, डीके बसू बनाम पश्चिम बंगाल राज्य, 1997(1) एससीसी 416 के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने हिरासत में यातना और मृत्यु को रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए, जिसमें उचित देखरेख और उपचार की आवश्यकता पर बल दिया था। आयोग ने हिरासत में यौन हिंसा को रोकथाम समेत कैदियों के उपचार के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में चौटाला के मंत्री बने रहने पर विवाद:निर्दलीय MLA के तौर पर शपथ, अब विधायकी से इस्तीफा दे चुके, फिर भी मंत्रीपद बरकरार
हरियाणा में चौटाला के मंत्री बने रहने पर विवाद:निर्दलीय MLA के तौर पर शपथ, अब विधायकी से इस्तीफा दे चुके, फिर भी मंत्रीपद बरकरार हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में नियुक्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह 12 मार्च को निर्दलीय विधायक के रूप में सरकार में शामिल हुए थे। इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए। 24 मार्च को उन्होंने रानियां विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब उन्हें कैबिनेट में शामिल होने के लिए दोबारा मंत्री की शपथ लेनी होगी। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार ने उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रपति से भी की है। जहां से हरियाणा के मुख्य सचिव को लेटर भेजकर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर इसकी सूचना शिकायतकर्ता को भेजने को कहा गया है। रणजीत चौटाला को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में हिसार सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश ने हरा दिया। यहां पढ़िए कब क्या हुआ…
हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में गठित भाजपा की नई सरकार 12 जून को अपने 3 माह का कार्यकाल पूरा कर चुकी है। 12 मार्च को मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ शपथ लेने वाले 5 कैबिनेट मंत्रियों में रणजीत सिंह भी शामिल थे, जो तब सिरसा जिले की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक थे। 22 मार्च को रणजीत को ऊर्जा और जेल विभाग आबंटित किए गए। हालांकि वह पिछली मनोहर लाल खट्टर सरकार में भी इन विभागों के मंत्री रह चुके थे। इसके बाद 24 मार्च की शाम रणजीत सिंह भाजपा में शामिल हो गए। जिसके कुछ समय बाद ही उन्हें हिसार लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। जिस कारण रणजीत ने उसी दिन विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया। इसलिए रणजीत चौटाला ने दिया इस्तीफा
चूंकि निर्दलीय विधायक रहते हुए कोई भी किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उसे दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। हालांकि विधायक पद से त्यागपत्र के साथ रणजीत ने प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्रीपद ने अपना इस्तीफा नहीं दिया। रानियां विधानसभा सीट से विधायक पद से त्यागपत्र देने के बाद स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने उसे स्वीकार कर लिया। क्यों उठ रहे नियुक्ति पर सवाल
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने 2 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और हरियाणा गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय को लेटर लिखकर उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। लेटर में लिखा कि रणजीत सिंह 12 मार्च को वर्तमान 14वीं हरियाणा विधानसभा के सदस्य (विधायक) थे। इस दिन उन्होंने सीएम नायब सैनी के साथ मंत्रीपद के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद 24 मार्च 2024 से विधायक के रूप में उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार कर लिया गया। इसके बाद अब वह पूर्व विधायक या दूसरे शब्दों में एक गैर-विधायक हो गए हैं। मंत्री बने रहने के लिए लेनी होगी दोबारा शपथ
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(4) के अनुसार गैर- विधायक के तौर पर अधिकतम 6 माह तक मंत्रीपद पर तो रह सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें हरियाणा के राज्यपाल द्वारा मंत्री के रूप में नए सिरे से पद एवं गोपनीयता की शपथ लेनी होगी। क्योंकि 24 मार्च 2024 से वे गैर-विधायक हैं। टेक्निकल सवाल यह भी है कि जब उन्होंने मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी तब वह निर्दलीय विधायक थे, लेकिन अब वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं, इसलिए गैर-विधायक होने के नाते मंत्री के रूप में उनका नया कार्यकाल माना जाएगा। कानूनी जानकारों का क्या कहना है?
राष्ट्रपति सचिवालय के अंडर सेक्रेटरी द्वारा 9 मई को इस विषय पर हरियाणा के मुख्य सचिव को लिखकर मामले में आवश्यक कार्यवाही करने एवं उसकी सूचना याचिकाकर्ता को देने बारे कहा गया था, हालांकि अभी तक हेमंत को हरियाणा सरकार से कोई जवाब नहीं प्राप्त हुआ है। हेमंत का कहना है कि जब भी केंद्र सरकार या राज्य सरकार में नियुक्त किसी मंत्री का निर्वाचन (सांसद या विधायक के रूप में, जैसा भी मामला हो) संबंधित उच्च न्यायालय या भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द या अमान्य घोषित कर दिया जाता है तो ऐसे सांसद या विधायक को तत्काल केंद्र सरकार या राज्य सरकार में मंत्रीपद से इस्तीफा देना होता है। वह व्यक्ति यह तर्क नहीं दे सकता कि गैर-सांसद या गैर-विधायक के रूप में भी, वह सांसद या विधायक के रूप में अपने अयोग्य होने की तिथि से अधिकतम छह महीने तक केंद्र या राज्य सरकार में मंत्री के रूप में बना रह सकता है।
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अंबाला में शंभू बॉर्डर पर घग्गर नदी में गिरी बाइक:चालक की बाल बाल बची जान; राहगीरों ने निकाला, किसान आंदोलन के चलते दिक्कत हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन चल रहा है, जिसकी वजह से सरकार द्वारा बॉर्डर पर किलेबंदी की हुई है। शंभू बॉर्डर बंद होने की वजह से राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हरियाणा और पंजाब आने-जाने वाले कुछ राहगीर तो अपनी जान जोखिम में डाल घग्गर नदी को क्रॉस करके अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। ऐसी ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एक बाइक चालक घग्गर नदी में बह जाता है। गनीमत रही कि वहां मौजूद लोगों ने व्यक्ति को बहते हुए बचा लिया। वहां उपस्थित लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद बाइक व बाइक चालक को बाहर निकाला। बता दें कि हरियाणा-पंजाब के किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। किसानों ने कई बार दिल्ली कूच के लिए प्रयास भी किए, लेकिन बॉर्डर पर तैनात फोर्स ने किसानों को आगे बढ़ने से रोक दिया। तभी से किसान यहां धरने पर बैठे हैं। पिछले कई दिनों से कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अंबाला के व्यापारी शंभू बॉर्डर को खुलवाने की मांग उठा चुके हैं। बॉर्डर बंद होने की वजह से रोजाना हजारों राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
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हिसार में सोशल मीडिया पर हथियारों का प्रदर्शन:आरोपी 6 महीने बाद किया गिरफ्तार, कोर्ट में पेश कर भेजा जेल हरियाणा के हिसार जिले के अग्रोहा थाना पुलिस ने सोशल मीडिया पर हथियारों के प्रदर्शन के मामले में आरोपी किरमारा निवासी प्रदीप उर्फ दीप को लगभग 6 महीने बाद गिरफ्तार किया गया है। सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड गौरतलब है कि हथियारों के साथ अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर फ़ोटो अपलोड करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है और इस बारे में पुलिस विभाग के आमजन को जागरूक भी किया जाता है। लेकिन फिर भी अगर कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है, तो पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही की जा रही है। आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज जानकारी अनुसार आरोपी ने फेसबुक पर हथियारों के साथ फोटो अपलोड की थी। जिसके बारे में 5 मई 2024 को थाना अग्रोहा में आर्म्स एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने लगभग 6 महीने बाद अब किरमारा निवासी प्रदीप उर्फ दीप को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा आरोपी को पूछताछ उपरांत कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेशानुसार जेल भेज दिया गया है।