हरियाणा सरकार ने प्रदेश में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर दिया है। सरकार ने गांवों में सिटी मजिस्ट्रेट (CTM), तहसीलदार, नायब तहसीलदार (NT), खंड विकास पंचायत अधिकारी (BDPO) सहित ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार की पावर दे दी है। सरकार ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे पहले ग्रामीण स्तर पर केवल तहसीलदार के पास ही मैरिज रजिस्ट्रेशन का अधिकार था। शहरी क्षेत्रों के लिए संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव नगर समिति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामित रजिस्ट्रार होंगे। लोग अब अपने विवाह को घर के नजदीक अधिकारियों के माध्यम से सरकारी कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं। मैरिज रजिस्ट्रार की संख्या बढ़ने और घर से कम दूरी के कारण अब विवाह पंजीकरण करवाने वालों के लिए सुविधा के साथ-साथ समय की भी बचत होगी। हरियाणा में अब तक 2.45 लाख रजिस्ट्रेशन
विवाह पंजीकरण पोर्टल https://shaadi.edisha.gov.in/ पर अब तक 2.45 लाख से अधिक शादियां पंजीकृत की जा चुकी हैं, जिसमें दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 की अवधि में 12,416, वर्ष 2021-22 में 56,133, वर्ष 2023-23 में 67,604, वर्ष 2023-24 में 83,331 और अप्रैल 2024 से 10 जून तक 26,419 विवाह का पंजीकरण किया जाना शामिल है। हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2020 में सुशासन पहल के तहत विवाह पंजीकरण के लिए पोर्टल लॉन्च किया था। इसलिए लिए सरकार ने फैसला
अभी अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी के पास परिवार पहचान पत्र डेटाबेस (PPP-DB) में डेटा निर्माण और अपडेट से संबंधित जिम्मेदारियां दी गई हैं। विवाह पोर्टल को परिवार पहचान पत्र डेटा बेस के साथ जोड़ा गया है। विवाह पंजीकरण के लिए एडीसी सह डीसीआरआईओ पीपीपी-डीबी को जिला रजिस्ट्रार के रूप में भी नामित किया गया है। इन ऑफिसर्स को ही प्रथम अपीलकर्ता प्राधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया से जिला स्तर पर विवाह पंजीकरण व परिवार पहचान पत्र में तालमेल बन पाएगा, जिससे नागरिक को फैमिली आईडी के साथ-साथ विवाह पंजीकरण संबंधित शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान हो पाएगा। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर दिया है। सरकार ने गांवों में सिटी मजिस्ट्रेट (CTM), तहसीलदार, नायब तहसीलदार (NT), खंड विकास पंचायत अधिकारी (BDPO) सहित ग्राम सचिव को मैरिज रजिस्ट्रार की पावर दे दी है। सरकार ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे पहले ग्रामीण स्तर पर केवल तहसीलदार के पास ही मैरिज रजिस्ट्रेशन का अधिकार था। शहरी क्षेत्रों के लिए संयुक्त आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, सचिव नगर समिति, तहसीलदार, नायब तहसीलदार नामित रजिस्ट्रार होंगे। लोग अब अपने विवाह को घर के नजदीक अधिकारियों के माध्यम से सरकारी कार्यालय में पंजीकृत करवा सकते हैं। मैरिज रजिस्ट्रार की संख्या बढ़ने और घर से कम दूरी के कारण अब विवाह पंजीकरण करवाने वालों के लिए सुविधा के साथ-साथ समय की भी बचत होगी। हरियाणा में अब तक 2.45 लाख रजिस्ट्रेशन
विवाह पंजीकरण पोर्टल https://shaadi.edisha.gov.in/ पर अब तक 2.45 लाख से अधिक शादियां पंजीकृत की जा चुकी हैं, जिसमें दिसंबर 2020 से अप्रैल 2021 की अवधि में 12,416, वर्ष 2021-22 में 56,133, वर्ष 2023-23 में 67,604, वर्ष 2023-24 में 83,331 और अप्रैल 2024 से 10 जून तक 26,419 विवाह का पंजीकरण किया जाना शामिल है। हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2020 में सुशासन पहल के तहत विवाह पंजीकरण के लिए पोर्टल लॉन्च किया था। इसलिए लिए सरकार ने फैसला
अभी अतिरिक्त उपायुक्त-सह-जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी के पास परिवार पहचान पत्र डेटाबेस (PPP-DB) में डेटा निर्माण और अपडेट से संबंधित जिम्मेदारियां दी गई हैं। विवाह पोर्टल को परिवार पहचान पत्र डेटा बेस के साथ जोड़ा गया है। विवाह पंजीकरण के लिए एडीसी सह डीसीआरआईओ पीपीपी-डीबी को जिला रजिस्ट्रार के रूप में भी नामित किया गया है। इन ऑफिसर्स को ही प्रथम अपीलकर्ता प्राधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया से जिला स्तर पर विवाह पंजीकरण व परिवार पहचान पत्र में तालमेल बन पाएगा, जिससे नागरिक को फैमिली आईडी के साथ-साथ विवाह पंजीकरण संबंधित शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान हो पाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर