हरियाणा के फरीदाबाद में लोगों ने एक युवक को बिजली के खंभे से बांधकर बुरी तरह से पीटा है। आरोप है कि युवक 11 वर्ष की एक लड़की को बहला फुसला कर और नशे की कोई चीज सूंघाकर किडनैप करने की फिराक मे था। लोगों ने उसे पकड़ कर खंभे से बांध दिया और इसके बाद डंडे से पीटा। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर छानबीन में लगी है। जानकारी के अनुसार बल्लभगढ़ के हरी विहार में रविवार सुबह लोगों ने नशा करने वाले एक युवक को पकड़ लिया। इसके बाद उसे बिजली के खंभे से बांध दिया। मौके पर भीड़ लग गई। इस दौरान बताया गया कि युवक कॉलोनी की ही एक 11 साल की बच्ची के अपहरण का प्रयास कर रहा था। गुस्साए लोगों ने उस पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए। इस बीच मीडिया मौके पर पहुंचा तो वहां जमा लोगों ने पुलिस को सूचना दी। देखें युवक की पिटाई के कुछ PHOTOS… पुलिस की डायल-112 की गाड़ी मौके पर पहुंची। युवक को लोगों से छुड़वाया और घटना को लेकर वहां जमा लोगों से पूछताछ की। लोगों ने जिस युवक को खंभे से बांध कर पीटा उसका नाम अल्ताफ बताया गया है। पुलिस छानबीन में लगी है। हरियाणा के फरीदाबाद में लोगों ने एक युवक को बिजली के खंभे से बांधकर बुरी तरह से पीटा है। आरोप है कि युवक 11 वर्ष की एक लड़की को बहला फुसला कर और नशे की कोई चीज सूंघाकर किडनैप करने की फिराक मे था। लोगों ने उसे पकड़ कर खंभे से बांध दिया और इसके बाद डंडे से पीटा। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर छानबीन में लगी है। जानकारी के अनुसार बल्लभगढ़ के हरी विहार में रविवार सुबह लोगों ने नशा करने वाले एक युवक को पकड़ लिया। इसके बाद उसे बिजली के खंभे से बांध दिया। मौके पर भीड़ लग गई। इस दौरान बताया गया कि युवक कॉलोनी की ही एक 11 साल की बच्ची के अपहरण का प्रयास कर रहा था। गुस्साए लोगों ने उस पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए। इस बीच मीडिया मौके पर पहुंचा तो वहां जमा लोगों ने पुलिस को सूचना दी। देखें युवक की पिटाई के कुछ PHOTOS… पुलिस की डायल-112 की गाड़ी मौके पर पहुंची। युवक को लोगों से छुड़वाया और घटना को लेकर वहां जमा लोगों से पूछताछ की। लोगों ने जिस युवक को खंभे से बांध कर पीटा उसका नाम अल्ताफ बताया गया है। पुलिस छानबीन में लगी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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किरण चौधरी की सदस्यता के खिलाफ कांग्रेस:स्पीकर को पिटीशन दे सदस्यता खत्म करने की मांग; ज्ञानचंद गुप्ता पहली याचिका कर चुके खारिज
किरण चौधरी की सदस्यता के खिलाफ कांग्रेस:स्पीकर को पिटीशन दे सदस्यता खत्म करने की मांग; ज्ञानचंद गुप्ता पहली याचिका कर चुके खारिज हरियाणा में भाजपा जॉइन कर चुकी कांग्रेस विधायक किरण चौधरी के खिलाफ उन्हीं की पार्टी की ओर से विधानसभा स्पीकर को फिर से पिटीशन दी गई है। इस पिटीशन में कांग्रेस की ओर से किरण चौधरी के खिलाफ दल बदल कानून के तहत कार्रवाई करते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की गई है। इससे पहले भी कांग्रेस की और से इस बाबत एक याचिका डाली जा चुकी है, लेकिन स्पीकर ने उसे तकनीकी कमियों के आधार पर खारिज कर दिया था। हालांकि स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने यह स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में नई पिटीशन देखने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। किरण अभी भी कांग्रेस विधायक हरियाणा में कांग्रेस से इस्तीफा दे चुकी तोशाम से विधायक किरण चौधरी अभी कांग्रेस की ही विधायक हैं। इसका खुलासा खुद विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता कर चुके हैं। अगस्त में होने वाले मानसून सेशन में उन्हें कांग्रेस के खेमे में ही बैठना पड़ेगा। सदन में उन्हें नई सीट आवंटित नहीं की जाएगी। किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने का नोटिस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता पहले ही खारिज कर चुके हैं। स्पीकर स्पष्ट कर चुके हैं कि विधानसभा की पार्टी स्थिति के अनुसार, किरण चौधरी कांग्रेस के साथ हैं। उन्हें तब तक कांग्रेस का हिस्सा माना जाएगा, जब तक वह इस्तीफा नहीं दे देतीं या अयोग्य घोषित नहीं कर दी जाती। अब यहां पढ़िए क्या हैं नियम… किरण चौधरी की विधायकी को लेकर चल रही कॉन्ट्रोवर्सी पर कानूनी जानकारों का कहना है कि इस मुद्दे पर नियमों के अनुसार याचिका दायर की जानी चाहिए। हर याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा सिग्नेचर किए जाने चाहिए और सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) के अनुसार उनके द्वारा वेरिफिकेशन की जानी चाहिए। याचिका के हर अटैचमेंट पर भी उसी तरह सिग्नेचर किए जाने चाहिए और उसका सत्यापन किया जाना चाहिए। जबकि स्पीकर दावा कर चुके हैं कि कांग्रेस के द्वारा दायर किए गए नोटिस के हर पेज पर सिग्नेचर नहीं किए हैं। खुद संज्ञान नहीं ले सकते स्पीकर विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का कहना है कि किरण चौधरी के भाजपा में जाने पर वह स्वतः संज्ञान नहीं ले सकते। आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को खुद को देखना चाहिए। अपने समय में वे 4 साल से अधिक समय तक एक याचिका पर बैठे रहे। स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने पहले नोटिस दिया और फिर रिमाइंडर भेजा। जब मैंने उनका नोटिस खारिज किया, तब भी उन्होंने नियम नहीं पढ़े। मुझे उनकी कानून की डिग्री पर संदेह है। कांग्रेस ने स्पीकर पर ये लगाए आरोप कांग्रेस के मुख्य सचेतक बीबी बत्रा और डिप्टी CLP नेता आफताब अहमद स्पीकर पर जमकर निशाना साध चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के दोनों विधायकों ने आरोप लगाया था कि चूंकि स्पीकर सत्ताधारी पार्टी से हैं, इसलिए वे वैसे भी उनकी याचिका खारिज कर देते। कांग्रेस के दोनों नेता यहां तक कह चुके हैं कि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। कांग्रेस का आरोप- SC के फैसले की हो रही अनदेखी आफताब अहमद के अनुसार, स्पीकर के कार्यों ने डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह बनाम बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष और अन्य के ऐतिहासिक 2004 के फैसले में निर्धारित सुप्रीम कोर्ट के सिद्धांतों की अनदेखी की है। उनका कहना है कि इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि नियमों के प्रावधान इतने अनिवार्य नहीं थे, जबकि यह भी देखा गया था कि संवैधानिक प्रावधान यानी 10वीं अनुसूची के आदेश को पूरा करना स्पीकर का कर्तव्य है।
हरियाणा CM के OSD ने नौकरी छोड़ी:खट्टर के PA रहे, मुख्यमंत्री सैनी ने इस्तीफा मंजूर किया; विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं
हरियाणा CM के OSD ने नौकरी छोड़ी:खट्टर के PA रहे, मुख्यमंत्री सैनी ने इस्तीफा मंजूर किया; विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं हरियाणा CM नायब सैनी के OSD अभिमन्यु सिंह ने नौकरी छोड़ दी है। सीएम सैनी ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। अभिमन्यु पहले CM रहते मनोहर लाल खट्टर के PA थे। हालांकि खट्टर के सीएम कुर्सी से हटाए जाने के बाद अभिमन्यु ने भी इस्तीफा दे दिया। इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए, जिसकी वजह से वह मंजूर नहीं हो सका। जब नायब सैनी सीएम बने तो अभिमन्यु को सरकार ने प्रमोट कर PA से OSD बना दिया। इसके बावजूद वह नौकरी में नहीं रुके। झज्जर के रहने वाले अभिमन्यु, कोसली सीट से चुनाव लड़ेंगे
अभिमन्यु सिंह झज्जर जिले के रहने वाले हैं। वहीं चर्चा है कि वह कोसली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लोकसभा चुनाव में भी वह कोसली व उसके आसपास के इलाकों में BJP उम्मीदवार के लिए प्रचार करते रहे। रेवाड़ी की कोसली सीट झज्जर के साथ लगती है। जहां अभिमन्यु पिछले 2 साल से एक्टिव हैं। राव इंद्रजीत की पैतृक सीट
जिस कोसली सीट से चुनाव लड़ने के लिए अभिमन्यु ने नौकरी छोड़ी, वह गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह की पैतृक सीट है। 2008 में नए परसीमन के बाद कोसली विधानसभा सीट अस्तित्व में आई। इससे पहले सालाबास और जाटोसाना दो हलके हुआ करते थे, इन्हें तोड़कर एक विधानसभा कोसली बनाया गया। जाटोसाना सीट से राव इंद्रजीत चार बार विधायक रह चुके हैं। सीट पर राव इंद्रजीत का दबदबा
आज भी इस सीट पर राव इंद्रजीत के परिवार का दबदबा है। 2014 में उनके समर्थित विक्रम ठेकेदार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2019 में बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह यादव की राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर टिकट मिली और उन्होंने चुनाव भी जीता। इससे पहले इस सीट राव इंद्रजीत सिंह के छोटे भाई राव यदुविंदर सिंह चुनाव जीतते रहे हैं। खट्टर के करीबी रहे, रियल एस्टेट कारोबारी
अभिमन्यु खट्टर के साथ लंबे समय से काम कर रहे थे। नायब सैनी की तरह ही वह भी खट्टर के सहयोगी रहे। अभिमन्यु ने खट्टर के साथ लंबे समय तक संगठन में काम किया। खट्टर से जुड़ने से पहले वह गुरुग्राम और रेवाड़ी क्षेत्र में रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े रहे हैं।
हरियाणा की HCS भर्ती पर विवाद:सिलेक्ट हुए ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों पर सवाल; सुरजेवाला बोले- अधिकारियों की संख्या, सूची, एड्रेस नहीं बता रही सरकार
हरियाणा की HCS भर्ती पर विवाद:सिलेक्ट हुए ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों पर सवाल; सुरजेवाला बोले- अधिकारियों की संख्या, सूची, एड्रेस नहीं बता रही सरकार हरियाणा की HCS भर्ती को लेकर राज्यसभा सांसद व कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने HCS भर्ती में ‘लाईन वार’ अभ्यर्थियों की भर्ती ने खड़े किए सवालिया निशान लगाए हैं। बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस भर्ती में SC-BC युवाओं को जानबूझकर वंचित किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा से बाहर के लोगों की भर्ती छिपाने के लिए भाजपा सरकार षडयंत्रकारी तरीके से चयनित HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ व ‘पता’ नहीं बता रही है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार ने 2023 HCS भर्ती में 121 पदों पर नियुक्ति का विज्ञापन दिया। 87,000 अभ्यर्थियों ने अप्लाई किया। 1,706 अभ्यर्थियों ने HCS मेन एग्ज़ाम पास किया। 275 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। 14 जून 2024 को 275 अभ्यर्थियों के अंक जारी कर दिए गए, परंतु आज तक 3 सवालों के जवाब नहीं मिल पाए। उन्होंने इन सवालों के जवाब मांगे हैं। यहां पढ़िए क्या हैं सुरजेवाला के सवाल… सीरीज वाइज नंबर पर उठाए सवाल HCS मेन एग्ज़ाम में एक सीरीज़ में बैठे, यानी एक कमरे में आगे-पीछे बैठे व साथ-साथ इंटरव्यू हुए अनेकों अभ्यर्थियों की सलेक्शन हो गई। 275 इंटरव्यू में बैठे अभ्यर्थियों में से 345 अंक (जनरल कैटेगरी) पाने वाले अभ्यर्थी की HCS में सलेक्शन हुई है। सुरजेवाला ने 2311, 2313, 2314, 2317, 2318, 2322, 2325, 2329, 2330, 2332, 2333, 2335, 2338, 2342 इसके अलावा 2301, 2302, 2304 चयनित रोल नंबरों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसके पीछे NEET एग्जाम का हवाला दिया है। इस एग्जाम में 8 टॉपर एक दूसरे के आगे-पीछे बैठे पाए गए हैं। SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए? सुरजेवाला ने 15 जून, 2024 को SC-BC के अभ्यर्थियों को लेकर हमने निम्नलिखित गंभीर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा है कि SC आरक्षित 31 पदों में से 9 पद खाली क्यों छोड़ दिए।2022 HCS भर्ती में भी SC आरक्षित 20 पदों में से 14 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए थे? BC (A) के 19 आरक्षित पदों में 19 ही लोग बुलाकर 19 ही सलेक्ट कैसे कर लिए? 3 गुना BC (A) के बच्चों को क्यों नहीं बुलाया गया। 2022 HCS भर्ती में भी इसी प्रकार 10 BC (A) के पदों में से 7 खाली क्यों रह गए थे। BC (B) श्रेणी में 7 आरक्षित पदों पर 8 बच्चों को इंटरव्यू के लिए बुलाकर उन्हीं में से 7 को भर्ती क्यों किया गया? पदों के अनुपात में 3 गुना बच्चों को इंटरव्यू के लिए क्यों नहीं बुलाया गया? 2022 HCS भर्ती में BC (B) के 5 पदों में से 4 पद खाली क्यों छोड़ दिए गए? हरियाणा के बाहर के युवाओं को दे रही सरकार भर्ती जहां SC, BC (A), BC (B) के पद ही नहीं भरे जा रहे, या तीन गुना कैंडिडेट इंटरव्यू के लिए बुलाए ही नहीं जा रहे, वहां जनरल कैटेगरी में हरियाणा से बाहर के चहेतों की भर्ती अब आम बात बन गई है। इसी वजह से भाजपा सरकार न तो सलेक्टेड HCS कैंडिडेट्स की संख्या बता रही, न ही उनकी सूची दे रही और न ही सलेक्टेड कैंडिडेट्स का पता बता रही क्योंकि लीपा-पोती से हर बाहर के कैंडिडेट की भर्ती हुई होगी, इसलिए सलेक्टेड HCS अधिकारियों की ‘संख्या’, ‘सूची’ और ‘पता’ नहीं बताया जा रहा।