हरियाणा सरकार कौशल रोजगार निगम की नीति में बदलाव करेगी। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों को अब सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के लिए अंक नहीं मिलेंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ये अंक देने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अनुभव के आधार पर दिए जाने वाले अंकों पर भी रोक लगा दी है, इसलिए सरकार अब कौशल रोजगार निगम की नीति में बदलाव की तैयारी में जुट गई है। हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच ने 21 नवंबर को खालिद हुसैन बनाम हरियाणा राज्य व अन्य के मामले में अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से सार्थक गुप्ता और हरियाणा सरकार की ओर से सीनियर डीएजी श्रुति जैन गोयल ने बहस की। हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में लिखा है, ‘प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील ने लिखित बयान दाखिल कर समय मांगा और उन्हें समय दे दिया गया। सुनवाई 30 जनवरी 2025 तक स्थगित कर दी गई है। HC ने ये दिए हैं निर्देश हाईकोर्ट की ओर से निर्देश दिया जाता है कि संविदा व्यक्तियों की तैनाती नीति, 2022 (डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पर्सन्स पॉलिसी, 2022) के तहत नियुक्तियां करते समय, राज्य’ सामाजिक-आर्थिक मानदंड ‘ के तहत कोई वेटेज नहीं देगा। यह भी निर्देश दिया जाता है कि डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पॉलिसी के तहत नियुक्तियां करते समय राज्य द्वारा अनुभव के लिए कोई अंक नहीं दिए जाएंगे। इन बिंदुओं को हाईकोर्ट ने बनाया आधार हाईकोर्ट ने कहा, क्योंकि इस शर्त के तहत अंक केवल उन उम्मीदवारों को दिए जाने हैं, जिनका संबंधित अनुभव हरियाणा सरकार के नियंत्रण में किसी विभाग, बोर्ड, विश्वविद्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, मिशन, प्राधिकरण आदि में है, जो मानदंड प्रथम दृष्ट्या मनमाना पाया जाता है क्योंकि इसमें उन संस्थानों में उम्मीदवारों द्वारा अर्जित वास्तविक अनुभव को शामिल नहीं किया जाता है जो हरियाणा सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं । ‘ सीएम ने मीटिंग कर कही बदलाव की बात हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम को डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पर्सन्स पॉलिसी, 2022 में बदलाव करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी, मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, सचिव सीजी रजनीकं धन, महानिदेशक जे गणेशन, अमित खत्री, विनय प्रताप सिंह और अन्य अधिकारियों की बुधवार को मीटिंग हो चुकी है। इस मीटिंग में एचकेआरएन को पॉलिसी में बदलाव करने को कहा है। कुछ अन्य बदलाव भी हो सकते हैं। फैसले का 1100 कर्मचारियों को झटका लगा हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिए लगे हुए लगभग 1100 कर्मचारी हट गए हैं। चूंकि एचएसएससी से चयनित उम्मीदवारों ने ज्वाइन कर लिया है। इसलिए 1100 कर्मचारियों को रिलीव करना पड़ा है। फिलहाल इन हटाए गए कर्मचारियों को एडजस्ट करने की संभावना नहीं हैं। उन्हें बाद में अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जा सकती है। हरियाणा सरकार कौशल रोजगार निगम की नीति में बदलाव करेगी। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों को अब सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के लिए अंक नहीं मिलेंगे। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ये अंक देने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अनुभव के आधार पर दिए जाने वाले अंकों पर भी रोक लगा दी है, इसलिए सरकार अब कौशल रोजगार निगम की नीति में बदलाव की तैयारी में जुट गई है। हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक सिब्बल और जस्टिस दीपक मनचंदा की बेंच ने 21 नवंबर को खालिद हुसैन बनाम हरियाणा राज्य व अन्य के मामले में अंतरिम आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से सार्थक गुप्ता और हरियाणा सरकार की ओर से सीनियर डीएजी श्रुति जैन गोयल ने बहस की। हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में लिखा है, ‘प्रतिवादियों की ओर से पेश वकील ने लिखित बयान दाखिल कर समय मांगा और उन्हें समय दे दिया गया। सुनवाई 30 जनवरी 2025 तक स्थगित कर दी गई है। HC ने ये दिए हैं निर्देश हाईकोर्ट की ओर से निर्देश दिया जाता है कि संविदा व्यक्तियों की तैनाती नीति, 2022 (डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पर्सन्स पॉलिसी, 2022) के तहत नियुक्तियां करते समय, राज्य’ सामाजिक-आर्थिक मानदंड ‘ के तहत कोई वेटेज नहीं देगा। यह भी निर्देश दिया जाता है कि डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पॉलिसी के तहत नियुक्तियां करते समय राज्य द्वारा अनुभव के लिए कोई अंक नहीं दिए जाएंगे। इन बिंदुओं को हाईकोर्ट ने बनाया आधार हाईकोर्ट ने कहा, क्योंकि इस शर्त के तहत अंक केवल उन उम्मीदवारों को दिए जाने हैं, जिनका संबंधित अनुभव हरियाणा सरकार के नियंत्रण में किसी विभाग, बोर्ड, विश्वविद्यालय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, मिशन, प्राधिकरण आदि में है, जो मानदंड प्रथम दृष्ट्या मनमाना पाया जाता है क्योंकि इसमें उन संस्थानों में उम्मीदवारों द्वारा अर्जित वास्तविक अनुभव को शामिल नहीं किया जाता है जो हरियाणा सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं । ‘ सीएम ने मीटिंग कर कही बदलाव की बात हरियाणा सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम को डिप्लायमेंट ऑफ कांट्रैक्चुअल पर्सन्स पॉलिसी, 2022 में बदलाव करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी, मानव संसाधन विभाग के प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, सचिव सीजी रजनीकं धन, महानिदेशक जे गणेशन, अमित खत्री, विनय प्रताप सिंह और अन्य अधिकारियों की बुधवार को मीटिंग हो चुकी है। इस मीटिंग में एचकेआरएन को पॉलिसी में बदलाव करने को कहा है। कुछ अन्य बदलाव भी हो सकते हैं। फैसले का 1100 कर्मचारियों को झटका लगा हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिए लगे हुए लगभग 1100 कर्मचारी हट गए हैं। चूंकि एचएसएससी से चयनित उम्मीदवारों ने ज्वाइन कर लिया है। इसलिए 1100 कर्मचारियों को रिलीव करना पड़ा है। फिलहाल इन हटाए गए कर्मचारियों को एडजस्ट करने की संभावना नहीं हैं। उन्हें बाद में अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जा सकती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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