हरियाणा के पानीपत में धागा व्यापारी का बेटा जुए में 22 करोड़ रुपए हार गया। पैसे लौटाने के लिए उसने अपनी फैक्ट्री भी बेच दी है। इसके बाद भी वह सट्टेबाजों का कर्ज नहीं चुका पाया। सट्टेबाज उस पर रोजाना 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा रहे हैं। उसे कई बार घर से उठाकर बंधक बनाकर भी पीटा गया। इन सब से परेशान होकर युवक घर सुसाइड नोट छोड़कर चला गया था, लेकिन अब वापस आ गया है। जिसके बाद शुक्रवार को शहर के सभी बड़े उद्योगपति, पूर्व मेयर एकजुट हुए और पीड़ित उद्योगपति को अपने साथ चांदनी बाग थाने लेकर पहुंचे। यहां उन्होंने आरोपियों के खिलाफ शिकायत देकर केस दर्ज करने की गुहार लगाई। साथ ही परिवार को सुरक्षा देने की भी मांग की। इसके अलावा एक बड़ा खुलासा यह भी हुआ कि और भी शहर के बड़े उद्योगपतियों के बेटे सट्टाबाजों के चंगुल में फंसे हुए हैं। यह एक लंबी चेन बन गई है। कई बड़े परिवार बर्बादी की कगार पर खड़े हैं। पिता बोले- घर के बाहर आकर पीटते थे सेक्टर 11-12 निवासी रामकुमार गाबा ने बताया कि मुझे जब पता लगा, तब तक ये इस दलदल में फंस चुका था। बेटा इनसे बचना चाहता है। आने वाली पीढ़ियां भी इस दलदल में न फंसे, इस पर ध्यान है। इस दलदल में बहुत लोग फंसे हुए है। मेरा बेटा इनकी दहशत में फंसा हुआ है। ये लोग रात को घर के बाहर आकर इसे घर से उठाते थे और फिर मारते-पीटते और धमकाते थे। कभी हमने घर के बाहर आकर पूछा भी कि ये कौन है, तो बेटे ने डर की वजह हमेशा ये ही कहा कि ये सभी साथी व्यापारी है। जो पैसा चला गया है, उसका दु:ख नहीं है, लेकिन अब हम चाहते हैं कि जो लोग इस दलदल में फंस चुके हैं, उन्हें किसी तरह बचाया जा सके। हमें ये भी नहीं पता कि अक्षय ने इतनी बड़ी रकम कहां से दी है। अक्षय के सर्कल से भी बहुत युवा इस चुंगल में फंस चुके हैं। पानीपत के जिन व्यापारियों के बेटे अब कारोबार संभालते हैं, मेरी प्रार्थना है कि उन पर नजर रखी जाए, क्योंकि पानीपत के अधिकतर व्यापारी के बेटे इस चुंगल में फंस चुके हैं। मेरा इकलौता बेटा है और उसका भी इकलौता बेटा 7 माह का है। ऐसे में अगर उसे कुछ हो जाता, तो मेरा परिवार संभल नहीं सकता था। पानीपत के अनेकों परिवार इस दलदल में बिखर चुके हैं। सुसाइड नोट में 5 सट्टेबाजों के नाम थे पिता के नाम लिखे सुसाइड नोट में अक्षय गाबा ने बताया था कि शहर के 5 सट्टेबाजों ने उससे करीब 22 करोड़ ऐंठ लिए हैं। इसके बाद भी उस पर करोड़ों रुपए देने का दबाव बनाया जा रहा है। उसे परेशान किया जा रहा है। अक्षय गाबा के चचेरे भाई निशांत का कहना है कि 26 जुलाई को अक्षय लापता हो गया था। पुलिस को शिकायत दी तो पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस को अक्षय के हाथ का लिखा नोट भी दिया, बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अब वह शुक्रवार को चांदनीबाग थाने जाकर अक्षय के बयान दर्ज कराएंगे। वह पुलिस को CCTV से लेकर कॉल डिटेल, मैसेज और लेन-देन की पूरी जानकारी देंगे। अब वह सट्टेबाजों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं। पापा के नाम लिखे नोट में बताई आपबीती हरियाणा के पानीपत में धागा व्यापारी का बेटा जुए में 22 करोड़ रुपए हार गया। पैसे लौटाने के लिए उसने अपनी फैक्ट्री भी बेच दी है। इसके बाद भी वह सट्टेबाजों का कर्ज नहीं चुका पाया। सट्टेबाज उस पर रोजाना 1 लाख रुपए का जुर्माना लगा रहे हैं। उसे कई बार घर से उठाकर बंधक बनाकर भी पीटा गया। इन सब से परेशान होकर युवक घर सुसाइड नोट छोड़कर चला गया था, लेकिन अब वापस आ गया है। जिसके बाद शुक्रवार को शहर के सभी बड़े उद्योगपति, पूर्व मेयर एकजुट हुए और पीड़ित उद्योगपति को अपने साथ चांदनी बाग थाने लेकर पहुंचे। यहां उन्होंने आरोपियों के खिलाफ शिकायत देकर केस दर्ज करने की गुहार लगाई। साथ ही परिवार को सुरक्षा देने की भी मांग की। इसके अलावा एक बड़ा खुलासा यह भी हुआ कि और भी शहर के बड़े उद्योगपतियों के बेटे सट्टाबाजों के चंगुल में फंसे हुए हैं। यह एक लंबी चेन बन गई है। कई बड़े परिवार बर्बादी की कगार पर खड़े हैं। पिता बोले- घर के बाहर आकर पीटते थे सेक्टर 11-12 निवासी रामकुमार गाबा ने बताया कि मुझे जब पता लगा, तब तक ये इस दलदल में फंस चुका था। बेटा इनसे बचना चाहता है। आने वाली पीढ़ियां भी इस दलदल में न फंसे, इस पर ध्यान है। इस दलदल में बहुत लोग फंसे हुए है। मेरा बेटा इनकी दहशत में फंसा हुआ है। ये लोग रात को घर के बाहर आकर इसे घर से उठाते थे और फिर मारते-पीटते और धमकाते थे। कभी हमने घर के बाहर आकर पूछा भी कि ये कौन है, तो बेटे ने डर की वजह हमेशा ये ही कहा कि ये सभी साथी व्यापारी है। जो पैसा चला गया है, उसका दु:ख नहीं है, लेकिन अब हम चाहते हैं कि जो लोग इस दलदल में फंस चुके हैं, उन्हें किसी तरह बचाया जा सके। हमें ये भी नहीं पता कि अक्षय ने इतनी बड़ी रकम कहां से दी है। अक्षय के सर्कल से भी बहुत युवा इस चुंगल में फंस चुके हैं। पानीपत के जिन व्यापारियों के बेटे अब कारोबार संभालते हैं, मेरी प्रार्थना है कि उन पर नजर रखी जाए, क्योंकि पानीपत के अधिकतर व्यापारी के बेटे इस चुंगल में फंस चुके हैं। मेरा इकलौता बेटा है और उसका भी इकलौता बेटा 7 माह का है। ऐसे में अगर उसे कुछ हो जाता, तो मेरा परिवार संभल नहीं सकता था। पानीपत के अनेकों परिवार इस दलदल में बिखर चुके हैं। सुसाइड नोट में 5 सट्टेबाजों के नाम थे पिता के नाम लिखे सुसाइड नोट में अक्षय गाबा ने बताया था कि शहर के 5 सट्टेबाजों ने उससे करीब 22 करोड़ ऐंठ लिए हैं। इसके बाद भी उस पर करोड़ों रुपए देने का दबाव बनाया जा रहा है। उसे परेशान किया जा रहा है। अक्षय गाबा के चचेरे भाई निशांत का कहना है कि 26 जुलाई को अक्षय लापता हो गया था। पुलिस को शिकायत दी तो पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस को अक्षय के हाथ का लिखा नोट भी दिया, बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अब वह शुक्रवार को चांदनीबाग थाने जाकर अक्षय के बयान दर्ज कराएंगे। वह पुलिस को CCTV से लेकर कॉल डिटेल, मैसेज और लेन-देन 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