हरियाणा सरकार ने साल 2025 के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इस कैलेंडर में कुल 56 छुट्टियां दी गई हैं। इनमें 25 गजटेड हॉलिडे के साथ ही 9 पब्लिक, 14 रिसट्रिक्टेड छुट्टियों का शेड्यूल जारी किया गया है। इसके अलावा 52-52 यानी 104 दिन शनिवार-रविवार की वजह से छुट्टी रहेगी। हॉलिडेज का ये कैलेंडर मुख्य सचिव विवेक जोशी की ओर से जारी किया गया है। यहां देखिए पूरा कैलेंडर… हरियाणा सरकार ने साल 2025 के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी कर दिया है। इस कैलेंडर में कुल 56 छुट्टियां दी गई हैं। इनमें 25 गजटेड हॉलिडे के साथ ही 9 पब्लिक, 14 रिसट्रिक्टेड छुट्टियों का शेड्यूल जारी किया गया है। इसके अलावा 52-52 यानी 104 दिन शनिवार-रविवार की वजह से छुट्टी रहेगी। हॉलिडेज का ये कैलेंडर मुख्य सचिव विवेक जोशी की ओर से जारी किया गया है। यहां देखिए पूरा कैलेंडर… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भाखड़ा नहर से अज्ञात का शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस
भाखड़ा नहर से अज्ञात का शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस जाखल| जाखल पुलिस थाना के अंतर्गत गांव कूदनी के पास भाखड़ा नहर से एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। पुलिस शव की पहचान करवाने के लिए प्रयास कर रही है। वहीं शव को कब्जे में लेकर इसे नागरिक अस्पताल टोहाना के डेड हाउस में पहुंचाया गया है। जाखल पुलिस थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि गांव कूदनी के पास भाखड़ा नहर में एक शव तैर रहा है। सूचना मिलते ही एएसआई राजकुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच की तो करीब 40 वर्षीय एक व्यक्ति का शव नग्न अवस्था में भाखड़ा नहर में तैरता हुआ पाया।
हरियाणा में सरकार बचाने के लिए विधायकों को ऑफर:समर्थन देने पर भाजपा देगी विधानसभा का टिकट, जेजेपी और कांग्रेस विधायक संपर्क में
हरियाणा में सरकार बचाने के लिए विधायकों को ऑफर:समर्थन देने पर भाजपा देगी विधानसभा का टिकट, जेजेपी और कांग्रेस विधायक संपर्क में हरियाणा में निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत में आई भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बचाने को विधायकों को टिकट का वादा किया है। अभी हलोपा के निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा, फरीदाबाद की पृथला से निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत, जजपा से नरवाना के विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग भाजपा सरकार का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में सूत्र बताते हैं कि चारों को भाजपा ने विधानसभा में टिकट देने का वादा किया है। जोगीराम सिहाग बरवाला, गोपाल कांडा सिरसा, नयन पाल रावत पृथला और रामनिवास सुरजाखेड़ा नरवाना से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। इन चारों ही विधायकों ने लोकसभा चुनाव में खुलकर भाजपा का समर्थन किया था। ऐसे में इन चारों ही विधानसभा में भाजपा के नेताओं को झटका लग सकता है जो विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। जजपा और कांग्रेस के MLA बदल सकते हैं पाला जजपा के कुछ विधायक लोकसभा चुनाव में ही पाला बदल चुके हैं। जेजेपी के टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने सिरसा लोकसभा सीट पर कुमारी शैलजा का समर्थन किया था। जेजेपी के गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और पार्टी के शाहबाद विधायक राम करण काला के दो बेटे भी संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे पता चलता है कि जेजेपी में उथल-पुथल मची हुई है। इसी तरह कांग्रेस के कुछ और विधायक भी भाजपा के संपर्क में है। भाजपा की तरफ से विधानसभा में टिकट पक्का होने का ऑफर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री के बयान और किरण की एंट्री से इशारा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बयान दिया है कि हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है। खतरा है तो कांग्रेस को है। कांग्रेस खुद अल्पमत यानि उनके खुद के विधायक उनके साथ नहीं है। कांग्रेस के नेता व विधायक भाजपा के संपर्क में है। मुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि जजपा और कांग्रेस के विधायक आने वाले समय में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हाल ही में कांग्रेस की तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है। किरण को विधानसभा में भाजपा का टिकट देने का वादा किया गया है। वहीं श्रुति चौधरी पर भी सरकार मेहरबान हो सकती है। किरण चौधरी के जरिये कांग्रेस खेमे को संदेश देने की कोशिश की गई है कि अगर कोई विधायक भाजपा ज्वाइन करता है तो उसे विधानसभा में पक्का टिकट दिया जाएगा। हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित वहीं हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। भाजपा के पास 41 विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयन पाल रावत के समर्थन के साथ, उनके विधायकों की संख्या 43 है। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं। 90 नहीं, अब सदन में 87 विधायक हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 है। लेकिन, 25 मई को बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद के निधन, बिजली मंत्री और हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के इस्तीफे और अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद मुलाना विधायक वरुण चौधरी के इस्तीफे के बाद सदन में अब 87 विधायक हैं। भाजपा के 40 विधायकों में से 39 को ही वोटिंग का अधिकार 3 निर्दलीय विधायकों के कांग्रेस के समर्थन में ऐलान के बाद हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 40 विधायक बचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपनी विधायकी से इस्तीफा दे चुके हैं। हरियाणा में राजनीतिक विश्लेषक और कानूनविद हेमंत का कहना है कि विधानसभा में भाजपा के पास संवैधानिक रूप से प्राथमिक तौर पर 39 ही विधायक हैं। उन्होंने बताया कि नायब सैनी सरकार के पक्ष में (अगर विश्वास प्रस्ताव हो) और विरोध में (अगर अविश्वास प्रस्ताव हो) तो 40 में से 39 MLA ही वोट कर सकेंगे।
भाजपा ने बोगस पोलिंग पर जिला प्रमुखों से मांगी रिपोर्ट:मतदान के दिन बीजेपी के कंट्रोल रूम में आईं हजारों शिकायतें, धीमी वोटिंग कराने का आरोप
भाजपा ने बोगस पोलिंग पर जिला प्रमुखों से मांगी रिपोर्ट:मतदान के दिन बीजेपी के कंट्रोल रूम में आईं हजारों शिकायतें, धीमी वोटिंग कराने का आरोप हरियाणा में बोगस पोलिंग पर पूर्व CM मनोहर लाल के बयान के बाद पूरी भाजपा एक्टिव हो गई है। इस पर हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने सभी भाजपा जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट तलब की है। नायब सिंह सैनी ने 31 जून को सभी जिलाध्यक्षों को रिपोर्ट लेकर पंचकुला बुलाया है। इस रिपोर्ट में जिलाध्यक्षों को यह बताना होगा कि 25 मई को मतदान वाले दिन किस जगह पर कितना बोगस पोल हुआ, किन अधिकारियों ने धीमा मतदान करवाया, भाजपा को अधिक वोट मिलने वाले बूथों पर मतदान प्रतिशत में गिरावट क्यों हुई। इसके अलावा भी कई बिंदु हैं जिस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रिपोर्ट मांगी है। आपको बता दें कि हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का पद अब भी नायब सिंह सैनी के पास ही है। भाजपा जिलाध्यक्ष हिसार आशा खेदड़ का कहना है कि वह रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। 31 जून को वह मीटिंग में अपनी रिपोर्ट रखेंगी। हर जिले में हेल्पलाइन नंबर जारी किया था
आपको बता दें भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। यह हेल्पलाइन नंबर हर जिले में वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा गया था। इन हेल्पलाइन नंबरों पर 1000 से अधिक फोन आए हैं जिन पर बोगस पोलिंग और धीमा मतदान की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई। इसके अलावा सिरसा, फतेहाबाद, अंबाला, सोनीपत और कुरुक्षेत्र से धीमा मतदान करवाने की शिकायतें सबसे अधिक आईं। प्रदेश संगठन से इशारा मिलने के बाद जिलाध्यक्षों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। हिसार के उदाहरण से समझिये…इस तरह कंट्रोल रूम के जरिये आई शिकायतें
भाजपा ने चुनाव से पहले 18001038437 टोल फ्री नंबर जारी किया था। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति मतदान से संबंधित शिकायत दर्ज करवा सकता था। इस कंट्रोल रूम में बैठे भाजपा के कार्यकर्ता हर जिलों के हिसाब से बनाए वॉट्सऐप ग्रुप में एक्टिव रहे। जैसे हिसार से कोई शिकायत टोल फ्री नंबर पर गई तो उस शिकायत को लॉक करके हिसार भाजपा के ग्रुप में डाला गया और शिकायत पर संज्ञान लेने को कहा। इसके बाद हिसार बैठी एक टीम उन एरिया के पन्ना प्रमुख व कार्यकर्ताओं से संपर्क कर बूथ पर पहुंच रही थी और शिकायत को क्रॉस चेक कर रही थी। हिसार में टोल फ्री नंबर पर बूथ कैप्चरिंग, धीमा मतदान जैसी शिकायतें आई। सबसे ज्यादा शिकायत आदमपुर, उचाना और हांसी से दर्ज की गई। सरकार जल्द ले सकती है एक्शन
चुनावों में भाजपा को हराने का सपना देखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की रिपोर्ट सरकार जिलाध्यक्ष के मार्फत लेकर उन पर जल्द कार्रवाई कर सकती है। सरकार इस मामले में कर्मचारियों पर कार्रवाई कर सकती है। इसमें नूंह में तबादला, डेपुटेशन पर भेजने और गृह जिले से दूर तैनाती जैसी कार्रवाई हो सकती है, ताकि अधिकारियों को सबक सिखाया जा सके। आपको बता दें कि हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से CM नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी थी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। चुनाव में विरोधियों की मदद का शक
लोकसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों के द्वारा विरोधियों खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद करने का भी इनपुट भाजपा की रिव्यू मीटिंग में मिला है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में पूर्व सीएम खट्टर को केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा फ्री हैंड दिया गया था, इसलिए सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी वही देख रहे थे। इस लापरवाही से यदि चुनाव में भाजपा को कुछ भी नुकसान होता है तो सरकार इसमें सख्त फैसला लेगी। अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी
भाजपा की रिव्यू मीटिंग में लोकसभा कैंडिडेट्स ने CM को इनपुट दिया कि अधिकारियों का फील्ड में रवैया ठीक नहीं था। लोगों के प्रति और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रवैया नकारात्मक रहा। इससे कई बार चुनाव में असहज स्थिति बनी। इसको भी सरकार ने गंभीरता से लिया है और सभी कैंडिडेट्स को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने को कहा है। 4 जून के बाद ऐसे अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी।