हरियाणा में सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर:अस्पतालों में OPD-इमरजेंसी ठप, पोस्टमॉर्टम भी नहीं होंगे; CM सैनी ने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी को कमान सौंपी

हरियाणा में सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर:अस्पतालों में OPD-इमरजेंसी ठप, पोस्टमॉर्टम भी नहीं होंगे; CM सैनी ने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी को कमान सौंपी

हरियाणा में सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर आज सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान अस्पतालों में किसी मरीज की जांच नहीं होगी, OPD ठप रहेगी और आपातकालीन सेवाएं भी नहीं मिलेंगी। हड़ताल के दौरान डॉक्टर लाशों के पोस्टमॉर्टम भी नहीं करेंगे। हड़ताल के दौरान सिविल अस्पताल, SHS व PHC में भी OPD के साथ इमरजेंसी सेवाएं, गायनी में डिलीवरी भी बंद रखी जाएंगी। ऐसे में मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि डॉक्टर बिहार और केंद्र सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी ACP और वेतन, विशेषज्ञ कैडर के गठन, SMO की सीधी भर्ती और PG के लिए बांड राशि 1 करोड़ से घटाकर 50 लाख रुपए करने की मांग कर रहे हैं। 6 माह पहले आंदोलन टाला, मगर सरकार ने समाधान नहीं निकाला
रेवाड़ी में एसोसिएशन के जिला महासचिव डॉ. अभिषेक राव ने बताया कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले भी आपसी समझौते के बाद डॉक्टरों ने 6 महीने पहले अपना आंदोलन टाल दिया था। अब 6 महीने बाद भी सरकार ने वादे के मुताबिक किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 4 महत्वपूर्ण मुद्दों में से दो मुद्दे (विशेषज्ञ कैडर और PG कोर्स बांड कटौती) कछुए की गति से आगे बढ़ रहे हैं। दो अन्य मुद्दों (सेवा में संशोधन, SMO की सीधी भर्ती को रोकने के नियम और ACP का प्रावधान, केंद्र सरकार के डॉक्टरों के बराबर भत्ते) के संबंध में प्रस्ताव भी DGHS कार्यालय द्वारा शुरू नहीं किया गया है। उनके अनुसार प्रदेश में MO के 3900 पदों में से करीब 1100 पद, SMO के 636 पदों में से 250 पद और डायरेक्टर के 8 पदों में से 5 पद खाली पड़े हैं। राज्य के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है, लेकिन मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद भी विशेषज्ञ संवर्ग का प्रस्ताव 4 माह से वित्त विभाग में अटका हुआ है। हरियाणा में सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर आज सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। इस दौरान अस्पतालों में किसी मरीज की जांच नहीं होगी, OPD ठप रहेगी और आपातकालीन सेवाएं भी नहीं मिलेंगी। हड़ताल के दौरान डॉक्टर लाशों के पोस्टमॉर्टम भी नहीं करेंगे। हड़ताल के दौरान सिविल अस्पताल, SHS व PHC में भी OPD के साथ इमरजेंसी सेवाएं, गायनी में डिलीवरी भी बंद रखी जाएंगी। ऐसे में मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि डॉक्टर बिहार और केंद्र सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी ACP और वेतन, विशेषज्ञ कैडर के गठन, SMO की सीधी भर्ती और PG के लिए बांड राशि 1 करोड़ से घटाकर 50 लाख रुपए करने की मांग कर रहे हैं। 6 माह पहले आंदोलन टाला, मगर सरकार ने समाधान नहीं निकाला
रेवाड़ी में एसोसिएशन के जिला महासचिव डॉ. अभिषेक राव ने बताया कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले भी आपसी समझौते के बाद डॉक्टरों ने 6 महीने पहले अपना आंदोलन टाल दिया था। अब 6 महीने बाद भी सरकार ने वादे के मुताबिक किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 4 महत्वपूर्ण मुद्दों में से दो मुद्दे (विशेषज्ञ कैडर और PG कोर्स बांड कटौती) कछुए की गति से आगे बढ़ रहे हैं। दो अन्य मुद्दों (सेवा में संशोधन, SMO की सीधी भर्ती को रोकने के नियम और ACP का प्रावधान, केंद्र सरकार के डॉक्टरों के बराबर भत्ते) के संबंध में प्रस्ताव भी DGHS कार्यालय द्वारा शुरू नहीं किया गया है। उनके अनुसार प्रदेश में MO के 3900 पदों में से करीब 1100 पद, SMO के 636 पदों में से 250 पद और डायरेक्टर के 8 पदों में से 5 पद खाली पड़े हैं। राज्य के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है, लेकिन मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद भी विशेषज्ञ संवर्ग का प्रस्ताव 4 माह से वित्त विभाग में अटका हुआ है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर