हरियाणा के यमुनानगर के कस्बा छछरौली के गांव दशहरा में देर रात 6 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या कर देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। देर रात परिजनों को उसका शब्द गाने के खेत में बुरी हालत में प्राप्त हुआ है। परिजनों ने छछरौली पुलिस को सूचना दी और सूचना मिलते ही छछरौली पुलिस मौके पर पहुंची। लड़की के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए यमुनानगर के सिविल अस्पताल में भिजवा दिया है। बहाने से बुलाकर खेतों की ओर ले गया बातचीत करते हुए मृतक लड़की के दादा सोहन लाल और मृतक के रिश्तेदार माया देवी ने बताया कि शाम के समय बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी कि गांव का राजेश कुमार उसे बहाने से बुलाकर खेतों की ओर ले गया। जब लड़की लंबे समय तक घर वापस नहीं आई तो लड़की के परिजन उसकी तलाश में जुट गए अन्य पांच गांव के लोगों भी लड़की की तलाश में जुट गए। लड़की की चप्पल से हुई पहचान कड़ी मशक्कत के बाद देर रात लड़की का शव गन्ने के खेत से बरामद हुआ और लड़की की चप्पल से उसकी पहचान हो पाई है। लड़की दूसरी कक्षा की छात्रा है। उसका पिता सफेदी करने का काम करता है। आरोपी का नाम राजेश कुमार है और वह इस गांव का रहने वाला है आरोपी इस घटना को अंजाम देने के बाद अपने पूरे परिवार के साथ घर से फरार हो गया। पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस की कई टीम में आरोपी की तलाश में जुट गई, लेकिन आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। हरियाणा के यमुनानगर के कस्बा छछरौली के गांव दशहरा में देर रात 6 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या कर देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। देर रात परिजनों को उसका शब्द गाने के खेत में बुरी हालत में प्राप्त हुआ है। परिजनों ने छछरौली पुलिस को सूचना दी और सूचना मिलते ही छछरौली पुलिस मौके पर पहुंची। लड़की के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम करवाने के लिए यमुनानगर के सिविल अस्पताल में भिजवा दिया है। बहाने से बुलाकर खेतों की ओर ले गया बातचीत करते हुए मृतक लड़की के दादा सोहन लाल और मृतक के रिश्तेदार माया देवी ने बताया कि शाम के समय बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी कि गांव का राजेश कुमार उसे बहाने से बुलाकर खेतों की ओर ले गया। जब लड़की लंबे समय तक घर वापस नहीं आई तो लड़की के परिजन उसकी तलाश में जुट गए अन्य पांच गांव के लोगों भी लड़की की तलाश में जुट गए। लड़की की चप्पल से हुई पहचान कड़ी मशक्कत के बाद देर रात लड़की का शव गन्ने के खेत से बरामद हुआ और लड़की की चप्पल से उसकी पहचान हो पाई है। लड़की दूसरी कक्षा की छात्रा है। उसका पिता सफेदी करने का काम करता है। आरोपी का नाम राजेश कुमार है और वह इस गांव का रहने वाला है आरोपी इस घटना को अंजाम देने के बाद अपने पूरे परिवार के साथ घर से फरार हो गया। पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस की कई टीम में आरोपी की तलाश में जुट गई, लेकिन आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कांग्रेस की विधानसभा भंग करने की प्लानिंग:इसकी 3 वजहें; हॉर्स ट्रेडिंग से डर रही, JJP विधायकों पर भरोसा नहीं, चुनाव ही ऑप्शन
हरियाणा में कांग्रेस की विधानसभा भंग करने की प्लानिंग:इसकी 3 वजहें; हॉर्स ट्रेडिंग से डर रही, JJP विधायकों पर भरोसा नहीं, चुनाव ही ऑप्शन हरियाणा में 11 मई को गवर्नर को सौंपे गए लेटर में कांग्रेस पार्टी ने फ्लोर टेस्ट की मांग की थी, लेकिन अब पार्टी नेताओं ने प्लानिंग बदल दी है। कांग्रेस के नेता फ्लोर टेस्ट कराने के बजाय अब विधानसभा भंग करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस के नेता 20 जून को हरियाणा गवर्नर से मिलने जा रहे हैं। वहां वह विधानसभा भंग करने की मांग करेंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह पार्टी के नेता हॉर्स ट्रेडिंग बता रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने बताया कि गवर्नर से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और 4 MLA शामिल होंगे। कांग्रेस की विधानसभा भंग करने की 3 वजहें… हॉर्स ट्रेडिंग से डर रही कांग्रेस की हरियाणा में विधानसभा भंग करने की पहली वजह हार्स ट्रेडिंग है। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी को लगता है कि बीजेपी सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त कर सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस पार्टी के कुछ विधायक पूर्व सीएम हुड्डा से नाराज बताए जा रहे हैं, चुनाव में वह वोटिंग के दौरान पाला बदल सकते हैं। JJP में टूट के पूरे आसार हरियाणा में बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद जजपा में कई विधायक बागी हो चुके हैं। ऐसे में यदि फ्लोर टेस्ट होता है तो बीजेपी के खेमे में जजपा के बागी खड़े दिखाई देंगे। जजपा के दो विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा खुलेआम भाजपा की मीटिंग में शामिल हो रहे हैं। इसका बीजेपी फ्लोर टेस्ट के साथ ही राज्यसभा चुनाव में भी पूरा फायदा उठा सकती है। चुनाव का ही दिख रहा ऑप्शन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 0 से 5 पर पहुंच गई है। वोट प्रतिशत भी बढ़कर 46 प्रतिशत पर पहुंच गए है। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि हरियाणा में माहौल पार्टी के पक्ष में बना हुआ है। इसलिए यदि विधानसभा भंग होती है और चुनाव होते हैं तो जाहिर तौर पर कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। वैसे भी इस लोकसभा चुनाव में 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले बढ़त मिली है। JJP-INLD का ये फॉर्मूला जेजेपी के दुष्यंत चौटाला और इनेलो के अभय चौटाला ने कांग्रेस की तरह राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा सत्र बुलाने को कहा है। जेजेपी चाहती है कि राज्यपाल एसआर बोम्मई फैसले के अनुसार काम करें। बोम्मई मामले में 9 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था कि सरकार के समर्थन का पता लगाने का एकमात्र तरीका फ्लोर टेस्ट होगा। लेकिन इसमें एक पेंच है। जेजेपी के दो विधायक, नरवाना से राम निवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगी राम सिहाग ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का समर्थन किया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात भी की और अविश्वास प्रस्ताव आने पर समर्थन का आश्वासन दिया। जजपा के ये MLA बदल चुके पाला जजपा के कुछ विधायक लोकसभा चुनाव में ही पाला बदल चुके हैं। जेजेपी के टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने सिरसा लोकसभा सीट पर कुमारी शैलजा का समर्थन किया है। जेजेपी के गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और पार्टी के शाहबाद विधायक राम करण काला के दो बेटे भी संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे पता चलता है कि जेजेपी में उथल-पुथल मची हुई है। सदन में ये है दलीय स्थिति भाजपा के पास 41 विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयन पाल रावत के समर्थन के साथ, उनके विधायकों की संख्या 43 है। विपक्ष में, कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास 10 और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के पास एक विधायक है। तीन निर्दलीय कांग्रेस का समर्थन करते हैं और एक अन्य निर्दलीय बलराज कुंडू भाजपा का विरोध कर रहे हैं। इस तरह विपक्ष के विधायकों की संख्या 44 हो जाती है। 90 नहीं, अब सदन में 87 विधायक हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 है। लेकिन, 25 मई को बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद के निधन, बिजली मंत्री और हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के इस्तीफे और अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद मुलाना विधायक वरुण चौधरी के इस्तीफे के बाद सदन में अब 87 विधायक हैं।
दलित चेहरे को फिर मिलेगी हरियाणा कांग्रेस की कमान:सांसद वरुण चौधरी हाईकमान की पहली पसंद; उदयभान की तरह ये भी हुड्डा खेमे के
दलित चेहरे को फिर मिलेगी हरियाणा कांग्रेस की कमान:सांसद वरुण चौधरी हाईकमान की पहली पसंद; उदयभान की तरह ये भी हुड्डा खेमे के हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा के प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव करने का मन बना लिया है। इसकी शुरुआत प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को बदलने के फैसले के साथ की जा सकती है। इन दिनों कांग्रेस राज्य में हार की समीक्षा कर रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस हाईकमान ने सवाल खड़े किए हैं कि उदयभान ने चुनाव में संगठन को संभालने की जगह खुद चुनाव लड़ा और उसमें भी वो जीत हासिल नहीं कर पाए। इसके साथ ही उदयभान पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के गुट का टैग भी लगता रहा है जिसके कारण वो सैलजा और सुरजेवाला गुट के नेताओं को एक साथ लेकर नहीं चल सके। लेकिन अगर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलने का औपचारिक फैसला ले ही लेती है तो नया प्रदेशाध्यक्ष कौन होगा ये सबसे बड़ा सवाल है। देखा जाए तो जातीय समीकरणों को साधने के लिए और इस चुनाव में दलित वोटरों के प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व फिर से दलित चेहरे पर ही दांव खेल सकता है। पार्टी में बड़े दलित चेहरों की बात करें तो इस समय कांग्रेस के पास हरियाणा में कुमारी सैलजा के बाद सबसे बड़ा अगर कोई दलित चेहरा है तो वह हैं अंबाला लोकसभा सांसद वरुण चौधरी। अध्यक्ष पद के लिए वरुण चौधरी ही क्यों? 1. दलित चेहरा वरुण चौधरी कांग्रेस पार्टी का हरियाणा में बड़ा दलित चेहरा हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 5 सीटें दिलाने वाला दलित और मुस्लिम गठजोड़ ही था। हालांकि वह इसको विधानसभा चुनाव में एकजुट नहीं कर पाई, लेकिन प्रदेश के चुनावों में दलितों की भूमिका को देखते हुए उदयभान की तरह संगठन की जिम्मेदारी कांग्रेस हाईकमान किसी दलित को ही देना चाहता है। हरियाणा में करीब 21% दलित वोट बैक हैं। 2. कांग्रेसी बैकग्राउंड
वरुण चौधरी हरियाणा में विरासत की राजनीति कर रहे हैं। उनके पिता फूलचंद मुलाना वकील के साथ राजनीतिज्ञ थे। वह 1972 से लेकर 2005 तक तीन बार कांग्रेस और एक बार निर्दलीय विधायक बने। वह कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने संगठन की भी कमान संभाली। अपने पिता को देखते हुए वरुण ने भी कांग्रेस से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। 3. कंट्रोवर्सी से दूर रहे वरुण चौधरी हरियाणा कांग्रेस की कंट्रोवर्सी से हमेशा दूर रहे। संगठन में विवादों के बाद भी वरुण ने कभी कोई भी विवादित बयान नहीं दिया। यहीं वजह रही कि उन्हें अपने विधानसभा कार्यकाल के दौरान बेस्ट MLA का खिताब भी मिला। वरुण वैसे पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे से आते हैं, लेकिन उन्होंने कभी विरोधी गुट कुमारी सैलजा को लेकर कोई विवादित बयान नहीं दिया। इस वजह से हो रही उदयभान की छुट्टी
हरियाणा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी काफी नाराज हैं। उन्होंने हार के कारणों के जानने के लिए रिव्यू मीटिंग में भी नाराजगी जाहिर की है। साथ ही हार के कारणों को जानने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने के भी निर्देश हैं। यह कमेटी हरियाणा में जाकर हार के कारणों पर मंथन करेगी। साथ ही इनपुट लेकर रिपोर्ट पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को देगी। राहुल की नाराजगी के कारण ही हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान की छुट्टी की तैयारी की जा रही है। बावरिया-हुड्डा से जवाब मांगा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने इसके संकेत दे दिए हैं। इसके अलावा पार्टी की हार पर प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और नेता विपक्ष रह चुके भूपेंद्र हुड्डा से भी जवाबतलबी की गई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में अच्छे माहौल के बावजूद हुए उलटफेर को कांग्रेस हाईकमान ने बड़ी गंभीरता से लिया है। जिसके बाद यहां संगठन को लेकर बड़े फेरबदल किए जा रहे हैं। नेता विपक्ष के पद को लेकर भी हो सकता है घमासान
हरियाणा में अब कांग्रेस के भीतर नेता विपक्ष के पद को लेकर भी लड़ाई छिड़ सकती है। पिछली विधानसभा में नेता विपक्ष के पद पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे। हुड्डा इस बार भी अपनी परंपरागत सीट गढ़ी-सांपला किलोई से विधानसभा का चुनाव जीते हैं और निश्चित रूप से वह नेता विपक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद अपने पास ही रखना चाहेंगे, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद जिस तरह का सख्त रुख पार्टी नेतृत्व ने दिखाया है उसके बाद ऐसा होना मुश्किल दिखाई देता है।
रोहतक में जेजेपी की समीक्षा बैठक:लोकसभा उम्मीदवार सांगवान बोले- खामियां रहीं, शायद लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे
रोहतक में जेजेपी की समीक्षा बैठक:लोकसभा उम्मीदवार सांगवान बोले- खामियां रहीं, शायद लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे रोहतक में दिल्ली बाईपास स्थित सर्किट हाउस में जननायक जनता पार्टी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई और रणनीति बनाई गई। इस दौरान अगले चार महीने तक जनता के बीच जाकर जेजेपी को मजबूत करने का आह्वान किया गया। जननायक जनता पार्टी के युवा प्रदेशाध्यक्ष एवं रोहतक लोकसभा प्रत्याशी रविंद्र सांगवान ने कहा कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर होते हैं और विधानसभा चुनाव क्षेत्रीय मुद्दों पर होते हैं। अपनी हार पर रविंद्र सांगवान ने कहा कि जनता ने जो जनादेश दिया है, उसका स्वागत है। हममें जो भी कमियां हैं, उन्हें जनता के सहयोग से दूर करेंगे। मुझे इतना विश्वास है कि हम चुनाव हारे हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी है। उम्मीदों पर नहीं खरा उतर पाए
रविंद्र सांगवान ने जेजेपी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने पर कहा कि जहां लोगों को उम्मीद होती है, वहीं नाराजगी होती है। हो सकता है जननायक जनता पार्टी लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। जो कमियां रही हैं, वे आगे नहीं रहेंगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर होता है। इसलिए लोगों ने कांग्रेस या भाजपा को वोट देना उचित समझा। जेजेपी नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने के सवाल पर कहा कि चुनावी मौसम में नेता मेंढक की तरह इधर-उधर जाते हैं। वे अवसरवादी लोग होते हैं। साढ़े 4 साल उठाई भाजपा की बुराइयां
रविंद्र सांगवान ने भाजपा के साथ जेजेपी के गठबंधन पर कहा कि जननायक जनता पार्टी ने गठबंधन धर्म निभाया। साढ़े 4 साल तक उन्होंने भाजपा की सारी बुराईयां हमने उठाई। अगर कमियां-खामियां नहीं होती तो परिणाम अच्छा होता। कमियों-खामियों से सीखने को मिलता है। जेजेपी के संगठन को भंग करने पर कहा कि विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर अच्छे लोगों को आगे लाने के लिए यह कदम उठाया है।