हरियाणा के नारनौल में मुर्रा नस्ल की भैंस 5.11 लाख रुपए में बिकी। भैंस की खास बात यह है कि वह रोजाना 25 लीटर दूध देती है। ये भैंस पशुपाल विभाग की प्रतियोगिताओं में कई इनाम जीत चुकी है। नोएडा के पशु पालक अनिल यादव भैंस को खरीदने के लिए चिंडालिया गांव पहुंचे। चिंडालिया गांव के किसान विक्रम लांबा ने बताया कि यह भैंस तीसरी बार ब्याही थी। उसने भैंस को उच्च गुणवत्ता वाला चारा और पोषक आहार दिया, जिससे उसकी दूध देने की क्षमता और बढ़ गई। इससे भैंस की चर्चा आसपास के गांवों में होने लगी। उसे डर लगने लगा था कि कहीं भैंस को कोई चोरी न कर ले। इसकी जानकारी अनिल यादव को लगी तो उन्होंने भैंस खरीदने की इच्छा जाहिर की। 3 बार लगातार आकर चेक किया दूध
विक्रम लांबा ने बताया कि उसकी भैंस पशु पालन विभाग की ओर से आयोजित ज्यादा दूध देने की कई प्रतियोगिताएं जीत चुकी है। इसके चलते ही उसकी भैंस की पहचान थी। इसी पहचान के चलते नोएडा का पशुपालक अनिल यादव उसके पास भैंस लेने के लिए पहुंचा। अनिल यादव ने 3 बार लगातार आकर भैंस का दूध चेक किया है। इसमें तीनों बार भैंस ने सुबह व शाम के समय 25 से 26 लीटर तक दूध दिया है। लगातार दूध चेक करने के बाद ही पशुपालक ने भैंस के इतने दाम लगाए। चोरी होने के डर से भैंस बेची
विक्रम सिंह ने बताया कि वह साधारण किसान है। उसने दूध के लिए ही भैंस को पाल रखा था। भैंस अच्छा दूध देती थी, इसलिए इसकी कीमत भी ज्यादा लग रही थी। आसपास के गांवों में भैंस का नाम था। इसलिए उसे भैंस के चोरी होने या कुछ बीमारी होने का डर भी सताता रहता था। वह भैंस को बेचना नहीं चाहता था, मगर इसी डर की वजह से उसने भैंस को बेचा है। गांव में लगी भीड़, हर कोई भैंस देखने उमड़ा
विक्रम लांबा ने भैंस को 5 लाख 11 हजार रुपए में बेचा है। जैसे ही भैंस बेचने की खबर मिली तो आसपास के गांवों के अनेक ग्रामीण भी चिंडालिया गांव पहुंच गए। उन्होंने भैंस के खरीदार अनिल यादव से भी बातचीत की। ग्रामीणों में इस बात को लेकर खासा उत्साह था कि आखिर यह भैंस इतनी महंगी क्यों बिकी। ग्रामीणों ने इस दूध उत्पादन क्षमता और भैंस की फिटनेस को लेकर भी कई सवाल किए। सुल्तान की कीमत लगी थी 21 करोड़
कैथल के बुढ़ाखेड़ा गांव के किसान नरेश का झोटा सुल्तान भी मुर्रा नस्ल का था। वह हरियाणा का सबसे चर्चित और महंगा झोटा था। 1.5 टन के इस झोटे की कीमत 21 करोड़ रुपए तक लगी थी। कारण था कि सुल्तान सालभर में 30 हजार सीमेन की डोज देता था, जो लाखों रुपए में बिकती थी। सुल्तान की संतानों से डेयरी उद्योग को जबरदस्त फायदा हुआ, क्योंकि वे उच्च दूध देने वाली भैंसें बनीं। सुल्तान वर्ष 2013 में हुई राष्ट्रीय पशु सौंदर्य प्रतियोगिता में झज्जर, करनाल और हिसार में राष्ट्रीय विजेता भी रहा था। 2020 में सुल्तान की मृत्यु हो गई थी, जिससे पशुपालकों और किसानों में शोक की लहर दौड़ गई थी। हरियाणा के नारनौल में मुर्रा नस्ल की भैंस 5.11 लाख रुपए में बिकी। भैंस की खास बात यह है कि वह रोजाना 25 लीटर दूध देती है। ये भैंस पशुपाल विभाग की प्रतियोगिताओं में कई इनाम जीत चुकी है। नोएडा के पशु पालक अनिल यादव भैंस को खरीदने के लिए चिंडालिया गांव पहुंचे। चिंडालिया गांव के किसान विक्रम लांबा ने बताया कि यह भैंस तीसरी बार ब्याही थी। उसने भैंस को उच्च गुणवत्ता वाला चारा और पोषक आहार दिया, जिससे उसकी दूध देने की क्षमता और बढ़ गई। इससे भैंस की चर्चा आसपास के गांवों में होने लगी। उसे डर लगने लगा था कि कहीं भैंस को कोई चोरी न कर ले। इसकी जानकारी अनिल यादव को लगी तो उन्होंने भैंस खरीदने की इच्छा जाहिर की। 3 बार लगातार आकर चेक किया दूध
विक्रम लांबा ने बताया कि उसकी भैंस पशु पालन विभाग की ओर से आयोजित ज्यादा दूध देने की कई प्रतियोगिताएं जीत चुकी है। इसके चलते ही उसकी भैंस की पहचान थी। इसी पहचान के चलते नोएडा का पशुपालक अनिल यादव उसके पास भैंस लेने के लिए पहुंचा। अनिल यादव ने 3 बार लगातार आकर भैंस का दूध चेक किया है। इसमें तीनों बार भैंस ने सुबह व शाम के समय 25 से 26 लीटर तक दूध दिया है। लगातार दूध चेक करने के बाद ही पशुपालक ने भैंस के इतने दाम लगाए। चोरी होने के डर से भैंस बेची
विक्रम सिंह ने बताया कि वह साधारण किसान है। उसने दूध के लिए ही भैंस को पाल रखा था। भैंस अच्छा दूध देती थी, इसलिए इसकी कीमत भी ज्यादा लग रही थी। आसपास के गांवों में भैंस का नाम था। इसलिए उसे भैंस के चोरी होने या कुछ बीमारी होने का डर भी सताता रहता था। वह भैंस को बेचना नहीं चाहता था, मगर इसी डर की वजह से उसने भैंस को बेचा है। गांव में लगी भीड़, हर कोई भैंस देखने उमड़ा
विक्रम लांबा ने भैंस को 5 लाख 11 हजार रुपए में बेचा है। जैसे ही भैंस बेचने की खबर मिली तो आसपास के गांवों के अनेक ग्रामीण भी चिंडालिया गांव पहुंच गए। उन्होंने भैंस के खरीदार अनिल यादव से भी बातचीत की। ग्रामीणों में इस बात को लेकर खासा उत्साह था कि आखिर यह भैंस इतनी महंगी क्यों बिकी। ग्रामीणों ने इस दूध उत्पादन क्षमता और भैंस की फिटनेस को लेकर भी कई सवाल किए। सुल्तान की कीमत लगी थी 21 करोड़
कैथल के बुढ़ाखेड़ा गांव के किसान नरेश का झोटा सुल्तान भी मुर्रा नस्ल का था। वह हरियाणा का सबसे चर्चित और महंगा झोटा था। 1.5 टन के इस झोटे की कीमत 21 करोड़ रुपए तक लगी थी। कारण था कि सुल्तान सालभर में 30 हजार सीमेन की डोज देता था, जो लाखों रुपए में बिकती थी। सुल्तान की संतानों से डेयरी उद्योग को जबरदस्त फायदा हुआ, क्योंकि वे उच्च दूध देने वाली भैंसें बनीं। सुल्तान वर्ष 2013 में हुई राष्ट्रीय पशु सौंदर्य प्रतियोगिता में झज्जर, करनाल और हिसार में राष्ट्रीय विजेता भी रहा था। 2020 में सुल्तान की मृत्यु हो गई थी, जिससे पशुपालकों और किसानों में शोक की लहर दौड़ गई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
