हरियाणा के यमुनानगर में गुरुवार सुबह 3 युवकों पर नकाबपोश बाइक सवारों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें 2 युवकों की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है। उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामला सुबह करीब साढ़े 8 बजे रादौर के गांव खेड़ी लक्खा सिंह में सामने आया। तीनों युवक पावर नाम के जिम में एक्सरसाइज करने आए थे। वह एक्सरसाइज करने के बाद घर जाने के लिए जैसे ही जिम से बाहर निकले तो हमलावरों ने उन पर 15 से 20 राउंड फायरिंग कर दी। फायरिंग में यमुनानगर के गांव गोलानी के वीरेंद्र कुमार और उत्तर प्रदेश के बड़ौत के पंकज कुमार की मौत हो गई, जबकि यमुनानगर के गांव उनहेड़ी का रहने वाला अर्जुन घायल हो गया। हमलावरों की संख्या 4 से 5 बताई जा रही है। इस घटना की सूचना मिलते ही यमुनानगर SP राजीव देशवाल घायल से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। हम खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं… हरियाणा के यमुनानगर में गुरुवार सुबह 3 युवकों पर नकाबपोश बाइक सवारों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें 2 युवकों की मौत हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर है। उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामला सुबह करीब साढ़े 8 बजे रादौर के गांव खेड़ी लक्खा सिंह में सामने आया। तीनों युवक पावर नाम के जिम में एक्सरसाइज करने आए थे। वह एक्सरसाइज करने के बाद घर जाने के लिए जैसे ही जिम से बाहर निकले तो हमलावरों ने उन पर 15 से 20 राउंड फायरिंग कर दी। फायरिंग में यमुनानगर के गांव गोलानी के वीरेंद्र कुमार और उत्तर प्रदेश के बड़ौत के पंकज कुमार की मौत हो गई, जबकि यमुनानगर के गांव उनहेड़ी का रहने वाला अर्जुन घायल हो गया। हमलावरों की संख्या 4 से 5 बताई जा रही है। इस घटना की सूचना मिलते ही यमुनानगर SP राजीव देशवाल घायल से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। हम खबर को लगातार अपडेट कर रहे हैं… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज:सुबह 8 बजे से अंतिम दर्शन; 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ
ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज:सुबह 8 बजे से अंतिम दर्शन; 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का अंतिम संस्कार आज शनिवार सिरसा के गांव तेजा खेड़ा में बने फार्म हाउस में होगा। सुबह 8 बजे से उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर दोपहर राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी जाएगी। उनका पार्थिव शरीर रात करीब 10 बजे फार्म हाउस पहुंचा था। उनके पार्थिव शरीर के साथ सिर्फ अभय चौटाला थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे ओपी चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। 89 साल की उम्र में उनका कल (19 दिसंबर) गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हुआ। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। वे पहले से ही दिल और शुगर समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। चौटाला के निधन पर हरियाणा सरकार ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। आज 21 दिसंबर की छुट्टी घोषित की गई है। PM नरेंद्र मोदी ने भी चौटाला के साथ पुरानी फोटो शेयर कर शोक व्यक्त किया। ओपी चौटाला 5 दिन से 5 साल तक कार्यकाल वाले CM बने 2 दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने। राज्यसभा सांसद होने की वजह से उन्हें 6 महीने में विधायक बनना जरूरी था। वे महम सीट से उपचुनाव लड़े। मगर वहां हिंसा–बूथ कैप्चरिंग की वजह से विवाद हुआ। इसे महम कांड के नाम से जाना जाता है। उन्हें साढ़े 5 महीने बाद ही इस्तीफा देना पड़ा। कुछ समय बाद वे दड़बा से चुनाव जीत विधायक बन गए। तब 51 दिन बाद ही बनारसी दास को हटा चौटाला दोबारा सीएम बन गए। मगर तब के प्रधानमंत्री वीपी सिंह इससे नाराज हो गए। मजबूरन चौटाला ने 5 दिन में सीएम कुर्सी छोड़ दी। मास्टर हुकुम सिंह फोगाट को नया सीएम बनाया गया। इसी साल 1990 में BJP के राम मंदिर आंदोलन के चलते समर्थन वापसी से प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार गिर गई। चंद्रशेखर नए पीएम बने। देवीलाल को फिर उपप्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने चौटाला को तीसरी बार मुख्यमंत्री बना दिया। मगर, इससे विधायक नाराज हो गए और सरकार गिर गई। चौटाला को 15 दिन में सीएम कुर्सी छोड़नी पड़ी। 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी ने BJP के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि मतभेदों के चलते 3 साल बाद 1999 में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया। तब कांग्रेस ने बंसीलाल को समर्थन देकर सरकार बचा ली लेकिन बंसीलाल ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय की शर्त नहीं मानी। जिसके बाद ओपी चौटाला ने बंसीलाल के विधायक तोड़ दिए और 24 जुलाई 1999 को दोबारा सीएम बन गए। साल 2000 में ओपी चौटाला बिजली फ्री देने के वादे पर 90 में से 47 सीटें जीत गए। फिर वे 5वीं बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि बाद में वादा पूरा न करने पर किसानों ने विरोध किया। जिसके बाद कंडेला में फायरिंग हुई और 9 किसानों की मौत हुई। इसे कंडेला कांड के नाम से जाना जाता है। हालांकि चौटाला ने सीएम का 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। चौटाला ने जेल में रहकर पढ़ाई की, उन पर फिल्म बनी
ओपी चौटाला ने स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दी। उनका कहना था कि वे अपने पिता से ज्यादा नहीं पढ़ना चाहते थे। हालांकि जब वे टीचर घोटाले में जेल में रहे तो 2017 से 2021 के बीच उन्होंने 10वीं और 12वीं क्लास पास की। इसको लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म बनी। जिसमें उनका किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया। टीचर घोटाले में 10 साल की सजा हुई, 2 साल पहले माफी मिली
साल 1999–2000 में चौटाला टीचर भर्ती घोटाले में फंसे। 2004 में CBI जांच के बाद ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला समेत 62 लोगों पर FIR दर्ज हुई। जनवरी 2013 में दिल्ली की स्पेशल CBI कोर्ट ने भ्रष्टाचार का कसूरवार मानते हुए चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को 10 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि केंद्र की 60 साल से ज्यादा उम्र और आधे से ज्यादा कैद काटने के बाद सजा माफी वाले नियम से वे करीब 2 साल पहले ही 2 जुलाई 2021 को जेल से रिहा हो गए। चौटाला के जेल जाते ही परिवार में राजनीतिक फूट पड़ी
ओपी चौटाला के टीचर घोटाले में जेल जाने के बाद उनके परिवार में फूट पड़ गई। एक तरफ छोटे बेटे ने इनेलो की कमान संभाल ली। वहीं पिता संग जेल गए अजय चौटाला ने विदेश में पढ़ रहे बेटों दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को वापस बुला लिया। जिसके बाद अभय और उनके भतीजों में इनेलो को लेकर खींचतान शुरू हो गई। ओपी चौटाला जब 2018 में पैरोल पर बाहर आए तो 7 अक्टूबर को गोहाना रैली में दुष्यंत को सीएम बनाने के नारे लगे। जिससे ओपी खफा हो गए। इसके बाद इनेलो से बड़े बेटे अजय और उनके दोनों बेटों को निकाल दिया गया। जिन्होंने जननायक जनता पार्टी बना ली। हालांकि इस फूट के बाद इनेलो कभी सत्ता में नहीं आ पाई। जजपा जरूर 2019–24 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में रही। हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव में जजपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। इनेलो ने 2 सीटें जीतीं लेकिन अभय चौटाला चुनाव हार गए। ———————— पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- हरियाणा का आखिरी धोती-कुर्ते वाला CM, PHOTOS:गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने के पीछे इन्हीं का दिमाग, सरकार लोगों के द्वार पहुंचाने का श्रेय हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को निधन हो गया। 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। वह प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ जेल भी गए। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। उनके बाद भूपेंद्र हुड्डा, मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी CM बने, लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक कार्यक्रम में धोती नहीं पहनी। पढ़ें पूरी खबर
नारनौल में शिक्षकों की नई ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध:बोले- कपल केस में पुरुष को पांच अंक देना गलत; मार्च से लागू होगी
नारनौल में शिक्षकों की नई ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध:बोले- कपल केस में पुरुष को पांच अंक देना गलत; मार्च से लागू होगी हरियाणा के नारनौल में शिक्षकों ने नई ट्रांसफर पॉलिसी का विरोध शुरू कर दिया है। यह शिक्षा पॉलिसी सरकार ने वर्ष 2023 में बनाई थी, जो इस साल मार्च माह से लागू होगी। शिक्षकों का कहना है कि इस पॉलिसी में बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम देने वाले और पुरस्कृत शिक्षकों को सरकार की तरफ से झटका लगा है। वहीं कपल केस वाले पुरुष शिक्षकों को फायदा होगा। शिक्षकों का कहना है कि इस नई पॉलिसी के लागू होने से शिक्षकों में काफी भेदभाव हो जाएगा। इसलिए सरकार को इस पॉलिसी को वापस लेना चाहिए। वहीं कुछ शिक्षक इसके खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी में बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम देने वाले तथा पुरस्कृत शिक्षकों को झटका दिया है। उन्हें पूर्व में दिए जाने वाले पांच अंक नई पॉलिसी में हटा लिए गए हैं। इसके विपरीत कपल केस वाले पुरुष शिक्षकों पर सरकार मेहरबान हुई है और जहां पूर्व में केवल महिलाओं को कपल केस के पांच अंक दिए जाते थे। वहीं अब कपल केस में पुरूषों को भी पांच अंक दिए गए हैं। यह नई पॉलिसी सरकार द्वारा वर्ष 2023 में बनाई गई थी, जिसके अनुसार पहली बार आगामी मार्च में सामान्य तबादले करने की तैयारियां विभाग शुरू कर चुका है। नई पॉलिसी में किन शिक्षकों को रहेगा नुकसान शिक्षक व प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट के प्रधान संजय शर्मा ने बताया कि बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को अब बेहतर परिणाम का कोई फायदा नहीं मिल सकेगा। इसके लिए शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी में दिए जाने वाले पांच अंक वापस ले लिए गए हैं। अब ये अंक केवल प्राचार्य, मुख्याध्यापक को ही मिलेंगे। इससे शिक्षकों में रोष है। उनका कहना है कि बेहतर बोर्ड परीक्षा परिणाम लाने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसलिए उनको इसके लिए अंक मिलने चाहिए। राज्य व राष्ट्रीय अवॉर्ड प्राप्त विजेताओं को झटका राज्य के बेस्ट शिक्षक अवॉर्ड विजेता डा. जितेंद्र भारद्वाज ने कहा कि राष्ट्रीय एवं राज्य सरकार से पुरस्कृत शिक्षकों को भी सरकार ने झटका दिया है। उन्हें पूर्व में पॉलिसी में दिए गए पांच अंक वापस ले लिए गए हैं। इससे उन्हें भी दूर के विद्यालयों में ही तबादला मिलेगा। इस बारे में शिक्षक पवन कुमार का कहना है कि यदि हमारी पत्नी प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका है, तो हमारा क्या दोष है, जो हमारे जूनियर शिक्षकों को इसी कारण ट्रांसफर में सीनियर कर दिया जाएगा कि उनकी पत्नी सरकारी शिक्षिका है। बिना कपल केस के पुरुष शिक्षक नई पॉलिसी में नुकसान में रहेंगे, उन्हें अपने गृह जिलों से दूर जाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि पुरुषों को कपल केस के पांच नंबर दिया जाना गलत है। पूर्व मंत्री को भी दिया ज्ञापन उन्होंने बताया कि शिक्षक ट्रांसफर पॉलिसी में सुधार की मांग कर रहे हैं। इस बारे में जिले के शिक्षकों ने विधायक एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव को ज्ञापन भी दिया है।
सिरसा में सांसद सैलजा ने सीएम को लिखी चिट्ठी:बोली-प्रदेश में कैंसर से हर माह 1500 मरीजों की मौत, विशेषज्ञों की करें नियुक्ति
सिरसा में सांसद सैलजा ने सीएम को लिखी चिट्ठी:बोली-प्रदेश में कैंसर से हर माह 1500 मरीजों की मौत, विशेषज्ञों की करें नियुक्ति हरियाणा के सिरसा जिले में कैंसर की स्थिति चिंताजनक हो गई है। सिरसा सांसद और कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सांसद ने बताया कि सिरसा और फतेहाबाद जिले कैंसर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, लेकिन यहां मरीजों के इलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। नमूने भेजे जा रहे दूसरी प्रयोगशालाओं में विशेष रूप से घग्गर नदी के किनारे स्थित सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और अंबाला जिलों में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां तक कि जांच के लिए नमूने भी दूसरी जगहों की प्रयोगशालाओं में भेजने पड़ते हैं। मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली, बीकानेर या चंडीगढ़ जाना पड़ता है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हरियाणा में हर महीने लगभग 1500 लोग कैंसर से दम तोड़ रहे हैं। निजी अस्पतालों में इलाज पहुंच से बाहर मरीजों को या तो पीजीआई रोहतक, चंडीगढ़ या राष्ट्रीय कैंसर संस्थान झज्जर में जाना पड़ता है, जहां मरीजों की अधिक संख्या के कारण लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं निजी अस्पतालों में इलाज आम आदमी की पहुंच से बाहर है। सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों और उचित इलाज की सुविधाओं की कमी के कारण मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं।