हरियाणा में 370 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट सामने आने के बाद पर बवाल मच गया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि जिन भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट जारी की है, उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश DC और मंडलायुक्तों को दे दिए हैं। अब तहसीलदारों पर भी नजर रखी जा रही है। वहीं इसको लेकर पटवार-कानूनगो एसोसिएशन भड़क गई है। एसोसिएशन के प्रधान ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार सबूत दे। वह इसको लेकर मीटिंग करेंगे। एक दिन पहले यानी शुक्रवार (16 जनवरी) को एक लिस्ट सामने आई थी, जिसमें प्रदेश के 370 पटवारियों को भ्रष्ट करार दिया गया है। सरकार का दावा है कि ये पटवारी पैमाइश, इंतकाल, रिकॉर्ड ठीक करने और नक्शा पास कराने के बदले भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इनमें से 170 पटवारी ऐसे हैं, जिन्होंने अपने सहायक तक रखे हुए हैं। सरकार की खुफिया रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि कुछ पटवारियों ने निजी मकानों में ऑफिस खोल हुए हैं। वहां अपने असिस्टेंट के जरिए लोगों से काम के एवज में रिश्वत ली जाती है। सरकार की तरफ से DC को भेजी चिट्ठी में क्या लिखा… अब पढ़िए किसने क्या कहा… मंत्री गोयल बोले- शिकायत मिल रही थी, अब तहसीलदारों की निगरानी
प्रदेश के राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि कुछ पटवारियों ने सहायक रखे हुए हैं। इन सहायकों के सहारे भ्रष्टाचार का खेल चलाया जा रहा था। ऐसे पटवारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तहसीलदारों पर भी नजर रखी जा रही है। एक-एक तहसीलदार की रिपोर्ट मेरे पास आ रही है। पिछले दिनों 3 तहसीलदार निलंबित भी किए हैं। सभी सरकारी कर्मचारी अपने आचरण में बदलाव लाएं और लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए। एसोसिएशन प्रधान बोले- कार्रवाई संविधान और मानवता के भी खिलाफ
हरियाणा पटवार-कानूनगो एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर चहल का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, मगर सीधे तौर पर या खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर पटवारियों पर भ्रष्टाचारी का तमगा लगा देना ठीक नहीं है। एक-दो पटवारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने से पूरी जमात को भ्रष्टाचारी नहीं नहीं कहा जा सकता। इस तरह की कार्रवाई संविधान और मानवता के भी खिलाफ है। 20 जनवरी को बैठक बुलाई गई है। उसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। पटवार एसोसिएशन बोली- जरूरी नहीं, ये रिपोर्ट ठीक हो
हरियाणा पटवार एसोसिएशन के अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा- ”मुझे नहीं पता सरकार ने कहां से ये आंकड़ा उठाया है। हो सकता है कि खुफिया विभाग की टीम ने ये आंकड़ा सरकार को दिया हो, हां ये भी जरूरी नहीं है कि ये रिपोर्ट ठीक ही हो। उन्होंने कहा कि 95% के साथ 5% को मिलाना ठीक नहीं है। अगर कोई गलत कर रहा है तो उसके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। हम भी गलत के साथ नहीं हैं। हम भी नहीं चाहते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार हो।” हाईकोर्ट एडवोकेट ने लिस्ट पर सवाल उठाए, बोले- सार्वजनिक करना ठीक नहीं
हरियाणा के कानूनी मामलों के जानकार और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को तभी भ्रष्ट घोषित किया जा सकता है, जब उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप साबित हो चुके हों। जब किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत या आरोप लगाए गए हों, तो उनकी जांच पूरी किए बिना उनके नाम सार्वजनिक करना उचित नहीं है। आरटीआई कानून के तहत भी लंबित भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों व अधिकारियों की सूचना प्रदान नहीं की जाती है : अब देखें पूरी लिस्ट… हरियाणा में 370 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट सामने आने के बाद पर बवाल मच गया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि जिन भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट जारी की है, उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश DC और मंडलायुक्तों को दे दिए हैं। अब तहसीलदारों पर भी नजर रखी जा रही है। वहीं इसको लेकर पटवार-कानूनगो एसोसिएशन भड़क गई है। एसोसिएशन के प्रधान ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार सबूत दे। वह इसको लेकर मीटिंग करेंगे। एक दिन पहले यानी शुक्रवार (16 जनवरी) को एक लिस्ट सामने आई थी, जिसमें प्रदेश के 370 पटवारियों को भ्रष्ट करार दिया गया है। सरकार का दावा है कि ये पटवारी पैमाइश, इंतकाल, रिकॉर्ड ठीक करने और नक्शा पास कराने के बदले भ्रष्टाचार कर रहे हैं। इनमें से 170 पटवारी ऐसे हैं, जिन्होंने अपने सहायक तक रखे हुए हैं। सरकार की खुफिया रिपोर्ट में जानकारी सामने आई है कि कुछ पटवारियों ने निजी मकानों में ऑफिस खोल हुए हैं। वहां अपने असिस्टेंट के जरिए लोगों से काम के एवज में रिश्वत ली जाती है। सरकार की तरफ से DC को भेजी चिट्ठी में क्या लिखा… अब पढ़िए किसने क्या कहा… मंत्री गोयल बोले- शिकायत मिल रही थी, अब तहसीलदारों की निगरानी
प्रदेश के राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि कुछ पटवारियों ने सहायक रखे हुए हैं। इन सहायकों के सहारे भ्रष्टाचार का खेल चलाया जा रहा था। ऐसे पटवारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तहसीलदारों पर भी नजर रखी जा रही है। एक-एक तहसीलदार की रिपोर्ट मेरे पास आ रही है। पिछले दिनों 3 तहसीलदार निलंबित भी किए हैं। सभी सरकारी कर्मचारी अपने आचरण में बदलाव लाएं और लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं आनी चाहिए। एसोसिएशन प्रधान बोले- कार्रवाई संविधान और मानवता के भी खिलाफ
हरियाणा पटवार-कानूनगो एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर चहल का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, मगर सीधे तौर पर या खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर पटवारियों पर भ्रष्टाचारी का तमगा लगा देना ठीक नहीं है। एक-दो पटवारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने से पूरी जमात को भ्रष्टाचारी नहीं नहीं कहा जा सकता। इस तरह की कार्रवाई संविधान और मानवता के भी खिलाफ है। 20 जनवरी को बैठक बुलाई गई है। उसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। पटवार एसोसिएशन बोली- जरूरी नहीं, ये रिपोर्ट ठीक हो
हरियाणा पटवार एसोसिएशन के अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा- ”मुझे नहीं पता सरकार ने कहां से ये आंकड़ा उठाया है। हो सकता है कि खुफिया विभाग की टीम ने ये आंकड़ा सरकार को दिया हो, हां ये भी जरूरी नहीं है कि ये रिपोर्ट ठीक ही हो। उन्होंने कहा कि 95% के साथ 5% को मिलाना ठीक नहीं है। अगर कोई गलत कर रहा है तो उसके खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। हम भी गलत के साथ नहीं हैं। हम भी नहीं चाहते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार हो।” हाईकोर्ट एडवोकेट ने लिस्ट पर सवाल उठाए, बोले- सार्वजनिक करना ठीक नहीं
हरियाणा के कानूनी मामलों के जानकार और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को तभी भ्रष्ट घोषित किया जा सकता है, जब उसके खिलाफ कोर्ट में आरोप साबित हो चुके हों। जब किसी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायत या आरोप लगाए गए हों, तो उनकी जांच पूरी किए बिना उनके नाम सार्वजनिक करना उचित नहीं है। आरटीआई कानून के तहत भी लंबित भ्रष्टाचार में संलिप्त कर्मचारियों व अधिकारियों की सूचना प्रदान नहीं की जाती है : अब देखें पूरी लिस्ट… हरियाणा | दैनिक भास्कर