हरियाणा में 5 दिन मानसून कमजोर रहेगा। मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ जाने तथा नमी वाली हवाओं में कमी आने से 25 सितंबर तक मानसून की सक्रियता में कमी से राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम खुश्क रहेगा। हालांकि उत्तरी जिलों पंचकूला, पूर्वी यमुनानगर, अंबाला, उत्तरी कुरुक्षेत्र, कैथल, उत्तरी जींद, उत्तरी फतेहाबाद, उत्तरी सिरसा में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इस दौरान हवा उत्तर पश्चिमी रहने से दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही वातावरण में नमी की मात्रा में गिरावट आने की संभावना है। लेकिन 25 सितंबर के बाद एक बार फिर नमी वाली हवाएं आने की संभावना से राज्य में फिर से मानसून के एक्टिव होने के पूरे आसार हैं। बारिश नहीं होने से बढ़ा 2.5 डिग्री पारा हरियाणा में 24 घंटे में किसी भी जिले में बारिश नहीं हुई है। इसकी वजह से दिन के तापमान में 2.5 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी 2 जिलों रोहतक और सिरसा में रिकॉर्ड की गई है। यहां का अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। वहीं सूबे के भिवानी जिले में सबसे कम पारा रिकॉर्ड किया गया, यहां का अधिकतम तापमान 31.1 दर्ज किया गया है। सिरसा और रोहतक के अलावा अंबाला, करनाल जिले ऐसे रहे, जहां दिन का तापमान में 35 डिग्री से अधिक रिकॉर्ड किया। मानसून की अभी वापसी नहीं हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में अभी मानसून की वापसी नहीं होगी। 29 सितंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना है, जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने तथा गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट तथा वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की भी संभावना है। सीजन में अब तक 390.4 MM बारिश प्रदेशभर में मानसून की सक्रियता के चलते पिछले 24 घंटे में 15.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। सीजन में अब तक 390.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 401.1 मिलीमीटर से महज 3 फीसदी ही कम है। जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में सिर्फ 97.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में 5 दिन मानसून कमजोर रहेगा। मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति से दक्षिण की तरफ जाने तथा नमी वाली हवाओं में कमी आने से 25 सितंबर तक मानसून की सक्रियता में कमी से राज्य में ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम खुश्क रहेगा। हालांकि उत्तरी जिलों पंचकूला, पूर्वी यमुनानगर, अंबाला, उत्तरी कुरुक्षेत्र, कैथल, उत्तरी जींद, उत्तरी फतेहाबाद, उत्तरी सिरसा में कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। इस दौरान हवा उत्तर पश्चिमी रहने से दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही वातावरण में नमी की मात्रा में गिरावट आने की संभावना है। लेकिन 25 सितंबर के बाद एक बार फिर नमी वाली हवाएं आने की संभावना से राज्य में फिर से मानसून के एक्टिव होने के पूरे आसार हैं। बारिश नहीं होने से बढ़ा 2.5 डिग्री पारा हरियाणा में 24 घंटे में किसी भी जिले में बारिश नहीं हुई है। इसकी वजह से दिन के तापमान में 2.5 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी 2 जिलों रोहतक और सिरसा में रिकॉर्ड की गई है। यहां का अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। वहीं सूबे के भिवानी जिले में सबसे कम पारा रिकॉर्ड किया गया, यहां का अधिकतम तापमान 31.1 दर्ज किया गया है। सिरसा और रोहतक के अलावा अंबाला, करनाल जिले ऐसे रहे, जहां दिन का तापमान में 35 डिग्री से अधिक रिकॉर्ड किया। मानसून की अभी वापसी नहीं हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन लाल खीचड़ ने बताया कि हरियाणा में अभी मानसून की वापसी नहीं होगी। 29 सितंबर तक मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून हवाओं की सक्रियता बढ़ने की संभावना है, जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुक कर तेज हवाएं चलने तथा गरज के साथ छींटे पड़ने के साथ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की गिरावट तथा वातावरण में नमी की मात्रा में वृद्धि होने की भी संभावना है। सीजन में अब तक 390.4 MM बारिश प्रदेशभर में मानसून की सक्रियता के चलते पिछले 24 घंटे में 15.9 मिलीमीटर बारिश हुई है। सीजन में अब तक 390.4 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 401.1 मिलीमीटर से महज 3 फीसदी ही कम है। जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। 2018 में 549 मिमी बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में सिर्फ 97.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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काजोल-कृति की फिल्म का विवाद पहुंचा थाने:हुड्डा खाप ने 2 पत्ती फिल्म निर्माताओं, निर्देशक व अभिनेता के खिलाफ दी मानहानि की शिकायत
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25 अक्टूबर को फिल्म दो पत्ती के OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के बाद रोहतक के गांव बसंतपुर स्थित सर्व हुड्डा खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर 10 नवंबर को पंचायत हुई। इसमें खाप के 45 गांव के प्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। इसमें एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। सुरेंद्र हुड्डा की अगुआई में समिति सदस्यों ने CM सैनी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने बताया कि फिल्म दो पत्ती के एक संवाद से जाट समाज के हुड्डा गोत्र को बदनाम किया जा रहा है। इस विवादित मामले को लेकर मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की गई है। फिल्म में जिस प्रकार से हुड्डा गोत्र को बदनाम करने का षड्यंत्र हुआ है, यह एक आपराधिक मामला है। खाप ने भेजा नोटिस, मेकर्स जवाब दे चुके
सुरेंद्र हुड्डा ने बताया कि फिल्म रिलीज होने के अगले ही दिन इसके निर्माता, निदेशक, अभिनेता और नेटफ्लिक्स को नोटिस जारी कर दिया था। इसका जवाब में नेटफ्लिक्स और फिल्म निर्माताओं ने कहा है कि जो आरोप नोटिस में लगाए गए हैं, वह घटना फिल्म में हुई है। लेकिन, यह फिल्म निर्माता और अभिनेता की बोलने की आजादी के तहत है। और हुड्डा शब्द का प्रयोग केवल एक संयोग है। सुरेंद्र ने कहा कि देश का कानून किसी की सामाजिक प्रतिष्ठा खराब करने और मान-सम्मान की हानि करने का अधिकार नहीं देता है। फिल्म में प्रसारित विवादास्पद संवाद से समस्त हुड्डा खाप की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। एक षड्यंत्र के तहत ही जाट समाज के हुड्डा गोत्र की मानहानि हुई है।
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हरियाणा में परिवारवाद के आगे झुकेगी BJP:3 सांसदों के बेटी-बेटों को टिकट देने की चर्चा; एक साथ कई हलकों को साधने का प्रयास हरियाणा में परिवारवाद के जरिए कांग्रेस को आड़े हाथ लेने वाली बीजेपी (BJP) भी अब उसी राह पर चलने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि भाजपा अपने तीन सांसदों के बेटों व बेटी को विधानसभा चुनाव में टिकट देने की तैयारी में है। इन सांसदों में सबसे ऊपर राव इंद्रजीत का नाम है, वहीं इसके बाद कृष्णपाल गुर्जर व चौ. धर्मबीर सिंह शामिल हैं। सर्वे में भाजपा की हालत पतली होने की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी आकाओं के हाथ पैर फूल रहे हैं। इसी के चलते सीएम नायब सैनी काे हर रोज किसी न किसी वर्ग को साधने के लिए लोक लुभावन घोषणाएं करनी पड़ रही है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए तीन सांसद के बेटे व बेटी को टिकट देने का मन पार्टी हाईकमान ने बना लिया है। भाजपा के फैसले के पीछे ये है रणनीति पार्टी की सोच है कि इससे सांसदों की नाराजगी दूर होगी और वह इन तीन सीट के अलावा आसपास की सीटों पर भी जीत के लिए पसीना बहाएंगे। ये हालात तक हैं जबकि संसद से लेकर सार्वजनिक जगह पर अभी तक बीजेपी नेता खुलकर कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उसकी घेराबंदी करते आए हैं। अब जब प्रदेश में विधानसभा के तीन माह का समय बचा है और बीजेपी यहां हैट्रिक मारने का सपना संजोए हुए है, तो वह भी अपने मूल सिद्धांतों को त्यागने पर विचार कर रही है। बीजेपी ने प्रदेश में जो सर्व कराया उसकी रिपोर्ट के अनुसार वह दो दर्जन से भी कम सीट पर जीतने की कगार पर है। कार्यकर्ताओं की चल रही मान मनुहार इस रिपोर्ट के बाद चुनाव प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया से लेकर पार्टी नेताओं की नींद उड़ गई। अब सभी धरातल पर सक्रिय हो गए हैं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। सर्वे में यह बात भी सामने आई कि कार्यकर्ता भी पार्टी से दूर होते जा रहा है। इसी के चलते अब मान-मनुहार का दौर शुरू हुआ है। इंद्रजीत की बेटी, धर्मबीर के बेटे पर सहमति के आसार
सूत्र बताते हैं कि पार्टी सर्वे से बैचेन बीजेपी के आकाओं ने संघ के बड़े नेताओं से भी विचार-विमर्श किया है। साथ ही उनको प्रदेश में सक्रिय होने की गुहार लगाई है। इसमें इस बात पर भी चर्चा हुई कि जो तीन सांसद अपने बच्चों के लिए टिकट मांग रहे हैं, वह दे दी जाएं। कम से कम यह तीन सीट के चलते सांसद दूसरी सीटों पर भी पसीना बहाएंगे। यदि इनके बच्चों की टिकट काटी गई तो फिर इन तीन के अलावा बाकी सीटों पर भी इसका असर पड़ेगा। इसके चलते राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती एवं सांसद धर्मबीर सिंह के बेटे मोहित के अलावा एक अन्य सांसद के बेटे को भी टिकट देने का मन बीजेपी ने करीब-करीब बना लिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री इंद्रजीत खुलकर रहे बैटिंग
केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी आरती को टिकट दिलाने के लिए इस बार आर-पार के मूड में हैं। इसको लेकर वह बीजेपी को भी आंख दिखाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। वहीं आरती ने सार्वजनिक मंच से चुनाव लड़ने का ऐलान ही नहीं बल्कि एक-दो सीट की ओर इशारा भी किया है। यानी बीजेपी पार्टी पर दबाव बनाने के लिए इंद्रजीत व आरती सार्वजनिक मंच पर कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उनके आत्मविश्वास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह टिकट के लिए केंद्रीय चुनाव समिति का इंतजार नहीं कर रहे और अटेली, बादशाहपुर से चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे हैं।
रोहतक में ट्रॉले ने बाइक सवारों को कुचला:झज्जर के युवक की मौके पर मौत, दूसरा घायल, मंडी से घर लौटते समय हादसा
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