शास्त्रों के अनुसार जो आत्मा मर नहीं सकती वह चुनाव के समय पर्यटन पर निकलती है। जिस आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, वह आत्मा टाइम काटने के लिए इधर-उधर विचरने लगती है। आप ही सोचिए, यदि कभी न मरने वाली आत्मा थोड़ा-बहुत चलेगी-फिरेगी नहीं, तो उसका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा। एक ही जगह पर मजे से पड़े रहने से उसका पेट बाहर निकल आएगा। कल्पना करें कि तोंद के साथ आत्मा कितनी बुरी लगेगी। तोंद निकलते ही एक तो उसकी सुंदरता खराब हो जाएगी वो अलग और उसे पचास बीमारियां घेर सकती हैं। उसका लिवर भी खराब हो सकता है। अपच और पेट संबंधी दिक्कतों के साथ-साथ उसे गैस्ट्रिक ट्रबल हो सकती है। वह बीमार हो सकती है और बीमार होकर एकदिन मर सकती है। इसलिए शास्त्रों के वचन को सत्य करने के लिए आत्मा को वॉक करनी पड़ती है ताकि सेहतमंद रहे और अच्छे से जीवनयापन करे। वह वॉक करके एक दल से दूसरे दल पर लदने का प्रयास करती है और दल-दल भटकने के बाद सब जगह घूम-फिर के वापस अपने दल में लौट भी आती है। मजे की बात यह है कि इससे उसकी ऊब कम होती है और उसकी बोरियत भी दूर हो जाती है। इस तरह की क्रियाओं से आत्मा की हेल्थ भी परफेक्ट रहती है और साथ ही शास्त्रों का नियम भी नहीं टूटता। राव वीरेंद्र सिंह के साथ हरियाणा में और अरविंदर सिंह लवली के साथ दिल्ली में यही हुआ है। नियम आखिर नियम होता है। पहले के जमाने में नियमों की अनदेखी हो सकती थी, लेकिन आज के जमाने में नियम तोड़ना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए आजकल जो होता है, वह नियमानुसार होता है। सभी नियमों के बड़े पाबंद हैं। जैसे आजकल के नियमों के अनुसार बहुविवाह का निषेध है। इसलिए जिस नेता की आत्मा ने जिस पार्टी के साथ एक बार संबंध जोड़ लिया है, वह उस संबंध को सात जन्मों तक निभाता है। दूसरी ओर यह भी तो सत्य है ना कि आत्मा तो अमर है ना। इस लिहाज से उसका दूसरा जन्म होगा ही नहीं। इसलिए एकरसता से बचने के लिए नेता अपनी आत्मा को लेकर दूसरी पार्टी के साथ लिव-इन में रहकर थोड़ा मन बहला लेता है। विशेष बात यह है कि ऐसा करना पाप की श्रेणी में नहीं आता। क्योंकि ऐसे लिव-इन रिलेशन को किसी ग्रंथ में पाप की संज्ञा नहीं दी गई है। आपने एक मशहूर कहावत तो जरूर सुनी ही होगी। ‘सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते।’ इसी कहावत का सम्मान करते हुए नेताजी सुबह-सुबह झोला-पट्टी लेकर दूसरे दलों की ओर निकल लेते हैं। दिन भर पीछे मुड़-मुड़कर अपने मूल दल को गाली-वाली देते रहते हैं और सारी पोल-पट्टियां भी खोलते हैं। जी भर कर अपने मन की बात करते हैं और शाम को कहावत का मान रखते हुए वापस लौट आते हैं। मैं अक्सर सोचा करता था कि सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते तो और क्या कहते हैं? लेकिन अब जाकर मुझे समझ आया है कि सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते, नेता कहते हैं। ये कॉलम भी पढ़ें… हर बात पर इस्तीफे हों तो भला सरकार कैसे चलेगी!:ऐसे कैसे काम चलेगा? राजनीति को चाहिए बिल्कुल ढीठ लोग शास्त्रों के अनुसार जो आत्मा मर नहीं सकती वह चुनाव के समय पर्यटन पर निकलती है। जिस आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, वह आत्मा टाइम काटने के लिए इधर-उधर विचरने लगती है। आप ही सोचिए, यदि कभी न मरने वाली आत्मा थोड़ा-बहुत चलेगी-फिरेगी नहीं, तो उसका स्वास्थ्य खराब हो जाएगा। एक ही जगह पर मजे से पड़े रहने से उसका पेट बाहर निकल आएगा। कल्पना करें कि तोंद के साथ आत्मा कितनी बुरी लगेगी। तोंद निकलते ही एक तो उसकी सुंदरता खराब हो जाएगी वो अलग और उसे पचास बीमारियां घेर सकती हैं। उसका लिवर भी खराब हो सकता है। अपच और पेट संबंधी दिक्कतों के साथ-साथ उसे गैस्ट्रिक ट्रबल हो सकती है। वह बीमार हो सकती है और बीमार होकर एकदिन मर सकती है। इसलिए शास्त्रों के वचन को सत्य करने के लिए आत्मा को वॉक करनी पड़ती है ताकि सेहतमंद रहे और अच्छे से जीवनयापन करे। वह वॉक करके एक दल से दूसरे दल पर लदने का प्रयास करती है और दल-दल भटकने के बाद सब जगह घूम-फिर के वापस अपने दल में लौट भी आती है। मजे की बात यह है कि इससे उसकी ऊब कम होती है और उसकी बोरियत भी दूर हो जाती है। इस तरह की क्रियाओं से आत्मा की हेल्थ भी परफेक्ट रहती है और साथ ही शास्त्रों का नियम भी नहीं टूटता। राव वीरेंद्र सिंह के साथ हरियाणा में और अरविंदर सिंह लवली के साथ दिल्ली में यही हुआ है। नियम आखिर नियम होता है। पहले के जमाने में नियमों की अनदेखी हो सकती थी, लेकिन आज के जमाने में नियम तोड़ना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए आजकल जो होता है, वह नियमानुसार होता है। सभी नियमों के बड़े पाबंद हैं। जैसे आजकल के नियमों के अनुसार बहुविवाह का निषेध है। इसलिए जिस नेता की आत्मा ने जिस पार्टी के साथ एक बार संबंध जोड़ लिया है, वह उस संबंध को सात जन्मों तक निभाता है। दूसरी ओर यह भी तो सत्य है ना कि आत्मा तो अमर है ना। इस लिहाज से उसका दूसरा जन्म होगा ही नहीं। इसलिए एकरसता से बचने के लिए नेता अपनी आत्मा को लेकर दूसरी पार्टी के साथ लिव-इन में रहकर थोड़ा मन बहला लेता है। विशेष बात यह है कि ऐसा करना पाप की श्रेणी में नहीं आता। क्योंकि ऐसे लिव-इन रिलेशन को किसी ग्रंथ में पाप की संज्ञा नहीं दी गई है। आपने एक मशहूर कहावत तो जरूर सुनी ही होगी। ‘सुबह का भूला शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते।’ इसी कहावत का सम्मान करते हुए नेताजी सुबह-सुबह झोला-पट्टी लेकर दूसरे दलों की ओर निकल लेते हैं। दिन भर पीछे मुड़-मुड़कर अपने मूल दल को गाली-वाली देते रहते हैं और सारी पोल-पट्टियां भी खोलते हैं। जी भर कर अपने मन की बात करते हैं और शाम को कहावत का मान रखते हुए वापस लौट आते हैं। मैं अक्सर सोचा करता था कि सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते तो और क्या कहते हैं? लेकिन अब जाकर मुझे समझ आया है कि सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते, नेता कहते हैं। ये कॉलम भी पढ़ें… हर बात पर इस्तीफे हों तो भला सरकार कैसे चलेगी!:ऐसे कैसे काम चलेगा? राजनीति को चाहिए बिल्कुल ढीठ लोग उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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शिमला के संजौली में लगाए गए ‘सनातन सब्जी वाला’ के बोर्ड, देवभूमि संघर्ष समिति ने की खरीदारी की अपील
शिमला के संजौली में लगाए गए ‘सनातन सब्जी वाला’ के बोर्ड, देवभूमि संघर्ष समिति ने की खरीदारी की अपील <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में देवभूमि संघर्ष समिति ने एक नया अभियान शुरू कर दिया है. यहां देवभूमि संघर्ष समिति की ओर से हिंदू दुकानदारों की सब्जी की दुकान के बाहर एक बोर्ड लगाया जा रहा है. इस बोर्ड में ‘सनातन सब्जी वाला’ लिखा गया है. इसका उद्देश्य यह है कि स्थानीय लोग हिंदू दुकानदारों से खरीदारी करें और बाहरी लोगों का बॉयकॉट किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवभूमि संघर्ष समिति के राज्य सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि समिति की ओर से यह अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का उद्देश्य संजौली इलाके में हिंदू सब्जीवालों को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि वे लोगों से यह भी अपील कर रहे हैं कि बाहरी लोगों से वह खरीददारी न करें और स्थानीय दुकानदारों को आगे बढ़ाएं, ताकि उनका रोजगार चल सके. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विजय शर्मा ने कहा, “हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में रोहिंग्या जैसे लोगों का आना शुरू हो गया है. यह लोग यहां पर व्यापार कर रहे हैं. इस बीच देवभूमि संघर्ष समिति ने स्थानीय दुकानदारों को आगे बढ़ने का बीड़ा उठाया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेम प्लेट वाले मामले पर हो चुका है विवाद </strong><br />हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति के इस अभियान के बाद अब संजौली में सब्जी बेच रहे दुकानदारों का धर्म प्रदर्शित होगा. इससे पहले हिमाचल प्रदेश में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह के नेम प्लेट वाले बयान को लेकर भी खासा विवाद हो चुका है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विक्रमादित्य सिंह ने उत्तर प्रदेश के तर्ज पर हिमाचल प्रदेश के रेहड़ी-फड़ी वालों के नाम प्रदर्शित करने की बात कही थी. हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस पूरे मामले का उत्तर प्रदेश और मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के मॉडल से कोई लेना-देना नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विधानसभा अध्यक्ष ने की कमेटी गठित</strong><br />हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के लिए विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जो कमेटी गठित की गई है, वहीं इस संबंध में फैसला लेगी. गौरतलब है कि कि हिमाचल प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर एक्ट के तहत जो भी व्यक्ति वेंडिंग करता है, उसे नगर निगम की ओर से लाइसेंस दिया जाता है. इस लाइसेंस में पहले से ही व्यक्ति की पहचान से जुड़ी जानकारी होती है. इस लाइसेंस को दुकान में लगाना पहले से ही अनिवार्य है.</p>
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BJP के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, बिहार की 4 सीटों पर उपचुनाव से पहले ये 40 दिग्गज बनाएंगे ‘माहौल’
BJP के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी, बिहार की 4 सीटों पर उपचुनाव से पहले ये 40 दिग्गज बनाएंगे ‘माहौल’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar BJP Star Campaigners:</strong> भारतीय जनता पार्टी ने बिहार की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियां तेज कर दी है. इसी कड़ी में पार्टी ने सोमवार (21 अक्टूबर) को 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी. ये सभी नेता उपचुनाव से पहले एनडीए प्रत्याशियों के लिए चुनाव से पहले जीत के लिए माहौल बनाएंगे. लिस्ट में सभी बड़े दिग्गज नेताओं को जगह मिली है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लिस्ट में पहले नंबर पर दिलीप जायसवाल का नाम</strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”>स्टार प्रचारकों की सूची में विनोद तावड़े, नागेंद्र नाथ त्रिपाठी, भीखूभाई दलसानिया, दीपक प्रकाश, राधा मोहन सिंह, संजय जायसवाल, गोपाल नारायण सिंह, मंगल पांडेय, ऋतुराज सिन्हा, राजीव प्रताप रूडी, रवि शंकर प्रसाद, अश्विनी कुमार चौबे, डॉ. प्रेम कुमार, राज कुमार सिंह, सैयद शाहनवाज हुसैन का भी नाम है. इनके अलावा अमरेंद्र प्रताप सिंह, नितिन नबीन, तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, नीरज कुमार बबलू, संतोष सिंह, हरि साहनी, जनक चमार, केदार प्रसाद गुप्ता, नीतीश मिश्रा, विवेक ठाकुर, सुशील सिंह, डॉ. धर्मशीला गुप्ता, भीम सिंह, अनिल शर्मा, मिथिलेश तिवारी, शिवेश राम, राजेश वर्मा का भी नाम लिस्ट में शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार की किन-किन सीटों पर है उपचुनाव?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि बिहार विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इसमें तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज सीट शामिल है. बीजेपी ने इन चार में से दो सीट तरारी और रामगढ़ सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. इसके अलावा, इमामगंज में जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ की दीपा मांझी और बेलागंज में जेडीयू उम्मीदवार मनोरमा देवी को बीजेपी ने अपना समर्थन दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है और 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं. मतदान 13 नवंबर को होगा और परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-jdu-mlc-neeraj-kumar-made-allegations-of-income-tax-scam-against-tejashwi-yadav-ann-2808182″>Bihar Politics: लीजिए अब लालू परिवार से जुड़ा एक और घोटाला! JDU ने तेजस्वी यादव पर लगाए संगीन आरोप</a><br /></strong></p>
अंबाला कैंट में अनिल विज चित्रा और परी पर बरसे:बोले- कांग्रेस का हुआ वर्टिकल डिवीजन, जनता इन्हें नकार चुकी
अंबाला कैंट में अनिल विज चित्रा और परी पर बरसे:बोले- कांग्रेस का हुआ वर्टिकल डिवीजन, जनता इन्हें नकार चुकी अंबाला कैंट में भाजपा प्रत्याशी और पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने आज सदर चौक पर डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार किया। अनिल विज आज आजाद प्रत्याशी चित्रा सरवारा और कांग्रेस प्रत्याशी परमिंदर सिंह परी पर खूब बरसे। विज ने कहा कि कांग्रेस का विधानसभा चुनाव में वर्टिकल डिवीजन हो चुका है। जनता इन नेताओं को नकार चुकी है। कांग्रेस की धडेबंदी साफ तौर पर अब लोगों को नजर आने लगी है। हुड्डा और सैलजा कर रहे धडेबंदी का समर्थन एक गुट को हुड्डा समथर्न कर रहे हैं तो दूसरे गुट को कुमारी शैलजा का समर्थन है। कुर्सी के भूखे इन नेताओं को जनता नकार चुकी है। विज ने कहा कि वह 6 बार विधायक रह चुके हैं। हलके में विकास के कार्य इतने करवा दिए हैं कि उन्हें गिनवाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। अंबाला की जनता छल करने वाले नेताओं को मुंह नहीं लगा रही। किसान है हमारे भाई,आने वाले समय में रुके विकास के काम होंगे पूरे पत्रकारों ने विज से सवाल किया कि किसान लगातार भाजपा प्रत्याशियों को घेर रहे हैं इसके क्या कारण है। जवाब देते हुए विज ने कहा कि कई इलाके ऐसे है जहां विकास कार्य रह गए हैं। इसलिए किसानों की नाराजगी भी जायज है। किसान हमारे भाई हैं, आने वाले समय में जो बचे काम है उसे भी पूरा किया जाएगा। रणजीत चौटाला का हूं धन्यवादी विज ने कहा कि वह धन्यवाद करते हैं रणजीत सिंह चौटाला का, जिन्होंने उन्हें सीएम चेहरे के काबिल समझ मीडिया में उनकी तारीफ की। विज से सवाल किया गया कि राव इंद्रजीत ने आज मीडिया में कहा कि भाजपा में 10 साल बाद उन्हें अहमियत मिली है तो विज ने कहा कि राव इंद्रजीत को भाजपा हमेशा तवज्जो दी है। वह भाजपा के सीनियर कद के नेता है।