हरियाणा में विधानसभा चुनाव ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है। प्रशासनिक टीमें लगातार राजनीतिक पार्टियों के बैनर व पोस्टर हटाने का काम कर रही है। रविवार सुबह फरीदाबाद में सड़कों व फ्लाईओवर पर लगे भाजपा और कांग्रेस के पोस्टर व बैनर पर नेताओं के चेहरों पर कालिख पोती हुई मिली। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नायब सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, फरीदाबाद विधायक नागेंद्र गुप्ता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, दीपक बाबरिया, भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा के अलावा लोकल नेताओं के पोस्टरों पर कालिख पोती गई। अभी यह सामने नहीं आया है कि पोस्टरों पर कालिख किसने पोती है। 4 दिन पहले प्रशासन ने मीटिंग कर पोस्टर व बैनर हटाने का निर्णय लिया था। अमूमन चुनाव आयोग आचार संहिता लागू होने पर पोस्टर व बैनर को हटा देता है या फिर सफेद या आसमानी कलर से रंग देता है। इस मामले पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर आनंद शर्मा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल नहीं उठाई। पोस्टरों पर पोती गई कालिख के PHOTOS… हरियाणा CM और केंद्रीय मंत्री के लगाए रोने वाले पोस्टर करनाल में पिछले दिनों विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के विवादित पोस्ट लगाए गए। इन पोस्टरों में सैनी और खट्टर को रोता हुआ दिखाया गया था। पोस्टरों पर ‘म्हारा हरियाणा नान स्टॉप हरियाणा’ का स्लोगन लिखा गया था। भाजपा के नेताओं ने इन पोस्टरों के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया था, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले से किनारा कर लिया। जिसके बाद नगर निगम के सहायक अभियंता की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। हरियाणा में विधानसभा चुनाव ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है। प्रशासनिक टीमें लगातार राजनीतिक पार्टियों के बैनर व पोस्टर हटाने का काम कर रही है। रविवार सुबह फरीदाबाद में सड़कों व फ्लाईओवर पर लगे भाजपा और कांग्रेस के पोस्टर व बैनर पर नेताओं के चेहरों पर कालिख पोती हुई मिली। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नायब सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, फरीदाबाद विधायक नागेंद्र गुप्ता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, दीपक बाबरिया, भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा के अलावा लोकल नेताओं के पोस्टरों पर कालिख पोती गई। अभी यह सामने नहीं आया है कि पोस्टरों पर कालिख किसने पोती है। 4 दिन पहले प्रशासन ने मीटिंग कर पोस्टर व बैनर हटाने का निर्णय लिया था। अमूमन चुनाव आयोग आचार संहिता लागू होने पर पोस्टर व बैनर को हटा देता है या फिर सफेद या आसमानी कलर से रंग देता है। इस मामले पर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर आनंद शर्मा से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल नहीं उठाई। पोस्टरों पर पोती गई कालिख के PHOTOS… हरियाणा CM और केंद्रीय मंत्री के लगाए रोने वाले पोस्टर करनाल में पिछले दिनों विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के विवादित पोस्ट लगाए गए। इन पोस्टरों में सैनी और खट्टर को रोता हुआ दिखाया गया था। पोस्टरों पर ‘म्हारा हरियाणा नान स्टॉप हरियाणा’ का स्लोगन लिखा गया था। भाजपा के नेताओं ने इन पोस्टरों के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया था, लेकिन कांग्रेस ने इस मामले से किनारा कर लिया। जिसके बाद नगर निगम के सहायक अभियंता की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में पूर्व सांसद के कंगना रनोट पर विवादित बोल:कहा-उन्हें रेप का बहुत तजुर्बा, पूछो कैसे होता है; अभिनेत्री बोलीं-मुझे रेप की धमकी दी
हरियाणा में पूर्व सांसद के कंगना रनोट पर विवादित बोल:कहा-उन्हें रेप का बहुत तजुर्बा, पूछो कैसे होता है; अभिनेत्री बोलीं-मुझे रेप की धमकी दी पंजाब के पूर्व लोकसभा सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने बॉलीवुड अभिनेत्री व हिमाचल प्रदेश से BJP सांसद कंगना रनोट को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है। मान ने कहा है कि कंगना रनोट को रेप का बहुत तजुर्बा है, उनसे पूछ सकते हैं कि रेप कैसे होता है? मान गुरुवार को करनाल आए हुए थे। मान के इस बयान पर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने पूर्व सांसद को समन भेजा है। साथ ही 5 दिन के अंदर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और लिखित स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। बता दें कि कंगना रनोट ने कुछ दिन पहले ‘दैनिक भास्कर’ को दिए इंटरव्यू में कहा था कि दिल्ली बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन में रेप किए गए। उसे लेकर मान का यह बयान माना जा रहा है। वहीं, कंगना इन दिनों पूर्व PM इंदिरा गांधी पर बनाई फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर भी विवादों में हैं। इसे लेकर सिख समुदाय का आरोप है कि संत जरनैल सिंह भिंडरावाले के कैरेक्टर को गलत तरीके से पेश कर सिखों की छवि बिगाड़ी जा रही है। वहीं, इस पर कंगना रनोट ने कहा, ‘मुझे रेप की धमकियां मिल रही हैं कि कंगना को पता है कि रेप क्या होता है। इस तरह से वे मेरी आवाज नहीं दबा सकते।’ मीडिया के सवाल और मान के जवाब पढ़िए…. सिमरनजीत सिंह मान से पूछा गया था कि कंगना रनोट ने बयान दिया कि अगर केंद्र में BJP की सरकार न होती तो किसान आंदोलन के वक्त पंजाब का वही हाल होता, जो बांग्लादेश का हुआ है। इसके जवाब में मान ने कहा-” कंगना रनोट को रेप का बहुत तजुर्बा है। उनसे आगे पूछ सकते हैं कि रेप कैसे होता है?, लोगों को समझाया जाए। मान से पूछा गया कि कंगना रनोट को रेप का तजुर्बा कैसे है? इसके जवाब में मान ने कहा- जैसे आप साइकिल चलाते हैं तो आपको साइकिल चलाने का तजुर्बा हो जाता है। उनको रेप का तजुर्बा है। मान से फिर पूछा गया कि क्या वे कंगना रनोट की बात कर रहे हैं। इस पर मान ने कहा कि बिल्कुल, वह कंगना रनोट की बात कर रहे हैं। कंगना ने कहा- रेप की तुलना साइकिल चलाने से की
सिमरजीत सिंह मान के बयान के बाद कंगना ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह देश रेप को महत्वहीन बनाना कभी बंद नहीं करेगा। आज इस वरिष्ठ नेता ने रेप की तुलना साइकिल चलाने से कर दी, इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मजे के लिए महिलाओं के खिलाफ रेप और हिंसा राष्ट्र की मानसिकता में इतनी गहरी जड़ें जमा चुकी है कि इसका इस्तेमाल महिलाओं को चिढ़ाने या उनका मजाक उड़ाने के लिए किया जाता है, भले ही वह कोई बड़ा फिल्म डायरेक्टर या नेता ही क्यों न हो।’ कंगना रनोट ने कहा कि इमरजेंसी फिल्म रिलीज होने वाली है। हमें सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल चुका है। इसे लेकर बहुत लोगों ने हंगामा किया। अभी भी सेंसर बोर्ड के इश्यू चल रहे हैं, हमें उम्मीद है कि फिल्म रिलीज हो जाएगी। डराने और धमकाने से इतिहास नहीं बदल सकते। 17 साल की लड़की पर 30-35 गोलियां दागी गईं। गोलियां आसमान से तो नहीं चलीं। वह कैसे मरी, ये सब तो दिखाना ही पड़ेगा। आर्टिस्ट की आवाज को दबाने के लिए कुछ लोगों ने माथे पर बंदूक रख दी है। इन सब चीज से हम डरने वाले नहीं हैं। शहीद भगत सिंह को आतंकवादी कह चुके
सिमरनजीत मान पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। 2 साल पहले करनाल में उन्होंने शहीद भगत सिंह को आतंकवादी कहा था। मान ने कहा था कि सरदार भगत सिंह ने एक अंग्रेज नौजवान, एक अफसर और एक अमृतधारी सिख कॉस्टेबल को मार दिया था। नेशनल असेंबली में बम फेंक दिया था। भगत सिंह आतंकवादी है या भगत है, यह बता दीजिए। बेगुनाह आदमियों को मारना और पार्लियामेंट में बम फेंक देना शराफत की बात है। कुछ भी हो लेकिन भगत सिंह आतंकवादी तो है। जनरल डायर को सिरोपे देने की बात कबूली थी
मान के भगत सिंह को आतंकी कहे जाने के बाद सियासी बवाल मचा था। विपक्षी दलों ने आरोप लगाए थे कि उनके नाना अरूड़ सिंह ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में लोगों पर गोलियां चलाने वाले जनरल डायर को सिरोपा देकर सम्मानित किया था। इसके जवाब में मान ने कहा था कि अगर उनके नाना जनरल डायर का गुस्सा शांत न करते तो वह हरमिंदर साहिब पर बम फेंक देता। जो सिखों के लिए बड़ी बात होती। मान ने कहा था कि उस वक्त के खालसा कॉलेज के अंग्रेज प्रिंसिपल ने मेरे नाना को कहा था कि जनरल डायर जलियांवाला बाग पर बम फेंकने वाले हैं। उस वक्त बम इतने परफेक्ट नहीं होते थे कि जहां निशाना लगाओ, वहीं गिरे। इससे श्री हरमिंदर साहिब को नुकसान हो सकता था। इसलिए उन्होंने डायर को सिरोपा दिया था। हरियाणा राज्य महिला आयोग का मान को समन…
हरियाणा पंचायत समितियों-परिषदों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर SEC सख्त:डाक से मेंबरों को भेजना होगा नोटिस; बेलेट बॉक्स से गुप्त वोटिंग करनी होगी
हरियाणा पंचायत समितियों-परिषदों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर SEC सख्त:डाक से मेंबरों को भेजना होगा नोटिस; बेलेट बॉक्स से गुप्त वोटिंग करनी होगी हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत समितियों के चेयरमैन व वायस चेयरमैन तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में स्पष्ट किया है कि बेलेट बॉक्स के उपयोग से ही गुप्त वोटिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी। संबंधित पंचायत समिति या जिला परिषद के किसी जनप्रतिनिधि द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जाता है, तो चुने हुए सभी सदस्यों को पंजीकृत डाक के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। यह जानकारी सदस्य के पंजीकृत मोबाइल टेलीफोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से भी दी जा सकती है। सूचना के बाद 10 दिनों में होगी बैठक इसके अलावा, इसकी सूचना संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उपमंडल अधिकारी (नागरिक) तथा उपायुक्त कार्यालयों के सूचना पट्टों पर लगाई जाएगी। सूचना जारी होने के बाद कम से कम दस दिनों में बैठक बुलाई जाएगी। संबंधित प्राधिकारी द्वारा जिस पद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है उसकी घोषणा की जाएगी और निर्धारित गुप्त वोटिंग स्लीप उपस्थित प्रत्येक सदस्य को जारी की जाएगी। वोटिंग के अगले दिन खुलेगा बैलेट बॉक्स मतदान से पहले रिटर्निंग अधिकारी व पीठासीन अधिकारी सदस्यों को वोटिंग प्रक्रिया के संबंध में समझाएंगे। वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद संबंधित प्राधिकारी कल सदस्यों की उपस्थिति में बैलेट बॉक्स खोलेगा और गुप्त वोटिंग स्लिप की गिनती करेगा। पंचायत समितियों के चेयरमैन व वाइस चेयरमैन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 62 तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों के विरुद्ध धारा 123 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। बैठक की प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी उसी दिन हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को भेजनी होगी। इसके अलावा, संबंधित प्रचार समिति या जिला परिषद के पट्ट पर भी प्रदर्शित करनी
हरियाणा के पूर्व मंत्री चुनाव नहीं लड़ेंगे:रोहतक से 5 बार के प्रत्याशी मनीष ग्रोवर की घोषणा; संगठन की कमान संभालने का लिया निर्णय
हरियाणा के पूर्व मंत्री चुनाव नहीं लड़ेंगे:रोहतक से 5 बार के प्रत्याशी मनीष ग्रोवर की घोषणा; संगठन की कमान संभालने का लिया निर्णय हरियाणा के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मनीष ग्रोवर अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वह रोहतक से 5 बार भाजपा प्रत्याशी रह चुके हैं और एक बार विधायक (2014 से 2019 तक) बने और भाजपा सरकार में सहकारिता मंत्री बनाए गए। हालांकि, 2019 का विधानसभा चुनाव वह हार गए थे। अब उन्होंने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि वह अब विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह उनका निजी फैसला है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार से कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा। मनीष ग्रोवर ने कहा कि वह अब संगठन में रहकर पार्टी को हरियाणा में तीसरी बार जिताने और सीएम नायब सैनी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने बताया कि वह 1971 से भाजपा से जुड़े हैं। उस दौरान उन्हें बूथ पर्ची की ड्यूटी दी गई थी। इसके बाद वह वार्ड पार्षद बने। इसके बाद वह मंडल महामंत्री, मंडल अध्यक्ष, जिला महामंत्री, जिला अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह प्रदेश मंत्री, स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री रहे। इसके बाद वे विधायक बने और मंत्री भी बनाए गए। वे पिछले 50 सालों से इसी विचारधारा से जुड़े हैं। वे आखिरी सांस तक भाजपा में ही रहेंगे। उन्होंने इच्छा जताई कि वे संगठन में ही रहेंगे और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का विरोध करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी रहे हैं। मनोहर लाल साढ़े 9 साल तक मुख्यमंत्री रहे और मनीष ग्रोवर उनके सबसे करीबी लोगों में से एक माने जाते थे। 2019 के चुनाव में भी वे विधायक नहीं बन पाए, लेकिन सरकार और संगठन में उनकी अच्छी पकड़ थी। लोग अपने काम को लेकर उनके पास जाते रहे हैं। पूर्व सांसद के साथ रहा है 36 का आंकड़ा रोहतक के पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के बीच 36 का आंकड़ा रहा है। एक ही पार्टी में होने के बावजूद दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। मनीष ग्रोवर पर लोकसभा चुनाव 2024 में मदद न करने का भी आरोप लगा। इन आरोपों पर मनीष ग्रोवर ने कहा कि उन्होंने डॉ. अरविंद शर्मा को लोकसभा चुनाव जिताने के लिए हर संभव प्रयास किया। नतीजा यह रहा कि अरविंद शर्मा रोहतक विधानसभा से बहुत कम अंतर से हार गए।