हरियाणा के हिसार में BJP के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर खूब ड्रामा हो रहा है। जिला परिषद के 30 में से 24 पार्षद चेयरमैन को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए पहले वे अविश्वास प्रस्ताव लेकर ADC सी. जयश्रद्धा से मिलने गए तो वह पशु अस्पताल की इमरजेंसी होने की बात कहकर घर चली गईं। उन्हें DC अनीश यादव से मिलने के लिए कहा। अब पार्षद डीसी को मिलने जा रहे थे तो डीसी ट्रेनिंग पर चले गए। वह 20 दिन यानी 25 दिसंबर तक ट्रेनिंग पर रहेंगे। पार्षदों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में एडीसी से बात की तो उन्होंने कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव के लिए सक्षम अधिकारी नहीं है। इस पर फैसला डीसी को ही करना है इसलिए एप्लीकेशन देना चाहे तो दे सकते हैं। मगर, अंतिम फैसला डीसी ही करेंगे। इसके बाद पार्षद लौट गए। ऐसे में पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लिए घूम रहे हैं। पार्षदों को हॉर्स ट्रेडिंग का डर, 24 पार्षदों की 20 दिन एकजुट रहने की कोशिश
पार्षद इस मामले में खुलकर नहीं बोल रहे हैं लेकिन नाम न छापने की शर्त पर सोनू सिहाग का विरोध कर रहे पार्षदों का कहना है कि उन्हें डर है कि चेयरमैन को हॉर्स ट्रेडिंग करने का और समय मिल गया है। इसलिए पार्षदों ने रणनीति बनाई है कि वह सभी 24 पार्षदों से मुलाकात जारी रखेंगे। सभी एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे ताकि चेयरमैन सोनू सिहाग पार्षदों को डरा धमका या ब्लैकमेल ना कर सके। वहीं बागी गुट की चिंता है कि 4 से 5 पार्षद ऐसे हैं, जो दोनों गुटों के संपर्क हैं। अगर यह पार्षद अंत समय में चेयरमैन की तरफ झुक जाते हैं तो सोनू सिहाग की कुर्सी बच सकती है। बता दें कि चेयरमैन को कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षद चाहिए और बागी गुट को 21 पार्षदों का समर्थन जरूरी है। जिला परिषद में भी कांग्रेस एकजुट नहीं
वहीं बता दें कि जिला परिषद चेयरमैन को लेकर भी कांग्रेस जिला पार्षद एकजुट नहीं है। एक गुट BJP चेयरमैन के साथ है तो दूसरा गुट विरोध में हैं। इन सभी पार्षदों ने पहले चेयरमैन का समर्थन किया था, मगर अब कुछ कांग्रेस पार्षद इनके खिलाफ हैं। कांग्रेस समर्थित जिला पार्षद रेणु देवी के प्रतिनिधि दिनेश श्योराण ने बताया कि वह BJP चेयरमैन सोनू सिहाग के साथ हैं। अभी उनके पास 7 पार्षदों का समर्थन है, जिसमें चेयरमैन भी शामिल हैं। वहीं भाजपा के ओपी माल्या, विकास सेलवाल और दर्शनगिरी महाराज सहित एक अन्य पार्षद भी उनका ही समर्थन करेंगे। पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र चहल का भी उनको समर्थन प्राप्त है। चेयरमैन की कुर्सी को कोई नहीं हिला सकता। हमारे पास चेयरमैन सोनू सिहाग, रेणु देवी, रीना बधावड़, महेंद्र बिश्नोई, बीर सिंह बिश्नोई, कर्मकेष कुंडू और यादवेंद्र यादव का समर्थन है इसके अलावा दर्शन गिरी महाराज और राजेंद्र चहल पार्षद प्रतिनिधि हमारा समर्थन करेंगे। वहीं कांग्रेस पार्षद प्रतिनिधि मनोज टाक माही ने कहा कि वह चेयरमैन के खिलाफ हैं और उनके खिलाफ वोट करेंगे। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। वहीं, चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर, एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा सही है या गलत, यह अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के बाद ही पता चल सकता है। वहीं चेयरमैन के करीबी दावा कर रहे हैं कि उन्हें कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। 2 साल पहले भाजपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर बनाया था चेयरमैन… विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ था चेयरमैन का झुकाव
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से नारनौंद BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक है। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे। भाजपा के पार्षदों ने जिला पार्षदों पर आरोप लगाया था कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरमैन की कांग्रेस सांसद जेपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी। चेयरमैन को लगा कि कांग्रेस सरकार आएगी। ऐसे में वह पहले से ही कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक लग गई थी। रही सही कसर चेयरमैन के गांव में भाजपा प्रत्याशी की हार से पूरी हो गई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चेयरमैन ने गुपचुप तरीके से कांग्रेस के नेताओं का समर्थन किया था। हरियाणा के हिसार में BJP के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर खूब ड्रामा हो रहा है। जिला परिषद के 30 में से 24 पार्षद चेयरमैन को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए पहले वे अविश्वास प्रस्ताव लेकर ADC सी. जयश्रद्धा से मिलने गए तो वह पशु अस्पताल की इमरजेंसी होने की बात कहकर घर चली गईं। उन्हें DC अनीश यादव से मिलने के लिए कहा। अब पार्षद डीसी को मिलने जा रहे थे तो डीसी ट्रेनिंग पर चले गए। वह 20 दिन यानी 25 दिसंबर तक ट्रेनिंग पर रहेंगे। पार्षदों का कहना है कि उन्होंने इस बारे में एडीसी से बात की तो उन्होंने कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव के लिए सक्षम अधिकारी नहीं है। इस पर फैसला डीसी को ही करना है इसलिए एप्लीकेशन देना चाहे तो दे सकते हैं। मगर, अंतिम फैसला डीसी ही करेंगे। इसके बाद पार्षद लौट गए। ऐसे में पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लिए घूम रहे हैं। पार्षदों को हॉर्स ट्रेडिंग का डर, 24 पार्षदों की 20 दिन एकजुट रहने की कोशिश
पार्षद इस मामले में खुलकर नहीं बोल रहे हैं लेकिन नाम न छापने की शर्त पर सोनू सिहाग का विरोध कर रहे पार्षदों का कहना है कि उन्हें डर है कि चेयरमैन को हॉर्स ट्रेडिंग करने का और समय मिल गया है। इसलिए पार्षदों ने रणनीति बनाई है कि वह सभी 24 पार्षदों से मुलाकात जारी रखेंगे। सभी एक दूसरे के संपर्क में रहेंगे ताकि चेयरमैन सोनू सिहाग पार्षदों को डरा धमका या ब्लैकमेल ना कर सके। वहीं बागी गुट की चिंता है कि 4 से 5 पार्षद ऐसे हैं, जो दोनों गुटों के संपर्क हैं। अगर यह पार्षद अंत समय में चेयरमैन की तरफ झुक जाते हैं तो सोनू सिहाग की कुर्सी बच सकती है। बता दें कि चेयरमैन को कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षद चाहिए और बागी गुट को 21 पार्षदों का समर्थन जरूरी है। जिला परिषद में भी कांग्रेस एकजुट नहीं
वहीं बता दें कि जिला परिषद चेयरमैन को लेकर भी कांग्रेस जिला पार्षद एकजुट नहीं है। एक गुट BJP चेयरमैन के साथ है तो दूसरा गुट विरोध में हैं। इन सभी पार्षदों ने पहले चेयरमैन का समर्थन किया था, मगर अब कुछ कांग्रेस पार्षद इनके खिलाफ हैं। कांग्रेस समर्थित जिला पार्षद रेणु देवी के प्रतिनिधि दिनेश श्योराण ने बताया कि वह BJP चेयरमैन सोनू सिहाग के साथ हैं। अभी उनके पास 7 पार्षदों का समर्थन है, जिसमें चेयरमैन भी शामिल हैं। वहीं भाजपा के ओपी माल्या, विकास सेलवाल और दर्शनगिरी महाराज सहित एक अन्य पार्षद भी उनका ही समर्थन करेंगे। पार्षद प्रतिनिधि राजेंद्र चहल का भी उनको समर्थन प्राप्त है। चेयरमैन की कुर्सी को कोई नहीं हिला सकता। हमारे पास चेयरमैन सोनू सिहाग, रेणु देवी, रीना बधावड़, महेंद्र बिश्नोई, बीर सिंह बिश्नोई, कर्मकेष कुंडू और यादवेंद्र यादव का समर्थन है इसके अलावा दर्शन गिरी महाराज और राजेंद्र चहल पार्षद प्रतिनिधि हमारा समर्थन करेंगे। वहीं कांग्रेस पार्षद प्रतिनिधि मनोज टाक माही ने कहा कि वह चेयरमैन के खिलाफ हैं और उनके खिलाफ वोट करेंगे। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। वहीं, चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर, एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा सही है या गलत, यह अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग के बाद ही पता चल सकता है। वहीं चेयरमैन के करीबी दावा कर रहे हैं कि उन्हें कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। 2 साल पहले भाजपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर बनाया था चेयरमैन… विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ था चेयरमैन का झुकाव
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से नारनौंद BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक है। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे। भाजपा के पार्षदों ने जिला पार्षदों पर आरोप लगाया था कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चेयरमैन की कांग्रेस सांसद जेपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ गुप्त मीटिंग हुई थी। चेयरमैन को लगा कि कांग्रेस सरकार आएगी। ऐसे में वह पहले से ही कांग्रेस नेताओं के संपर्क में आ गए थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक लग गई थी। रही सही कसर चेयरमैन के गांव में भाजपा प्रत्याशी की हार से पूरी हो गई। पार्षदों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में चेयरमैन ने गुपचुप तरीके से कांग्रेस के नेताओं का समर्थन किया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर