हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में मोबाइल वैन को झंडी दिखाने को लेकर डिप्टी कमिश्नर और सिविल सर्जन आमने-सामने हो गए। DC विवेक भारती तय वक्त पर नहीं पहुंचे तो नाराज होकर सिविल सर्जन ने खुद ही मोबाइल वैन रवाना कर दीं। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि DC वक्त पर नहीं पहुंचे तो उन्होंने ऐसा किया। उनके साथ स्टूडेंट्स भी थे। वह ज्यादा देर खड़े नहीं रह सकते थे। वहीं DC विवेक भारती ने कहा कि सिविल सर्जन को थोड़ा इंतजार करना चाहिए था। पूरा मामला अब ब्यूरोक्रेसी में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला… DC ने लघु सचिवालय से देनी थी हरी झंडी
प्रशासन के मुताबिक टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए नारनौल के नागरिक अस्पताल को 3 स्पेशल मेडिकल वैन मिलीं थी। जिन्हें पूरे जिले में मरीजों की जांच के लिए रवाना किया जाना था। इसके लिए DC विवेक भारती से शुक्रवार सुबह 10 बजे का टाइम लिया गया था। इस वजह से सिविल सर्जन वैन लेकर लघु सचिवालय पहुंच गए। DC ब्लड डोनेशन कैंप में चले गए
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जब मोबाइल वैन वहां पहुंची तो DC मौजूद नहीं थे। उन्होंने पता किया तो कहा गया कि डीसी किसी ब्लड डोनेशन कैंप में बिजी हैं। जिसके बाद सिविल सर्जन और उनकी टीम वहां इंतजार करती रही। सिटी मजिस्ट्रेट ने इनकार किया
DC निर्धारित समय पर नहीं आ पाए। जिसके बाद सिविल सर्जन सिटी मजिस्ट्रेट के पास गए और उन्हें हरी झंडी देने को कहा। हालांकि डीसी से टाइम लिए होने की वजह से सिटी मजिस्ट्रेट ने इससे इनकार कर दिया। मोबाइल वैन वापस सिविल अस्पताल ले गए
इसके बाद सिविल सर्जन नाराज हो गए। वह टीम के साथ मोबाइल वैन लेकर वापस नागरिक अस्पताल लौट आए। यहां जाकर उन्होंने खुद ही वैन को हरी झंडी दिखा दी और रवाना कर दिया। यह वैन 100 दिन पूरे जिले में घूमकर टीबी रोगियों की पहचान करेंगी। सिविल सर्जन ने कहा- खड़ा नहीं रह सकता था
DC के बगैर हरी झंडी के सवाल पर सिविल सर्जन डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सर बिजी थे। उनका मैंने 10 बजे का टाइम लिया था। मुझे पता लगा कि वे ब्लड डोनेशन कैंप लॉन्च करने के लिए कहीं गए हुए हैं। स्टूडेंट्स भी थे, उनको देखते हुए मैं खड़ा नहीं रह सकता था। प्रोग्राम और टीम को भी देरी न हो, इसलिए यह व्यवस्था की गई कि इस कार्यक्रम को अपने स्तर पर ऑर्गेनाइज करते हैं। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में मोबाइल वैन को झंडी दिखाने को लेकर डिप्टी कमिश्नर और सिविल सर्जन आमने-सामने हो गए। DC विवेक भारती तय वक्त पर नहीं पहुंचे तो नाराज होकर सिविल सर्जन ने खुद ही मोबाइल वैन रवाना कर दीं। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि DC वक्त पर नहीं पहुंचे तो उन्होंने ऐसा किया। उनके साथ स्टूडेंट्स भी थे। वह ज्यादा देर खड़े नहीं रह सकते थे। वहीं DC विवेक भारती ने कहा कि सिविल सर्जन को थोड़ा इंतजार करना चाहिए था। पूरा मामला अब ब्यूरोक्रेसी में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा मामला… DC ने लघु सचिवालय से देनी थी हरी झंडी
प्रशासन के मुताबिक टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए नारनौल के नागरिक अस्पताल को 3 स्पेशल मेडिकल वैन मिलीं थी। जिन्हें पूरे जिले में मरीजों की जांच के लिए रवाना किया जाना था। इसके लिए DC विवेक भारती से शुक्रवार सुबह 10 बजे का टाइम लिया गया था। इस वजह से सिविल सर्जन वैन लेकर लघु सचिवालय पहुंच गए। DC ब्लड डोनेशन कैंप में चले गए
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जब मोबाइल वैन वहां पहुंची तो DC मौजूद नहीं थे। उन्होंने पता किया तो कहा गया कि डीसी किसी ब्लड डोनेशन कैंप में बिजी हैं। जिसके बाद सिविल सर्जन और उनकी टीम वहां इंतजार करती रही। सिटी मजिस्ट्रेट ने इनकार किया
DC निर्धारित समय पर नहीं आ पाए। जिसके बाद सिविल सर्जन सिटी मजिस्ट्रेट के पास गए और उन्हें हरी झंडी देने को कहा। हालांकि डीसी से टाइम लिए होने की वजह से सिटी मजिस्ट्रेट ने इससे इनकार कर दिया। मोबाइल वैन वापस सिविल अस्पताल ले गए
इसके बाद सिविल सर्जन नाराज हो गए। वह टीम के साथ मोबाइल वैन लेकर वापस नागरिक अस्पताल लौट आए। यहां जाकर उन्होंने खुद ही वैन को हरी झंडी दिखा दी और रवाना कर दिया। यह वैन 100 दिन पूरे जिले में घूमकर टीबी रोगियों की पहचान करेंगी। सिविल सर्जन ने कहा- खड़ा नहीं रह सकता था
DC के बगैर हरी झंडी के सवाल पर सिविल सर्जन डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सर बिजी थे। उनका मैंने 10 बजे का टाइम लिया था। मुझे पता लगा कि वे ब्लड डोनेशन कैंप लॉन्च करने के लिए कहीं गए हुए हैं। स्टूडेंट्स भी थे, उनको देखते हुए मैं खड़ा नहीं रह सकता था। प्रोग्राम और टीम को भी देरी न हो, इसलिए यह व्यवस्था की गई कि इस कार्यक्रम को अपने स्तर पर ऑर्गेनाइज करते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर