हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) के बागी विधायक और पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को कांग्रेस ने टिकट देने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, ‘कल देवेंद्र बबली ने मुलाकात की थी। वह टिकट मांग रहे थे, लेकिन मैंने कहा है कि वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं। इस नाते उन्हें टिकट नहीं मिल सकती। अगर अध्यक्ष (चौधरी उदयभान) कोई फैसला करते हैं तो अलग बात है, लेकिन मेरी तरफ से उनको ना कर दी गई है।’ देवेंद्र बबली ने 17 अगस्त को JJP से इस्तीफा दे दिया था। तभी उनके कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि, उन्होंने कहा था कि इसका फैसला उनकी कमेटी करेगी। देवेंद्र बबली ने कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। वह कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। पिछले दिनों कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के साथ उनकी फोटो सामने आई थी। वह कमरे में समर्थकों के बीच आखिरी लाइन में बैठे हुए थे। सरपंच एसोसिएशन कांग्रेस को दे चुका चेतावनी पंचायत मंत्री रहते देवेंद्र बबली को ई-टेंडरिंग को लेकर सरपंचों का विरोध का सामना करना पड़ा था। कुछ दिन पहले सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सिंह ने कहा था कि बबली कांग्रेस में जाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर कांग्रेस उन्हें टिकट देगी तो सरपंच इसका विरोध करेंगे। BJP-JJP सरकार ने पंचायती राज एक्ट को खत्म किया गया था, इस बात को सरपंच भूले नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में सैलजा को समर्थन दिया था देवेंद्र बबली ने वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में टोहाना विधानसभा से कांग्रेस की टिकट न मिलने के बाद जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस दौरान एक लाख से भी ज्यादा वोट पाकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को करारी शिकस्त दी थी। बाद में जजपा कोटे से उन्हें दिसंबर 2021 में विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया गया। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद देवेंद्र बबली ने जजपा से बिल्कुल दूरी बना ली। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सिरसा से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी सैलजा को समर्थन दिया था। देवेंद्र बबली की JJP से नाराजगी की वजह देवेंद्र बबली 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। तब वह तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर गुट में थे। टिकट की रेस से खुद को बाहर होता देख देवेंद्र बबली JJP में आ गए और विधायक भी बने। विधायक बनने के बाद जब मंत्री नहीं बनाया गया तो वह नाराज हो गए। पार्टी मीटिंग में भी उनकी उपस्थिति कम हो गई। बाद में इन्हें पंचायत मंत्री बनाया गया। हालांकि इसके बाद भी वह दुष्यंत चौटाला से दूरी बनाए रहे। हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) के बागी विधायक और पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली को कांग्रेस ने टिकट देने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा, ‘कल देवेंद्र बबली ने मुलाकात की थी। वह टिकट मांग रहे थे, लेकिन मैंने कहा है कि वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं। इस नाते उन्हें टिकट नहीं मिल सकती। अगर अध्यक्ष (चौधरी उदयभान) कोई फैसला करते हैं तो अलग बात है, लेकिन मेरी तरफ से उनको ना कर दी गई है।’ देवेंद्र बबली ने 17 अगस्त को JJP से इस्तीफा दे दिया था। तभी उनके कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि, उन्होंने कहा था कि इसका फैसला उनकी कमेटी करेगी। देवेंद्र बबली ने कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। वह कांग्रेस से टिकट मांग रहे हैं। पिछले दिनों कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के साथ उनकी फोटो सामने आई थी। वह कमरे में समर्थकों के बीच आखिरी लाइन में बैठे हुए थे। सरपंच एसोसिएशन कांग्रेस को दे चुका चेतावनी पंचायत मंत्री रहते देवेंद्र बबली को ई-टेंडरिंग को लेकर सरपंचों का विरोध का सामना करना पड़ा था। कुछ दिन पहले सरपंच एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सिंह ने कहा था कि बबली कांग्रेस में जाने का प्रयास कर रहे हैं। अगर कांग्रेस उन्हें टिकट देगी तो सरपंच इसका विरोध करेंगे। BJP-JJP सरकार ने पंचायती राज एक्ट को खत्म किया गया था, इस बात को सरपंच भूले नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में सैलजा को समर्थन दिया था देवेंद्र बबली ने वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में टोहाना विधानसभा से कांग्रेस की टिकट न मिलने के बाद जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। उस दौरान एक लाख से भी ज्यादा वोट पाकर उन्होंने तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को करारी शिकस्त दी थी। बाद में जजपा कोटे से उन्हें दिसंबर 2021 में विकास एवं पंचायत मंत्री बनाया गया। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद देवेंद्र बबली ने जजपा से बिल्कुल दूरी बना ली। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सिरसा से कांग्रेस की उम्मीदवार कुमारी सैलजा को समर्थन दिया था। देवेंद्र बबली की JJP से नाराजगी की वजह देवेंद्र बबली 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। तब वह तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर गुट में थे। टिकट की रेस से खुद को बाहर होता देख देवेंद्र बबली JJP में आ गए और विधायक भी बने। विधायक बनने के बाद जब मंत्री नहीं बनाया गया तो वह नाराज हो गए। पार्टी मीटिंग में भी उनकी उपस्थिति कम हो गई। बाद में इन्हें पंचायत मंत्री बनाया गया। हालांकि इसके बाद भी वह दुष्यंत चौटाला से दूरी बनाए रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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अंबाला में व्यक्ति की अश्लील वीडियो बना मांगे 20 लाख:रुपए उधार लेकर बढ़ाई नजदीकी; पत्नी ने सम्मोहित कर बनाए अवैध संबंध हरियाणा के अंबाला जिले में व्यक्ति को ब्लैकमेल करन का मामला सामने आया है। आरोप है कि आरोपी ने पहले उधारी ली और फिर षड्यंत्र के तहत अपनी पत्नी के साथ उसके संबंध बनवाए। यही नहीं, आरोपी ने व्यक्ति की अपनी पत्नी के साथ आपत्तिजनक हालत में वीडियो भी बनाई। इसके बाद ब्लैकमेल करते हुए उससे 20 लाख रुपए की डिमांड की। पुलिस मामले में जांच कर रही है। अंबाला कैंट के लाल कुर्ती निवासी शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कर्ण का युवक सितंबर 2022 में उसके संपर्क में आया। उससे 3 लाख रुपए उधार लिए, जिसके बाद में लिखित भी हुई थी। 27 अक्टूबर 2022 को पैसे दिए हुए 1 साल को गया,लेकिन उसके बाद आरोपी ने पैसे नहीं लौटाए। आए दिन बहाना बनाता रहा। आरोपी ने उसके साथ घरेलु संबंध बना लिए। आरोपी बीच-बीच में मजबूरी जता कर और भी पैसे ले गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी की पत्नी ने काफी मन्नत करने के बाद 6 जुलाई को अपने घर बुलाया। यहां कोल्डड्रिंक दी, जिसमें कोई नशीली दवा दी। आरोप है कि यहां आरोपी की पत्नी ने उसे सम्मोहित करके संबंध बनाए। वह अंजान था कि पैसे हड़पने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है। उसने बताया कि इसके पश्चात 9 जुलाई को आरोपी ने उसे धमकाया कि उसकी पत्नी के साथ संबंध बनाते हुए की वीडियो बनाई है। आरोप है कि उससे 20 लाख रुपए की डिमांड की। न देने पर रेप के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने उससे 5 लाख रुपए हड़पे हुए है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 308 (2), 61 BNS के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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टिकट बंटवारे के बाद बागी हुए नेताओं पर राव इंद्रजीत सिंह ने कहा- कुछ लोगों ने जरूर बागीपन किया है, लेकिन इस तनाव को खत्म करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि टिकट कटने के बाद बागी हुए लोगों को चुनाव लड़ने का अधिकार है, लेकिन पार्टी को सोचना होगा कि उन्हें पार्टी में किसने शामिल करवाया। जब पार्टी को यह संकेत मिल गया था कि टिकट नहीं मिलने पर वे बागी होकर लड़ेंगे, तो यह सोचने वाली बात है। 75 बार के नारे को हंसी में उड़ाया
मीडिया ने राव इंद्रजीत सिंह से पिछली बार की तरह 75 बार के नारे का जिक्र किया, तो उन्होंने इसे हंसी में उड़ा दिया। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि अभी इस पर कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि वे लक्ष्मण सिंह यादव का नामांकन भरवाने के लिए कार्यकर्ता के तौर पर आए हैं। हमारा प्रयास उन्हें यहां से जीताकर भेजने का है। उन्होंने कहा कि चुनाव में अभी काफी समय है। चुनाव ऐसा है कि एक सप्ताह पहले तक किसी को कुछ पता नहीं चलता। कैप्टन अजय यादव भी साधा निशाना
राव इंद्रजीत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव पर भी निशाना साधा। दरअसल, सोमवार को ही हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कैप्टन अजय सिंह यादव के पुत्र चिरंजीव राव का रेवाड़ी सीट से नामांकन दाखिल कराने के लिए पहुंचे थे। जब राव इंद्रजीत सिंह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कैप्टन अजय सिंह यादव को लेकर सवाल किया गया तो राव ने कहा-हुड्डा साहब आज उनके पक्ष में नामांकन कराने आ रहे है। लेकिन कैप्टन अजय सिंह यादव उनके पक्ष में रहेंगे या नहीं रहेंगे ये भविष्य में तय होगा।
अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान
अनिल विज ने खोला CM दावे का राज:बोले- खट्टर-सैनी के टाइम पार्टी में भ्रम फैलाया; हुड्डा को देखकर आज भी छुप जाते हैं किसान हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि वे CM की कुर्सी पर दावेदारी को लेकर अभी भी कायम हैं। हालांकि वे इसे पाने के लिए न कोई रणनीति बनाएंगे और न ही कोई लॉबिंग करेंगे। अंबाला कैंट से BJP उम्मीदवार अनिल विज ने कहा कि वह किसी से मुकाबला नहीं मानते। उनके सामने असली-नकली कांग्रेस आपस में लड़ रही है। भूपेंद्र हुड्डा पर विज ने कहा कि उन्होंने किसानों की जमीन बिल्डर माफिया को बेची, जिसे किसान आज तक भूले नहीं हैं। शंभू बॉर्डर पर विज ने कहा कि किसान पंजाब की तरफ बैठे हैं, पंजाब सरकार को सोचना चाहिए। वे भी इस पक्ष में नहीं हैं कि किसान हरियाणा में आकर बैठ जाएं। हरियाणा विधानसभा के लिए 90 सीटों पर चुनाव के प्रचार के बीच दैनिक भास्कर ने अनिल विज से विस्तृत बातचीत की। उसके प्रमुख अंश पढ़ें… सवाल: आप 6 बार विधायक रह चुके हैं, इस बार चुनाव प्रचार कैसे चल रहा है?
अनिल विज: मैंने 6 हारे चुनाव जीते हैं। अभी तक के चुनावों में सबसे अधिक माहौल इस चुनाव में लग रहा है। सवाल: विपक्षी कह रहे हैं कि आपकी सीट फंसी हुई है। कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा से कितनी टफ फाइट मानते हैं?
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अनिल विज: देखिए, 10 साल पहले जब कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा का यहां राज रहा है, उसकी एंटी इनकंबेंसी अधिक है। जिस प्रकार से उन्होंने नौकरियां बेची, तबादले बेचे। आज भी उनके प्रत्याशी सरेआम मंचों से कह रहे है। कांग्रेस ने कानून का दुरुपयोग कर किसानों की जमीनें बिल्डर माफिया के हाथों बेच दीं। किसान आज भी भूपेंद्र हुड्डा का नाम सुनकर छिप जाता है। किसान को कांग्रेस ने इतना डराया हुआ है। वह केस भी अभी चल रहे हैं। एक केस में अभी 384 करोड़ रुपए की जायदाद भी अटैच हुई है। भाजपा ने अपने कार्यकाल में ऑनलाइन तबादले किए हैं। मेरिट के बेस पर नौकरियां दी गई हैं। सवाल: खट्टर और नायब सैनी जब CM बने तो आपने कुछ नहीं कहा। अब अचानक CM पद का दावा ठोक दिया। ऐसी स्थिति क्यों आई?
अनिल विज: खुद को सीएम चेहरा बताने की एक वजह है। वैसे तो मैने आज तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा। सारे विश्व में एक भी आदमी ये साबित भी नहीं कर सकता। जब ये मुख्यमंत्री बदले गए तो प्रदेश में एक आवाज उठी कि अनिल विज सीनियर है तो अनिल विज क्यों नहीं। तो उनको लोगों ने जवाब दिया कि अनिल विज तो मानता नहीं। वह बनना नहीं चाहता। मैंने केवल उस बात का जवाब दिया। वहम था लोगों को वो दूर किया। मैंने मांगा नहीं, यदि पार्टी बनाएगी तो मैं स्वीकार करूंगा। वहम था लोगों को वो दूर किया। सवाल: संगठन ने तो आपकी सीएम दावेदारी को नकार दिया। अब दावे को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाएंगे या पीछे हट जाएंगे?
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2. सैलजा बोलीं- CM का फैसला कांग्रेस हाईकमान करेगा:पार्टी में हुड्डा की चलने जैसी कोई बात नहीं; BJP में तो मुख्यमंत्री-अध्यक्ष के ही सुर अलग-अलग 3. दुष्यंत चौटाला बोले-BJP का प्रोपेगैंडा सफल नहीं होगा:हमारा विरोध वो लोग कर रहे, जिनके लिए हम चैलेंज हैं; हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा होगी 4. किरण चौधरी बोलीं- भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा सेटिंग करने वाले नेता:बापू-बेटे पर लटक रही तलवार; सैलजा के अपमान से दुख हो रहा, BJP में सुकून मिला