हरियाणा के पानीपत में हनीट्रैप मामले में करनाल के सरपंच से साढ़े तीन लाख रुपए लेते पकड़ी गई महिला के मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। पहले दिन से ही महिला चीख-चीख कर कह रही थी कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है, आखिरकार पुलिस को उसकी बात पर यकीन करना पड़ा। मेडिकल जांच में भी महिला के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। जिसके बाद पानीपत पुलिस ने महिला से शिकायत ले ली। शिकायत के आधार पर पुलिस ने करनाल के घरौंडा के एक गांव के सरपंच समेत उसके मामा और उसके दोस्त के खिलाफ गैंगरेप समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पानीपत पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर गुरुग्राम पुलिस को भेज दी है। गैंगरेप मामले में फंसी सरपंच की अगले महीने जनवरी 2025 में शादी है। वहीं, दो दिन से पानीपत सिविल अस्पताल में इलाज करा रही आरोपी महिला को शनिवार शाम वापस जेल ले जाया गया। दरअसल, जेल में महिला की तबीयत खराब हो गई थी। उसे दौरा पड़ा था, जिससे वह बेहोश हो गई थी। जेल में प्राथमिक उपचार से जब वह ठीक नहीं हुई तो उसे सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसने डॉक्टरों को गैंगरेप होने, पुलिस द्वारा उसकी बात न सुनने और हनीट्रैप मामले में फंसाने की बात बताई। इसके बाद अगली प्रक्रिया शुरू हुई। FIR में तीन मुख्य बिंदु पहला… सरपंच पार्टी के नाम पर ले गया था साथ
जानकारी के मुताबिक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि मेरे साथ 3 लोगों ने गैंगरेप किया है। वह इसकी शिकायत लिखवाने मॉडल टाउन थाने में गई थी, लेकिन वहां उसकी शिकायत लिखने से मना कर दिया। पुलिस ने कहा था कि जहां रेप हुआ है, वहीं के थाने में जाकर शिकायत दो। महिला ने बताया कि मेरे साथ घरौंडा के एक गांव के सरपंच, उसके मामा व उसके दोस्त ने रेप किया है। 21 दिसंबर को उसके पास सरपंच का फोन आया। जिसने कहा कि उसे गुरुग्राम पार्टी में जाना है। मैंने हामी भरी और उनके साथ चली गई। गुरुग्राम के ए-वन नाम के होटल में उसे ले जाया गया था। जहां उसके साथ तीनों ने रेप किया। दूसरा… पुलिस ने लेन-देन के कागजों पर जबरदस्ती साइन करने को कहा
पानीपत पुलिस को सरपंच ने ही हनीट्रैप केस में फंसाने को कहा था। जिसके बाद पुलिस ने मुझे घर से दरखास्त के नाम से थाने ले जाने के लिए उठाया था। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक मुझे बाहर गाड़ी में बैठाए रखा। पुलिस ने मुझे पैसे के लेन-देन से संबंधित कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा था। मैंने साइन नहीं किए। अगली सुबह पुलिस वाले मेरे कमरे में आए। मेरे सामने पैसे रख कर कहा कि इन पैसों को उठा। मैंने मना कर दिया, तो पुलिस ने मेरे साथ जबरदस्ती की। मुझसे जबरन पैसे उठवाए गए। इसके बाद मुझ पर पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया और झूठे केस में जेल डलवा दिया। तीसरा… सरपंच और पुलिस ने मिलकर फंसाया, सारे सबूत है
महिला का कहना है कि ये पैसे सरपंच ने ही पुलिस वालों को दिए थे। पैसों के लेन-देन के पेपर पर साइन न करने पर सीआईए स्टॉफ में रिमांड लेने की भी धमकी दी गई थी। मुझे पुलिस वालों ने और सरपंच ने मिलकर झूठे केस में फंसाया है। पुलिस ने ही जबरदस्ती मेरे कमरे में पैसे रख कर उठवाए है। मेरे फोन में सारे सबूत है। मुझे इंसाफ चाहिए। महिला को केस दर्ज करवाने के लिए करनी पड़ी मशक्कत पहले मीडिया से कहा- पुलिस ने मेरे साथ गलत किया है
हनीट्रैप मामले में पुराना औद्योगिक थाना SHO इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस दौरान महिला को भी लाया गया था। यहां महिला ने मीडिया कर्मियों को देखा, तो उसने चीखना शुरू कर दिया। उसने कहा कि उसके साथ गलत हुआ है, पुलिस उसे फंसा रही है। उसके साथ गैंग रेप हुआ है, लेकिन पुलिस ने जबरदस्ती उसके कमरे में पैसे रखकर उसे फंसा दिया है। महिला ने चीखते हुए ये भी कहा था कि पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न उसका मेडिकल करवा रही है। जिस अजय नाम के युवक को उसका दलाल बता कर गिरफ्तार किया है, वह उसे जानती तक नहीं है। फिर जेल में कहा- पुलिस ने मुझे नाजायज फंसाया
पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश कर सिवाह स्थित जिला जेल में भेज दिया था। यहां भी महिला ने जेल के अधिकारियों को कहा कि उसे पुलिस ने नाजायज फंसाया है। उसने कुछ नहीं किया है। करीब दो दिन बाद महिला की जेल में तबीयत बिगड़ने लगी। 27 दिसंबर को दौरा पड़ने के बाद वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसे डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। अस्पताल में डॉक्टरों को कहा- मेरे साथ गैंगरेप हुआ है
सिविल अस्पताल पहुंचने के बाद महिला ने यहां डॉक्टरों को कहा कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। लेकिन पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न ही उसका मेडिकल करवा रही है। इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस से बात की। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी इस बारे में बताया। हालांकि पुलिस ने फिर मेडिकल करवाने से मना कर दिया था। लेकिन महिला रोती रही और आपबीती बताती रही। 28 दिसंबर शनिवार को पुलिस को महिला की माननी ही पड़ी और उसके बयान लेकर केस दर्ज किया गया। इसके बाद महिला की अस्पताल से छुट्टी हुई और उसे जेल वापस ले जाया गया। हरियाणा के पानीपत में हनीट्रैप मामले में करनाल के सरपंच से साढ़े तीन लाख रुपए लेते पकड़ी गई महिला के मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। पहले दिन से ही महिला चीख-चीख कर कह रही थी कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है, आखिरकार पुलिस को उसकी बात पर यकीन करना पड़ा। मेडिकल जांच में भी महिला के साथ रेप की पुष्टि हो गई है। जिसके बाद पानीपत पुलिस ने महिला से शिकायत ले ली। शिकायत के आधार पर पुलिस ने करनाल के घरौंडा के एक गांव के सरपंच समेत उसके मामा और उसके दोस्त के खिलाफ गैंगरेप समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पानीपत पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर गुरुग्राम पुलिस को भेज दी है। गैंगरेप मामले में फंसी सरपंच की अगले महीने जनवरी 2025 में शादी है। वहीं, दो दिन से पानीपत सिविल अस्पताल में इलाज करा रही आरोपी महिला को शनिवार शाम वापस जेल ले जाया गया। दरअसल, जेल में महिला की तबीयत खराब हो गई थी। उसे दौरा पड़ा था, जिससे वह बेहोश हो गई थी। जेल में प्राथमिक उपचार से जब वह ठीक नहीं हुई तो उसे सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसने डॉक्टरों को गैंगरेप होने, पुलिस द्वारा उसकी बात न सुनने और हनीट्रैप मामले में फंसाने की बात बताई। इसके बाद अगली प्रक्रिया शुरू हुई। FIR में तीन मुख्य बिंदु पहला… सरपंच पार्टी के नाम पर ले गया था साथ
जानकारी के मुताबिक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि मेरे साथ 3 लोगों ने गैंगरेप किया है। वह इसकी शिकायत लिखवाने मॉडल टाउन थाने में गई थी, लेकिन वहां उसकी शिकायत लिखने से मना कर दिया। पुलिस ने कहा था कि जहां रेप हुआ है, वहीं के थाने में जाकर शिकायत दो। महिला ने बताया कि मेरे साथ घरौंडा के एक गांव के सरपंच, उसके मामा व उसके दोस्त ने रेप किया है। 21 दिसंबर को उसके पास सरपंच का फोन आया। जिसने कहा कि उसे गुरुग्राम पार्टी में जाना है। मैंने हामी भरी और उनके साथ चली गई। गुरुग्राम के ए-वन नाम के होटल में उसे ले जाया गया था। जहां उसके साथ तीनों ने रेप किया। दूसरा… पुलिस ने लेन-देन के कागजों पर जबरदस्ती साइन करने को कहा
पानीपत पुलिस को सरपंच ने ही हनीट्रैप केस में फंसाने को कहा था। जिसके बाद पुलिस ने मुझे घर से दरखास्त के नाम से थाने ले जाने के लिए उठाया था। रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक मुझे बाहर गाड़ी में बैठाए रखा। पुलिस ने मुझे पैसे के लेन-देन से संबंधित कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा था। मैंने साइन नहीं किए। अगली सुबह पुलिस वाले मेरे कमरे में आए। मेरे सामने पैसे रख कर कहा कि इन पैसों को उठा। मैंने मना कर दिया, तो पुलिस ने मेरे साथ जबरदस्ती की। मुझसे जबरन पैसे उठवाए गए। इसके बाद मुझ पर पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया और झूठे केस में जेल डलवा दिया। तीसरा… सरपंच और पुलिस ने मिलकर फंसाया, सारे सबूत है
महिला का कहना है कि ये पैसे सरपंच ने ही पुलिस वालों को दिए थे। पैसों के लेन-देन के पेपर पर साइन न करने पर सीआईए स्टॉफ में रिमांड लेने की भी धमकी दी गई थी। मुझे पुलिस वालों ने और सरपंच ने मिलकर झूठे केस में फंसाया है। पुलिस ने ही जबरदस्ती मेरे कमरे में पैसे रख कर उठवाए है। मेरे फोन में सारे सबूत है। मुझे इंसाफ चाहिए। महिला को केस दर्ज करवाने के लिए करनी पड़ी मशक्कत पहले मीडिया से कहा- पुलिस ने मेरे साथ गलत किया है
हनीट्रैप मामले में पुराना औद्योगिक थाना SHO इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उस दौरान महिला को भी लाया गया था। यहां महिला ने मीडिया कर्मियों को देखा, तो उसने चीखना शुरू कर दिया। उसने कहा कि उसके साथ गलत हुआ है, पुलिस उसे फंसा रही है। उसके साथ गैंग रेप हुआ है, लेकिन पुलिस ने जबरदस्ती उसके कमरे में पैसे रखकर उसे फंसा दिया है। महिला ने चीखते हुए ये भी कहा था कि पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न उसका मेडिकल करवा रही है। जिस अजय नाम के युवक को उसका दलाल बता कर गिरफ्तार किया है, वह उसे जानती तक नहीं है। फिर जेल में कहा- पुलिस ने मुझे नाजायज फंसाया
पुलिस ने महिला को कोर्ट में पेश कर सिवाह स्थित जिला जेल में भेज दिया था। यहां भी महिला ने जेल के अधिकारियों को कहा कि उसे पुलिस ने नाजायज फंसाया है। उसने कुछ नहीं किया है। करीब दो दिन बाद महिला की जेल में तबीयत बिगड़ने लगी। 27 दिसंबर को दौरा पड़ने के बाद वह बेहोश हो गई। इसके बाद उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। जहां उसे डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया। अस्पताल में डॉक्टरों को कहा- मेरे साथ गैंगरेप हुआ है
सिविल अस्पताल पहुंचने के बाद महिला ने यहां डॉक्टरों को कहा कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। लेकिन पुलिस न ही उसकी शिकायत ले रही और न ही उसका मेडिकल करवा रही है। इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस से बात की। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी इस बारे में बताया। हालांकि पुलिस ने फिर मेडिकल करवाने से मना कर दिया था। लेकिन महिला रोती रही और आपबीती बताती रही। 28 दिसंबर शनिवार को पुलिस को महिला की माननी ही पड़ी और उसके बयान लेकर केस दर्ज किया गया। इसके बाद महिला की अस्पताल से छुट्टी हुई और उसे जेल वापस ले जाया गया। हरियाणा | दैनिक भास्कर