हरियाणा में लोकसभा चुनाव में जाट-SC वोट बैंक के गठजोड़ ने BJP में खलबली मचा दी है। इसी वजह से BJP न केवल अंबाला और सिरसा की रिजर्व लोकसभा सीट हार गई बल्कि राव इंद्रजीत जैसे दिग्गज भी कड़े मुकाबले में फंस गए। चुनाव निपटने के बाद BJP ने समीक्षा की तो इंटरनल रिपोर्ट में सामने आया कि जाट पहले भाजपा के खिलाफ थे। कांग्रेस के BJP पर पूर्ण बहुमत मिलने के बाद संविधान बदलने की तैयारी के आरोप से SC वोटर भी जाटों के साथ जुड़ गए। यही वजह है कि चुनाव निपटते ही CM नायब सैनी ने तुरंत गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट दिलाने शुरू कर दिए। वहीं अब दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर भी किसी SC चेहरे को उतारा जा सकता है। 5 लोकसभा सीट हार गई भाजपा
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 5 ही लोकसभा सीटों पर जीत मिली। 5 पर भाजपा के उम्मीदवार हार गए। किसान आंदोलन और गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से जाट कम्युनिटी पहले ही भाजपा से दूर है। जिसका असर रोहतक जैसी सीट पर देखने को मिला। जहां दीपेंद्र हुड्डा 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीते। सोनीपत में भी कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी जाटों के एकतरफा होने से जीत गए। अंबाला की रिजर्व सीट पर सांसद रतन लाल कटारिया के निधन के बाद बंतो कटारिया को उतारने का भावनात्मक कार्ड भी नहीं चला। सिरसा में मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल को हटा अशोक तंवर को लाने का दांव भी फेल हो गया। भाजपा सिर्फ करनाल और फरीदाबाद सीट ही कंफर्टेबल तरीके से जीत सकी। गुरुग्राम, भिवानी-महेंद्रगढ़ और कुरूक्षेत्र में BJP कड़े मुकाबले में फंसी रही। गुरुग्राम में जहां राव इंद्रजीत का निजी रसूख काम आया। वहीं कुरूक्षेत्र में भाजपा के नवीन जिंदल को I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत AAP कैंडिडेट से फायदा हुआ। आप के सुशील गुप्ता को कांग्रेस का समर्थन था लेकिन चुनाव निशान कांग्रेस का पंजा नहीं बल्कि आप का झाड़ू था। भिवानी-महेंद्रगढ़ में भाजपा ने जाट उम्मीदवार चौधरी धर्मवीर को उतारा था। इसलिए वे यहां एक हद तक जाटों के भाजपा का एकतरफा विरोध को थामने में कामयाब रहे। जिसकी वजह से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। SC वोटर BJP से नाराज, इसके 2 संकेत समझिए 1. राव इंद्रजीत ने कहा- एक समुदाय हमसे नाराज हुआ
राव इंद्रजीत गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस के सेलिब्रिटी कैंडिडेट राज बब्बर से कड़े मुकाबले में फंसे। शुरुआत में तो राज बब्बर लगातार लीड ले रहे थे। हालांकि राव ने अपनी सीट बचा ली और छठी बार सांसद बन गए। इसके बाद उन्होंने समर्थकों के बीच जीत को लेकर कई बातें कहीं। इसी में उन्होंने कहा कि सिर्फ एक समुदाय के चलते उन्हें ही नहीं बल्कि भाजपा को हर जगह नुकसान हुआ। इस दौरान उन्होंने एक SC नेता को पुकारते हुए इशारा भी किया कि उनका मतलब नूंह का मुस्लिम समुदाय नहीं बल्कि एससी समुदाय है। 2. CM ने अलॉट प्लाटों के कब्जे देने शुरू किए
राज्य में सरकार ने गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट देने की स्कीम बनाई थी। इन परिवारों को प्लाट अलॉट भी हो गए। हालांकि कब्जे नहीं दिए। लोकसभा चुनाव में झटका लगा तो सोनीपत में विशेष कार्यक्रम किया गया। जिसमें CM नायब सैनी ने प्लाटों के कब्जे-कागजात देने शुरू किए। खास बात यह है कि इन प्लाटों के लाभार्थियों में सबसे बड़ा तबका SC वर्ग है। इसी वजह से न केवल इस काम को तेजी से किया गया बल्कि सीएम खुद इसे लीड कर रहे हैं। SC से सरकार में एक ही मंत्री, एक राज्यसभा सांसद
मौजूदा वक्त में भाजपा के 4 राज्यसभा सांसद हैं। इनमें जाट चेहरे के तौर पर सुभाष बराला, जांगिड़ समाज से रामचंद्र जांगिड़, ब्राह्मण चेहरे के तौर पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया है। वहीं चौथे सांसद कृष्णलाल पंवार एससी चेहरा हैं। वहीं सरकार में सिर्फ लोक निर्माण मंत्री डॉ. बनवारी लाल ही एससी समुदाय से हैं। ऐसे में एक और एससी चेहरे को राज्यसभा भेजकर भाजपा उन्हें फिर से अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकती है। भाजपा की टेंशन, 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव में तो भाजपा 2019 की 10 सीटों के मुकाबले हाफ यानी 5 सीटों पर आ गई। मगर, असली टेंशन 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव को विधानसभा सीटों पर जीत के लिहाज से देखें तो भाजपा सिर्फ 44 पर जीत पाई। बाकी 46 सीटों पर कांग्रेस आगे रही। ऐसे में अगर जाट वोटर्स के बाद एससी वोटरों की भी नाराजगी जारी रही तो फिर विधानसभा में तीसरी बार लगातार सत्ता नहीं मिल पाएगी। इसी वजह से भाजपा ने जहां मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर को केंद्र में मंत्री बना लोगों को खुश करने की कोशिश की है, वहीं अब राज्यसभा सांसद के जरिए भाजपा एससी वोटरों को रिझा सकती है। ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली:रोहतक लोकसभा से जीत चुके दीपेंद्र हुड्डा; उपचुनाव में BJP सरकार का बहुमत का भी टेस्ट होगा हरियाणा की 5 में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। यह सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के पास थी। दीपेंद्र ने हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीत लिया। जिसके बाद उनकी राज्यसभा सीट को खाली करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा में लोकसभा चुनाव में जाट-SC वोट बैंक के गठजोड़ ने BJP में खलबली मचा दी है। इसी वजह से BJP न केवल अंबाला और सिरसा की रिजर्व लोकसभा सीट हार गई बल्कि राव इंद्रजीत जैसे दिग्गज भी कड़े मुकाबले में फंस गए। चुनाव निपटने के बाद BJP ने समीक्षा की तो इंटरनल रिपोर्ट में सामने आया कि जाट पहले भाजपा के खिलाफ थे। कांग्रेस के BJP पर पूर्ण बहुमत मिलने के बाद संविधान बदलने की तैयारी के आरोप से SC वोटर भी जाटों के साथ जुड़ गए। यही वजह है कि चुनाव निपटते ही CM नायब सैनी ने तुरंत गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट दिलाने शुरू कर दिए। वहीं अब दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर भी किसी SC चेहरे को उतारा जा सकता है। 5 लोकसभा सीट हार गई भाजपा
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 5 ही लोकसभा सीटों पर जीत मिली। 5 पर भाजपा के उम्मीदवार हार गए। किसान आंदोलन और गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से जाट कम्युनिटी पहले ही भाजपा से दूर है। जिसका असर रोहतक जैसी सीट पर देखने को मिला। जहां दीपेंद्र हुड्डा 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीते। सोनीपत में भी कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी जाटों के एकतरफा होने से जीत गए। अंबाला की रिजर्व सीट पर सांसद रतन लाल कटारिया के निधन के बाद बंतो कटारिया को उतारने का भावनात्मक कार्ड भी नहीं चला। सिरसा में मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल को हटा अशोक तंवर को लाने का दांव भी फेल हो गया। भाजपा सिर्फ करनाल और फरीदाबाद सीट ही कंफर्टेबल तरीके से जीत सकी। गुरुग्राम, भिवानी-महेंद्रगढ़ और कुरूक्षेत्र में BJP कड़े मुकाबले में फंसी रही। गुरुग्राम में जहां राव इंद्रजीत का निजी रसूख काम आया। वहीं कुरूक्षेत्र में भाजपा के नवीन जिंदल को I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत AAP कैंडिडेट से फायदा हुआ। आप के सुशील गुप्ता को कांग्रेस का समर्थन था लेकिन चुनाव निशान कांग्रेस का पंजा नहीं बल्कि आप का झाड़ू था। भिवानी-महेंद्रगढ़ में भाजपा ने जाट उम्मीदवार चौधरी धर्मवीर को उतारा था। इसलिए वे यहां एक हद तक जाटों के भाजपा का एकतरफा विरोध को थामने में कामयाब रहे। जिसकी वजह से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। SC वोटर BJP से नाराज, इसके 2 संकेत समझिए 1. राव इंद्रजीत ने कहा- एक समुदाय हमसे नाराज हुआ
राव इंद्रजीत गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस के सेलिब्रिटी कैंडिडेट राज बब्बर से कड़े मुकाबले में फंसे। शुरुआत में तो राज बब्बर लगातार लीड ले रहे थे। हालांकि राव ने अपनी सीट बचा ली और छठी बार सांसद बन गए। इसके बाद उन्होंने समर्थकों के बीच जीत को लेकर कई बातें कहीं। इसी में उन्होंने कहा कि सिर्फ एक समुदाय के चलते उन्हें ही नहीं बल्कि भाजपा को हर जगह नुकसान हुआ। इस दौरान उन्होंने एक SC नेता को पुकारते हुए इशारा भी किया कि उनका मतलब नूंह का मुस्लिम समुदाय नहीं बल्कि एससी समुदाय है। 2. CM ने अलॉट प्लाटों के कब्जे देने शुरू किए
राज्य में सरकार ने गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट देने की स्कीम बनाई थी। इन परिवारों को प्लाट अलॉट भी हो गए। हालांकि कब्जे नहीं दिए। लोकसभा चुनाव में झटका लगा तो सोनीपत में विशेष कार्यक्रम किया गया। जिसमें CM नायब सैनी ने प्लाटों के कब्जे-कागजात देने शुरू किए। खास बात यह है कि इन प्लाटों के लाभार्थियों में सबसे बड़ा तबका SC वर्ग है। इसी वजह से न केवल इस काम को तेजी से किया गया बल्कि सीएम खुद इसे लीड कर रहे हैं। SC से सरकार में एक ही मंत्री, एक राज्यसभा सांसद
मौजूदा वक्त में भाजपा के 4 राज्यसभा सांसद हैं। इनमें जाट चेहरे के तौर पर सुभाष बराला, जांगिड़ समाज से रामचंद्र जांगिड़, ब्राह्मण चेहरे के तौर पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया है। वहीं चौथे सांसद कृष्णलाल पंवार एससी चेहरा हैं। वहीं सरकार में सिर्फ लोक निर्माण मंत्री डॉ. बनवारी लाल ही एससी समुदाय से हैं। ऐसे में एक और एससी चेहरे को राज्यसभा भेजकर भाजपा उन्हें फिर से अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकती है। भाजपा की टेंशन, 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव में तो भाजपा 2019 की 10 सीटों के मुकाबले हाफ यानी 5 सीटों पर आ गई। मगर, असली टेंशन 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव को विधानसभा सीटों पर जीत के लिहाज से देखें तो भाजपा सिर्फ 44 पर जीत पाई। बाकी 46 सीटों पर कांग्रेस आगे रही। ऐसे में अगर जाट वोटर्स के बाद एससी वोटरों की भी नाराजगी जारी रही तो फिर विधानसभा में तीसरी बार लगातार सत्ता नहीं मिल पाएगी। इसी वजह से भाजपा ने जहां मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर को केंद्र में मंत्री बना लोगों को खुश करने की कोशिश की है, वहीं अब राज्यसभा सांसद के जरिए भाजपा एससी वोटरों को रिझा सकती है। ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली:रोहतक लोकसभा से जीत चुके दीपेंद्र हुड्डा; उपचुनाव में BJP सरकार का बहुमत का भी टेस्ट होगा हरियाणा की 5 में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। यह सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के पास थी। दीपेंद्र ने हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीत लिया। जिसके बाद उनकी राज्यसभा सीट को खाली करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा | दैनिक भास्कर