हरियाणा के फतेहाबाद में एक स्कॉर्पियो का मालिक 6 साल से अपनी ही गाड़ी के नंबर को लेकर परेशान है। उसका कहना है कि SDM ऑफिस से उसकी स्कॉर्पियो की NOC की कॉपी निकालकर फर्जी तरीके से उसकी गाड़ी का ही नंबर किसी अन्य गाड़ी को आवंटित कर दिया गया है। इस वजह से वह आजादी से अपनी गाड़ी भी नहीं चला पा रहा। पीड़ित का कहना है कि 2021 में इस मामले की जांच CM फ्लाइंग ने की थी। इसके बाद भी आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई। बाद में मामला मंत्री श्रुति चौधरी के सामने भी रखा गया, लेकिन अब तक इसमें कुछ नहीं हुआ है। अब मालिक ने स्कॉर्पियो SDM राजेश कुमार के हवाले कर आर्थिक और मानसिक रूप से हो रहे नुकसान के मुआवजे की मांग की है। हालांकि, बाद में गाड़ी मालिक से SDM ने मुलाकात की। SDM ने गाड़ी मालिक को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपी पूर्व क्लर्क की गिरफ्तारी होगी। इसके बाद गाड़ी मालिक स्कॉर्पियो अपने साथ ले गया। स्कॉर्पियो के मालिक ने पूरी कहानी बताई… 2015 में खरीदी थी नई स्कॉर्पियो
भट्टू क्षेत्र के गांव किरढ़ान के रहने वाले देवेंद्र कुमार ने बताया है कि साल 2015 में उसने नई स्कॉर्पियो खरीदी थी। उसका फर्स्ट पार्टी ऑनर वह खुद है। गाड़ी के सारे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट उसके ही पास हैं। उसे 2016 में गाड़ी का नंबर आवंटित किया गया। डॉक्यूमेंट चोरी का गिरोह पकड़ा तो खुलासा हुआ
देवेंद्र ने बताया- इस नंबर के साथ मैंने 3 साल तक गाड़ी चलाई। इसके बाद साल 2019 में मुरथल में पुलिस ने गाड़ियों के डॉक्यूमेंट चोरी का एक गिरोह पकड़ा। उसमें ही मेरी गाड़ी के डॉक्यूमेंट मिले। जब SDM कार्यालय में मामला आया तो वेरिफिकेशन के लिए मुझे बुलाया गया। तब मुझे पता चला कि मेरी गाड़ी का नंबर कहीं और भी चल रहा है। हालांकि, तब पुलिस ने मेरे दिखाए डॉक्यूमेंट सही माने थे। अफसरों की मिलीभगत से NOC निकाली गई
जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि SDM ऑफिस से अफसरों की मिलीभगत से NOC निकाली गई और फर्जी तरीके से उस पर दूसरी गाड़ी के लिए नंबर जारी किया गया। 2021 में FIR दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच CM फ्लाइंग ने की थी। तत्कालीन SDM और क्लर्क रिटायर हो चुके
देवेंद्र का कहना है कि उस समय SDM ऑफिस में क्लर्क ओपी सिहाग था, जबकि SDM सुरजीत सिंह नैन थे। इस समय ये दोनों रिटायर हो चुके हैं। 5 साल तक यह मामला दबा रहा। दिसंबर 2024 में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने आई कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी के सामने यह मामला रखा गया। उस समय मंत्री ने पूर्व क्लर्क ओपी सिहाग के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश DC और SDM को दिए। इसके बाद सिटी थाने में इसे लेकर मामला दर्ज किया गया। हालांकि, पुलिस ने इसकी जांच इकोनॉमिक सेल को सौंप दी। अब वही इसकी जांच कर रही है। SDM बोले- मुझसे पहले का मामला
इस मामले में मौजूदा SDM राजेश कुमार का कहना है कि यह उनके कार्यकाल से पहले का मामला है। हमारे ऑफिस में कोई केस पेंडिंग नहीं है। अब मामले की जांच पुलिस कर रही है। पुलिस अगर कोई डॉक्यूमेंट हमसे मांगेगी तो दे देंगे। हरियाणा के फतेहाबाद में एक स्कॉर्पियो का मालिक 6 साल से अपनी ही गाड़ी के नंबर को लेकर परेशान है। उसका कहना है कि SDM ऑफिस से उसकी स्कॉर्पियो की NOC की कॉपी निकालकर फर्जी तरीके से उसकी गाड़ी का ही नंबर किसी अन्य गाड़ी को आवंटित कर दिया गया है। इस वजह से वह आजादी से अपनी गाड़ी भी नहीं चला पा रहा। पीड़ित का कहना है कि 2021 में इस मामले की जांच CM फ्लाइंग ने की थी। इसके बाद भी आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई। बाद में मामला मंत्री श्रुति चौधरी के सामने भी रखा गया, लेकिन अब तक इसमें कुछ नहीं हुआ है। अब मालिक ने स्कॉर्पियो SDM राजेश कुमार के हवाले कर आर्थिक और मानसिक रूप से हो रहे नुकसान के मुआवजे की मांग की है। हालांकि, बाद में गाड़ी मालिक से SDM ने मुलाकात की। SDM ने गाड़ी मालिक को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही आरोपी पूर्व क्लर्क की गिरफ्तारी होगी। इसके बाद गाड़ी मालिक स्कॉर्पियो अपने साथ ले गया। स्कॉर्पियो के मालिक ने पूरी कहानी बताई… 2015 में खरीदी थी नई स्कॉर्पियो
भट्टू क्षेत्र के गांव किरढ़ान के रहने वाले देवेंद्र कुमार ने बताया है कि साल 2015 में उसने नई स्कॉर्पियो खरीदी थी। उसका फर्स्ट पार्टी ऑनर वह खुद है। गाड़ी के सारे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट उसके ही पास हैं। उसे 2016 में गाड़ी का नंबर आवंटित किया गया। डॉक्यूमेंट चोरी का गिरोह पकड़ा तो खुलासा हुआ
देवेंद्र ने बताया- इस नंबर के साथ मैंने 3 साल तक गाड़ी चलाई। इसके बाद साल 2019 में मुरथल में पुलिस ने गाड़ियों के डॉक्यूमेंट चोरी का एक गिरोह पकड़ा। उसमें ही मेरी गाड़ी के डॉक्यूमेंट मिले। जब SDM कार्यालय में मामला आया तो वेरिफिकेशन के लिए मुझे बुलाया गया। तब मुझे पता चला कि मेरी गाड़ी का नंबर कहीं और भी चल रहा है। हालांकि, तब पुलिस ने मेरे दिखाए डॉक्यूमेंट सही माने थे। अफसरों की मिलीभगत से NOC निकाली गई
जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि SDM ऑफिस से अफसरों की मिलीभगत से NOC निकाली गई और फर्जी तरीके से उस पर दूसरी गाड़ी के लिए नंबर जारी किया गया। 2021 में FIR दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच CM फ्लाइंग ने की थी। तत्कालीन SDM और क्लर्क रिटायर हो चुके
देवेंद्र का कहना है कि उस समय SDM ऑफिस में क्लर्क ओपी सिहाग था, जबकि SDM सुरजीत सिंह नैन थे। इस समय ये दोनों रिटायर हो चुके हैं। 5 साल तक यह मामला दबा रहा। दिसंबर 2024 में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने आई कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी के सामने यह मामला रखा गया। उस समय मंत्री ने पूर्व क्लर्क ओपी सिहाग के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश DC और SDM को दिए। इसके बाद सिटी थाने में इसे लेकर मामला दर्ज किया गया। हालांकि, पुलिस ने इसकी जांच इकोनॉमिक सेल को सौंप दी। अब वही इसकी जांच कर रही है। SDM बोले- मुझसे पहले का मामला
इस मामले में मौजूदा SDM राजेश कुमार का कहना है कि यह उनके कार्यकाल से पहले का मामला है। हमारे ऑफिस में कोई केस पेंडिंग नहीं है। अब मामले की जांच पुलिस कर रही है। पुलिस अगर कोई डॉक्यूमेंट हमसे मांगेगी तो दे देंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
