हरियाणा में एक ओर जहां जल संकट का इन दिनों सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर पब्लिक हेल्थ के कर्मचारियों की लापरवाही से लाखों लीटर पानी सड़कों पर बेकार बह गया। दरअसल, शहर में 75 प्रतिशत तक पानी सप्लाई करने वाले स्काडा जलघर में सोमवार रात दारू पार्टी चल रही थी। इस शराब के नशे में यहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने जलघर के पानी के कनेक्शन खोल दिए। इसके कारण यहां पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह गया। पानी कई किलोमीटर दूर मेला ग्राउंड सेक्टर और एयरपोर्ट के नजदीक तक पहुंच गया। सुबह सैर करने जब लोग निकले तो देखा कि एक तरफ तो शहर में पानी का संकट है घरों में पानी आ नहीं रहा दूसरी तरफ सड़क पर पानी बह रहा है। इसके बाद लोग पानी को देखते हुए स्काडा जलघर तक पहुंच गए। जलघर में जैसे ही लोग गए तो वह हैरान हो गए। जलघर में एक मेज और 7 कुर्सियां लगी हुई थी। मेज पर शराब और बीयर की बोतलें पड़ी थी और खाने-पीने का सामान रखा हुआ था। रातभर कर्मचारियों ने पार्टी की, पानी खोला
स्काडा जलघर करीब 50 एकड़ में बना हुआ जलघर है। यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी है। यहां रात को कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। रात को कर्मचारियों ने यहां दारू पार्टी की और शराब के नशे में पानी का कनेक्शन खोल दिया। दारू पार्टी के बाद कर्मचारी सो गए और रातभर पानी सड़कों पर बहता रहा। शहर में जलसंकट के बीच लाखों लीटर पानी सड़कों पर बह गया। यह जलघर पब्लिक हेल्थ की निगरानी में आता है। स्काडा जलघर 6 दिन की आपूर्ति के लिए 30 प्रतिशत तक भरा हुआ था। यहां से एक लाख घरों में पानी की आपूर्ति होती है। आधे से ज्यादा शहर को यहीं से सप्लाई
2016 में 80 करोड़ की लागत से बने स्काडा जलघर से आधे से ज्यादा शहर को पानी की सप्लाई होती है। जलघर की क्षमता करीब 255 मिलियन लीटर है। जलघर का निर्माण दिल्ली बाइपास के पास 49.50 एकड़ जमीन पर हुआ है। यह एयरपोर्ट से करीब एक किमी दूरी पर है और सामने ही वन विभाग का ऑफिस भी है। इसके पास ही मिल गेट थाना भी है। एक तरफ बर्बादी दूसरी तरफ परेशानी
शहर में अभी जलसंकट दूर नहीं हुआ है। नहर में पानी का लेवल बढ़ने के साथ ही जलघरों को भरने में विभाग लगे हैं। हालात यह है कि हर रोज शहर में ही 370 से ज्यादा टैंकर सप्लाई हो जाते हैं। यानी सवा 22 लाख लीटर पानी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, जनस्वास्थ्य विभाग या निजी टैंकर वाले भेज रहे हैं। वहीं सोमवार को प्रशासन ने जलघरों में 15 दिन का पानी स्टोर होने की दावा किया था। खुद डीसी अनीश यादव वाटर सप्लाई की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों की लापरवाही कहीं लोगों के गले ना सूखा दे। शहर में टैंकरों से हो रहा वाटर सप्लाई
शहर में सेक्टर व कालोनियों में पानी पूर्ण रूप से टेल तक नहीं पहुंचने के कारण लोग टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ही एक दिन में 170 से 180 टैंकर पानी सप्लाई कर रहा हैं। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग का रेशो भी 50 तक पहुंच जाता हैं। इसके अलावा लोग प्राइवेट टैंकर स्वामियों से पानी डलवा रहे हैं। हालात यह है कि सरकारी विभाग निश्शुल्क पानी सप्लाई कर रहे हैं। एक टैंकर से दो घरों में पानी डाला जाता है। वहीं निजी टैंकर संचालक एक हजार से ज्यादा वसूल रहे हैं। डीसी ने दी चेतावनी मगर असर नहीं
बता दें कि एक दिन पहले ही डीसी अनीश यादव ने बयान जारी कर कहा था कि यदि नागरिकों को पानी की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की कठिनाई आती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा की स्थिति में तुरंत जिला प्रशासन को अवगत कराएं। ऐसे में कर्मचारियों की लापरवाही पर कईयों पर गाज गिरनी तय है। हरियाणा में एक ओर जहां जल संकट का इन दिनों सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर पब्लिक हेल्थ के कर्मचारियों की लापरवाही से लाखों लीटर पानी सड़कों पर बेकार बह गया। दरअसल, शहर में 75 प्रतिशत तक पानी सप्लाई करने वाले स्काडा जलघर में सोमवार रात दारू पार्टी चल रही थी। इस शराब के नशे में यहां ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने जलघर के पानी के कनेक्शन खोल दिए। इसके कारण यहां पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह गया। पानी कई किलोमीटर दूर मेला ग्राउंड सेक्टर और एयरपोर्ट के नजदीक तक पहुंच गया। सुबह सैर करने जब लोग निकले तो देखा कि एक तरफ तो शहर में पानी का संकट है घरों में पानी आ नहीं रहा दूसरी तरफ सड़क पर पानी बह रहा है। इसके बाद लोग पानी को देखते हुए स्काडा जलघर तक पहुंच गए। जलघर में जैसे ही लोग गए तो वह हैरान हो गए। जलघर में एक मेज और 7 कुर्सियां लगी हुई थी। मेज पर शराब और बीयर की बोतलें पड़ी थी और खाने-पीने का सामान रखा हुआ था। रातभर कर्मचारियों ने पार्टी की, पानी खोला
स्काडा जलघर करीब 50 एकड़ में बना हुआ जलघर है। यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी है। यहां रात को कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। रात को कर्मचारियों ने यहां दारू पार्टी की और शराब के नशे में पानी का कनेक्शन खोल दिया। दारू पार्टी के बाद कर्मचारी सो गए और रातभर पानी सड़कों पर बहता रहा। शहर में जलसंकट के बीच लाखों लीटर पानी सड़कों पर बह गया। यह जलघर पब्लिक हेल्थ की निगरानी में आता है। स्काडा जलघर 6 दिन की आपूर्ति के लिए 30 प्रतिशत तक भरा हुआ था। यहां से एक लाख घरों में पानी की आपूर्ति होती है। आधे से ज्यादा शहर को यहीं से सप्लाई
2016 में 80 करोड़ की लागत से बने स्काडा जलघर से आधे से ज्यादा शहर को पानी की सप्लाई होती है। जलघर की क्षमता करीब 255 मिलियन लीटर है। जलघर का निर्माण दिल्ली बाइपास के पास 49.50 एकड़ जमीन पर हुआ है। यह एयरपोर्ट से करीब एक किमी दूरी पर है और सामने ही वन विभाग का ऑफिस भी है। इसके पास ही मिल गेट थाना भी है। एक तरफ बर्बादी दूसरी तरफ परेशानी
शहर में अभी जलसंकट दूर नहीं हुआ है। नहर में पानी का लेवल बढ़ने के साथ ही जलघरों को भरने में विभाग लगे हैं। हालात यह है कि हर रोज शहर में ही 370 से ज्यादा टैंकर सप्लाई हो जाते हैं। यानी सवा 22 लाख लीटर पानी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, जनस्वास्थ्य विभाग या निजी टैंकर वाले भेज रहे हैं। वहीं सोमवार को प्रशासन ने जलघरों में 15 दिन का पानी स्टोर होने की दावा किया था। खुद डीसी अनीश यादव वाटर सप्लाई की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ऐसे में कर्मचारियों की लापरवाही कहीं लोगों के गले ना सूखा दे। शहर में टैंकरों से हो रहा वाटर सप्लाई
शहर में सेक्टर व कालोनियों में पानी पूर्ण रूप से टेल तक नहीं पहुंचने के कारण लोग टैंकर मंगवाने को मजबूर हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ही एक दिन में 170 से 180 टैंकर पानी सप्लाई कर रहा हैं। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग का रेशो भी 50 तक पहुंच जाता हैं। इसके अलावा लोग प्राइवेट टैंकर स्वामियों से पानी डलवा रहे हैं। हालात यह है कि सरकारी विभाग निश्शुल्क पानी सप्लाई कर रहे हैं। एक टैंकर से दो घरों में पानी डाला जाता है। वहीं निजी टैंकर संचालक एक हजार से ज्यादा वसूल रहे हैं। डीसी ने दी चेतावनी मगर असर नहीं
बता दें कि एक दिन पहले ही डीसी अनीश यादव ने बयान जारी कर कहा था कि यदि नागरिकों को पानी की आपूर्ति में किसी भी प्रकार की कठिनाई आती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि किसी भी प्रकार की समस्या या बाधा की स्थिति में तुरंत जिला प्रशासन को अवगत कराएं। ऐसे में कर्मचारियों की लापरवाही पर कईयों पर गाज गिरनी तय है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
