हरियाणा रोडवेज ड्राइवर-कंडक्टर की दादागिरी:पति-पत्नी-बेटी को आधी रात बस से उतारा; बोले- ये पानीपत नहीं रुकेगी, समालखा में खाना खाते मिले

हरियाणा रोडवेज ड्राइवर-कंडक्टर की दादागिरी:पति-पत्नी-बेटी को आधी रात बस से उतारा; बोले- ये पानीपत नहीं रुकेगी, समालखा में खाना खाते मिले

हरियाणा रोडवेज बस के ड्राइवर-कंडक्टर की मनमर्जी का एक बड़ा मामला सामने आया है। उन्होंने बस में सवार पति-पत्नी और उनकी 8 साल की बेटी को आधी रात को दिल्ली की सड़कों पर बस से उतार दिया। नीचे उतारते वक्त उन्हें कहा गया कि वे पंचकूला जाएंगे, लेकिन पानीपत बस नहीं रोकेंगे। हैरत की बात है कि दंपती उनके सामने हाथ जोड़ता रहा, लेकिन उनकी एक न सुनी। उन्होंने कहा भी कि उनकी 8 साल की बेटी बीमार है, वह उसे दवाई दिलवा कर वापस घर लौट रहे हैं। वे बेशक उन्हें करनाल तक की टिकट दे दें, लेकिन बस से नहीं उतारें। मगर, उन्हें बस में नहीं बैठाया गया। मामले की शिकायत युवक ने ई-मेल के जरिए अधिकारियों व मंत्री को दी है। जिस पर कार्रवाई शुरू हो गई है। कंडक्टर ने टिकट नहीं दी, बस रुकवा कर उतारा नीचे पानीपत सेक्टर 13 में रहने वाले दिनेश कुमार ने बताया कि वह 9 फरवरी को अपनी पत्नी के साथ 8 साल की बेटी को लेकर दिल्ली के अस्पताल गया था। बेटी को दवाई दिलवाने के बाद वह वापस लौट रहा था। उसने ISBT पर टिकट काउंटर से टिकट मांगी। वहां उनको तीन नंबर सीट अलॉट करते हुए बस में बैठने को कहा। साथ ही कहा कि टिकट भीतर बस में मिल जाएगी। इसके बाद वह पंचकूला डिपो की एसी बस नंबर HR68GV7276 में सवार हो गया। कुछ देर बाद बस वहां से चल पड़ी। कुछ दूरी आगे आने पर कंडक्टर को कहा कि वह उन्हें पानीपत टोल पर उतार दें, तो परिचालक ने कहा कि यह बस पानीपत टोल पर नहीं रुकेगी। इतना ही नहीं, परिचालक ने बस से नीचे उतरने को कहा। रात करीब 11:15 बजे का समय था। कंडक्टर ने टिकट नहीं दी और बस रुकवा दी। इसके बाद तीनों को बस से नीचे उतार दिया। जिसने परिवार निवेदन करता रहा कि उन्हें नीचे न उतारा जाए। लेकिन वे नहीं माने। आधी रात को दिल्ली की सुनसान सड़कों पर उन्हें उतार कर बस वहां से चली गई। समालखा में रुकी मिली बस, कंडक्टर बोला- सरकार हमसे चलती है काफी देर बाद वहां एक यमुनानगर डिपो की बस आई। जिस बस को उन्होंने हाथ देकर रुकवाया। इसके बाद वे उसमें सवार हुए। हालांकि बस में सीट नहीं थी, बावजूद इसके इस बस के परिचालक ने बीमार बेटी के बैठने की व्यवस्था की। सफर के दौरान बस समालखा बस स्टैंड पर आकर रूकी। दिनेश कुमार ने वहां देखा कि पहले वाली पंचकूला डिपो की एसी बस वहीं पर खड़ी थी। जिसके कंडक्टर से बात की। उनसे पूछा कि आप कह रहे थे कि यह बस सीधी पंचकूला जाएगी, जबकि बस पर लिखा हुआ था वाया पानीपत करनाल पिपली से होते हुए चंडीगढ़ जाएगी, यह रास्ते में नहीं रुकेगी और यह बुक हो चुकी है और बस में आधी सीट खाली पड़ी हुई थी। कंडक्टर ने कहा कि वे सरकार से नहीं, बल्कि सरकार उनसे चलती है। जीएम बोलें- शिकायत की होगी जांच, फिर लेंगे एक्शन इस बारे में पंचकूला डिपो के जीएम सुखदेव का कहना है उन्हें ई-मेल के माध्यम से शिकायत मिली है। वे मंगलवार को इस पर संज्ञान लेंगे। जांच करवाई जाएगी। अगर कर्मचारियों ने इस तरह का बर्ताव किया होगा, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, ड्राइवर अनिल का कहना है कि बस में सीट न होने की वजह उन्हें बस से उतरने को कहा गया था। उन्हें सुनसान सड़कों पर नहीं, बल्कि बस स्टैंड परिसर में ही उतरने को कहा गया था। सभी आरोप निराधार हैं। हरियाणा रोडवेज बस के ड्राइवर-कंडक्टर की मनमर्जी का एक बड़ा मामला सामने आया है। उन्होंने बस में सवार पति-पत्नी और उनकी 8 साल की बेटी को आधी रात को दिल्ली की सड़कों पर बस से उतार दिया। नीचे उतारते वक्त उन्हें कहा गया कि वे पंचकूला जाएंगे, लेकिन पानीपत बस नहीं रोकेंगे। हैरत की बात है कि दंपती उनके सामने हाथ जोड़ता रहा, लेकिन उनकी एक न सुनी। उन्होंने कहा भी कि उनकी 8 साल की बेटी बीमार है, वह उसे दवाई दिलवा कर वापस घर लौट रहे हैं। वे बेशक उन्हें करनाल तक की टिकट दे दें, लेकिन बस से नहीं उतारें। मगर, उन्हें बस में नहीं बैठाया गया। मामले की शिकायत युवक ने ई-मेल के जरिए अधिकारियों व मंत्री को दी है। जिस पर कार्रवाई शुरू हो गई है। कंडक्टर ने टिकट नहीं दी, बस रुकवा कर उतारा नीचे पानीपत सेक्टर 13 में रहने वाले दिनेश कुमार ने बताया कि वह 9 फरवरी को अपनी पत्नी के साथ 8 साल की बेटी को लेकर दिल्ली के अस्पताल गया था। बेटी को दवाई दिलवाने के बाद वह वापस लौट रहा था। उसने ISBT पर टिकट काउंटर से टिकट मांगी। वहां उनको तीन नंबर सीट अलॉट करते हुए बस में बैठने को कहा। साथ ही कहा कि टिकट भीतर बस में मिल जाएगी। इसके बाद वह पंचकूला डिपो की एसी बस नंबर HR68GV7276 में सवार हो गया। कुछ देर बाद बस वहां से चल पड़ी। कुछ दूरी आगे आने पर कंडक्टर को कहा कि वह उन्हें पानीपत टोल पर उतार दें, तो परिचालक ने कहा कि यह बस पानीपत टोल पर नहीं रुकेगी। इतना ही नहीं, परिचालक ने बस से नीचे उतरने को कहा। रात करीब 11:15 बजे का समय था। कंडक्टर ने टिकट नहीं दी और बस रुकवा दी। इसके बाद तीनों को बस से नीचे उतार दिया। जिसने परिवार निवेदन करता रहा कि उन्हें नीचे न उतारा जाए। लेकिन वे नहीं माने। आधी रात को दिल्ली की सुनसान सड़कों पर उन्हें उतार कर बस वहां से चली गई। समालखा में रुकी मिली बस, कंडक्टर बोला- सरकार हमसे चलती है काफी देर बाद वहां एक यमुनानगर डिपो की बस आई। जिस बस को उन्होंने हाथ देकर रुकवाया। इसके बाद वे उसमें सवार हुए। हालांकि बस में सीट नहीं थी, बावजूद इसके इस बस के परिचालक ने बीमार बेटी के बैठने की व्यवस्था की। सफर के दौरान बस समालखा बस स्टैंड पर आकर रूकी। दिनेश कुमार ने वहां देखा कि पहले वाली पंचकूला डिपो की एसी बस वहीं पर खड़ी थी। जिसके कंडक्टर से बात की। उनसे पूछा कि आप कह रहे थे कि यह बस सीधी पंचकूला जाएगी, जबकि बस पर लिखा हुआ था वाया पानीपत करनाल पिपली से होते हुए चंडीगढ़ जाएगी, यह रास्ते में नहीं रुकेगी और यह बुक हो चुकी है और बस में आधी सीट खाली पड़ी हुई थी। कंडक्टर ने कहा कि वे सरकार से नहीं, बल्कि सरकार उनसे चलती है। जीएम बोलें- शिकायत की होगी जांच, फिर लेंगे एक्शन इस बारे में पंचकूला डिपो के जीएम सुखदेव का कहना है उन्हें ई-मेल के माध्यम से शिकायत मिली है। वे मंगलवार को इस पर संज्ञान लेंगे। जांच करवाई जाएगी। अगर कर्मचारियों ने इस तरह का बर्ताव किया होगा, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, ड्राइवर अनिल का कहना है कि बस में सीट न होने की वजह उन्हें बस से उतरने को कहा गया था। उन्हें सुनसान सड़कों पर नहीं, बल्कि बस स्टैंड परिसर में ही उतरने को कहा गया था। सभी आरोप निराधार हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर