हरियाणा में रोड एक्सीडेंट में घायल होने वालों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार की ओर से अब सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को डेढ़ लाख का फ्री इलाज किया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना में हरियाणा पुलिस द्वारा ये नई पहल शुरू की गई है। इस योजना के तहत दुर्घटना की डेट से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक सड़क दुर्घटना के लिए प्रति व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक का उपचार फ्री किया जाएगा। इस बारे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) हरदीप दून द्वारा प्रदेश के सभी संबंधित अधिकारियों और जिलों को लेटर जारी करते हुए इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र का पायलट प्रोजेक्ट है ये पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर (DGP) ने बताया कि प्रदेश की सड़कों को आमजन के लिए सुरक्षित बनाना हरियाणा की नायब सैनी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, ऐसे में जरूरी है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एक बेहतर और प्रभावी कार्य योजना तैयार करते हुए उन पर काम किया जाए। इसी कड़ी में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को फ्री उपचार संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि यह पायलेट प्रौजेक्ट नेशनल हैल्थ अथॉरिटी द्वारा स्थानीय पुलिस व राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुबंधित अस्पतालों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा। ऐसे मिलेगा कैशलैस सुविधा का लाभ इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाता है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपने यहां सॉफ्टवेयर में घायल व्यक्ति का डेटा अपलोड करके संबंधित पुलिस थाने में भेजा जाता है, जिसके बाद संबंधित पुलिस थाने द्वारा 6 घंटे के भीतर पुष्टि की जाती है कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है अथवा नही। पुष्टि होने के बाद घायल व्यक्ति को कैशलैस ईलाज की सुविधा दी जाती है। इस साल रोड एक्सीडेंट में आई कमी डीजीपी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए काम किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2023 की अपेक्षा वर्ष 2024 में 616 सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई है। इसके साथ ही, वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में 251 सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु में भी कमी आई है तथा 403 लोग कम घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से लेकर नवंबर 2024 के अंत तक हरियाणा पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के 2166 जागरूकता अभियान चलाए गए जिनके माध्यम से 2 लाख 91 हजार 307 बच्चों व अन्य लोगों ने भागीदारी सुनिश्चित की। इस साल ये चले अभियान इसके अलावा, वर्ष-2024 में 6 विशेष अभियान चलाए गए जिनमें से पांच अभियान लेन ड्राइविंग तथा एक विशेष अभियान वाहनों पर ब्लैक फिल्म लगाने वालों के खिलाफ चलाया गया। विशेष अभियान के दौरान प्रदेश में 27 हजार 321 वाहनों के चालान किए गए जिनमें से 2600 चालान ब्लैक फिल्म लगाने वाले वाहनों के चालान किए गए। हर जिले में सड़क सुरक्षा समिति का गठन इसके साथ ही प्रदेश में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स भी चिन्ह्नित किए गए हैं जहां पर सड़क दुर्घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक होती हैं। इन ब्लैक स्पॉट्स को संबंधित रोड़ इंजीनियरिंग विभागों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए इन्हें ठीक करवाया जाता है। सड़क सुरक्षा संबंधी विषय की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के अलग-2 जिलो में सड़क सुरक्षा समिति गठित की गई हैं जिसके द्वारा एजेंडावार सड़क सुरक्षा को लेकर नियमित बैठकें की जाती हैं। वर्ष-2024 में अक्टूबर माह के अंत तक इस प्रकार की 107 बैठकें आयोजित की गई हैं जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा की जाती है। डीजीपी की लोगों से अपील अपील कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। आमजन को सड़कों को सुरक्षित बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए और वाहनों को निर्धारित गति सीमा में ही चलाना चाहिए। हरियाणा पुलिस द्वारा आमजन को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं व गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय लोग मोबाइल फोन आदि का भी इस्तेमाल ना करें। व्यक्ति की जरा सी लापरवाही ना केवल उनके स्वयं के लिए बल्कि दूसरे व्यक्तियों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है। हरियाणा में रोड एक्सीडेंट में घायल होने वालों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार की ओर से अब सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को डेढ़ लाख का फ्री इलाज किया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना में हरियाणा पुलिस द्वारा ये नई पहल शुरू की गई है। इस योजना के तहत दुर्घटना की डेट से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक सड़क दुर्घटना के लिए प्रति व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक का उपचार फ्री किया जाएगा। इस बारे में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) हरदीप दून द्वारा प्रदेश के सभी संबंधित अधिकारियों और जिलों को लेटर जारी करते हुए इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र का पायलट प्रोजेक्ट है ये पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर (DGP) ने बताया कि प्रदेश की सड़कों को आमजन के लिए सुरक्षित बनाना हरियाणा की नायब सैनी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, ऐसे में जरूरी है कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एक बेहतर और प्रभावी कार्य योजना तैयार करते हुए उन पर काम किया जाए। इसी कड़ी में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को फ्री उपचार संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि यह पायलेट प्रौजेक्ट नेशनल हैल्थ अथॉरिटी द्वारा स्थानीय पुलिस व राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुबंधित अस्पतालों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा। ऐसे मिलेगा कैशलैस सुविधा का लाभ इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाता है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपने यहां सॉफ्टवेयर में घायल व्यक्ति का डेटा अपलोड करके संबंधित पुलिस थाने में भेजा जाता है, जिसके बाद संबंधित पुलिस थाने द्वारा 6 घंटे के भीतर पुष्टि की जाती है कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है अथवा नही। पुष्टि होने के बाद घायल व्यक्ति को कैशलैस ईलाज की सुविधा दी जाती है। इस साल रोड एक्सीडेंट में आई कमी डीजीपी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए काम किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2023 की अपेक्षा वर्ष 2024 में 616 सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई है। इसके साथ ही, वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में 251 सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु में भी कमी आई है तथा 403 लोग कम घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से लेकर नवंबर 2024 के अंत तक हरियाणा पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के 2166 जागरूकता अभियान चलाए गए जिनके माध्यम से 2 लाख 91 हजार 307 बच्चों व अन्य लोगों ने भागीदारी सुनिश्चित की। इस साल ये चले अभियान इसके अलावा, वर्ष-2024 में 6 विशेष अभियान चलाए गए जिनमें से पांच अभियान लेन ड्राइविंग तथा एक विशेष अभियान वाहनों पर ब्लैक फिल्म लगाने वालों के खिलाफ चलाया गया। विशेष अभियान के दौरान प्रदेश में 27 हजार 321 वाहनों के चालान किए गए जिनमें से 2600 चालान ब्लैक फिल्म लगाने वाले वाहनों के चालान किए गए। हर जिले में सड़क सुरक्षा समिति का गठन इसके साथ ही प्रदेश में ऐसे ब्लैक स्पॉट्स भी चिन्ह्नित किए गए हैं जहां पर सड़क दुर्घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक होती हैं। इन ब्लैक स्पॉट्स को संबंधित रोड़ इंजीनियरिंग विभागों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए इन्हें ठीक करवाया जाता है। सड़क सुरक्षा संबंधी विषय की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के अलग-2 जिलो में सड़क सुरक्षा समिति गठित की गई हैं जिसके द्वारा एजेंडावार सड़क सुरक्षा को लेकर नियमित बैठकें की जाती हैं। वर्ष-2024 में अक्टूबर माह के अंत तक इस प्रकार की 107 बैठकें आयोजित की गई हैं जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा की जाती है। डीजीपी की लोगों से अपील अपील कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। आमजन को सड़कों को सुरक्षित बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए और वाहनों को निर्धारित गति सीमा में ही चलाना चाहिए। हरियाणा पुलिस द्वारा आमजन को यातायात नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार की प्रतियोगिताएं व गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वाहन चलाते समय लोग मोबाइल फोन आदि का भी इस्तेमाल ना करें। व्यक्ति की जरा सी लापरवाही ना केवल उनके स्वयं के लिए बल्कि दूसरे व्यक्तियों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP का पूर्व CM हुड्डा को चैलेंज:30 MLA इकट्ठा करके दिखाएं; JJP के 10 विधायक भी लाएं, भाजपा के एग्रेशन की ये वजह हरियाणा सरकार के अल्पमत को लेकर कांग्रेस के दावे को BJP ने चैलेंज किया है। भाजपा नेता और CM के पब्लिसिटी एडवाइजर ने कहा है कि मैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चैलेंज करता हूं कि वह अपनी पार्टी के 30 विधायकों को एक जगह इकट्ठा करा लें। साथ ही जननायक जनता पार्टी (JJP) के 10 विधायक एक साथ आ जाएं तो मैं ये मान लूंगा कि हरियाणा में भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसके बाद भाजपा पटल पर जाकर अपना बहुमत साबित करेगी। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ऐसी अफवाहें फैलाने के लिए हरियाणा के लोगों से माफी मांगें। हुड्डा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में बीजेपी सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार अल्पमत में है। हमने पहले भी राज्यपाल को लिखा था और अब फिर राज्यपाल को लिखेंगे। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि ये (BJP), जननायक जनता पार्टी (JJP) के 2 विधायकों से इस्तीफा दिलवा देंगे। एक तरह से BJP वाले हॉर्स ट्रेडिंग में लगे हैं। इन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के चैलेंज की ये 2 वजहें… कांग्रेस की गुटबाजी
भाजपा के द्वारा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ये चैलेंज देने की वजह सबसे बड़ी गुटबाजी है। 10 जून को पूर्व सीएम के द्वारा बुलाई गई कांग्रेस दल की मीटिंग में 27 विधायक ही पहुंचे। चूंकि वरुण चौधरी अब अंबाला से सांसद बन चुके हैं तो अभी सदन में कांग्रेस के पास 29 विधायक ही बचे हुए हैं। जबकि सीएलपी में तोशाम विधायक किरण चौधरी और सढौरा से विधायक रेनू वाला नहीं शामिल हुईं। ये विधायक एसआरके गुट के हैं। वह नहीं चाहते कि हुड्डा प्रदेश में कांग्रेस को लीड करें। भाजपा इसी गुटबाजी को अब हवा देने में लग गई है। जजपा में पड़ चुकी है फूट
भाजपा जानती है कि जजपा में फूट पड़ी हुई है। जजपा की ओर से हाल ही में विधानसभा स्पीकर के सामने ये याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि जींद के नरवाना से विधायक सुरजाखेड़ा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के के नामांकन में शामिल हुए थे, जबकि जोगीराम सिहाग ने हिसार सीट से बीजेपी कैंडिडेट रणजीत सिंह चौटाला के पक्ष में प्रचार किया। याचिका के साथ इन विधायकों के वीडियो को आधार बनाया गया है। पार्टी ने मांग की है कि इन विधायकों ने पार्टी विरोधी कार्य किए हैं, इसलिए उनकी सदस्यता भंग की जाए। ऐसे में यदि इनकी सदस्यता रद्द हो जाती है तो जजपा के पास 8 ही विधायक बचेंगे। इसके अलावा देवेंद्र बबली, राज कुमार गौतम भी खुलेआम बगावत कर रहे हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है अल्पमत का दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उपचुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। कांग्रेस कह रही है कि हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया। इसके बाद जजपा सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर की जगह नायब सैनी सीएम बने। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।
करनाल पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन:नारी निकेतन में सुनीं बालिकाओं, महिलाओं व बुजुर्गों की समस्याएं, अभिभावकों की काउंसलिंग करने के दिए निर्देश
करनाल पहुंची महिला आयोग की चेयरपर्सन:नारी निकेतन में सुनीं बालिकाओं, महिलाओं व बुजुर्गों की समस्याएं, अभिभावकों की काउंसलिंग करने के दिए निर्देश हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने करनाल स्थित राजकीय उत्तर रक्षा गृह (नारी निकेतन) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने नारी निकेतन में रह रही लड़कियों, युवतियों, महिलाओं और बुजुर्गों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। रेणु भाटिया ने नारी निकेतन में रह रही शिक्षित लड़कियों को महिला छात्रावास में भेजने और उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर विचार किया, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सामान्य जीवन जी सकें। घर से भागी बेटियों के लिए विशेष निर्देश रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की प्रभारी को निर्देश दिए कि घर से भागी बेटियों को उनके घर भेजने की व्यवस्था करें तथा उनके अभिभावकों की काउंसलिंग करें। उन्होंने कहा कि हर तीन-चार माह में नारी निकेतन, वन स्टॉप सेंटर, महिला जेल तथा वृद्धाश्रम का दौरा किया जाता है ताकि इन संस्थाओं में रह रही महिलाओं की स्थिति का आकलन किया जा सके तथा उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके। फरीदाबाद केस: युवती के लिए न्याय की पहल रेणु भाटिया ने बताया कि फरीदाबाद हीयरिंग के दौरान एक केस सामने आया जिसमें 30-32 साल के व्यक्ति ने एक 18 वर्षीय युवती को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। इस मामले की शिकायत मिलने पर पता चला कि युवती करनाल में है। रेणु भाटिया उसी युवती से मिलने करनाल पहुंची। उन्होंने बताया कि आरोपी फरार है और युवती अपने घर जाने के लिए तैयार है। औपचारिकताएं पूरी कर युवती को परिजनों को सौंपा जाएगा। सिरसा केस: विधवा महिला को न्याय दिलाने की कोशिश रेणु भाटिया ने बताया कि सिरसा से एक महिला करनाल आई है जिसके पास चार साल का बच्चा है। आश्रम के एक बाबा ने विधवा महिला को झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए जिससे महिला गर्भवती हो गई। अब महिला के परिवार वाले उसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। रेणु भाटिया ने सिरसा पुलिस से निवेदन किया है कि आरोपी बाबा को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि वह अन्य महिलाओं को भी शिकार बना सकता है। घर से भागी लड़कियों से बातचीत रेणु भाटिया ने उन बेटियों से भी बातचीत की जो किसी युवक के साथ घर से भाग गई थीं लेकिन अब वे युवक जेल में हैं। वे बेटियां अब अपने घर वापस जाना चाहती हैं। जिन बेटियों के माता-पिता अपनी बेटियों को नहीं ले जाना चाहते, उनके लिए रेणु भाटिया ने नारी निकेतन की इंचार्ज को निर्देश दिए हैं कि वे उन बेटियों के माता-पिता को बुलाकर काउंसलिंग करें ताकि वे अपनी बेटियों को घर ले जा सकें। महिलाओं को डरने की जरूरत नहीं रेणु भाटिया ने कहा कि आज की बेटियां हर क्षेत्र में सक्षम हैं और उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर कोई घरेलू हिंसा कर रहा है तो वे अपनी आवाज उठाएं। इसके लिए सरकार ने महिला थाने और नारी निकेतन जैसे संस्थान बनाए हैं। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ महिलाएं ब्लैकमेल करने का काम करती हैं और महिला आयोग ऐसी महिलाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है।
शव ठिकाने लगाने के लिए अंधेरे की फिराक में थे मां-बेटा
शव ठिकाने लगाने के लिए अंधेरे की फिराक में थे मां-बेटा मनोज मिश्रा | यमुनानगर पिता की हत्या कर सलाखों के पीछे पहुंचे सुमित व पत्नी यशोदा ने पूछताछ में जो भी कुछ बताया, वह खौफनाक था। शराब पीकर रोजाना मां-बेटे को पीटने वाले ललन को मारने वाले इकलौते बेटे सुमित ने कत्ल करने का मन गुरुवार सुबह ही बना लिया था, क्योंकि बुधवार रात भी ललन ने उनके साथ मारपीट की थी। पिता की हत्या कर 24 घंटे तक वह अपनी मां के साथ शव के पास इसलिए बैठा रहा था, क्योंकि वह शुक्रवार रात को पिता के ऑटो रिक्शा में उनके शव को रख कर ठिकाने लगाने का योजना बना चुका था। पुलिस पूछताछ में सुमित ने बताया कि वह अपने पिता से बहुत प्यार करता था, लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ और पिता ने शराब के नशे में परिवार की सुख-शांति खत्म कर दी तो उसे नफरत होने लगी। पिता से घृणा तब हुई जब पिछले कुछ माह से पिता ने उसकी मां को पीटना शुरू कर दिया। घर से निकाल देने की धमकी देने लगे। वह बीच-बचाव करता तो पिता उस पर भी हाथ उठा देते थे। ज्यादा गुस्सा तो इसी सप्ताह उस रात आया जब नशे में धुत होकर उसके पिता पहले तो उसकी मां को पीटा और रोती हुई पांच साल की बहन को भी धक्का दे दिया था। मां पर हाथ उठाया तो बेटे का गुस्सा फूटा 24 अक्टूबर बुधवार रात को भी ललन ने नशे में मारपीट की थी, लेकिन उस समय सुमित घर पर नहीं था। पिता के सोने के बाद जब वह घर पहुंचा तो रोते हुए यशोदा ने उसे पूरा किस्सा बताया। गुरुवार सुबह ही उसने सोच लिया था कि अगर अब पापा ने इस तरह की हरकत की तो वह उन्हें मार देगा। गुरुवार रात को जब ललन ने नशे में झगड़ा करते हुए यशोदा पर हाथ उठाया तो उसने फायर सिलेंडर से पहला वार ही इतनी ताकत से किया कि ललन अधमरा हो कर गिर पड़ा, जिससे वह चीख भी न सका और इसके बाद उसने ताबडतोड़ वार करता रहा…। इसके बाद धारदार हथियार से कई वार किए। ललन की मौत के बाद यशोदा ने खाना बनाया और वहीं बैठ कर खाना खाया। 24 घंटे तक शव के पास सुमित इसलिए बैठा रहा, क्योंकि शुक्रवार रात अंधेरे में वह पिता की ऑटो रिक्शा में ही शव को रख कर ठिकाने लगाता, लेकिन अचानक किसी ने खून देख कर मकान मालकिन को कॉल कर दी और भेद खुल गया।