हरियाणा कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में शुरू हो गई है। बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लग सकती है। इससे पहले सैनी सरकार ने 5 अगस्त को भी कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। तीन दिन पहले हुई बैठक में कैबिनेट ने 20 एजेंडों पर मुहर लगाई थी। 3 दिन में बुलाई गई दूसरी कैबिनेट बैठक में सीएम नायब सिंह सैनी द्वारा जींद में की गई घोषणाओं पर मुहर लगेगी। इसमें मुख्य रूप से पीएम उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 500 रुपये में सिलेंडर देने की योजना शामिल है। बैठक में मानसून सत्र बुलाने पर भी फैसला हो सकता है। इसके अलावा कैबिनेट कई अन्य फैसलों पर भी अपनी मंजूरी देगी। जींद में तीज पर की थी ये घोषणाएं हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जींद में तीज के त्यौहार पर 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवारों को बड़ी राहत देने की घोषणा की थी। उन्होंने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को अब 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा। हालांकि, इस योजना के तहत सिलेंडर लेने के लिए परिवारों को एजेंसी पर पूरी कीमत चुकानी होगी। इसके बाद सरकार सब्सिडी का पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजेगी। हरियाणा कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में शुरू हो गई है। बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लग सकती है। इससे पहले सैनी सरकार ने 5 अगस्त को भी कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। तीन दिन पहले हुई बैठक में कैबिनेट ने 20 एजेंडों पर मुहर लगाई थी। 3 दिन में बुलाई गई दूसरी कैबिनेट बैठक में सीएम नायब सिंह सैनी द्वारा जींद में की गई घोषणाओं पर मुहर लगेगी। इसमें मुख्य रूप से पीएम उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 500 रुपये में सिलेंडर देने की योजना शामिल है। बैठक में मानसून सत्र बुलाने पर भी फैसला हो सकता है। इसके अलावा कैबिनेट कई अन्य फैसलों पर भी अपनी मंजूरी देगी। जींद में तीज पर की थी ये घोषणाएं हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जींद में तीज के त्यौहार पर 1.80 लाख सालाना आय वाले परिवारों को बड़ी राहत देने की घोषणा की थी। उन्होंने घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थी परिवारों को अब 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा। हालांकि, इस योजना के तहत सिलेंडर लेने के लिए परिवारों को एजेंसी पर पूरी कीमत चुकानी होगी। इसके बाद सरकार सब्सिडी का पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजेगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बदला मौसम, बादल छाए:गर्मी के बाद गिरने लगा पारा; 15 से बारिश के आसार, सोनीपत की हवा खराब, सिरसा सबसे गर्म
हरियाणा में बदला मौसम, बादल छाए:गर्मी के बाद गिरने लगा पारा; 15 से बारिश के आसार, सोनीपत की हवा खराब, सिरसा सबसे गर्म पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से हरियाणा में मौसम बदलने लगा है। सूबे के अधिकांश जिलों में बादल छाए हुए हैं। सुबह से धुंध जैसे हालात बने हुए हैं। इससे दिन और रात के तापमान में भी गिरावट आई है। दिन के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री और रात के 0.1 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि तापमान में यह गिरावट काफी मामूली है। लेकिन मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अब यह गिरावट जारी रहेगी। पिछले 24 घंटों के आंकड़े के अनुसार महेंद्रगढ़ की रातें सबसे ठंडी रही। यहां का न्यूनतम तापमान में 15.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। वहीं सिरसा में दिन का अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी बात यह है कि आज से सूबे में 2 दिन तक बादल छाएंगे। इससे बाद 15 और 16 नवंबर को बारिश के आसार बन रहे हैं। सूबे के अंबाला, पंचकूला और चंडीगढ़ में बूंदाबांदी की संभावना बन रही है। मौसम में इसलिए होगा बदलाव हरियाणा में एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है, जो पहाड़ों में ऊंची चोटियों पर असर दिखाएगा। इससे कहीं – कहीं हल्की बर्फ पड़ने की संभावना बन सकती है। हरियाणा में यह पश्चिमी विक्षोभ आज और कल असर दिखा सकता है। इस दौरान बादल छा सकते हैं। वहीं 15 नवंबर से एक और विक्षोभ के एक्टिव होने से हल्की बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। अक्टूबर से अब तक बारिश नहीं हुई है। इसके कारण अक्टूबर में सामान्य के मुकाबले ज्यादा तापमान रहा था। नवंबर में भी ऐसी ही संभावनाएं जताई जा रही हैं। सोनीपत की हवा सबसे खराब तापमान में गिरावट के साथ ही फिर से सूबे के शहरों की हवा खराब होने लगी है। रविवार को सोनीपत का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI ) सबसे खराब रहा। यहां का एक्यूआई 305 दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले यह 260 था। इसके बाद चरखी दादरी की हवा बेहद खराब दर्ज की गई। यहां का एक्यूआई 296 रहा। इसके अलावा गुरुग्राम का 260, पंचकूला का 261 और भिवानी का 214 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। गेहूं की बुआई का सही समय भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह छौक्कर ने बताया कि अब मौसम गेहूं की बुआई के अनुकूल है। वैसे सूबे में गेहूं की बुआई का सही समय 25 अक्टूबर से 20 नवंबर के बीच होता है। 25 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच की बुआई को अगेती बुआई माना जाता है। वहीं, 25 नवंबर तक की बुआई भी पछेती बुआई में नहीं आती। मानसून ने नहीं किया निराश राज्य में मानसून का प्रदर्शन अब तक संतोषजनक रहा है। कुल मिलाकर अब तक 424.6 मिमी बारिश के मुकाबले 406.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से महज 4% कम है। यानी बारिश का कोटा लगभग पूरा हो चुका है। दूसरी ओर, अगर जिले के हिसाब से बारिश की स्थिति देखें तो 10 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 से 38% कम बारिश दर्ज की गई है। 12 जिलों में सामान्य से 10 से 71% अधिक बारिश हुई है।
हरियाणा के पूर्व CM हुड्डा को बागियों से आस:2019 में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का साथ छोड़ गए थे, अब फिर सक्रिय
हरियाणा के पूर्व CM हुड्डा को बागियों से आस:2019 में टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का साथ छोड़ गए थे, अब फिर सक्रिय हरियाणा कांग्रेस के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बागियों से आस हैं। कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी उम्मीदवार के सामने ही चुनाव लड़ने वाले और दूसरी पार्टियों में शामिल नेता एक बार फिर कांग्रेस में एंट्री कर सक्रिय हो गए हैं। यह नेता इन दिनों कांग्रेस के पूर्व CM हुड्डा के साथ नजर आ रहे हैं। हुड्डा भी इनको पूरा भाव दे रहे हैं और मंच से लेकर प्रेस कान्फ्रेंस तक यह नेता भूपेंद्र हुड्डा के साथ नजर आ रहे हैं।
हिसार में रविवार को नलवा हलके में हुए प्रदेश स्तरीय गुरु दक्ष प्रजापति सम्मेलन में हुड्डा को ऐसे ही नेता घेरे रहे। इसमें नलवा से पूर्व विधायक प्रो. संपत सिंह, बरवाला के पूर्व विधायक राम निवास घोड़ेला, नारनौंद से पूर्व विधायक प्रो. रामभगत शर्मा, सांसद जयप्रकाश जेपी और पूर्व विधायक कुलबीर बैनीवाल शामिल हैं। यह नेता एक बार फिर अपने-अपने विधानसभा से टिकट पाने की जुगत में हैं। ऐसे में पार्टी के लिए ग्राउंड स्तर पर मेहनत कर रहे वर्करों को निराशा हाथ लग रही है। 2019 में कांग्रेस में मची थी भगदड़
बता दें कि विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से कई नेता पार्टी का साथ छोड़ गए थे। हरियाणा में कांग्रेस 90 विधानसभा सीटों में से महज 30 सीटें ही जीत पाई थी। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण नेता बागी हो गए थे और निर्दलीय की कांग्रेस उम्मीदवार के सामने खड़े हो गए थे। इसके अलावा कुछ नेता भाजपा में शामिल हो गए मगर वहां भी टिकट नहीं मिल पाया। मगर 2024 का चुनाव आते-आते यह नेता एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इसमें अंबाला के निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा शामिल हैं। गुटबाजी कांग्रेस को ले डूबी थी
कांग्रेस को इसी गुटबाजी की वजह से 2019 के चुनावों में हार मिली थी। ये बात खुद भूपेंद्र वहुड्डा ने स्वीकार की थी। हुड्डा ने कहा था 2019 में ही कांग्रेस की सरकार बनना तय था लेकिन हमारे स्तर पर ही गलती हुई, जिसका नुकसान उठाना पड़ा। 2019 में 90 विधानसभा में से 40 टिकट हुड्डा विरोधी खेमों को मिली थी। वहीं 50 टिकट हुड्डा खेमे को दी गई थी। नतीजा यह हुआ है कि कांग्रेस 30 सीटों पर ही सिमट गई। इसके बाद हुड्डा ने कहा था कि अगर टिकट वितरण सही होता तो कांग्रेस की सरकार राज्य में बनी होती। इन नेताओं को फिर से टिकट की आस
1. पूर्व वित्त मंत्री प्रो. संपत सिंह : 6 बार विधायक रहे संपत सिंह नलवा से टिकट नहीं मिलने के कारण बागी होकर भाजपा में शामिल हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना पुराना दोस्त बताया था। नतीजा यह हुआ कांग्रेस को नलवा सीट से हाथ धोना पड़ा।
2. पूर्व विधायक राम निवास घोड़ेला : बरवाला से कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने थे। 2019 में टिकट नहीं मिली तो निर्दलीय की बरवाला से चुनाव लड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार से ज्यादा वोट हासिल किए।
3. पूर्व विधायक रामभगत शर्मा : नारनौल से पूर्व विधायक रहे रामभगत शर्मा नारनौंद से चुनाव लड़ना चाहते थे। भाजपा में शामिल हो गए थे मगर टिकट कैप्टन अभिमन्यु को मिला। नारनौंद से कैप्टन के हारने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए।
4.पूर्व विधायक कुलबीर बेनीवाल : कांग्रेस की टिकट पर पहली बार निर्वाचन क्षेत्र भट्टू से विधायक बने थे मगर बाद में बाद कांग्रेस से बगावत कर इनेलो में शामिल हो गए। अब 2022 में कांग्रेस में फिर से शामिल हो गए।
5. सांसद जयप्रकाश जेपी : हिसार से मौजूदा सांसद जयप्रकाश जेपी कांग्रेस से बगावत कर चुके हैं। 2019 में कलायत से टिकट कटा तो निर्दलीय ही मैदान में आ गए। कांग्रेस कलायत सीट हार गई और भाजपा जीत गई। इसके बाद दोबारा कांग्रेस में शामिल हो गए और सांसद बन गए।
6. पूर्व विधायक निर्मल सिंह : अंबाला से कांग्रेस के नेता निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ चुके हैं। इनकी बेटी अंबाला कैंट से कांग्रेस प्रत्याशी के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ चुकी हैं। कांग्रेस से ज्यादा वोट लिए और कांग्रेस अंबाला कैंट सीट हार गई।
पति ने बच्चियों को नाजायज बताया, मां ने की हत्या:कक्षा 1 और 3 में पढ़ती थीं बच्चियां; कोर्ट ने आरोपी महिला को पुलिस रिमांड में भेजा
पति ने बच्चियों को नाजायज बताया, मां ने की हत्या:कक्षा 1 और 3 में पढ़ती थीं बच्चियां; कोर्ट ने आरोपी महिला को पुलिस रिमांड में भेजा अंबाला में मां ने अपनी दो बच्चियों को मौत के घाट उतार दिया। घटना नाहन हाउस इलाके की जहां दो बच्चियों का शव घर में बिस्तर पर पड़ा मिला। दोनों की उम्र 7 और 11 की थी, जो कक्षा 1 और 3 में पढ़ती थीं। शव मिलने के बाद आस पास सनसनी फैल गई। मामले में पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि बच्चियों की हत्या गला घोट कर की गई। पुलिस ने पहले पड़ोसियों से पूछताछ की। लेकिन कोई सबूत नहीं मिला। इसके बाद पुलिस को घर वालों पर शक गया, जिसके बाद मां से पूछताछ की तो मां ने सारी बात बता डाली। घटना 31 जुलाई की है, जिसकी आज कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आरोपी महिला को दो दिन की रिमांड पर भेज दिया। अब पढ़िए क्या हुआ था 31 जुलाई को
अंबाला शहर के नाहन हाउस इलाके में 31 जुलाई की सुबह दो बच्चियों की मौत की खबर मिली। जानकारी के मुताबिक, जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त घर में कोई बड़ा मौजूद नहीं था। जब उनका भाई घर फोन लेने गया तो उसने दोनों बच्चियों को बेड पर पड़ा देखा, जिसके बाद उनके दादा घर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। इसकी जानकारी मिलते ही पूरा मोहल्ला इकट्ठा हो गया। जब मामले की जांच की गई तो परिजनों ने एक शख्स पर आरोप लगाया, जो उनके घर सुबह आया था। परिवार वालों के मुताबिक, शख्स ने मारपीट की थी, जिसके बाद ये घटना घटी है। अंबाला सिटी थाना प्रभारी सुनील दत्त ने बताया कि मां का नाम ज्योति है। ज्योति ने पूछताछ में हत्या का कारण घरेलू कलह बताया है। पति रोज नशा करता था। चौथी नंबर पर बेटी अमायरा पैदा हुई तो तभी से उसे ताने दिए जा रहे थे। बेटी को नाजायज बताया जा रहा था। इसलिए यह कदम उठाया। दोनों बच्चियों की पहचान योगिता (11) और अमायरा (7) के रूप में हुई है। पिता सोनू एक फैक्ट्री में मजदूरी करता है।