हरियाणा विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरेश जांगड़ा को पार्टी से दगाबाजी करने के बाद पद से हटा दिया है। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं। नरेश जांगड़ा को भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई का करीबी माना जाता था। इसी के चलते कुलदीप की सिफारिश पर नरेश को अध्यक्ष पद पर बैठाया गया था। हालांकि, हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान नरेश ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद ही उन पर यह कार्रवाई हुई है। कुलदीप बिश्नोई के कहने पर पद मिला
बता दें कि जब कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा की सदस्यता ली थी, उसी समय नरेश जांगड़ा भी भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद कुलदीप ने भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले कुलदीप के कहने पर नरेश जांगड़ा को मार्च महीने में ही हरियाणा श्रम कल्याण विभाग का अध्यक्ष बना दिया गया था। नरेश जांगड़ा खुद OBC समाज से आते हैं, इसलिए भाजपा में उन्होंने OBC मोर्चा के जिला अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है। वह कुलदीप के साथ ही नजर आते थे। कई रैलियों में नरेश जांगड़ा को कुलदीप के साथ मंच पर देखा गया, लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा और कुलदीप का साथ छोड़ दिया, और कांग्रेस में शामिल हो गए। चंद्र प्रकाश के उम्मीदवार बनने पर मन बदला
दरअसल, कांग्रेस ने आदमपुर विधानसभा सीट से चंद्र प्रकाश को टिकट दिया था। चंद्र प्रकाश भी जांगड़ा समाज से आते हैं, इसलिए नरेश जांगड़ा का झुकाव भी कांग्रेस की ओर हो गया। जबकि, भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को अपना उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद नरेश जांगड़ ने भाजपा छोड़ने का मन बनाया और 23 सितंबर को रोहतक में एक कार्यक्रम के दौरान वह पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद नरेश जांगड़ा आदमपुर में सक्रिय हुए और उन्होंने भव्य बिश्नोई के खिलाफ प्रचार भी किया। इससे जांगड़ा समाज का वोट भी काफी हद तक चंद्र प्रकाश को मिला और भव्य बिश्नोई को चुनाव में करीबी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही कुलदीप बिश्नोई भी नरेश जांगड़ा से नाराज थे। अब उन्हें सरकार ने पद से बर्खास्त कर दिया है। नरेश जांगड़ा प्रॉपर्टी डीलर भी हैं। हिसार में हुड्डा ऑफिस के सामने इनकी प्रॉपर्टी की दुकान है। हरियाणा विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरेश जांगड़ा को पार्टी से दगाबाजी करने के बाद पद से हटा दिया है। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं। नरेश जांगड़ा को भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई का करीबी माना जाता था। इसी के चलते कुलदीप की सिफारिश पर नरेश को अध्यक्ष पद पर बैठाया गया था। हालांकि, हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान नरेश ने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद ही उन पर यह कार्रवाई हुई है। कुलदीप बिश्नोई के कहने पर पद मिला
बता दें कि जब कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा की सदस्यता ली थी, उसी समय नरेश जांगड़ा भी भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद कुलदीप ने भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले कुलदीप के कहने पर नरेश जांगड़ा को मार्च महीने में ही हरियाणा श्रम कल्याण विभाग का अध्यक्ष बना दिया गया था। नरेश जांगड़ा खुद OBC समाज से आते हैं, इसलिए भाजपा में उन्होंने OBC मोर्चा के जिला अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया है। वह कुलदीप के साथ ही नजर आते थे। कई रैलियों में नरेश जांगड़ा को कुलदीप के साथ मंच पर देखा गया, लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा और कुलदीप का साथ छोड़ दिया, और कांग्रेस में शामिल हो गए। चंद्र प्रकाश के उम्मीदवार बनने पर मन बदला
दरअसल, कांग्रेस ने आदमपुर विधानसभा सीट से चंद्र प्रकाश को टिकट दिया था। चंद्र प्रकाश भी जांगड़ा समाज से आते हैं, इसलिए नरेश जांगड़ा का झुकाव भी कांग्रेस की ओर हो गया। जबकि, भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को अपना उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद नरेश जांगड़ ने भाजपा छोड़ने का मन बनाया और 23 सितंबर को रोहतक में एक कार्यक्रम के दौरान वह पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके बाद नरेश जांगड़ा आदमपुर में सक्रिय हुए और उन्होंने भव्य बिश्नोई के खिलाफ प्रचार भी किया। इससे जांगड़ा समाज का वोट भी काफी हद तक चंद्र प्रकाश को मिला और भव्य बिश्नोई को चुनाव में करीबी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से ही कुलदीप बिश्नोई भी नरेश जांगड़ा से नाराज थे। अब उन्हें सरकार ने पद से बर्खास्त कर दिया है। नरेश जांगड़ा प्रॉपर्टी डीलर भी हैं। हिसार में हुड्डा ऑफिस के सामने इनकी प्रॉपर्टी की दुकान है। हरियाणा | दैनिक भास्कर