हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने फरीदाबाद से पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान और उसके घरवालों के बैंक अकाउंट खंगाले हैं। इसमें पता चला कि आतंकी के खाते में सिर्फ 7 हजार रुपए थे। वहीं उसके पिता अबू बकर के खाते में 15 हजार रुपए जमा हैं। हालांकि उसकी मां आस्मिन के खाते में रकम ने STF को चौंकाया है। उसकी मां के खाते में 1.60 लाख रुपए मिले हैं। चूंकि अब्दुल का दावा था कि उनका परिवार बेहद गरीब है और इलाज के लिए उसे चंदा जमा करना पड़ा। ऐसे में उसकी मां के खाते में यह रकम कहां से आई, STF इसकी जांच कर रही है। पुलिस को यह भी पता चला कि अब्दुल के पिता के पास अयोध्या के गांव मजनई में 15 बिस्वा जमीन है। इस जमीन में अब्दुल सहित उसके 4 भाइयों का हिस्सा है। अब्दुल की चिकन की दुकान परिवार की आय का मुख्य साधन रही है। जांच के दौरान पुलिस को यह भी शक है कि आतंकी अब्दुल जो हैंड ग्रेनेड लेने फरीदाबाद आया था, वह झारखंड के नक्सलाइट एरिया से ट्रेन के जरिए यहां पहुंचाया गया था। चूंकि अब्दुल अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (AQIS) के POK ट्रेंड आतंकी अबू सूफियान के संपर्क में था और अबू झारखंड के चतरा का रहने वाला है। इस वजह से पुलिस को इसकी संभावना लग रही है। हैंड ग्रेनेड के देशी होने का शक
हैंड ग्रेनेड को निष्क्रिय करने वाली टीम के सदस्य ने बताया कि हैंड ग्रेनेड पर किसी भी देश या उसको बनाने वाले वाले की कोई पहचान नहीं मिली है। विदेशी हैंड ग्रेनेड और हथियारों पर संबंधित देश का नाम लिखा होता है, लेकिन अब्दुल के पास से बरामद हैंड ग्रेनेड पर ऐसा कुछ नही मिला। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब्दुल के पास से मिला हैंड ग्रेनेड नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आया, इसकी भी जांच की जा रही है। सैन्य अधिकारी बोले- नक्सली हैंड ग्रेनेड बना सकते हैं
फरीदाबाद के एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने बताया कि अगर हैंड ग्रेनेड का ऊपरी हिस्सा नक्सलियों को मिल जाए तो वे भी ग्रेनेड बना सकते हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी नक्सली सुरक्षाकर्मियों को इससे निशाना बनाते हैं। ऐसे में पुलिस का शक सही हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छी सेहत वाला शख्स हैंड ग्रेनेड को करीब 60 मीटर तक फेंक सकता है। एक हैंड ग्रेनेड का वजन 150 ग्राम से लेकर 200 ग्राम तक हो सकता है। हैंड ग्रेनेड गिरते ही फट जाता है और भीड़ वाली जगह पर इससे काफी नुकसान हो सकता है। स्लीपर सेल के जरिए हैंड ग्रेनेड की डिलीवरी का शक
हैंड ग्रेनेड को लेकर पुलिस को शक है कि इसे डिलीवर करने में आतंकियों के स्लीपर सेल का रोल हो सकता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक स्लीपर सेल से जुड़ा व्यक्ति आम आदमी की तरह ट्रेन से हैंड ग्रेनेड लाया, जिसे फरीदाबाद के पाली इलाके में 2 फीट गहरे गड्ढे में दबा दिया गया। जहां से अब्दुल ने इसे निकाल लिया था। हालांकि उसी वक्त वह गुजरात ATS और फरीदाबाद STF की पकड़ में आ गया। पूछताछ में उसने कहा कि हैंड ग्रेनेड यहां कौन लेकर आया, उसे इसके बारे में पता नहीं है। इस मामले में पुलिस अभी भी दिल्ली के किसी व्यक्ति की तलाश कर रही है। पहले महाकुंभ फिर राम मंदिर पर हमला करने वाला था अब्दुल
बता दें कि 2 मार्च को अयोध्या के रहने वाले 19 साल के आतंकी अब्दुल रहमान को पकड़ा गया। उससे पूछताछ में पता चला कि उसे पहले महाकुंभ पर हमले को कहा गया था। उस वक्त भी उसे हैंड ग्रेनेड लेकर जाने को कहा गया था। हालांकि उसका पिता बीमार हो गया तो वह नहीं आया। इसके बाद उसे रामनवमी पर राम मंदिर पर हमले के लिए कहा गया। इसके लिए उसने एक बार राम मंदिर की रेकी भी की। इसके बाद ही वह 1 मार्च को हैंड ग्रेनेड लेने के लिए आया। उसे 4 मार्च को वापस लौटना था, लेकिन वह पहले ही पकड़ा गया। ************* ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा से पकड़े आतंकी के घर मिला AK47 का डिजाइन:हथियारों के मॉडल भी मिले राम मंदिर पर हमले की साजिश में शामिल फरीदाबाद से पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान के घर से पुलिस को हथियारों के मॉडल मिले। ये मॉडल उसने लकड़ी से बनाए थे। इसके अलावा चार्ट पर उसने AK-47 का डिजाइन भी बनाया था। ऐसे में पुलिस को शक है कि वह घर पर ही देसी हथियार बनाने की प्रैक्टिस कर रहा था। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने फरीदाबाद से पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान और उसके घरवालों के बैंक अकाउंट खंगाले हैं। इसमें पता चला कि आतंकी के खाते में सिर्फ 7 हजार रुपए थे। वहीं उसके पिता अबू बकर के खाते में 15 हजार रुपए जमा हैं। हालांकि उसकी मां आस्मिन के खाते में रकम ने STF को चौंकाया है। उसकी मां के खाते में 1.60 लाख रुपए मिले हैं। चूंकि अब्दुल का दावा था कि उनका परिवार बेहद गरीब है और इलाज के लिए उसे चंदा जमा करना पड़ा। ऐसे में उसकी मां के खाते में यह रकम कहां से आई, STF इसकी जांच कर रही है। पुलिस को यह भी पता चला कि अब्दुल के पिता के पास अयोध्या के गांव मजनई में 15 बिस्वा जमीन है। इस जमीन में अब्दुल सहित उसके 4 भाइयों का हिस्सा है। अब्दुल की चिकन की दुकान परिवार की आय का मुख्य साधन रही है। जांच के दौरान पुलिस को यह भी शक है कि आतंकी अब्दुल जो हैंड ग्रेनेड लेने फरीदाबाद आया था, वह झारखंड के नक्सलाइट एरिया से ट्रेन के जरिए यहां पहुंचाया गया था। चूंकि अब्दुल अलकायदा इन इंडियन सब-कांटिनेंट (AQIS) के POK ट्रेंड आतंकी अबू सूफियान के संपर्क में था और अबू झारखंड के चतरा का रहने वाला है। इस वजह से पुलिस को इसकी संभावना लग रही है। हैंड ग्रेनेड के देशी होने का शक
हैंड ग्रेनेड को निष्क्रिय करने वाली टीम के सदस्य ने बताया कि हैंड ग्रेनेड पर किसी भी देश या उसको बनाने वाले वाले की कोई पहचान नहीं मिली है। विदेशी हैंड ग्रेनेड और हथियारों पर संबंधित देश का नाम लिखा होता है, लेकिन अब्दुल के पास से बरामद हैंड ग्रेनेड पर ऐसा कुछ नही मिला। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब्दुल के पास से मिला हैंड ग्रेनेड नक्सल प्रभावित क्षेत्र से आया, इसकी भी जांच की जा रही है। सैन्य अधिकारी बोले- नक्सली हैंड ग्रेनेड बना सकते हैं
फरीदाबाद के एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने बताया कि अगर हैंड ग्रेनेड का ऊपरी हिस्सा नक्सलियों को मिल जाए तो वे भी ग्रेनेड बना सकते हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी नक्सली सुरक्षाकर्मियों को इससे निशाना बनाते हैं। ऐसे में पुलिस का शक सही हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एक अच्छी सेहत वाला शख्स हैंड ग्रेनेड को करीब 60 मीटर तक फेंक सकता है। एक हैंड ग्रेनेड का वजन 150 ग्राम से लेकर 200 ग्राम तक हो सकता है। हैंड ग्रेनेड गिरते ही फट जाता है और भीड़ वाली जगह पर इससे काफी नुकसान हो सकता है। स्लीपर सेल के जरिए हैंड ग्रेनेड की डिलीवरी का शक
हैंड ग्रेनेड को लेकर पुलिस को शक है कि इसे डिलीवर करने में आतंकियों के स्लीपर सेल का रोल हो सकता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक स्लीपर सेल से जुड़ा व्यक्ति आम आदमी की तरह ट्रेन से हैंड ग्रेनेड लाया, जिसे फरीदाबाद के पाली इलाके में 2 फीट गहरे गड्ढे में दबा दिया गया। जहां से अब्दुल ने इसे निकाल लिया था। हालांकि उसी वक्त वह गुजरात ATS और फरीदाबाद STF की पकड़ में आ गया। पूछताछ में उसने कहा कि हैंड ग्रेनेड यहां कौन लेकर आया, उसे इसके बारे में पता नहीं है। इस मामले में पुलिस अभी भी दिल्ली के किसी व्यक्ति की तलाश कर रही है। पहले महाकुंभ फिर राम मंदिर पर हमला करने वाला था अब्दुल
बता दें कि 2 मार्च को अयोध्या के रहने वाले 19 साल के आतंकी अब्दुल रहमान को पकड़ा गया। उससे पूछताछ में पता चला कि उसे पहले महाकुंभ पर हमले को कहा गया था। उस वक्त भी उसे हैंड ग्रेनेड लेकर जाने को कहा गया था। हालांकि उसका पिता बीमार हो गया तो वह नहीं आया। इसके बाद उसे रामनवमी पर राम मंदिर पर हमले के लिए कहा गया। इसके लिए उसने एक बार राम मंदिर की रेकी भी की। इसके बाद ही वह 1 मार्च को हैंड ग्रेनेड लेने के लिए आया। उसे 4 मार्च को वापस लौटना था, लेकिन वह पहले ही पकड़ा गया। ************* ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा से पकड़े आतंकी के घर मिला AK47 का डिजाइन:हथियारों के मॉडल भी मिले राम मंदिर पर हमले की साजिश में शामिल फरीदाबाद से पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान के घर से पुलिस को हथियारों के मॉडल मिले। ये मॉडल उसने लकड़ी से बनाए थे। इसके अलावा चार्ट पर उसने AK-47 का डिजाइन भी बनाया था। ऐसे में पुलिस को शक है कि वह घर पर ही देसी हथियार बनाने की प्रैक्टिस कर रहा था। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा | दैनिक भास्कर
