गुप-चुप समय से पहले जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज की ताजपोशी:10 बजे की जगह अलसुबह संभाली सेवा; निंहग संगठन इकट्‌ठे होना शुरू हुए

गुप-चुप समय से पहले जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज की ताजपोशी:10 बजे की जगह अलसुबह संभाली सेवा; निंहग संगठन इकट्‌ठे होना शुरू हुए

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पद से ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री केशगढ़ साहिब से ज्ञानी सुल्तान सिंह को सेवामुक्त किए जाने के बाद आज सोमवार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की ताजपोशी गुपचुप तरीके से अलसुबह कर दी गई। ये फैसला विरोध को दबाने के लिए किया गया। दरअसल, शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेताओं के अलावा अब निहंग जत्थेबंदियों ने भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को फैसला बदलने के लिए कह रहीं थी। सिंह संगठनों ने ऐलान कर दिया था कि वे ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की ताजपोशी नहीं होने देंगे। वहीं, एसजीपीसी को अपना फैसला बदलना होगा। 96 करोड़ी निहंग सिंह जत्थेबंदी के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया। बीते दिन वे मुम्बई में थे, लेकिन वह सुबह ही श्री केशगढ़ साहिब पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि वे स्थिति का जायजा ले रहे हैं। गौरतलब है कि बाबा बलबीर सिंह ने जत्थेदारों की बर्खास्तगी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और सभी निहंग जत्थेबंदियों से अपील की है कि वे कल नए जत्थेदारों की ताजपोशी का विरोध करने के लिए एकत्रित हों। बिक्रम मजीठिया व अन्य को शो-कॉज नोटिस अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर सदस्य को पार्टी मंच पर अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, लेकिन पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी, क्योंकि कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं है। इस तरह के सभी पार्टी विरोधी बयान और वीडियो पार्टी की अनुशासन समिति को सौंपे जा रहे हैं। सभी को शो-कॉज नोटिस भेजे जाएंगे। बिक्रम मजीठिया ने कहा- हम सहमत नहीं अकाली दल में ये विरोध बिक्रम मजीठिया के साथ 6 सीनियर नेताओं सरदार शरणजीत सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह लोधीनंगल, सरदार जोध सिंह सामरा, सरबजीत सिंह साबी, रमनदीप सिंह संधू और सिमरजीत सिंह ढिल्लों की तरफ से जारी प्रेस-नोट के बाद शुरू हुआ। जिसमें कहा गया- पिछले दिनों हुई घटनाओं को लेकर जो फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने लिया है, उससे संपूर्ण संगत और हमारे मनों को को गहरी ठेस पहुंची है। गुरु साहिब जी ने भी संगतों को भी गुरु का स्थान दिया है, वही संगतों के विचारों को महत्व देते हुए, हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि धर्म और धार्मिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी गलत परंपराओं को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा, उसे सिख मर्यादा के अनुसार जवाब दिया जाएगा। जो लोग सिख परंपराओं और धर्म की रक्षा के लिए खड़े हैं, वे सिख समुदाय के सही मार्ग पर चलने वाले लोग हैं। भूंदड़ ने कहा- मजीठिया ने बादल परिवार की पीठ पर छ़रा घोंपा शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने बिक्रम मजीठिया के विरोध के बाद लिखित बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा- बिक्रम सिंह मजीठिया ने एसजीपीसी के फैसले पर सवाल उठाकर गलत किया है, जबकि यही वह कमेटी है, जिसके पहले प्रधान उनके परदादा सुंदर सिंह मजीठिया थे।एसजीपीसी की अंतरिम कमेटी द्वारा जत्थेदार साहिबान को लेकर लिया गया फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद किया गया है। बिक्रम सिंह मजीठिया को बीबी हरसिमरत कौर बादल ने बचपन से पाला और बादल परिवार का हिस्सा होने के कारण उन्हें बहुत सम्मान दिलाया गया। सुखबीर सिंह बादल ने मुश्किल समय में मजीठिया का पूरी तरह समर्थन किया, लेकिन आज जब अकाली दल और सुखबीर सिंह बादल कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तो मजीठिया को उनके साथ खड़ा होना चाहिए था, मगर उन्होंने पीठ में छुरा घोंप दिया है। स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद अकाली दल के अंदर बने हालातों को देखते हुए मजीठिया का कर्तव्य था कि वह उस महान नेता के अहसानों के कारण उनकी विरासत को संजोने में सुखबीर बादल का पूरा समर्थन करते। मैं फिर से बिक्रम सिंह मजीठिया के इस कदम को गलत ठहराते हुए उन्हें सलाह देता हूं कि वह विरोधियों की साजिश का हिस्सा बनने के बजाय मिलकर इन साजिशों का मुकाबला करें। जानें कौन हैं ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने 40 वर्षीय कुलदीप सिंह गढ़गज को तख्त श्री केसगढ़ साहिब का जत्थेदार नियुक्त किया है और उनकी आज ताजपोशी हो रही है। उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। गढ़गज, जिन्होंने इतिहास में एमए किया है, पिछले दो दशकों से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के तहत प्रचारक के रूप में कार्य कर रहे थे। इसके अलावा, वे साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर के एक गुरुद्वारे में भी प्रचार करते रहे हैं। गढ़गज को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के व्याख्यान देने और सिख इतिहास से जुड़े प्रमुख ग्रंथों जैसे श्री गुरप्रताप सूरज ग्रंथ और प्राचीन पंथ प्रकाश की व्याख्या करने में दक्ष माना जाता है। वे श्री दरबार साहिब, अमृतसर में गुरुद्वारा मंजी साहिब के दीवान हॉल में कथा सेवा भी निभा चुके हैं।इसके अलावा, गढ़गज सिख अनाथ बच्चों की देखभाल, उनकी शिक्षा और कल्याण में भी सहयोग देते रहे हैं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पद से ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री केशगढ़ साहिब से ज्ञानी सुल्तान सिंह को सेवामुक्त किए जाने के बाद आज सोमवार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की ताजपोशी गुपचुप तरीके से अलसुबह कर दी गई। ये फैसला विरोध को दबाने के लिए किया गया। दरअसल, शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेताओं के अलावा अब निहंग जत्थेबंदियों ने भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को फैसला बदलने के लिए कह रहीं थी। सिंह संगठनों ने ऐलान कर दिया था कि वे ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की ताजपोशी नहीं होने देंगे। वहीं, एसजीपीसी को अपना फैसला बदलना होगा। 96 करोड़ी निहंग सिंह जत्थेबंदी के प्रमुख बाबा बलबीर सिंह ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया। बीते दिन वे मुम्बई में थे, लेकिन वह सुबह ही श्री केशगढ़ साहिब पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि वे स्थिति का जायजा ले रहे हैं। गौरतलब है कि बाबा बलबीर सिंह ने जत्थेदारों की बर्खास्तगी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है और सभी निहंग जत्थेबंदियों से अपील की है कि वे कल नए जत्थेदारों की ताजपोशी का विरोध करने के लिए एकत्रित हों। बिक्रम मजीठिया व अन्य को शो-कॉज नोटिस अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर सदस्य को पार्टी मंच पर अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, लेकिन पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी, क्योंकि कोई भी व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं है। इस तरह के सभी पार्टी विरोधी बयान और वीडियो पार्टी की अनुशासन समिति को सौंपे जा रहे हैं। सभी को शो-कॉज नोटिस भेजे जाएंगे। बिक्रम मजीठिया ने कहा- हम सहमत नहीं अकाली दल में ये विरोध बिक्रम मजीठिया के साथ 6 सीनियर नेताओं सरदार शरणजीत सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह लोधीनंगल, सरदार जोध सिंह सामरा, सरबजीत सिंह साबी, रमनदीप सिंह संधू और सिमरजीत सिंह ढिल्लों की तरफ से जारी प्रेस-नोट के बाद शुरू हुआ। जिसमें कहा गया- पिछले दिनों हुई घटनाओं को लेकर जो फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने लिया है, उससे संपूर्ण संगत और हमारे मनों को को गहरी ठेस पहुंची है। गुरु साहिब जी ने भी संगतों को भी गुरु का स्थान दिया है, वही संगतों के विचारों को महत्व देते हुए, हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि धर्म और धार्मिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी गलत परंपराओं को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा, उसे सिख मर्यादा के अनुसार जवाब दिया जाएगा। जो लोग सिख परंपराओं और धर्म की रक्षा के लिए खड़े हैं, वे सिख समुदाय के सही मार्ग पर चलने वाले लोग हैं। भूंदड़ ने कहा- मजीठिया ने बादल परिवार की पीठ पर छ़रा घोंपा शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने बिक्रम मजीठिया के विरोध के बाद लिखित बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा- बिक्रम सिंह मजीठिया ने एसजीपीसी के फैसले पर सवाल उठाकर गलत किया है, जबकि यही वह कमेटी है, जिसके पहले प्रधान उनके परदादा सुंदर सिंह मजीठिया थे।एसजीपीसी की अंतरिम कमेटी द्वारा जत्थेदार साहिबान को लेकर लिया गया फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद किया गया है। बिक्रम सिंह मजीठिया को बीबी हरसिमरत कौर बादल ने बचपन से पाला और बादल परिवार का हिस्सा होने के कारण उन्हें बहुत सम्मान दिलाया गया। सुखबीर सिंह बादल ने मुश्किल समय में मजीठिया का पूरी तरह समर्थन किया, लेकिन आज जब अकाली दल और सुखबीर सिंह बादल कठिन दौर से गुजर रहे हैं, तो मजीठिया को उनके साथ खड़ा होना चाहिए था, मगर उन्होंने पीठ में छुरा घोंप दिया है। स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद अकाली दल के अंदर बने हालातों को देखते हुए मजीठिया का कर्तव्य था कि वह उस महान नेता के अहसानों के कारण उनकी विरासत को संजोने में सुखबीर बादल का पूरा समर्थन करते। मैं फिर से बिक्रम सिंह मजीठिया के इस कदम को गलत ठहराते हुए उन्हें सलाह देता हूं कि वह विरोधियों की साजिश का हिस्सा बनने के बजाय मिलकर इन साजिशों का मुकाबला करें। जानें कौन हैं ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने 40 वर्षीय कुलदीप सिंह गढ़गज को तख्त श्री केसगढ़ साहिब का जत्थेदार नियुक्त किया है और उनकी आज ताजपोशी हो रही है। उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। गढ़गज, जिन्होंने इतिहास में एमए किया है, पिछले दो दशकों से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के तहत प्रचारक के रूप में कार्य कर रहे थे। इसके अलावा, वे साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर के एक गुरुद्वारे में भी प्रचार करते रहे हैं। गढ़गज को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के व्याख्यान देने और सिख इतिहास से जुड़े प्रमुख ग्रंथों जैसे श्री गुरप्रताप सूरज ग्रंथ और प्राचीन पंथ प्रकाश की व्याख्या करने में दक्ष माना जाता है। वे श्री दरबार साहिब, अमृतसर में गुरुद्वारा मंजी साहिब के दीवान हॉल में कथा सेवा भी निभा चुके हैं।इसके अलावा, गढ़गज सिख अनाथ बच्चों की देखभाल, उनकी शिक्षा और कल्याण में भी सहयोग देते रहे हैं।   पंजाब | दैनिक भास्कर