27 साल से सरकार बनाने की कोशिश में जुटी BJP के लिए दिल्ली में हरियाणा BJP के सारे नेता वोट मांगते हुए नजर आएंगे। इनमें केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, CM नायब सैनी के अलावा तमाम मंत्री, विधायक, सांसद भी शामिल होंगे।
भाजपा ने कुछ नेताओं को इलाके भी बांट दिए हैं। वहीं सरकार और संगठन चला चुके कुछ नेताओं का चुनाव की रणनीति बनाने में इस्तेमाल होगा। जिसमें केंद्रीय मंत्री खट्टर का प्रमुख नाम है। खास बात यह है कि प्रदेश की 2 महिला मंत्री भी सांसद माता और केंद्रीय मंत्री पिता के साथ दिल्ली में वोट मांगेंगी। इनमें से किरण चौधरी ऐसी सांसद हैं, जो दिल्ली से चुनाव जीतने के साथ विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। दिल्ली में हरियाणा के नेताओं की अहम भूमिका क्यों?
ऐसा इसलिए, क्योंकि दिल्ली हरियाणा से सटा हुआ है। इसके गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे जिले सीधे दिल्ली से जुड़े हुए हैं। यहां से नौकरीपेशा से लेकर बिजनेसमैन का दिल्ली से गुरुग्राम या फरीदाबाद आना–जाना लगा रहता है। इसके अलावा प्रदेश के 11 जिले दिल्ली NCR में आते हैं। ऐसे में कुछ लोगों से यहां के भाजपा नेताओं के पर्सनल रिलेशन भी हैं। दिल्ली प्रचार में किस नेता का क्या रोल रहेगा? मनोहर लाल खट्टर : केंद्रीय उर्जा एवं शहरी विकास मंत्री खट्टर भाजपा की रणनीतिकारों की टीम में होंगे। खट्टर को संगठन से लेकर सरकार चलाने का अच्छा अनुभव है। 2014 में उन्हें पहली बार विधायक बनते ही हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसके 5 साल बाद 2019 में चुनाव हुए तो भाजपा 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। इसके बाद सरकार बनाने की बारी आई तो खट्टर ने संगठन और सरकार के कौशल से BJP विरोधी वोटों से जीती जननायक जनता पार्टी (JJP) को साथ मिला लिया और साढ़े 4 साल सरकार चलाई। जब तक खट्टर सीएम रहे तो गठबंधन बढ़िया चलता रहा। खट्टर ने कुर्सी छोड़ी तो गठबंधन भी टूट गया। उनके नेतृत्व में प्रदेश में 2 लोकसभा और 2 विधानसभा चुनाव भी लड़े गए। 2019 में उन्होंने पार्टी को सभी 10 लोकसभा सीटें दिलाईं। CM नायब सैनी: प्रदेश के मुख्यमंत्री दिल्ली में स्टार प्रचारक के रोल में रहेंगे। इसकी वजह ये है कि एक तो वह ओबीसी वर्ग से आते हैं, जो दिल्ली के जातीय समीकरण पर फिट बैठता है। दूसरा हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के माहौल के बावजूद भाजपा ने उनकी ही अगुआई में जीता। सैनी ने प्रचार में सभी 90 सीटें कवर कीं। अब 5 साल वही सीएम रहने वाले हैं तो ऐसे में हरियाणा के जो लोग दिल्ली में रह रहे हैं और वोटर हैं, तो उन पर भाजपा सैनी के जरिए असर डाल सकती है। 2 सांसद मंत्री बेटियों संग प्रचार करेंगे
राज्य से लोकसभा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी भी दिल्ली में मंत्री बेटियों संग वोट मांगते हुए नजर आएंगे। राव की बेटी आरती राव पहली बार विधायक बनते ही हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भी पहली बार विधायक बनने के बाद मंत्री बन गईं। मां–बेटी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आई थी। किरण चौधरी दिल्ली कैंट विधानसभा से 1998 में चुनाव जीत चुकी हैं, तब वे 2003 तक दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रहीं। उन्हें दिल्ली का भी अनुभव है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे। हिसार के हैं अरविंद केजरीवाल दिल्ली में इस वक्त AAP की सरकार है और मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को बनाया गया है। हालांकि ये चुनाव पूरी तरह से केजरीवाल के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है। 2020 में जब यहां पर विधानसभा चुनाव हुए थे तो AAP कुल 70 सीटों में से 62 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। हालांकि बीजेपी को बढ़त जरूर मिली थी लेकिन वो मात्र 8 सीटें जीत पाई, वहीं कांग्रेस तो यहां पर खाता तक नहीं खोल पाई। केजरीवाल की बात करें तो इनका हरियाणा से एक गहरा नाता है, दरअसल केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई हिसार से की, फिर दिल्ली के आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की थी। हालांकि, उन्होंने सरकारी नौकरी को छोड़ दिया और सामाजिक कार्यों की ओर रुख किया। 27 साल से सरकार बनाने की कोशिश में जुटी BJP के लिए दिल्ली में हरियाणा BJP के सारे नेता वोट मांगते हुए नजर आएंगे। इनमें केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, CM नायब सैनी के अलावा तमाम मंत्री, विधायक, सांसद भी शामिल होंगे।
भाजपा ने कुछ नेताओं को इलाके भी बांट दिए हैं। वहीं सरकार और संगठन चला चुके कुछ नेताओं का चुनाव की रणनीति बनाने में इस्तेमाल होगा। जिसमें केंद्रीय मंत्री खट्टर का प्रमुख नाम है। खास बात यह है कि प्रदेश की 2 महिला मंत्री भी सांसद माता और केंद्रीय मंत्री पिता के साथ दिल्ली में वोट मांगेंगी। इनमें से किरण चौधरी ऐसी सांसद हैं, जो दिल्ली से चुनाव जीतने के साथ विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। दिल्ली में हरियाणा के नेताओं की अहम भूमिका क्यों?
ऐसा इसलिए, क्योंकि दिल्ली हरियाणा से सटा हुआ है। इसके गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे जिले सीधे दिल्ली से जुड़े हुए हैं। यहां से नौकरीपेशा से लेकर बिजनेसमैन का दिल्ली से गुरुग्राम या फरीदाबाद आना–जाना लगा रहता है। इसके अलावा प्रदेश के 11 जिले दिल्ली NCR में आते हैं। ऐसे में कुछ लोगों से यहां के भाजपा नेताओं के पर्सनल रिलेशन भी हैं। दिल्ली प्रचार में किस नेता का क्या रोल रहेगा? मनोहर लाल खट्टर : केंद्रीय उर्जा एवं शहरी विकास मंत्री खट्टर भाजपा की रणनीतिकारों की टीम में होंगे। खट्टर को संगठन से लेकर सरकार चलाने का अच्छा अनुभव है। 2014 में उन्हें पहली बार विधायक बनते ही हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसके 5 साल बाद 2019 में चुनाव हुए तो भाजपा 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। इसके बाद सरकार बनाने की बारी आई तो खट्टर ने संगठन और सरकार के कौशल से BJP विरोधी वोटों से जीती जननायक जनता पार्टी (JJP) को साथ मिला लिया और साढ़े 4 साल सरकार चलाई। जब तक खट्टर सीएम रहे तो गठबंधन बढ़िया चलता रहा। खट्टर ने कुर्सी छोड़ी तो गठबंधन भी टूट गया। उनके नेतृत्व में प्रदेश में 2 लोकसभा और 2 विधानसभा चुनाव भी लड़े गए। 2019 में उन्होंने पार्टी को सभी 10 लोकसभा सीटें दिलाईं। CM नायब सैनी: प्रदेश के मुख्यमंत्री दिल्ली में स्टार प्रचारक के रोल में रहेंगे। इसकी वजह ये है कि एक तो वह ओबीसी वर्ग से आते हैं, जो दिल्ली के जातीय समीकरण पर फिट बैठता है। दूसरा हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के माहौल के बावजूद भाजपा ने उनकी ही अगुआई में जीता। सैनी ने प्रचार में सभी 90 सीटें कवर कीं। अब 5 साल वही सीएम रहने वाले हैं तो ऐसे में हरियाणा के जो लोग दिल्ली में रह रहे हैं और वोटर हैं, तो उन पर भाजपा सैनी के जरिए असर डाल सकती है। 2 सांसद मंत्री बेटियों संग प्रचार करेंगे
राज्य से लोकसभा सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी भी दिल्ली में मंत्री बेटियों संग वोट मांगते हुए नजर आएंगे। राव की बेटी आरती राव पहली बार विधायक बनते ही हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं। किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भी पहली बार विधायक बनने के बाद मंत्री बन गईं। मां–बेटी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आई थी। किरण चौधरी दिल्ली कैंट विधानसभा से 1998 में चुनाव जीत चुकी हैं, तब वे 2003 तक दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रहीं। उन्हें दिल्ली का भी अनुभव है। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे। हिसार के हैं अरविंद केजरीवाल दिल्ली में इस वक्त AAP की सरकार है और मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को बनाया गया है। हालांकि ये चुनाव पूरी तरह से केजरीवाल के चेहरे पर ही लड़ा जा रहा है। 2020 में जब यहां पर विधानसभा चुनाव हुए थे तो AAP कुल 70 सीटों में से 62 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। हालांकि बीजेपी को बढ़त जरूर मिली थी लेकिन वो मात्र 8 सीटें जीत पाई, वहीं कांग्रेस तो यहां पर खाता तक नहीं खोल पाई। केजरीवाल की बात करें तो इनका हरियाणा से एक गहरा नाता है, दरअसल केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई हिसार से की, फिर दिल्ली के आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा में भी सफलता प्राप्त की थी। हालांकि, उन्होंने सरकारी नौकरी को छोड़ दिया और सामाजिक कार्यों की ओर रुख किया। हरियाणा | दैनिक भास्कर