हरियाणा में गोपाल कांडा-गोबिंद कांडा बंधुओं पर BJP में घमासान मच गया है। हलोपा ने रानिया से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। हलोपा गोपाल कांडा की पार्टी है, जो नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) में शामिल है। हलोपा ने BJP नेता गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को उम्मीदवार बनाया है। इसी सीट से BJP में शामिल हो चुके बिजली मंत्री रणजीत चौटाला विधायक रह चुके हैं। वे इसी सीट से चुनाव लड़ते हैं। जब इस बारे में रणजीत चौटाला से पूछा गया तो उन्होंने यहां तक कह डाला कि हलोपा कोई पार्टी ही नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांडा बंधुओं के पास कोई जनाधार भी नहीं है। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि कुछ दिन पहले सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि अगला विधानसभा चुनाव वह हलोपा से मिलकर लड़ेंगे। भाजपा नेता रणजीत चौटाला गुरुवार को फतेहाबाद पुलिस लाइन में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे थे। यहां चौटाला ने झंडा फहराया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। गृहमंत्री पहले ही कह चुके, समझौता नहीं करेंगे
रणजीत सिंह ने कहा, ‘हर एक का अपना फंडामेंटल है। कोई कहीं से चुनाव लड़ सकता है, लेकिन फाइट तो भाजपा और कांग्रेस में ही रहेगी। कभी किसी समय पंजाब में बादल साहब (SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल) की पार्टी का 25 साल तक राज रहा। उनका डंका बजता था, बड़ी-बड़ी सभाएं लगती थीं, लेकिन अब वह दल समाप्ति की ओर है। UP में मायावती (बसपा सुप्रीमो) का नाम चलता रहा है। अब कहां हैं वह? हरियाणा में इनेलो और JJP आईं। चौधरी देवीलाल के समय यहीं से तय होता था कि देश का PM कौन बनेगा। बिहार, गुजरात, UP, आदि में मुख्यमंत्री तक देवीलाल बनाते थे। अब ये भी दल चले गए। हलोपा कोई पार्टी नहीं है। 10 सीटों पर टिकट बांटें या 15 सीटों पर, लेकिन मैं मानता हूं कि हलोपा की जनता में कोई अपील नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह हरियाणा दौरे के दौरान साफ तौर पर कह गए थे कि भाजपा समझौता नहीं करेगी और अपने बल पर सरकार बनाएगी।’ मैं भाजपा के पैमाने पर खरा हूं
रानिया से भाजपा की टिकट मिलने के सवाल पर रणजीत सिंह ने कहा, ‘3 माह पहले पार्टी ने मुझे हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया। अब 3 माह में ऐसी कोई डिस्क्वालिफिकेशन मुझमें नहीं आई है। मेरा अपना जनाधार है। 5 लाख से ज्यादा वोट आए और 30 हजार से हार गया, क्योंकि फैमिली के लोग सामने खड़े हो गए थे। रानिया से जब मैंने कांग्रेस छोड़ स्वतंत्र चुनाव लड़ा तो 25 हजार से ज्यादा वोटों से जीतकर आया। बाकियों की जमानत जब्त हो गईं। भाजपा समर्पित, अच्छी इमेज और जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देती है। उनके हर पैमाने पर मैं खरा उतरता हूं।’ राम रहीम की फरलो गैरकानूनी नहीं
हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को मिली फरलो को लेकर चौटाला ने कहा कि उन्हें पैरोल या फरलो कानून के तहत ही मिली है। इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं। उन्होंने कहा कि जेल महकमे के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होता कि वह अपने स्तर पर किसी को बाहर निकाले। उन्होंने कहा कि जब भी राम रहीम को पैरोल या फरलो मिलती है तो यह प्रश्न उठते हैं। जब भी कोई कैदी 3 साल से ज्यादा सजा भुगत लेता है तो उसके पास अधिकार रहता है कि वह पैरोल या फरलो ले सके। हमारा काम सिर्फ एप्लिकेशन फॉरवर्ड करना होता है। चौटाला ने कहा कि यदि कैदी की सजा 3 साल तक है तो DC लेवल और सजा 7 साल से अधिक है तो पुलिस कमिश्नर स्तर पर पैरोल मिलती है। उन्होंने कहा कि जेल में सिर्फ एप्लिकेशन आती है, जिसे जेल के कानूनों के तहत आगे भेज दिया जाता है। जो भी हो रहा है, वह जेल मैनुअल के तहत हो रहा है। हरियाणा में गोपाल कांडा-गोबिंद कांडा बंधुओं पर BJP में घमासान मच गया है। हलोपा ने रानिया से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। हलोपा गोपाल कांडा की पार्टी है, जो नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) में शामिल है। हलोपा ने BJP नेता गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को उम्मीदवार बनाया है। इसी सीट से BJP में शामिल हो चुके बिजली मंत्री रणजीत चौटाला विधायक रह चुके हैं। वे इसी सीट से चुनाव लड़ते हैं। जब इस बारे में रणजीत चौटाला से पूछा गया तो उन्होंने यहां तक कह डाला कि हलोपा कोई पार्टी ही नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांडा बंधुओं के पास कोई जनाधार भी नहीं है। यह बात इसलिए अहम है क्योंकि कुछ दिन पहले सीएम नायब सैनी कह चुके हैं कि अगला विधानसभा चुनाव वह हलोपा से मिलकर लड़ेंगे। भाजपा नेता रणजीत चौटाला गुरुवार को फतेहाबाद पुलिस लाइन में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे थे। यहां चौटाला ने झंडा फहराया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। गृहमंत्री पहले ही कह चुके, समझौता नहीं करेंगे
रणजीत सिंह ने कहा, ‘हर एक का अपना फंडामेंटल है। कोई कहीं से चुनाव लड़ सकता है, लेकिन फाइट तो भाजपा और कांग्रेस में ही रहेगी। कभी किसी समय पंजाब में बादल साहब (SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल) की पार्टी का 25 साल तक राज रहा। उनका डंका बजता था, बड़ी-बड़ी सभाएं लगती थीं, लेकिन अब वह दल समाप्ति की ओर है। UP में मायावती (बसपा सुप्रीमो) का नाम चलता रहा है। अब कहां हैं वह? हरियाणा में इनेलो और JJP आईं। चौधरी देवीलाल के समय यहीं से तय होता था कि देश का PM कौन बनेगा। बिहार, गुजरात, UP, आदि में मुख्यमंत्री तक देवीलाल बनाते थे। अब ये भी दल चले गए। हलोपा कोई पार्टी नहीं है। 10 सीटों पर टिकट बांटें या 15 सीटों पर, लेकिन मैं मानता हूं कि हलोपा की जनता में कोई अपील नहीं है। गृहमंत्री अमित शाह हरियाणा दौरे के दौरान साफ तौर पर कह गए थे कि भाजपा समझौता नहीं करेगी और अपने बल पर सरकार बनाएगी।’ मैं भाजपा के पैमाने पर खरा हूं
रानिया से भाजपा की टिकट मिलने के सवाल पर रणजीत सिंह ने कहा, ‘3 माह पहले पार्टी ने मुझे हिसार से लोकसभा चुनाव लड़वाया। अब 3 माह में ऐसी कोई डिस्क्वालिफिकेशन मुझमें नहीं आई है। मेरा अपना जनाधार है। 5 लाख से ज्यादा वोट आए और 30 हजार से हार गया, क्योंकि फैमिली के लोग सामने खड़े हो गए थे। रानिया से जब मैंने कांग्रेस छोड़ स्वतंत्र चुनाव लड़ा तो 25 हजार से ज्यादा वोटों से जीतकर आया। बाकियों की जमानत जब्त हो गईं। भाजपा समर्पित, अच्छी इमेज और जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देती है। उनके हर पैमाने पर मैं खरा उतरता हूं।’ राम रहीम की फरलो गैरकानूनी नहीं
हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को मिली फरलो को लेकर चौटाला ने कहा कि उन्हें पैरोल या फरलो कानून के तहत ही मिली है। इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं। उन्होंने कहा कि जेल महकमे के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होता कि वह अपने स्तर पर किसी को बाहर निकाले। उन्होंने कहा कि जब भी राम रहीम को पैरोल या फरलो मिलती है तो यह प्रश्न उठते हैं। जब भी कोई कैदी 3 साल से ज्यादा सजा भुगत लेता है तो उसके पास अधिकार रहता है कि वह पैरोल या फरलो ले सके। हमारा काम सिर्फ एप्लिकेशन फॉरवर्ड करना होता है। चौटाला ने कहा कि यदि कैदी की सजा 3 साल तक है तो DC लेवल और सजा 7 साल से अधिक है तो पुलिस कमिश्नर स्तर पर पैरोल मिलती है। उन्होंने कहा कि जेल में सिर्फ एप्लिकेशन आती है, जिसे जेल के कानूनों के तहत आगे भेज दिया जाता है। जो भी हो रहा है, वह जेल मैनुअल के तहत हो रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर