हरियाणा में बीजेपी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। पार्टी प्रदेश की सत्ता में वापसी कर हैट्रिक मारना चाहता है, लेकिन टिकट के दावेदार एवं नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई के साथ पार्टी में उठ रहे बागी सुरों ने प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया से लेकर शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर सतीश पूनिया को प्रदेश प्रभारी का दायित्व तो दिया गया, लेकिन वे फिलहाल पार्टी में अनुशासन कायम नहीं कर पा रहे। दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई चरम पर है और बड़े नेता अपने समर्थकों की टिकट को लेकर पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। वहीं बाहरी प्रत्याशियों को पार्टी टिकट देना चाहती है, लेकिन स्थानीय नेता-वर्कर इसको लेकर तैयार नहीं हैं और विरोध प्रदर्शन से लेकर शीर्ष नेतृत्व को लेटर लिखने का भी दौर चल रहा है। भाजपा में विभिन्न हलकों से टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है और हर कोई प्रेशर बनाकर टिकट की मांग कर रहा है। बीजेपी 10 साल के एंटी इनकंबैंसी के बीच सत्ता तक का सफर तय कर हैट्रिक मारने के लिए पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री पर दांव लगाना चाहती है। वहीं इसको लेकर पार्टी के अंदर बगावत के सुर मुखर होने लगे हैं। वर्कर पार्टी के बड़े चेहरों को बाहरी बताकर उनके पुतले तक जलाने लगे हैं। शीर्ष नेतृत्व को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी खुलकर जता रहे हैं। हरियाणा भाजपा में पार्टी के अंदर मचे घमासान ने शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। बंद कमरों की बात सार्वजनिक होने के साथ ही पार्टी वर्कर सड़कों पर आ गए हैं। प्रदेश संगठन पदाधिकारी खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। इसी के चलते शायद पार्टी ने टिकट वितरण की पहली तैयार लिस्ट को फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। डैमेज कंट्रोल के लिए शीर्ष नेतृत्व रणनीति बना रहा है। प्रभारी सतीश पूनिया के कई बड़ी चुनौती जिनके कटे टिकट, वो ही हाे रहे बागी भाजपा में जिस हिसाब से नेता मुखर हैं, टिकट के ऐलान होने के बाद वो बगावती हो सकते हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी में भी जिन नेताओं के टिकट कटेंगे, वह बगावत के सुर अपनाएंगे। कुछ निर्दलीय तो कुछ दूसरी पार्टी का भी रुख कर सकते हैं। इस पलायन को रोकना भी प्रभारी सतीश पूनिया के लिए एक बड़ा टास्क होगा। सर्वे पर भी उठ रहे सवाल भाजपा के सर्वे में जिन दावेदारों के नाम टिकट के लिए आए हैं, उनकी जगह वरिष्ठ नेताओं ने वीटो पावर कर अपने समर्थकों के नाम उसमें एड करवा दिए। इससे सर्वे पर ही सवाल खड़े हो गए। फिर पार्टी सर्वे की जरूरत ही क्या थी, इसको लेकर भी पूनिया क्या कदम उठाएंगे, इस पर भी सभी की नजर रहेगी। राव नरबीर हो चुके मुखर, टिकट बता रहे पक्का गुरुग्राम के बादशाहपुर हलके से प्रदेश के पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह भाजपा की टिकट मांग रहे हैं। समय-समय पर वह पार्टी को आंख भी दिखाते रहे हैं। उनके खिलाफ संसदीय बोर्ड सदस्य सुधा यादव मोर्चा खोल चुकी हैं, तो राव इंद्रजीत सिंह से उनका पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा है। पार्टी को यह भी पता है कि राव नरबीर ही यह सीट निकाल सकते हैं अब इस द्वंद को शांत करना भी पूनिया के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। नांगल चौधरी में भी शह मात का खेल महेंद्रगढ़ जिले में नांगल चौधरी विधायक व मंत्री अभय सिंह यादव व केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अदावत किसी से नहीं छिपी है। इस चुनाव में भी दोनों के बीच शह-मात का खेल चलेगा। इंद्रजीत सिंह अपने 8-10 समर्थकों को दक्षिण हरियाणा से टिकट देने की आवाज बुलंद कर रहे हैं। इनके बीच सीज फायर करवाना जरूरी है वरना इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है। सीएम-बड़ौली के बीच भी नहीं बनी एक राय हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी व प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के बीच ही एक राय नहीं बन पा रही है। बड़ोली ने सीएम के लाडवा से चुनाव लड़ने की बात कही तो कुछ देर बाद सीएम सैनी ने करनाल से चुनाव लड़ने की बात कह दी। इससे साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं है। गुरुग्राम विधानसभा में पंजाबी-ब्राह्मण-वैश्य के बीच पेंच फंसा है। एक केंद्रीय मंत्री पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ के नाम की पैरवी कर रहे हैं। वहीं दूसरे पंजाबी दावेदार सीमा पाहूजा, यशपाल बत्रा अपनी दावेदारी कर गार्गी को नगर नगम चुनाव में हराना, उनके हिमाचल के राजपूत होने की बात सामने आने से साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आमेर विधानसभा से चुनाव हारे थे पूनिया सतीश पूनिया राजस्थान में साढ़े 3 साल प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2013 में जब प्रदेश में वसुंधरा सरकार बनी तो वह आमेर से चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2018 के चुनाव में जब सत्ता में गहलोत सरकार आई तो पूनिया चुनाव जीते। 2024 में जब एक बार फिर बीजेपी सरकार सत्ता में आई तो पूनिया चुनाव हार गए। वह पार्टी के करीब साढ़े तीन साल प्रदेशाध्यक्ष रहे और संगठन के कई पदों पर भी काम किया और करीब 9 महीने राजस्थान विधानसभा के विपक्ष के उपनेता भी रहे। हरियाणा में इन सीटों पर भाजपा में घमासान हरियाणा में बीजेपी में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। पार्टी प्रदेश की सत्ता में वापसी कर हैट्रिक मारना चाहता है, लेकिन टिकट के दावेदार एवं नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई के साथ पार्टी में उठ रहे बागी सुरों ने प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया से लेकर शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर सतीश पूनिया को प्रदेश प्रभारी का दायित्व तो दिया गया, लेकिन वे फिलहाल पार्टी में अनुशासन कायम नहीं कर पा रहे। दक्षिण हरियाणा में वर्चस्व की लड़ाई चरम पर है और बड़े नेता अपने समर्थकों की टिकट को लेकर पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। वहीं बाहरी प्रत्याशियों को पार्टी टिकट देना चाहती है, लेकिन स्थानीय नेता-वर्कर इसको लेकर तैयार नहीं हैं और विरोध प्रदर्शन से लेकर शीर्ष नेतृत्व को लेटर लिखने का भी दौर चल रहा है। भाजपा में विभिन्न हलकों से टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है और हर कोई प्रेशर बनाकर टिकट की मांग कर रहा है। बीजेपी 10 साल के एंटी इनकंबैंसी के बीच सत्ता तक का सफर तय कर हैट्रिक मारने के लिए पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री पर दांव लगाना चाहती है। वहीं इसको लेकर पार्टी के अंदर बगावत के सुर मुखर होने लगे हैं। वर्कर पार्टी के बड़े चेहरों को बाहरी बताकर उनके पुतले तक जलाने लगे हैं। शीर्ष नेतृत्व को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी खुलकर जता रहे हैं। हरियाणा भाजपा में पार्टी के अंदर मचे घमासान ने शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। बंद कमरों की बात सार्वजनिक होने के साथ ही पार्टी वर्कर सड़कों पर आ गए हैं। प्रदेश संगठन पदाधिकारी खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। इसी के चलते शायद पार्टी ने टिकट वितरण की पहली तैयार लिस्ट को फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। डैमेज कंट्रोल के लिए शीर्ष नेतृत्व रणनीति बना रहा है। प्रभारी सतीश पूनिया के कई बड़ी चुनौती जिनके कटे टिकट, वो ही हाे रहे बागी भाजपा में जिस हिसाब से नेता मुखर हैं, टिकट के ऐलान होने के बाद वो बगावती हो सकते हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी में भी जिन नेताओं के टिकट कटेंगे, वह बगावत के सुर अपनाएंगे। कुछ निर्दलीय तो कुछ दूसरी पार्टी का भी रुख कर सकते हैं। इस पलायन को रोकना भी प्रभारी सतीश पूनिया के लिए एक बड़ा टास्क होगा। सर्वे पर भी उठ रहे सवाल भाजपा के सर्वे में जिन दावेदारों के नाम टिकट के लिए आए हैं, उनकी जगह वरिष्ठ नेताओं ने वीटो पावर कर अपने समर्थकों के नाम उसमें एड करवा दिए। इससे सर्वे पर ही सवाल खड़े हो गए। फिर पार्टी सर्वे की जरूरत ही क्या थी, इसको लेकर भी पूनिया क्या कदम उठाएंगे, इस पर भी सभी की नजर रहेगी। राव नरबीर हो चुके मुखर, टिकट बता रहे पक्का गुरुग्राम के बादशाहपुर हलके से प्रदेश के पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह भाजपा की टिकट मांग रहे हैं। समय-समय पर वह पार्टी को आंख भी दिखाते रहे हैं। उनके खिलाफ संसदीय बोर्ड सदस्य सुधा यादव मोर्चा खोल चुकी हैं, तो राव इंद्रजीत सिंह से उनका पहले से ही छत्तीस का आंकड़ा है। पार्टी को यह भी पता है कि राव नरबीर ही यह सीट निकाल सकते हैं अब इस द्वंद को शांत करना भी पूनिया के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं। नांगल चौधरी में भी शह मात का खेल महेंद्रगढ़ जिले में नांगल चौधरी विधायक व मंत्री अभय सिंह यादव व केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अदावत किसी से नहीं छिपी है। इस चुनाव में भी दोनों के बीच शह-मात का खेल चलेगा। इंद्रजीत सिंह अपने 8-10 समर्थकों को दक्षिण हरियाणा से टिकट देने की आवाज बुलंद कर रहे हैं। इनके बीच सीज फायर करवाना जरूरी है वरना इसका नुकसान बीजेपी को हो सकता है। सीएम-बड़ौली के बीच भी नहीं बनी एक राय हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी व प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के बीच ही एक राय नहीं बन पा रही है। बड़ोली ने सीएम के लाडवा से चुनाव लड़ने की बात कही तो कुछ देर बाद सीएम सैनी ने करनाल से चुनाव लड़ने की बात कह दी। इससे साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ सामान्य नहीं है। गुरुग्राम विधानसभा में पंजाबी-ब्राह्मण-वैश्य के बीच पेंच फंसा है। एक केंद्रीय मंत्री पूर्व जिलाध्यक्ष गार्गी कक्कड़ के नाम की पैरवी कर रहे हैं। वहीं दूसरे पंजाबी दावेदार सीमा पाहूजा, यशपाल बत्रा अपनी दावेदारी कर गार्गी को नगर नगम चुनाव में हराना, उनके हिमाचल के राजपूत होने की बात सामने आने से साफ है कि पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आमेर विधानसभा से चुनाव हारे थे पूनिया सतीश पूनिया राजस्थान में साढ़े 3 साल प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2013 में जब प्रदेश में वसुंधरा सरकार बनी तो वह आमेर से चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2018 के चुनाव में जब सत्ता में गहलोत सरकार आई तो पूनिया चुनाव जीते। 2024 में जब एक बार फिर बीजेपी सरकार सत्ता में आई तो पूनिया चुनाव हार गए। वह पार्टी के करीब साढ़े तीन साल प्रदेशाध्यक्ष रहे और संगठन के कई पदों पर भी काम किया और करीब 9 महीने राजस्थान विधानसभा के विपक्ष के उपनेता भी रहे। हरियाणा में इन सीटों पर भाजपा में घमासान हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
फरीदाबाद पुलिस ने युवक को निर्वस्त्र कर दी थर्ड डिग्री:सोशल मीडिया पर डाला था हथियार के साथ फोटो, घर से उठाया
फरीदाबाद पुलिस ने युवक को निर्वस्त्र कर दी थर्ड डिग्री:सोशल मीडिया पर डाला था हथियार के साथ फोटो, घर से उठाया हरियाणा के जिले फरीदाबाद में क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 के कुछ पुलिसकर्मियों पर एक युवक के साथ निर्वस्त्र करके मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे हैं। नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ जानकारी देते हुए पीड़ित विकास ने बताया कि वह फरीदाबाद के सेक्टर 62 आशियाना फ्लैट में रहता है, अभी वह 18 साल का हुआ है और तभी से वह नौकरी करता है। विकास के मुताबिक बीते कुछ दिन पहले एक 10 वर्ष की नाबालिग हिंदू बच्ची के साथ विशेष समुदाय के कुछ युवकों ने छेड़छाड़ की थी। इसके बाद जब हिंदू परिवार ने विरोध किया, तो विशेष समुदाय के लोगों ने उनके साथ मारपीट की थी। वह 10 साल की मासूम बच्ची के परिवार के साथ घटना के बाद से खड़े थे। विकास के मुताबिक जिस विशेष समुदाय पर छेड़छाड़ और मारपीट करने के गंभीर आरोप थे, उनमें से एक फकरू नाम केए स्क्रैप कारोबारी ने पुलिस से मिली भगत कर उसे उठा लिया। क्राइम ब्रांच टीम ने घर से उठाया उसकी गलती बस इतनी थी कि वह कुछ समय पहले अपने गांव माधोपुर जिला सिवान बिहार गया था। जहां पर उसने अपने एक साथी के साथ अवैध हथियार के साथ फोटो खिंचवा कर इंस्टाग्राम पर अपलोड की थी, इसी को मोहरा बनाते हुए कल देर शाम क्राइम ब्रांच सेक्टर 30 की टीम उसके घर आ पहुंची और उसे उठाकर ले गई। अवैध हथियार की पूछताछ के लिए उन्होंने उसके साथ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। हालत बिगड़ने पर परिजनों को सौंपा उसे लगभग चार-पांच घंटे निर्वस्त्र कर पानी में सिर डूबा कर पीटते रहे, जब उसकी हालत बिगड़ी तब उन्होंने उसके माता-पिता को बुलाकर उनके हवाले कर दिया। विकास के मुताबिक उसे ले जाकर मारपीट करने वाले लगभग तीन चार पुलिसकर्मी थे, जिन्होंने उसे डंडों से बुरी तरह पीटा, उनके हाथ में हंटर भी था और हंटर से भी उसकी पिटाई की। डॉक्टरों ने मेडिकल करने से किया मना उसका फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है और अपना मेडिकल करना चाहता है, लेकिन डॉक्टर ने उसे पुलिस द्वारा डीडी नंबर लाने की बात कह कर मेडिकल करने से मना कर दिया ह । विकास के मुताबिक उसने पूछताछ के दौरान बताया था और कहा था कि वह फोटो बिहार की है, लेकिन पुलिसकर्मी उस फोटो को फरीदाबाद की ही बात कर उसके साथ मारपीट करते रहे। बिना शिकायत दर्ज करे उठाना गलत उसके साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। वही मामले में मीडिया से बात करते हुए हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता अनुज ने कहा कि इस तरह से बिना कोई FIR दर्ज किए बिना कोर्ट की परमिशन के क्राइम ब्रांच द्वारा विकास को उठाकर ले जाना और इस तरह से थर्ड डिग्री इस्तेमाल करना गैरकानूनी है। पुलिस की गुंडागर्दी नहीं होगी बर्दाश्त क्राइम ब्रांच की टीम ने विकास के साथ थर्ड डिग्री करके कानून हाथ में लिया है, इसलिए चाहते हैं कि ऐसे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए। ऐसे लोगों की पुलिस में जगह नहीं है, उनकी जगह उनके घर पर है, वह अपने घर पर रहकर गुंडागर्दी करें। पुलिस विभाग में इस तरह की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
हरियाणा में चुनाव तारीख बदलने के आसार नहीं:मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 1 अक्टूबर की तैयारियों के दिए आदेश, भाजपा ने की थी मांग
हरियाणा में चुनाव तारीख बदलने के आसार नहीं:मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 1 अक्टूबर की तैयारियों के दिए आदेश, भाजपा ने की थी मांग हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीख में बदलाव के आसार नहीं है। राज्य के मुख्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने 1 अक्टूबर को चुनाव से संबंधित तैयारियां करने के आदेश दिए हैं। भाजपा ने चुनाव आयोग के समक्ष मतदान डेट से पहले और बाद में छुट्टियों का हवाला देते हुए बदलाव की मांग की। भाजपा ने तर्क दिया था कि लंबी छुट्टियों के कारण लोग घूमने जा सकते हैं। ऐसे में मतदान प्रतिशत कम रह सकता है। इनेलो ने भी इसका समर्थन किया। चुनाव की तारीख बदलने की मांग पर चुनाव आयोग पहले बैठक भी कर चुका है। आयोग ने अपनी बैठक में कहा था कि वह इस मुद्दे पर प्रदेश की अन्य पार्टियों की भी राय जानना चाहता है। अगर सभी पार्टियां इस पर सहमत होती हैं तो बदलाव किया जा सकता है। जहां तक कम मतदान की बात है तो इसका असर सभी पार्टियों पर पड़ेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के 2 महत्वपूर्ण बिन्दु
चुनाव संबंधी कार्य सुचारु रूप से किए जाएं
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने 1 अक्टूबर 2024 को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि चुनाव के इस महापर्व में अपने विभागों के चुनाव संबंधी कार्यों को सुचारू रूप से पूरा किया जाए। विभाग यह सुनिश्चित करें कि उनके विभाग द्वारा चुनाव प्रबंधन से संबंधित प्रत्येक कार्य तत्परता व सही ढंग से किया जाए। मतदान केंद्रों पर विभाग द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं का उचित प्रबंधन हो। राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहें अधिकारी
पंकज अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों से खुद को दूर रखने के भी निर्देश दिए। जैसे कि राजनीतिक दलों का प्रचार-प्रसार, बूथ एजेंट, चुनाव एजेंट व मतगणना एजेंट बनना आदि। चुनाव की तारीख बदलने के समर्थन में किसने क्या कहा भाजपा प्रदेश बोले- कम हो सकती है वोटिंग
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा कि 28 और 29 सितंबर को शनिवार-रविवार है। 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी, जबकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को अग्रसेन जयंती की छुट्टी है। इतनी लंबी छुट्टियों में वोटर बाहर घूमने निकल जाएंगे। इससे वोटिंग कम हो सकती है। बड़ौली कहा कि 2 अक्टूबर को राजस्थान में मुकाम धाम में आसोज का मेला शुरू होगा। यह बिश्नोई समाज का बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। इस मेले में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली से लोग पहुंचते हैं। अभय सिंह चौटाला ने BJP की मांग का समर्थन किया
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने की BJP की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने लेटर में लिखा, चूंकि लोग आमतौर पर वीकेंड पर छुट्टियों पर जाते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से मतदान को प्रभावित करेगा। मत प्रतिशत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और मतदान प्रतिशत में 15 से 20 प्रतिशत की कमी होने की संभावना है। बिश्नोई महासभा ने कहा- बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर चुनाव की डेट बदलने की मांग की थी। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने कहा कि एक अक्टूबर को राजस्थान के बीकानेर में बड़े मेले का आयोजन होगा। इसमें बिश्नोई समाज के काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में चुनाव की डेट बदली जाए। राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम स्थित है, जहां आसोज अमावस्या पर मेला लगता है। इस बार आसोज अमावस्या एक अक्टूबर को रात 9.39 बजे शुरू होगी और 3 अक्टूबर को 12:18 बजे समाप्त होगी। चुनाव की तारीख बदलने के विरोध में किसने क्या कहा उदयभान बोले- हार से कोई अछूता नहीं
हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री से लेकर भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष तक, हार से कोई अछूता नहीं है। इनके मुख्यमंत्री अपने बूथ और विधानसभा में हार गए। इनके पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ चुनाव हार गए थे। सुभाष बराला तक चुनाव हार गए थे। दुष्यंत चौटाला ने कहा- भाजपा बुरी तरह से घबरा गई
हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और JJP नेता दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि प्रदेश में समय से पहले मतदान की घोषणा होने से भाजपा बुरी तरह से घबरा गई है और इसी के चलते बीजेपी मतदान की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग के दरबार में पहुंच गई है। भाजपा को इस चुनाव में हार का डर स्पष्ट सता रहा है, क्योंकि अब भाजपा का जनाधार प्रदेश में गिर चुका है और इसके चलते वह 20 सीट भी नहीं जीत पा रही।
महेंद्रगढ़ में लूट और मारपीट का आरोपी गिरफ्तार:3 वारदात में था शामिल, युवक को गंभीर रूप से किया घायल
महेंद्रगढ़ में लूट और मारपीट का आरोपी गिरफ्तार:3 वारदात में था शामिल, युवक को गंभीर रूप से किया घायल महेंद्रगढ़ जिले के अटेली थाने के अंतर्गत पिछले दो महीने में हुई मारपीट और लूट की 3 घटनाओं के मुख्य आरोपी यशवंत को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर उसका रिमांड मांगा जाएगा। पीड़ितों का कहना है कि बार बार शिकायत करने के बाद भी पुलिस आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी। इस मामले को लेकर थाना प्रभारी भी बदल गया। नए थाना प्रभारी के आते ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़ित ने दी मामले की जानकारी अटेली के गांव चंद्रपुरा रहने वाले रोहित ने बताया कि वह खेतों में जुताई कर रहा था तभी गांव के यशवंत पुत्र नरेंद्र व उसके दोस्त अमित व अंकित ने उसके साथ मारपीट की और 23 सौ रुपए लूटकर फरार हो गए। जाते हुए बदमाशों ने धमकी दी कि यदि पुलिस में शिकायत कि तो उसे जान से मार देंगे। रोहित ने को बताया कि बार-बार पुलिस में शिकायत की लेकिन पुलिस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। इसके पहले भी इन बदमाशों ने इसी प्रकार की लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज एक प्रकार से बदमाशों का साथ दे रही है। मेरी जान को खतरा है और बदमाशों को गिरफ्तार करने के बजाए जांच अधिकारी प्रदीप ने एमएलसी में ही कांटछांट कर बदमाशों का साथ देने की कोशिश की है। थाना प्रभारी का किया तबादला हॉस्पिटल में भर्ती रोहित ने बताया कि यशवंत व उसके साथियों ने तीन वारदातों को अंजाम दिया है। तीनों घटनाओं में मारपीट कर लूटपाट की लेकिन पुलिस यशवंत पर हाथ डालने से भी घबरा रही है। रोहित ने बताया कि इन 3 मामलों में से 2 के जांच अधिकारी प्रदीप है। कार्रवाई नहीं होने से उनकी कार्य शैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। साथ ही पूर्व थाना इंचार्ज ब्रह्मप्रकाश ने भी हमारा साथ नहीं दिया। संभवत : राजनीति प्रेशर के चलते बदमाशों के हौंसले बुलंद हैं और पुलिस उन पर हाथ डालने से कतरा रही है। हालांकि बढ़ते अपराध के चलते 2 दिन पहले ही थाना इंचार्ज ब्रह्मप्रकाश का तबादला कर दिया गया है। 2 दिन पहले एसपी से मिला था पीड़ित परिवार क्षेत्र में लगातार हो रही घटनाओं के बाद जिले में भय का माहौल था। जिसको लेकर चंदपुरा के ग्रामीणों ने जिला पुलिस अधीक्षक से मिल न्याय की गुहार लगाई थी। जहां पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने आश्वासन दिया था कि 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जिसके परिणाम स्वरूप आज अटेली पुलिस ने मुख्य आरोपी यशवंत को गिरफ्तार कर लिया है अन्य आरोपी भी जल्द होंगे गिरफ्तार- थाना प्रभारी थाना प्रभारी धर्मवीर ने बताया की मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश कर उसका रिमांड मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है, जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अब जागी है न्याय की उम्मीद- शिकायतकर्ता वारदात में घायल हुए रोहित ने बताया की बार-बार शिकायत करने के बाद भी जहां पुलिस सुनवाई नहीं कर रही थी। वहीं अब SHO धर्मवीर की कार्यशैली से लग रहा है कि हमें अब न्याय मिलेगा।