हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के नाम पर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुहर लगाएंगे। पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतने के बाद नई सरकार के गठन को लेकर BJP ने आज विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में केंद्र की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल होंगे। इससे पहले अमित शाह को भाजपा हाईकमान ने 2022 में UP में ऑब्जर्वर बनाकर भेजा था। उनके साथ झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास भी थे। भाजपा ने 2022 के UP विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल किया था। अमित शाह की मौजूदगी में वहां योगी आदित्यनाथ का नाम लगातार दूसरी बार CM पद के लिए फाइनल किया गया था। सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंचे
हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने पार्टी के सभी विधायकों को 16 और 17 अक्टूबर को चंडीगढ़ में रहने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। 17 अक्टूबर को शपथग्रहण समारोह होगा। BJP में दो गुट
हरियाणा में नेतृत्व को लेकर कांग्रेस के साथ BJP में भी गुटबाजी है। हरियाणा BJP में दो मुख्य गुट हैं। एक कैडर का और दूसरा बाहर से आए नेताओं का। बाहर से आए नेताओं में राव इंद्रजीत से लेकर श्रुति चौधरी और कुलदीप बिश्नोई जैसे नेताओं के नाम हैं। वहीं, अनिल विज और मनोहर लाल खट्टर के भी अपने गुट हैं। खट्टर सरकार में गृहमंत्री रहे अनिल विज यहां तक कह चुके हैं कि अब CM हाउस में मुलाकात होगी। अनिल विज की इमेज अक्खड़ नेता की है। विज तब विधायक दल की बैठक बीच में ही छोड़कर निकल गए थे जब नायब सिंह सैनी को CM चुना गया था। CM दावेदारों की भरमार
BJP अनुशासित पार्टी मानी जाती है। आम तौर पर ऐसा देखने को मिलता है कि पार्टी ने अगर किसी नेता को चेहरा घोषित कर दिया तो उसके बाद अगले CM को लेकर डिबेट वहीं समाप्त हो जाती है। पार्टी के नेता भी खुलकर CM दावेदारी करने से परहेज करते हैं, लेकिन हरियाणा चुनाव में इसके उलट नजारा देखने को मिला। खुद अमित शाह ने ही यह ऐलान किया था कि नायब सैनी ही चुनाव में BJP का चेहरा होंगे, लेकिन राव इंद्रजीत से लेकर अनिल विज तक CM पद के लिए दावेदारियां लगातार करते रहे हैं। राव इंद्रजीत विधायक नहीं हैं, लेकिन CM के लिए अनिल विज के साथ उनकी दावेदारी ने BJP नेतृत्व की टेंशन बढ़ा दी है। BJP को सता रहा डर
BJP नेतृत्व नहीं चाहता कि फिर से वैसी नौबत आए और सरकार गठन से पहले ही किसी तरह का बखेड़ा खड़ा हो, पार्टी में गुटबाजी या विधायकों के बीच मतभेद की खबरें बाहर आएं। राव इंद्रजीत ने सरकार गठन की कवायद के बीच अहीरवाल रीजन के 8 विधायकों से मुलाकात की है, जिसे पार्टी आलाकमान को ताकत दिखाने जैसा बताया जा रहा है। राव इंद्रजीत ने अहीरवाल की 11 में से 8 सीटों पर अपनी बेटी समेत समर्थकों के लिए टिकट मांगा था। BJP ने राव इंद्रजीत की पसंद के उम्मीदवारों को तरजीह भी दी और ये सभी विधानसभा चुनाव जीत विधायक निर्वाचित होने में भी सफल रहे हैं। हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के नाम पर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुहर लगाएंगे। पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतने के बाद नई सरकार के गठन को लेकर BJP ने आज विधायक दल की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में केंद्र की ओर से पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल होंगे। इससे पहले अमित शाह को भाजपा हाईकमान ने 2022 में UP में ऑब्जर्वर बनाकर भेजा था। उनके साथ झारखंड के पूर्व CM रघुवर दास भी थे। भाजपा ने 2022 के UP विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार बहुमत हासिल किया था। अमित शाह की मौजूदगी में वहां योगी आदित्यनाथ का नाम लगातार दूसरी बार CM पद के लिए फाइनल किया गया था। सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंचे
हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने पार्टी के सभी विधायकों को 16 और 17 अक्टूबर को चंडीगढ़ में रहने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सभी विधायक चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। 17 अक्टूबर को शपथग्रहण समारोह होगा। BJP में दो गुट
हरियाणा में नेतृत्व को लेकर कांग्रेस के साथ BJP में भी गुटबाजी है। हरियाणा BJP में दो मुख्य गुट हैं। एक कैडर का और दूसरा बाहर से आए नेताओं का। बाहर से आए नेताओं में राव इंद्रजीत से लेकर श्रुति चौधरी और कुलदीप बिश्नोई जैसे नेताओं के नाम हैं। वहीं, अनिल विज और मनोहर लाल खट्टर के भी अपने गुट हैं। खट्टर सरकार में गृहमंत्री रहे अनिल विज यहां तक कह चुके हैं कि अब CM हाउस में मुलाकात होगी। अनिल विज की इमेज अक्खड़ नेता की है। विज तब विधायक दल की बैठक बीच में ही छोड़कर निकल गए थे जब नायब सिंह सैनी को CM चुना गया था। CM दावेदारों की भरमार
BJP अनुशासित पार्टी मानी जाती है। आम तौर पर ऐसा देखने को मिलता है कि पार्टी ने अगर किसी नेता को चेहरा घोषित कर दिया तो उसके बाद अगले CM को लेकर डिबेट वहीं समाप्त हो जाती है। पार्टी के नेता भी खुलकर CM दावेदारी करने से परहेज करते हैं, लेकिन हरियाणा चुनाव में इसके उलट नजारा देखने को मिला। खुद अमित शाह ने ही यह ऐलान किया था कि नायब सैनी ही चुनाव में BJP का चेहरा होंगे, लेकिन राव इंद्रजीत से लेकर अनिल विज तक CM पद के लिए दावेदारियां लगातार करते रहे हैं। राव इंद्रजीत विधायक नहीं हैं, लेकिन CM के लिए अनिल विज के साथ उनकी दावेदारी ने BJP नेतृत्व की टेंशन बढ़ा दी है। BJP को सता रहा डर
BJP नेतृत्व नहीं चाहता कि फिर से वैसी नौबत आए और सरकार गठन से पहले ही किसी तरह का बखेड़ा खड़ा हो, पार्टी में गुटबाजी या विधायकों के बीच मतभेद की खबरें बाहर आएं। राव इंद्रजीत ने सरकार गठन की कवायद के बीच अहीरवाल रीजन के 8 विधायकों से मुलाकात की है, जिसे पार्टी आलाकमान को ताकत दिखाने जैसा बताया जा रहा है। राव इंद्रजीत ने अहीरवाल की 11 में से 8 सीटों पर अपनी बेटी समेत समर्थकों के लिए टिकट मांगा था। BJP ने राव इंद्रजीत की पसंद के उम्मीदवारों को तरजीह भी दी और ये सभी विधानसभा चुनाव जीत विधायक निर्वाचित होने में भी सफल रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर