हरियाणा MBBS एग्जाम घोटाले की जांच का दायरा बढ़ा:4 बैच के स्टूडेंट्स के नाम आए; 3 कर्मचारी चार्जशीटेड, कल हैंडराइटिंग एक्सपर्ट जांचेंगे कॉपियां

हरियाणा MBBS एग्जाम घोटाले की जांच का दायरा बढ़ा:4 बैच के स्टूडेंट्स के नाम आए; 3 कर्मचारी चार्जशीटेड, कल हैंडराइटिंग एक्सपर्ट जांचेंगे कॉपियां

पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक (UHSR) में एमबीबीएस परीक्षा घोटाले का दायरा और बढ़ गया है। जांच में अब घोटाले में एक निजी मेडिकल कॉलेज के लगातार चार बैचों के छात्रों की संलिप्तता सामने आई है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपियों में से एक ने 2020, 2021, 2022 और 2023 बैच के छात्रों की संलिप्तता का खुलासा किया है, जिससे शैक्षणिक धोखाधड़ी का गहरा गठजोड़ सामने आया है। जनवरी में सामने आए इस घोटाले में उत्तर पुस्तिकाओं में हेराफेरी और छेड़छाड़ करके मोटी रकम के बदले पासिंग मार्क्स हासिल करने का मामला सामने आया था। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने माना है कि घोटाले में 2020 से 2023 बैच के छात्र शामिल हैं। अनुकूल परीक्षा परिणाम सुनिश्चित करने के लिए छात्रों से सीधे या बिचौलियों के माध्यम से सौदे किए गए थे। तीन कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल यूनिवर्सिटी के अब तक तीन कर्मचारियों रोशन, रोहित और दीपक के खिलाफ एडिशनल सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। तीनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। जनवरी में सामने आए मामले की जांच कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर मोहिंद्र की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की थी। रिपोर्ट के आधार पर 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनमें 17 यूनिवर्सिटी कर्मचारी और 24 छात्र शामिल हैं। कल हैंडराइटिंग एक्सपर्ट बुलाया आरोपी छात्र-छात्राओं की सीट में हैंडराइटिंग की जांच के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को बुलाने का फैसला किया गया है। 16 मई यानी कल हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के द्वारा मामले की जांच की जाएगी। एक्सपर्ट की ओर से लिखावट की पुष्टि के बाद छात्रों की भूमिका स्पष्ट हो जाएगी। वहीं जांच के दौरान एक एक्जामिनर पर भी शक की सुई घूमी है, क्योंकि उसके सेंटर से कम आंसर शीट मिलीं। वहीं, कॉपियां दूसरे सेंटर पर पाई गई। उसे पूछताछ के लिए शामिल कर लिया है। यहां पढ़िए चार बैचों की डिटेल.. 1. 2020 में छह स्टूडेंट, 2021 में पांच स्टूडेंट शामिल जांच में सामने आया है कि 2020 बैच के छह छात्रों और 2021 बैच के पांच छात्रों की सप्लीमेंट्री एग्जाम की आंसर शीट इरेजेबल पेन का उपयोग करके फिर से लिखी गई थीं। इन आंसर शीट को परीक्षा वाले दिन ही तस्करी करके बाहर ले जाया गया, यूएचएसआर के एक कर्मचारी के आवास पर दोबारा जांच की गई और बाद में गुप्त रूप से विश्वविद्यालय में फिर से जमा कर दिया गया। 2. दो बैचों के स्टूडेंट्स ने प्रति सब्जेक्ट दो लाख दिए इसके अलावा, अभियुक्त ने दावा किया कि 2021 बैच के 10 और 2022 बैच के चार छात्रों ने एक बिचौलिए के माध्यम से प्रति विषय 2 लाख रुपए का भुगतान किया, जिसे डायरेक्ट सिस्टम कहा गया, एक ऐसी पद्धति जिसमें परिणाम की घोषणा से ठीक पहले पुरस्कार सूची में हेरफेर शामिल है। आरोपी ने 2021 से 2023 बैचों में 34 विषयों के लिए सौदे किए जाने की बात भी स्वीकार की, हालांकि उनमें से केवल 18 विषयों में ही सफल हेरफेर हुआ। पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक (UHSR) में एमबीबीएस परीक्षा घोटाले का दायरा और बढ़ गया है। जांच में अब घोटाले में एक निजी मेडिकल कॉलेज के लगातार चार बैचों के छात्रों की संलिप्तता सामने आई है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपियों में से एक ने 2020, 2021, 2022 और 2023 बैच के छात्रों की संलिप्तता का खुलासा किया है, जिससे शैक्षणिक धोखाधड़ी का गहरा गठजोड़ सामने आया है। जनवरी में सामने आए इस घोटाले में उत्तर पुस्तिकाओं में हेराफेरी और छेड़छाड़ करके मोटी रकम के बदले पासिंग मार्क्स हासिल करने का मामला सामने आया था। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने माना है कि घोटाले में 2020 से 2023 बैच के छात्र शामिल हैं। अनुकूल परीक्षा परिणाम सुनिश्चित करने के लिए छात्रों से सीधे या बिचौलियों के माध्यम से सौदे किए गए थे। तीन कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल यूनिवर्सिटी के अब तक तीन कर्मचारियों रोशन, रोहित और दीपक के खिलाफ एडिशनल सेशन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। तीनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। जनवरी में सामने आए मामले की जांच कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर मोहिंद्र की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने की थी। रिपोर्ट के आधार पर 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनमें 17 यूनिवर्सिटी कर्मचारी और 24 छात्र शामिल हैं। कल हैंडराइटिंग एक्सपर्ट बुलाया आरोपी छात्र-छात्राओं की सीट में हैंडराइटिंग की जांच के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को बुलाने का फैसला किया गया है। 16 मई यानी कल हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के द्वारा मामले की जांच की जाएगी। एक्सपर्ट की ओर से लिखावट की पुष्टि के बाद छात्रों की भूमिका स्पष्ट हो जाएगी। वहीं जांच के दौरान एक एक्जामिनर पर भी शक की सुई घूमी है, क्योंकि उसके सेंटर से कम आंसर शीट मिलीं। वहीं, कॉपियां दूसरे सेंटर पर पाई गई। उसे पूछताछ के लिए शामिल कर लिया है। यहां पढ़िए चार बैचों की डिटेल.. 1. 2020 में छह स्टूडेंट, 2021 में पांच स्टूडेंट शामिल जांच में सामने आया है कि 2020 बैच के छह छात्रों और 2021 बैच के पांच छात्रों की सप्लीमेंट्री एग्जाम की आंसर शीट इरेजेबल पेन का उपयोग करके फिर से लिखी गई थीं। इन आंसर शीट को परीक्षा वाले दिन ही तस्करी करके बाहर ले जाया गया, यूएचएसआर के एक कर्मचारी के आवास पर दोबारा जांच की गई और बाद में गुप्त रूप से विश्वविद्यालय में फिर से जमा कर दिया गया। 2. दो बैचों के स्टूडेंट्स ने प्रति सब्जेक्ट दो लाख दिए इसके अलावा, अभियुक्त ने दावा किया कि 2021 बैच के 10 और 2022 बैच के चार छात्रों ने एक बिचौलिए के माध्यम से प्रति विषय 2 लाख रुपए का भुगतान किया, जिसे डायरेक्ट सिस्टम कहा गया, एक ऐसी पद्धति जिसमें परिणाम की घोषणा से ठीक पहले पुरस्कार सूची में हेरफेर शामिल है। आरोपी ने 2021 से 2023 बैचों में 34 विषयों के लिए सौदे किए जाने की बात भी स्वीकार की, हालांकि उनमें से केवल 18 विषयों में ही सफल हेरफेर हुआ।   हरियाणा | दैनिक भास्कर