हरियाणा की निर्विरोध नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने महिलाओं को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के समय में महिला प्रेसिडेंट होते हुए भी महिला के लिए यह कुछ नहीं किया गया!, केवल गांधी परिवार की महिलाओं का ही विकास हुआ। महिलाओं के विकास के नाम पर भी इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी के बाद प्रियंका गांधी की पार्टी में उच्च पदों पर रहीं। कोई और महिला उनकी पार्टी में भी किसी शीर्ष पोजीशन पर नजर नहीं आयी? जो महिलाएं थी उनको भी आगे आने का मौका नहीं दिया गया।” बीजेपी सांसद ने कहा, कांग्रेस को इमरजेंसी का दौर भी नही भूलना चाहिए। आर्थिक रूप से महिलाओं को मजबूत करना मेरा लक्ष्य रेखा शर्मा ने आज संसद में राज्यसभा सांसद की शपथ ले ली। राज्यसभा सांसद बनने के बाद दिल्ली मे पहली प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मैंने महिला आयोग के चेयरपर्सन के रूप में काम किया, उससे पहले कई NGO और अपनी बीजेपी पार्टी में भी काम किया। आगे भी इसी तरीके से सांसद के तौर पर मै महिला सशक्तिकरण के लिए काम करूंगी। महिलाओं के लिए समाज की सोच को बदलना बहुत जरूरी है, जिसमें ग्रास रूट लेवल पर काम करना जरूरी है। महिलाओं के इकोनामिक डेवलपमेंट मेरा बड़ा लक्ष्य होगा। निर्विरोध सांसद चुनी गई हैं रेखा शर्मा हरियाणा से BJP नेता रेखा शर्मा निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुनी गईं हैं। उनके विरोध में कांग्रेस या किसी दूसरी पार्टी के उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा था। 13 दिसंबर को नामांकन वापसी का अंतिम दिन उन्हें जीत का सर्टिफिकेट दिया गया। उनका कार्यकाल 2028 तक रहेगा। भाजपा ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरपर्सन रह चुकी रेखा शर्मा को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था। रेखा शर्मा की पक्की थी जीत 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 48 विधायक हैं जबकि 3 निर्दलियों का भी उन्हें समर्थन है। ऐसे में BJP उम्मीदवार की जीत पहले से ही तय थी। रेखा शर्मा ने नामांकन के आखिरी दिन 10 दिसंबर को आवेदन किया था। जीत के बाद शाम को हरियाणा भवन में भाजपा की ओर से रेखा शर्मा का स्वागत किया गया।हरियाणा की 5 राज्यसभा सीटें हैं। इनमें से 4 पर भाजपा सीधे काबिज हो चुकी है। जिनमें रेखा शर्मा और उनसे पहले सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और किरण चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा भी भाजपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद चुने जा चुके हैं। उनकी मां शक्तिरानी शर्मा कालका से भाजपा की विधायक हैं। 2017 में महिला आयोग की अध्यक्ष बनीं थी रेखा रेखा शर्मा का जन्म साल 1964 में हुआ। उन्होंने उत्तराखंड से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री लेने के बाद मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग में डिप्लोमा किया। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रख लिया। पंचकूला में भाजपा की सेक्रेटरी के पद के बाद मीडिया प्रभारी का काम संभाला।2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2015 में रेखा शर्मा की राष्ट्रीय महिला आयोग में एंट्री हुई। 29 सितंबर, 2017 को उन्हें आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। वह महिला सुरक्षा और रेप के मुद्दों को लेकर मीडिया में चर्चा में रहीं। 6 अगस्त 2024 तक उन्होंने अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा किया। कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्होंने अपने कार्यकाल को चुनौतीपूर्ण माना था। हरियाणा की निर्विरोध नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद रेखा शर्मा ने महिलाओं को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के समय में महिला प्रेसिडेंट होते हुए भी महिला के लिए यह कुछ नहीं किया गया!, केवल गांधी परिवार की महिलाओं का ही विकास हुआ। महिलाओं के विकास के नाम पर भी इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी के बाद प्रियंका गांधी की पार्टी में उच्च पदों पर रहीं। कोई और महिला उनकी पार्टी में भी किसी शीर्ष पोजीशन पर नजर नहीं आयी? जो महिलाएं थी उनको भी आगे आने का मौका नहीं दिया गया।” बीजेपी सांसद ने कहा, कांग्रेस को इमरजेंसी का दौर भी नही भूलना चाहिए। आर्थिक रूप से महिलाओं को मजबूत करना मेरा लक्ष्य रेखा शर्मा ने आज संसद में राज्यसभा सांसद की शपथ ले ली। राज्यसभा सांसद बनने के बाद दिल्ली मे पहली प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मैंने महिला आयोग के चेयरपर्सन के रूप में काम किया, उससे पहले कई NGO और अपनी बीजेपी पार्टी में भी काम किया। आगे भी इसी तरीके से सांसद के तौर पर मै महिला सशक्तिकरण के लिए काम करूंगी। महिलाओं के लिए समाज की सोच को बदलना बहुत जरूरी है, जिसमें ग्रास रूट लेवल पर काम करना जरूरी है। महिलाओं के इकोनामिक डेवलपमेंट मेरा बड़ा लक्ष्य होगा। निर्विरोध सांसद चुनी गई हैं रेखा शर्मा हरियाणा से BJP नेता रेखा शर्मा निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुनी गईं हैं। उनके विरोध में कांग्रेस या किसी दूसरी पार्टी के उम्मीदवार ने नामांकन नहीं भरा था। 13 दिसंबर को नामांकन वापसी का अंतिम दिन उन्हें जीत का सर्टिफिकेट दिया गया। उनका कार्यकाल 2028 तक रहेगा। भाजपा ने राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की चेयरपर्सन रह चुकी रेखा शर्मा को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया था। रेखा शर्मा की पक्की थी जीत 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 48 विधायक हैं जबकि 3 निर्दलियों का भी उन्हें समर्थन है। ऐसे में BJP उम्मीदवार की जीत पहले से ही तय थी। रेखा शर्मा ने नामांकन के आखिरी दिन 10 दिसंबर को आवेदन किया था। जीत के बाद शाम को हरियाणा भवन में भाजपा की ओर से रेखा शर्मा का स्वागत किया गया।हरियाणा की 5 राज्यसभा सीटें हैं। इनमें से 4 पर भाजपा सीधे काबिज हो चुकी है। जिनमें रेखा शर्मा और उनसे पहले सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और किरण चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा भी भाजपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद चुने जा चुके हैं। उनकी मां शक्तिरानी शर्मा कालका से भाजपा की विधायक हैं। 2017 में महिला आयोग की अध्यक्ष बनीं थी रेखा रेखा शर्मा का जन्म साल 1964 में हुआ। उन्होंने उत्तराखंड से पॉलिटिकल साइंस की डिग्री लेने के बाद मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग में डिप्लोमा किया। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रख लिया। पंचकूला में भाजपा की सेक्रेटरी के पद के बाद मीडिया प्रभारी का काम संभाला।2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2015 में रेखा शर्मा की राष्ट्रीय महिला आयोग में एंट्री हुई। 29 सितंबर, 2017 को उन्हें आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। वह महिला सुरक्षा और रेप के मुद्दों को लेकर मीडिया में चर्चा में रहीं। 6 अगस्त 2024 तक उन्होंने अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा किया। कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्होंने अपने कार्यकाल को चुनौतीपूर्ण माना था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मंजू हुड्डा बताती हैं कि उन्होंने रोहतक के धामड़ गांव निवासी राजेश हुड्डा उर्फ राजेश सरकारी के साथ लव कम अरेंज मैरिज की थी। शुरुआत में दोनों को प्यार हुआ। बाद में दोनों ने अपने परिवार वालों से बातचीत कर 2020 में अरेंज मैरिज की। इसके बाद से दोनों खुशी-खुशी अपना गृहस्थ जीवन चला रहे हैं। राजेश सरकारी ने 13 साल की उम्र में किया था अपराध
मंजू हुड्डा के पति गैंगस्टर राजेश सरकारी के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, लूट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज हैं। राजेश सरकार करीब 13-14 साल की उम्र में हत्या के केस में जेल गया था। इसके बाद वह अपराध के दलदल में फंसा। हत्या सहित अन्य आपराधिक मामलों में उसका नाम आया। इस कारण करीब 20 साल तक वह जेल में रहा। पति के आपराधिक बैकग्राउंड पर मंजू हुड्डा ने कहा, ‘यह उनका (राजेश सरकारी) अतीत था। अब वह ऐसा कुछ नहीं करते। मुझे अपने पति से भी बहुत कुछ सीखने को मिला है। चाहे वह जनता की बढ़-चढ़कर सेवा करना हो या मदद करना हो।’ मंजू हुड्डा 2 साल पहले आई राजनीति में
मंजू हुड्डा ने डबल MA और B.Ed. तक पढ़ाई की है। वहीं, Ph.D. की पढ़ाई फिलहाल जारी है। उन्होंने 2 साल पहले राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने रोहतक के वार्ड नंबर 5 से जिला परिषद का अपना पहला चुनाव लड़ा। जिसमें उन्हें 9333 वोट मिले और नजदीकी प्रतिद्वंद्वी अंजली को 6052 वोट मिले। मंजू हुड्डा ने 3281 वोट से जीत हासिल की। इसके बाद सर्वसम्मति से वह चेयरपर्सन भी चुनी गईं। चेयरपर्सन बनने के बाद उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली। मंजू हुड्डा की कुर्सी खतरे में
मौजूदा समय में मंजू हुड्डा की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। उनके खिलाफ रोहतक के 14 में से 10 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कह रहे हैं। पार्षदों ने रोहतक के DC अजय कुमार को ज्ञापन भी सौंपा है। पार्षदों ने कहा है कि कि मंजू हुड्डा करीब पौने 2 साल से जिला परिषद की चेयरपर्सन हैं, लेकिन 10 पार्षद उनकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। वह अपने पद से विश्वास खो चुकी हैं। वहीं, DC अजय कुमार से कहा कि हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 के तहत एक्शन लिया जाएगा। भूपेंद्र हुड्डा और मंजू हुड्डा के बारे में जानिए…