हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रविंद्र बलियाला की फतेहाबाद जिले में बुलाई गई मीटिंग में अधिकारी नहीं पहुंचे। इससे आयोग के चेयरमैन बलियाला नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि मीटिंग में नहीं आकर अधिकारियों ने सरकार को ही चुनौती दे डाली है। आयोग ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। दरअसल, हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग, प्रदेश की अनुसूचित जातियों की समस्याओं के लिए जिला वाइज संवाद कार्यक्रम करता है। इस कार्यक्रम में लोगों की शिकायतों पर सुनवाई की जाती है। इसके साथ ही उनकी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई भी की जाती है। इसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों का मौजूद रहना जरूरी होता है। चेयरमैन बोले- विभागों के लिए क्लर्क भेज दिए आयोग के चेयरमैन रविंद्र बलियाला ने बताया, मुझे लगता है कि फतेहाबाद का जो डिस्ट्रिक्ट एडमिशट्रेशन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी अनुसूचित जातियों के लोगों की शिकायत के लिए गंभीर नहीं है। हरियाणा सरकार ने जिस उद्देश्य से आयोग का गठन किया है, वह फतेहाबाद में पूरा नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि रतिया के लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस में जन सुनवाई कार्यक्रम में रखा गया था, लेकिन इसमें अधिकारियों ने विभागों के क्लर्क भेज दिए। एसडीएम भी नहीं पहुंचे। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि डीएसपी जो अनुसूचित जातियों के मामलों का आईओ होता है वह भी नहीं पहुंचे। सरकार की नीतियों को चैलेंज किया है मुझे लगता है कि सरकार को इन्होंने चैलेंज किया है, सरकार की नीतियों को चैलेंज किया है। अधिकारियों के इस रवैये को देखकर आयोग अपने आपको हैरेस महसूस करता है। आयोग ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। आयोग के अधिकार में ऐसे मामलों से निपटने के लिए कई तरह की पावर्स हैं, उनका उपयोग करते हुए इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रविंद्र बलियाला की फतेहाबाद जिले में बुलाई गई मीटिंग में अधिकारी नहीं पहुंचे। इससे आयोग के चेयरमैन बलियाला नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि मीटिंग में नहीं आकर अधिकारियों ने सरकार को ही चुनौती दे डाली है। आयोग ऐसे अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। दरअसल, हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग, प्रदेश की अनुसूचित जातियों की समस्याओं के लिए जिला वाइज संवाद कार्यक्रम करता है। इस कार्यक्रम में लोगों की शिकायतों पर सुनवाई की जाती है। इसके साथ ही उनकी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई भी की जाती है। इसमें जिला प्रशासन के अधिकारियों का मौजूद रहना जरूरी होता है। चेयरमैन बोले- विभागों के लिए क्लर्क भेज दिए आयोग के चेयरमैन रविंद्र बलियाला ने बताया, मुझे लगता है कि फतेहाबाद का जो डिस्ट्रिक्ट एडमिशट्रेशन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी अनुसूचित जातियों के लोगों की शिकायत के लिए गंभीर नहीं है। हरियाणा सरकार ने जिस उद्देश्य से आयोग का गठन किया है, वह फतेहाबाद में पूरा नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि रतिया के लोक निर्माण विभाग गेस्ट हाउस में जन सुनवाई कार्यक्रम में रखा गया था, लेकिन इसमें अधिकारियों ने विभागों के क्लर्क भेज दिए। एसडीएम भी नहीं पहुंचे। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि डीएसपी जो अनुसूचित जातियों के मामलों का आईओ होता है वह भी नहीं पहुंचे। सरकार की नीतियों को चैलेंज किया है मुझे लगता है कि सरकार को इन्होंने चैलेंज किया है, सरकार की नीतियों को चैलेंज किया है। अधिकारियों के इस रवैये को देखकर आयोग अपने आपको हैरेस महसूस करता है। आयोग ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। आयोग के अधिकार में ऐसे मामलों से निपटने के लिए कई तरह की पावर्स हैं, उनका उपयोग करते हुए इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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