हर्षा रिछारिया संभल नहीं जा सकेंगी। प्रशासन ने बुलंदशहर से आगे जाने की अनुमति नहीं दी है। अब वह नरौरा से गंगा स्नान करने के बाद लौट जाएंगी। गुरुवार को अलीगढ़ में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आगमन के चलते हर्षा की पदयात्रा को रोक दिया गया था, लेकिन बाद में सशर्त उन्हें आगे जाने दिया गया। 17 अप्रैल को हर्षा रिछारिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर रोते हुए एक वीडियो अपलोड किया। उन्होंने लिखा- धर्म के रास्ते पर चलना इतना आसान नहीं होता। परीक्षा, त्याग, समर्पण के बिना कुछ प्राप्त नहीं होता। उन्होंने लिखा- ये आंसू किसी तकलीफ के नहीं हैं बल्कि तीसरे दिन की पदयात्रा पूरी करने की और हरिगढ़ (अलीगढ़) पहुंचने की खुशी के हैं। 2 तस्वीरें देखिए… नरौरा से लौटेंगी हर्षा की पदयात्रा हर्षा रिछारिया की पैदल यात्रा गुरुवार को अलीगढ़ शहर में पहुंचीं। यहां पर वह महाभारत कालीन अचलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने के लिए गईं। इस दौरान कुछ हिंदू संगठनों ने उन्हें रोक दिया था। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। हर्षा रिछारिया की सनातनी युवा जोड़ो यात्रा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से होकर गुजरनी थी। ऐसे में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। इसी कारण उन्हें अनुमति नहीं दी गई। फिर बाद में सिर्फ नरौरा तक जाने की अनुमति दी गई। अब वह नरौरा घाट से गंगा स्नान करके वापस अलीगढ़ आएंगी और संभल नहीं जाएंगी। नरौरा में ही यात्रा करेंगी खत्म
प्रशासन की सशर्त अनुमति के अनुसार, नरौरा घाट से स्नान करने के बाद हर्षा रिछारिया अलीगढ़ लौटेंगी। संभल नहीं जाएंगी। अलीगढ़ होते हुए वह वापस मथुरा वृंदावन लौट जाएंगी। अलीगढ़ प्रशासन की ओर से संभल प्रशासन को भी इस बारे में सूचना भेजी जा चुकी है। माहौल को देखते हुए हर्षा को संभल न जाने को कहा गया- सीओ
ADM सिटी अमित कुमार भट्ट ने बताया- कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने उन्हें रोका था। फिर उन्हें बुलंदशहर बॉर्डर तक सुरक्षा के साथ छोड़ दिया गया था। उनका गंगा स्नान का कार्यक्रम था। पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई है। अलीगढ़ के सीओ सिटी थर्ड अभय कुमार पांडेय ने बताया- संभल के माहौल को देखते हुए साध्वी से संभल न जाने को कहा गया था। वह नरौरा तक ही जाएंगी और गंगा स्नान करके लौटेंगी। हिंदू संगठनों ने मंदिर पर यात्री नहीं रुकने दी
वृंदावन में श्री राम मंदिर आश्रम के महंत रघुनाथ दास जी ने बताया- गुरुवार शाम को यात्रा अलीगढ़ के अचलेश्वर मंदिर पहुंची थी। जहां कुछ हिंदुओं संगठनों के लोगों ने रुकने से मना किया। जबकि उस मंदिर पर पहले से यात्रा का रुकना तय था। विरोध करने वालों का कहना था कि यात्रा से शोर होगा। इससे कहीं हंगामा न हो जाए। इसके बाद जिलाधिकारी से बातचीत के बाद मामला शांत हुआ। अब अतरौली से निकलकर नरौरा की तरफ पदयात्रा जा रही है। हर्षा रिछारिया की पदयात्रा का रूटमैप हर्षा दो संदेश लेकर निकलीं
हर्षा रिछारिया की यात्रा में आगे-आगे चलने के लिए जो रथ बनाया गया है उस पर दो संदेश लिखे गए हैं। पहला संदेश- आदरणीय बंधुओं, बाबा साहेब अंबेडकर जयंती को वृंदावन से हिंदू जोड़ो पदयात्रा शुरू कर रहे हैं। इसका उद्देश्य सनातन धर्म से विमुक्त हो चुके युवक-युवतियों को वापस अपने धर्म में लाने के लिए। दूसरा संदेश- चलो जोड़ें इतिहास के पन्ने में अपना नाम कि हमन जवानों ने भी कदम बढ़ाया था, अपने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने में, हमने भी अपना फर्ज निभाया था। हर्षा रिछारिया बोलीं- ये तपस्या कहीं तो लेकर जाएगी हर्षा रिछारिया वृंदावन से संभल तक पदयात्रा कर रही हैं। पहले दिन सोमवार सुबह बांके बिहारी का जयकारा लगाते हुए वृंदावन से निकलीं। समर्थकों ने उनपर फूल बरसाए। हर्षा की चप्पल गुम हो गई तो कड़ाके की धूप में नंगे पैर ही चल पड़ीं। हर्षा दैनिक भास्कर से बोलीं- ये तपस्या मुझे कहीं तो लेकर जाएगी। पहले दिन की पूरी अपडेट क्लिक कर देखिए पेशवाई के रथ पर बैठीं, ट्रोलर्स के निशाने पर आई थीं हर्षा 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था। इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। इसी बीच आनंद स्वरूप महाराज ने वीडियो जारी किया। कहा- पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाना उचित नहीं है। हर्षा रिछारिया संभल नहीं जा सकेंगी। प्रशासन ने बुलंदशहर से आगे जाने की अनुमति नहीं दी है। अब वह नरौरा से गंगा स्नान करने के बाद लौट जाएंगी। गुरुवार को अलीगढ़ में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आगमन के चलते हर्षा की पदयात्रा को रोक दिया गया था, लेकिन बाद में सशर्त उन्हें आगे जाने दिया गया। 17 अप्रैल को हर्षा रिछारिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर रोते हुए एक वीडियो अपलोड किया। उन्होंने लिखा- धर्म के रास्ते पर चलना इतना आसान नहीं होता। परीक्षा, त्याग, समर्पण के बिना कुछ प्राप्त नहीं होता। उन्होंने लिखा- ये आंसू किसी तकलीफ के नहीं हैं बल्कि तीसरे दिन की पदयात्रा पूरी करने की और हरिगढ़ (अलीगढ़) पहुंचने की खुशी के हैं। 2 तस्वीरें देखिए… नरौरा से लौटेंगी हर्षा की पदयात्रा हर्षा रिछारिया की पैदल यात्रा गुरुवार को अलीगढ़ शहर में पहुंचीं। यहां पर वह महाभारत कालीन अचलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने के लिए गईं। इस दौरान कुछ हिंदू संगठनों ने उन्हें रोक दिया था। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। हर्षा रिछारिया की सनातनी युवा जोड़ो यात्रा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों से होकर गुजरनी थी। ऐसे में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। इसी कारण उन्हें अनुमति नहीं दी गई। फिर बाद में सिर्फ नरौरा तक जाने की अनुमति दी गई। अब वह नरौरा घाट से गंगा स्नान करके वापस अलीगढ़ आएंगी और संभल नहीं जाएंगी। नरौरा में ही यात्रा करेंगी खत्म
प्रशासन की सशर्त अनुमति के अनुसार, नरौरा घाट से स्नान करने के बाद हर्षा रिछारिया अलीगढ़ लौटेंगी। संभल नहीं जाएंगी। अलीगढ़ होते हुए वह वापस मथुरा वृंदावन लौट जाएंगी। अलीगढ़ प्रशासन की ओर से संभल प्रशासन को भी इस बारे में सूचना भेजी जा चुकी है। माहौल को देखते हुए हर्षा को संभल न जाने को कहा गया- सीओ
ADM सिटी अमित कुमार भट्ट ने बताया- कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने उन्हें रोका था। फिर उन्हें बुलंदशहर बॉर्डर तक सुरक्षा के साथ छोड़ दिया गया था। उनका गंगा स्नान का कार्यक्रम था। पुलिस की ओर से कार्रवाई की गई है। अलीगढ़ के सीओ सिटी थर्ड अभय कुमार पांडेय ने बताया- संभल के माहौल को देखते हुए साध्वी से संभल न जाने को कहा गया था। वह नरौरा तक ही जाएंगी और गंगा स्नान करके लौटेंगी। हिंदू संगठनों ने मंदिर पर यात्री नहीं रुकने दी
वृंदावन में श्री राम मंदिर आश्रम के महंत रघुनाथ दास जी ने बताया- गुरुवार शाम को यात्रा अलीगढ़ के अचलेश्वर मंदिर पहुंची थी। जहां कुछ हिंदुओं संगठनों के लोगों ने रुकने से मना किया। जबकि उस मंदिर पर पहले से यात्रा का रुकना तय था। विरोध करने वालों का कहना था कि यात्रा से शोर होगा। इससे कहीं हंगामा न हो जाए। इसके बाद जिलाधिकारी से बातचीत के बाद मामला शांत हुआ। अब अतरौली से निकलकर नरौरा की तरफ पदयात्रा जा रही है। हर्षा रिछारिया की पदयात्रा का रूटमैप हर्षा दो संदेश लेकर निकलीं
हर्षा रिछारिया की यात्रा में आगे-आगे चलने के लिए जो रथ बनाया गया है उस पर दो संदेश लिखे गए हैं। पहला संदेश- आदरणीय बंधुओं, बाबा साहेब अंबेडकर जयंती को वृंदावन से हिंदू जोड़ो पदयात्रा शुरू कर रहे हैं। इसका उद्देश्य सनातन धर्म से विमुक्त हो चुके युवक-युवतियों को वापस अपने धर्म में लाने के लिए। दूसरा संदेश- चलो जोड़ें इतिहास के पन्ने में अपना नाम कि हमन जवानों ने भी कदम बढ़ाया था, अपने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने में, हमने भी अपना फर्ज निभाया था। हर्षा रिछारिया बोलीं- ये तपस्या कहीं तो लेकर जाएगी हर्षा रिछारिया वृंदावन से संभल तक पदयात्रा कर रही हैं। पहले दिन सोमवार सुबह बांके बिहारी का जयकारा लगाते हुए वृंदावन से निकलीं। समर्थकों ने उनपर फूल बरसाए। हर्षा की चप्पल गुम हो गई तो कड़ाके की धूप में नंगे पैर ही चल पड़ीं। हर्षा दैनिक भास्कर से बोलीं- ये तपस्या मुझे कहीं तो लेकर जाएगी। पहले दिन की पूरी अपडेट क्लिक कर देखिए पेशवाई के रथ पर बैठीं, ट्रोलर्स के निशाने पर आई थीं हर्षा 4 जनवरी को महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली थी। उस वक्त 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया संतों के साथ रथ पर बैठी नजर आई थीं। पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया से पत्रकारों ने साध्वी बनने पर सवाल किया था। इस पर हर्षा ने बताया था कि मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है। मैंने वह सब छोड़ दिया, जो मुझे आकर्षित करता था। इसके बाद हर्षा सुर्खियों में आ गईं। वह ट्रोलर्स के भी निशाने पर हैं। मीडिया चैनल ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का नाम भी दे दिया। इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं। कहा- मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। इसी बीच आनंद स्वरूप महाराज ने वीडियो जारी किया। कहा- पेशवाई के दौरान मॉडल को रथ पर बैठाना उचित नहीं है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
हर्षा रिछारिया फूट-फूटकर रोईं:अलीगढ़ में पदयात्रा रोकी;संभल नहीं जा सकेंगी, बोलीं-ये आंसू हरिगढ़ पहुंचने की खुशी के हैं
