हमारे यहां तीन तरह के नेता होते हैं, पक्ष के, विपक्ष के नेता और सर्वदलीय नेता। पहले दोनों प्रकार के नेता एक-दूसरे के खिलाफ होते हैं। ये एक-दूसरे के विपक्ष में होते हैं, लेकिन देश के पक्ष में इनमें से कोई नहीं होता। जनता इन्हें चुनकर भेजती है कि ये संसद में देश का पक्ष रखेंगे लेकिन ये एक-दूसरे का विरोध करने में व्यस्त हो जाते हैं और देश पीछे छूट जाता है। तीसरी किस्म के नेता सर्वदलीय नेता। ये सबसे समभाव रखते हैं। ‘ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर’ इनका मूल सिद्धांत है। इनकी राजनीति में वही भूमिका है, जो ताश के खेल में जोकर की है। ये जिसके हाथ में हों, वह खुश हो जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इन्हें निर्दलीय कहा जाता है, लेकिन आम आदमी इन्हें दलबदलू के नाम से जानता है। पहले इनकी सामाजिक स्थिति अच्छी नहीं समझी जाती थी, लेकिन आजकल इनके सम्मान में जितनी बढ़ोतरी हुई है, उतनी कभी किसी क्षेत्र में किसी की नहीं हुई। आज कोई निर्दलीय जीतता है, तो लोग उसे बधाई देने जाते हैं। क्योंकि लोग जानते हैं कि वर्तमान इनके साथ हो या न हो लेकिन भविष्य इन्हीं का है। ऐसे नेता संसद में लगभग तारणहार की तरह बैठे होते हैं। जिस पक्ष का समय खराब चल रहा होता है, उसका नेता ललचाई दृष्टि से एकटक इनकी ओर देखता रहता है कि ये एक बार मुस्कुरा दें तो हम निहाल हो जाएं। ये जिसके साथ हों वो निहाल और जिसके साथ न हों वो निढाल हो जाता है। इनके आते ही हर पार्टी अपनी वफादार संगिनी को किनारे लगा देती है। इनके आते ही हर पार्टी की पटरानी नौकरानी हो जाती है और ये बाहर से आई हुई प्रेयसी पटरानी बनकर बैठ जाती है। लेकिन ऐसी पटरानियां कभी अपने पद से मोह नहीं करतीं। जैसे ही जरा-सी ऊंच-नीच देखती हैं, तो पट से पलटी मारकर दूसरे दल की पटरानी बन जाती हैं। किसी एक पार्टी में ज्यादा देर रुक जाएं तो इनकी आत्मा इन्हें झकझोरने लगती है, ‘कब तक रहेगा पगले एक ही दल के साथ? बहुत दिन इसका साथ दे लिया मूर्ख, अब तो दूसरी तरफ भी देख! तेरा काम तो ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के सिद्धांत पर चलना है। ईश्वर ने तुझे सबको सुख देने के लिए भेजा है।’ अपनी आत्मा की आवाज सुनते। ही ये दूसरे दल का मंगल करने चल पड़ते हैं। ये बहुत कोमल हृदय के होते हैं। ये बड़े दयालु किस्म के होते हैं। कुछ ऐसा हाल है इनका हाल। ये तो हर चरित्र में घुल-मिल जाते हैं। इन पर आज तक कभी किसी ने चरित्रहीनता का आरोप नहीं लगाया। क्योंकि आरोप लगाने वाला जानता है कि आज ये किसी और के हैं तो क्या हुआ, कल हमारा भी समय आएगा तो ये हमारे साथ होंगे। जब ये एक दल को छोड़कर दूसरे दल की ओर चलते हैं तब विचारधारा, वचनबद्धता, निष्ठा और लोक-लाज जैसे शब्द भी कभी इनका रास्ता रोकने की हिम्मत नहीं कर पाते। मैं इनसे कहना चाहता हूं, अपने आज पर कभी शर्म मत करना। आज तुम्हारा हो या न हो, लेकिन कल हमेशा तुम्हारा ही रहेगा। जब तक सूरज चांद रहेगा, दलबदलुओं तुम्हारा ‘काम’ रहेगा। पिछले शनिवार का कॉलम पढ़ें अंबानी की शादी में यही कमी रह गई!: शादी का जोश ठंडा हो जाए; तो ध्यान आएगा, हमने सुरेंद्र शर्मा को तो बुलाया ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा विवाहोत्सव संपन्न हो गया। पूरे संसार का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया गदगद हो उठा। खर्च किया अंबानी ने और कमाई हुई मीडिया की! ये पहला ऐसा विवाह था जो पांच बार में संपन्न हुआ। प्री-वेडिंग हुई तो मुझे पता चला कि शादी से पहले भी शादी होती है। शादी के बाद शादी होना तो संभव है नहीं, क्योंकि उसके बाद बच्चों की चिल्ल-पौं शुरू हो जाती है। और हर एक जोड़ा यह सोचने लगता है कि हमने शादी से पहले क्यों नहीं सोचा! 63 की मुद्रा में बैठा हुआ जोड़ा धीरे-धीरे 36 की मुद्रा में आ जाता है। पढ़ें पूरा कॉलम… हमारे यहां तीन तरह के नेता होते हैं, पक्ष के, विपक्ष के नेता और सर्वदलीय नेता। पहले दोनों प्रकार के नेता एक-दूसरे के खिलाफ होते हैं। ये एक-दूसरे के विपक्ष में होते हैं, लेकिन देश के पक्ष में इनमें से कोई नहीं होता। जनता इन्हें चुनकर भेजती है कि ये संसद में देश का पक्ष रखेंगे लेकिन ये एक-दूसरे का विरोध करने में व्यस्त हो जाते हैं और देश पीछे छूट जाता है। तीसरी किस्म के नेता सर्वदलीय नेता। ये सबसे समभाव रखते हैं। ‘ना काहू से दोस्ती, ना काहू से बैर’ इनका मूल सिद्धांत है। इनकी राजनीति में वही भूमिका है, जो ताश के खेल में जोकर की है। ये जिसके हाथ में हों, वह खुश हो जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इन्हें निर्दलीय कहा जाता है, लेकिन आम आदमी इन्हें दलबदलू के नाम से जानता है। पहले इनकी सामाजिक स्थिति अच्छी नहीं समझी जाती थी, लेकिन आजकल इनके सम्मान में जितनी बढ़ोतरी हुई है, उतनी कभी किसी क्षेत्र में किसी की नहीं हुई। आज कोई निर्दलीय जीतता है, तो लोग उसे बधाई देने जाते हैं। क्योंकि लोग जानते हैं कि वर्तमान इनके साथ हो या न हो लेकिन भविष्य इन्हीं का है। ऐसे नेता संसद में लगभग तारणहार की तरह बैठे होते हैं। जिस पक्ष का समय खराब चल रहा होता है, उसका नेता ललचाई दृष्टि से एकटक इनकी ओर देखता रहता है कि ये एक बार मुस्कुरा दें तो हम निहाल हो जाएं। ये जिसके साथ हों वो निहाल और जिसके साथ न हों वो निढाल हो जाता है। इनके आते ही हर पार्टी अपनी वफादार संगिनी को किनारे लगा देती है। इनके आते ही हर पार्टी की पटरानी नौकरानी हो जाती है और ये बाहर से आई हुई प्रेयसी पटरानी बनकर बैठ जाती है। लेकिन ऐसी पटरानियां कभी अपने पद से मोह नहीं करतीं। जैसे ही जरा-सी ऊंच-नीच देखती हैं, तो पट से पलटी मारकर दूसरे दल की पटरानी बन जाती हैं। किसी एक पार्टी में ज्यादा देर रुक जाएं तो इनकी आत्मा इन्हें झकझोरने लगती है, ‘कब तक रहेगा पगले एक ही दल के साथ? बहुत दिन इसका साथ दे लिया मूर्ख, अब तो दूसरी तरफ भी देख! तेरा काम तो ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के सिद्धांत पर चलना है। ईश्वर ने तुझे सबको सुख देने के लिए भेजा है।’ अपनी आत्मा की आवाज सुनते। ही ये दूसरे दल का मंगल करने चल पड़ते हैं। ये बहुत कोमल हृदय के होते हैं। ये बड़े दयालु किस्म के होते हैं। कुछ ऐसा हाल है इनका हाल। ये तो हर चरित्र में घुल-मिल जाते हैं। इन पर आज तक कभी किसी ने चरित्रहीनता का आरोप नहीं लगाया। क्योंकि आरोप लगाने वाला जानता है कि आज ये किसी और के हैं तो क्या हुआ, कल हमारा भी समय आएगा तो ये हमारे साथ होंगे। जब ये एक दल को छोड़कर दूसरे दल की ओर चलते हैं तब विचारधारा, वचनबद्धता, निष्ठा और लोक-लाज जैसे शब्द भी कभी इनका रास्ता रोकने की हिम्मत नहीं कर पाते। मैं इनसे कहना चाहता हूं, अपने आज पर कभी शर्म मत करना। आज तुम्हारा हो या न हो, लेकिन कल हमेशा तुम्हारा ही रहेगा। जब तक सूरज चांद रहेगा, दलबदलुओं तुम्हारा ‘काम’ रहेगा। पिछले शनिवार का कॉलम पढ़ें अंबानी की शादी में यही कमी रह गई!: शादी का जोश ठंडा हो जाए; तो ध्यान आएगा, हमने सुरेंद्र शर्मा को तो बुलाया ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा विवाहोत्सव संपन्न हो गया। पूरे संसार का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया गदगद हो उठा। खर्च किया अंबानी ने और कमाई हुई मीडिया की! ये पहला ऐसा विवाह था जो पांच बार में संपन्न हुआ। प्री-वेडिंग हुई तो मुझे पता चला कि शादी से पहले भी शादी होती है। शादी के बाद शादी होना तो संभव है नहीं, क्योंकि उसके बाद बच्चों की चिल्ल-पौं शुरू हो जाती है। और हर एक जोड़ा यह सोचने लगता है कि हमने शादी से पहले क्यों नहीं सोचा! 63 की मुद्रा में बैठा हुआ जोड़ा धीरे-धीरे 36 की मुद्रा में आ जाता है। पढ़ें पूरा कॉलम… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Jodhpur: ‘आजादी के बाद पहली बार…’ वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की बैठक को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत का बड़ा दावा
Jodhpur: ‘आजादी के बाद पहली बार…’ वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की बैठक को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत का बड़ा दावा <p style=”text-align: justify;”><strong>Jodhpur News Today:</strong> केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शनिवार (20 जुलाई) को जोधपुर दौरे पर पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार पर्यटन को लेकर योजना बनाकर भारत सरकार को भेजें निश्चित रूप से उसे पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहते हैं कि जिस तरह से भारत ने विकास और विरासत के संरक्षण में विशेषज्ञता हासिल की है, उसको हम पूरी दुनिया को दिखा पाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि दिल्ली में आयोजित होने जा रही वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी भारत के लिए यह सौभाग्य का विषय है. उन्होंने कहा, “मैं स्वयं को भी सौभाग्यशाली मानता हूं कि मेरे मंत्री बनने के साथ ही भारत को इस कमेटी की अध्यक्षता का अवसर मिला है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैठक में शामिल होंगे 30 से ज्याद मंत्री</strong><br />बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “आजादी के बाद पहली बार भारत में वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की बैठक होने जा रही है. इसमें देश दुनिया के लगभग 3200 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होंगे.” उन्होंने कहा कि इस बैठक में 30 से ज्यादा देशों के मंत्री उपस्थित होंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> और डीजी यूनेस्को की उपस्थिति में इसका उद्घाटन होगा. गजेंद्र सिंह शेखवात ने कहा, “इस कार्यक्रम की बैठक देश में करीब 10 दिनों तक चलने वाली है.” उन्होंने कहा, “जो विश्व की धरोहर के रूप में स्थापित है, उनका ऑडिट तो होगा ही, उसके साथ ही जो विश्व के प्रविष्टियां हैं, उन पर भी विचार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पर्यटकों की कमी पर क्या कहा?</strong><br />एकल खिड़की व्यवस्था न होने के चलते जोधपुर में पर्यटकों की कमी को लेकर केंद्रीय मंत्री शेखावत से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि एकल खिड़की और परमिशन इसका एकमात्र कारण नहीं है. यह बहुत सारे कारणों में से एक हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शेखावत ने कहा, “राजस्थान में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ें, घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो. एक्सपीरियंशियल टूरिज्म की संभावनाएं बढ़े, इन संभावनाओं पर हम हर तरह से काम कर सकते हैं और पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पर्यटन संविधान में राज्य का विषय'</strong><br />केंद्रीय मंत्री ने का कि इसके लिए राजस्थान सरकार के साथ बातचीत कर उसे अब आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा, “पर्यटन हमारे संविधान में राज्य का विषय है. राज्य सरकार को एक प्रोजेक्ट बनाकर से भारत सरकार को भेजना होगा. निश्चित रूप से हम उस पर सकारात्मक रूप से विचार करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Kota News: गैंगवार में दुश्मन पर चलाई गोली दोस्त को लगी, पुलिस ने हत्याकांड का किया सनसनीखेज खुलासा” href=”https://www.abplive.com/states/rajasthan/rajasthan-police-revealed-murder-in-kota-gang-war-police-arrested-accused-ann-2741800″ target=”_blank” rel=”noopener”>Kota News: गैंगवार में दुश्मन पर चलाई गोली दोस्त को लगी, पुलिस ने हत्याकांड का किया सनसनीखेज खुलासा</a></strong></p>
फरीदाबाद में BJP प्रत्याशी को करना पड़ा विरोध का सामना:सभा छोड़कर जाने लगे लोग, मूलचंद शर्मा ने मंच से खाई गंगा-यमुना की कसम
फरीदाबाद में BJP प्रत्याशी को करना पड़ा विरोध का सामना:सभा छोड़कर जाने लगे लोग, मूलचंद शर्मा ने मंच से खाई गंगा-यमुना की कसम हरियाणा के फरीदाबाद जिला में बल्लभगढ़ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को अपने चुनावी प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा पूर्व कैबिनेट मंत्री व दो बार विधायक रह चुके हैं। तीसरी बार फिर से पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। जब वह चुनावी प्रचार करने बल्लभगढ़ में पहुंचे तो लोगों ने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया। साथ ही लोगों की भीड़ भी तितर-बितर होने लगी। इस पर उन्होंने मंच से कसम खाते हुए क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने का वादा किया। लोगों ने भाजपा प्रत्याशी से पूछे सवाल ये मामला फरीदाबाद के बल्लभगढ़ विधानसभा में पड़ने वाले सेक्टर 22 का है, जहां पर सोमवार को देर शाम भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा चुनावी प्रचार के तहत एक जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। उनके आते ही वहां पर लोगों ने हूटिंग शुरू कर दी और लोगों ने मूलचंद शर्मा को घेरते हुए सवाल पूछने लगे। लोगों ने कहा कि वह 10 साल से विधायक और सरकार में मंत्री रहे। लेकिन उसके बाद भी उनके इलाके में न तो पीने के पानी की समस्या का समाधान हुआ और ना ही सीवर जाम से लोगों को निजात मिल पाई है। मूलचंद शर्मा ने किया समस्या से निजात दिलाने का वादा इसी दौरान लोगों ने हूटिंग शुरू कर दी और वहां बैठे लोग मूलचंद शर्मा के आने के बाद जनसभा छोड़कर जाने लगे। जैसे तैसे मूलचंद शर्मा के समर्थकों ने भीड़ को रोकने की कोशिश की लेकिन फिर भी काफी देर तक शोर-शराबा होता रहा। अपना विरोध होता देख भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा को मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कसम खाई। उन्होंने कहा कि वह इस बार गंगा यमुना की कसम खाते हैं, वह ब्राह्मण परिवार से हैं इस बार जीतने के बाद पीने के पानी की समस्या और सीवर ओवरफ्लो से लोगों को निजात दिलाएंगे।
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शपथ ग्रहण के दौरान राष्ट्रपति भवन में दिखा जंगली जानवर? पुलिस ने बताई Viral Video की सच्चाई <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस ने साफ किया है कि राष्ट्रपति भवन में कल (9 जून) के दौरान कोई जंगली जानवर नहीं देखा गया है. पुलिस ने साफ किया कि वो जंगली नहीं था. इस तरह के बिना आधार वाले अफवाहों से बचें. दरअसल, पुलिस ने कहा कि कई सोशल मीडिया चैनल और सोशल मीडिया हैंडल्स पर ये दावा किया गया कि शपथ ग्रहण समारोह के लाइव टेलीकास्ट के दौरान एक जंगली जानवर को कैप्चर किया गया. पुलिस ने कहा कि ये दावे आधारहीन हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कई सोशल मीडिया हैंडल्स पर इस वीडियो को शेयर किया गया. देखते ही देखते ये वीडियो वायरल हो गया. कुछ ने इसे ‘रहस्यमयी जानवर’ तक करार दिया.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>राष्ट्रपति भवन के गलियारे में ये जानवर कौन है ?<br /><br />शपथ समारोह के दौरान गलियारे में टहलता दिखा विचित्र जानवर ! <a href=”https://t.co/4FeZYofBSb”>pic.twitter.com/4FeZYofBSb</a></p>
— Panchjanya (@epanchjanya) <a href=”https://twitter.com/epanchjanya/status/1800135544065970218?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 10, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>वीडियो वायरल होने के बाद अब दिल्ली पुलिस का सोशल मीडिया पोस्ट सामने आया है. दिल्ली पुलिस ने एक्स पर इस वायरल वीडियो की सच्चाई बताई है.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Some media channels & SM handles are showing an animal captured during the live telecast of oath taking ceremony held at the R.P. Bhavan yesterday, claiming it to be a wild animal.<br /><br />Claims of a wild animal at the ceremony are false. It was not wild. Ignore such baseless rumors.</p>
— Delhi Police (@DelhiPolice) <a href=”https://twitter.com/DelhiPolice/status/1800176363510628485?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 10, 2024</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि रविवार (9 जून) को राष्ट्रपति भवन में मोदी 3.0 के मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ था.</p>