केसरिया दूध के झाग में हल्की सी मिठास और मनमोहक सुगंध… मुंह में जाते ही घुल जाने वाली मलइयो का सीजन चल रहा है। तासीर ऐसी कि देर तक जुबां पर मिठास बनाए रखती है। इसका स्वाद लेने के लिए लोग सालभर इंतजार करते हैं। वजह- ये ठंड रात में बनाई जाती है। ओस में रखने से इसमें झाग निकलती है। भास्कर की जायका सीरीज में आपको लिए चलते हैं, बनारस के लंका में 70 साल पुरानी रविदास गेट के सामने पहलवान लस्सी की दुकान पर। इनकी मलइयो का स्वाद विदेशी भी बड़े चाव से लेते हैं। शॉप ओनर का कहना है कि ये ओस में बनती है, इसलिए आंखों के लिए फायदेमंद हैं। चश्मा लगाने वालों के लिए सुबह-सुबह इसे खाना अच्छा होता है। ये आंखों की रोशनी भी बढ़ाती है। मलइयो 3 महीने के लिए बिकती है
बनारस के पक्का महाल कहे जाने वाले गंगा किनारे स्थित चौखंभा मुहल्ले से मलइयो की शुरुआत हुई थी। अब बनारस के चौक, मैदागिन, गोदौलिया, दशाश्वमेध और गिरजाघर चौराहे तक मलइयो की दुकानें सज गई हैं। मलइयो का बाजार सिर्फ 3 महीने का होता है। ये नवंबर की ठंड शुरू होते ही बनाई जाती हैं। मलइयो खाने का सीजन पूरे जनवरी भर होता है। एक कुल्हड़ मलइयो की कीमत 50 रुपए
दुकान मालिक मनोज यादव ने बताया- 70 साल से हमारा परिवार ये दुकान चला रहा है। ये ठंड की मिठाई है, जो अलग-अलग शहरों में कई नामों से जानी जाती है। इसे बनारस में मलइयो, मिर्जापुर में आव, लखनऊ में मक्खन मलाई और दिल्ली में दौलत की चाट कहते हैं। एक कुल्हड़ मलइयो 50 रुपए की मिलती है। सुबह से शाम तक करीब 2 हजार कुल्हड़ मलइयो बिक जाती है। आयुर्वेदिक दृष्टि से भी बेहद गुणकारी
मलइयो बनाने के लिए पहले कच्चे दूध को उबालकर खुले आसमान के नीचे रात 2 बजे ओस में रखा जाता है। फिर दूध को काफी मथने से निकले झाग में चीनी, केसर, पिस्ता, बदाम, इलायची जैसी गुणकारी चीजें मिलाई जाती हैं। आयुर्वेद के जानकार भी मानते हैं कि मलइयो पौष्टिक होने के साथ ही शारीरिक सुंदरता को भी बढ़ाती है। ओस की बूंदों में प्राकृतिक मिनरल्स पाए जाते हैं, जो त्वचा में निखार लाते हैं। केसर, बादाम शक्तिवर्द्धक होते हैं। केसर भी सुंदरता बढ़ाता है। अब शादी समारोहों में भी लगने लगे स्टॉल
अब तो शादी समारोहों में भी मलइयो पेश किया जाने लगा है। अब लोग मशीन से भी इसे तैयार कर रहे हैं। 300 से लेकर 400 रुपए प्रति किलो मलइयो मिल रहा है। वहीं, 15 रुपए से लेकर 30 रुपए तक छोटे, मीडियम और बड़े साइज के कुल्हड़ में ये मिलता है। दुकानदार बताते हैं कि अगर मलइयो को अच्छा प्रमोशन मिले तो यह जायका देश ही नहीं, विदेश तक भी पहुंच सकता है। मोदी भी मलइयो के स्वाद का जिक्र कर चुके
बनारस में अमूल प्लांट लगने से होने वाले फायदों को गिनाते हुए PM मोदी ने यहां की परंपरागत मिठाइयों जैसे- मलइयो, लौंगलता, लस्सी और रसगुल्ला का जिक्र किया था। जिसके बाद जनसभा पूरी तरह शोरगुल और तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी थी। देखिए कुछ तस्वीरें- कस्टमर रिव्यू- ———— यूपी के जायका से जुड़ी खबरें और भी हैं… काशी चाट के अमित शाह से राजनाथ तक दीवाने: 15 फ्लेवर में मिलता है चटखारा, टमाटर वाले कुल्हड़ की सबसे ज्यादा डिमांड काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा के घाट से लेकर बनारसिया स्वाद… आप काशी आएं और कुछ भी छूटा तो ट्रिप अधूरी समझिए। इस शहर का दिल गोदौलिया है। यहां के स्वादिष्ट व्यंजन-पकवान भी दुनियाभर में अलग ही छाप छोड़ते हैं। हर दिन देश-विदेश से पहुंचने वाले विदेशी मेहमान काशी की मशहूर चाट चखने के लिए पहुंचते हैं। काशी चाट भंडार में 15 तरह की चाट परोसने वाले इन हाथों में स्वाद का जादू है। पढ़ें पूरी खबर… बाजपेयी कचौड़ी…अटल बिहारी से राजनाथ तक स्वाद के दीवाने: खाने के लिए 20 मिनट तक लाइन में लगना पड़ता है बात उस कचौड़ी की, जिसकी तारीफ यूपी विधानसभा में होती है। अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव भी इसके स्वाद के मुरीद रह चुके हैं। दुकान छोटी है, पर स्वाद ऐसा कि इसे खाने के लिए लोग 15 मिनट तक खुशी-खुशी लाइन में लगे रहते हैं। जी हां…सही पहचाना आपने। हम बात कर रहे हैं लखनऊ की बाजपेयी कचौड़ी की। पढ़ें पूरी खबर… केसरिया दूध के झाग में हल्की सी मिठास और मनमोहक सुगंध… मुंह में जाते ही घुल जाने वाली मलइयो का सीजन चल रहा है। तासीर ऐसी कि देर तक जुबां पर मिठास बनाए रखती है। इसका स्वाद लेने के लिए लोग सालभर इंतजार करते हैं। वजह- ये ठंड रात में बनाई जाती है। ओस में रखने से इसमें झाग निकलती है। भास्कर की जायका सीरीज में आपको लिए चलते हैं, बनारस के लंका में 70 साल पुरानी रविदास गेट के सामने पहलवान लस्सी की दुकान पर। इनकी मलइयो का स्वाद विदेशी भी बड़े चाव से लेते हैं। शॉप ओनर का कहना है कि ये ओस में बनती है, इसलिए आंखों के लिए फायदेमंद हैं। चश्मा लगाने वालों के लिए सुबह-सुबह इसे खाना अच्छा होता है। ये आंखों की रोशनी भी बढ़ाती है। मलइयो 3 महीने के लिए बिकती है
बनारस के पक्का महाल कहे जाने वाले गंगा किनारे स्थित चौखंभा मुहल्ले से मलइयो की शुरुआत हुई थी। अब बनारस के चौक, मैदागिन, गोदौलिया, दशाश्वमेध और गिरजाघर चौराहे तक मलइयो की दुकानें सज गई हैं। मलइयो का बाजार सिर्फ 3 महीने का होता है। ये नवंबर की ठंड शुरू होते ही बनाई जाती हैं। मलइयो खाने का सीजन पूरे जनवरी भर होता है। एक कुल्हड़ मलइयो की कीमत 50 रुपए
दुकान मालिक मनोज यादव ने बताया- 70 साल से हमारा परिवार ये दुकान चला रहा है। ये ठंड की मिठाई है, जो अलग-अलग शहरों में कई नामों से जानी जाती है। इसे बनारस में मलइयो, मिर्जापुर में आव, लखनऊ में मक्खन मलाई और दिल्ली में दौलत की चाट कहते हैं। एक कुल्हड़ मलइयो 50 रुपए की मिलती है। सुबह से शाम तक करीब 2 हजार कुल्हड़ मलइयो बिक जाती है। आयुर्वेदिक दृष्टि से भी बेहद गुणकारी
मलइयो बनाने के लिए पहले कच्चे दूध को उबालकर खुले आसमान के नीचे रात 2 बजे ओस में रखा जाता है। फिर दूध को काफी मथने से निकले झाग में चीनी, केसर, पिस्ता, बदाम, इलायची जैसी गुणकारी चीजें मिलाई जाती हैं। आयुर्वेद के जानकार भी मानते हैं कि मलइयो पौष्टिक होने के साथ ही शारीरिक सुंदरता को भी बढ़ाती है। ओस की बूंदों में प्राकृतिक मिनरल्स पाए जाते हैं, जो त्वचा में निखार लाते हैं। केसर, बादाम शक्तिवर्द्धक होते हैं। केसर भी सुंदरता बढ़ाता है। अब शादी समारोहों में भी लगने लगे स्टॉल
अब तो शादी समारोहों में भी मलइयो पेश किया जाने लगा है। अब लोग मशीन से भी इसे तैयार कर रहे हैं। 300 से लेकर 400 रुपए प्रति किलो मलइयो मिल रहा है। वहीं, 15 रुपए से लेकर 30 रुपए तक छोटे, मीडियम और बड़े साइज के कुल्हड़ में ये मिलता है। दुकानदार बताते हैं कि अगर मलइयो को अच्छा प्रमोशन मिले तो यह जायका देश ही नहीं, विदेश तक भी पहुंच सकता है। मोदी भी मलइयो के स्वाद का जिक्र कर चुके
बनारस में अमूल प्लांट लगने से होने वाले फायदों को गिनाते हुए PM मोदी ने यहां की परंपरागत मिठाइयों जैसे- मलइयो, लौंगलता, लस्सी और रसगुल्ला का जिक्र किया था। जिसके बाद जनसभा पूरी तरह शोरगुल और तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी थी। देखिए कुछ तस्वीरें- कस्टमर रिव्यू- ———— यूपी के जायका से जुड़ी खबरें और भी हैं… काशी चाट के अमित शाह से राजनाथ तक दीवाने: 15 फ्लेवर में मिलता है चटखारा, टमाटर वाले कुल्हड़ की सबसे ज्यादा डिमांड काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा के घाट से लेकर बनारसिया स्वाद… आप काशी आएं और कुछ भी छूटा तो ट्रिप अधूरी समझिए। इस शहर का दिल गोदौलिया है। यहां के स्वादिष्ट व्यंजन-पकवान भी दुनियाभर में अलग ही छाप छोड़ते हैं। हर दिन देश-विदेश से पहुंचने वाले विदेशी मेहमान काशी की मशहूर चाट चखने के लिए पहुंचते हैं। काशी चाट भंडार में 15 तरह की चाट परोसने वाले इन हाथों में स्वाद का जादू है। पढ़ें पूरी खबर… बाजपेयी कचौड़ी…अटल बिहारी से राजनाथ तक स्वाद के दीवाने: खाने के लिए 20 मिनट तक लाइन में लगना पड़ता है बात उस कचौड़ी की, जिसकी तारीफ यूपी विधानसभा में होती है। अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव भी इसके स्वाद के मुरीद रह चुके हैं। दुकान छोटी है, पर स्वाद ऐसा कि इसे खाने के लिए लोग 15 मिनट तक खुशी-खुशी लाइन में लगे रहते हैं। जी हां…सही पहचाना आपने। हम बात कर रहे हैं लखनऊ की बाजपेयी कचौड़ी की। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर