2 घंटे कांग्रेस दफ्तर में लावारिस पड़े रहे प्रभात पांडेय:2 KM का रास्ता तय करने में लगे 35 मिनट; राहुल-प्रियंका जा सकते हैं गोरखपुर

2 घंटे कांग्रेस दफ्तर में लावारिस पड़े रहे प्रभात पांडेय:2 KM का रास्ता तय करने में लगे 35 मिनट; राहुल-प्रियंका जा सकते हैं गोरखपुर

कांग्रेस यूथ विंग के पूर्व सचिव प्रभात पांडेय 2 घंटे तक कांग्रेस के दफ्तर में बेहोश पड़े रहे। वहां न तो कांग्रेस का कोई नेता था और न ही कोई कार्यालय का कर्मचारी। जाम और बैरिकेडिंग की वजह से अस्पताल ले जाने में 35 मिनट लगे। यही देरी भारी पड़ी और प्रभात पांडेय की अस्पताल पहुंचने से पहले जान चली गई। उनकी मौत को लेकर सबके अलग-अलग दावे हैं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने जांच कराने की बात कही है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दैनिक भास्कर को बताया कि कांग्रेस इसे मुद्दा बनाएगी। गुरुवार को सुबह 11 बजे कांग्रेस कार्यालय में शोक-सभा की जाएगी। राहुल और प्रियंका गांधी भी आएंगे, मृतक के परिवार वालों से मिलेंगे। वे लोग गोरखपुर भी जा सकते हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने प्रभात पांडेय की मौत के लिए लखनऊ पुलिस और यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने X पर लिखा- यह घटना यूपी की बदहाल कानून व्यवस्था को दर्शाती है। जानिए प्रदर्शन के दौरान का पूरा घटनाक्रम बुधवार को सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से कांग्रेस दफ्तर की ओर आ रहे थे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी। कांग्रेस दफ्तर से लेकर प्रेरणा स्थल तक कई लेयर में पुलिस बैरिकेडिंग थी। रास्ता बंद कर दिया गया था। विधानसभा के गेट नंबर- 7 के सामने के रास्ते से (यह विधानसभा सत्र के समय सुरक्षा कारणों से बंद रहता है) यातायात को डायवर्ट कर दिया गया था। कांग्रेस दफ्तर के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास भी पुलिस ने मजबूत बैरिकेडिंग कर रखी थी। प्रभात को चोट कैसे लगी, आखिर हुआ क्या था?
कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने बताया- प्रभात बैरिकेडिंग पर चढ़ कर दूसरी ओर जाने की कोशिश कर रहे थे। तभी किसी पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का दे दिया। वह पीछे की ओर गिर गए। यह पूरा घटनाक्रम दिन में दो से ढाई बजे के बीच का है। वहां मौजूद प्रभात के कुछ साथी उन्हें लेकर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। प्रभात ने वहां बताया कि पुलिस ने मारा है। मुझे चोट लगी है, आराम करने दो। बाकी साथी मामूली चोट समझकर वहां से चले गए। वह करीब 2 घंटे तक प्रभात वहीं पड़े रहे। किसी तरह इसकी जानकारी प्रभात के चाचा मनीष पांडेय को हुई। मनीष ने अपने कुछ पत्रकार दोस्तों को बताया। इनमें से एक संदीप अपनी स्कूटी से सबसे पहले शाम करीब 4 बजकर 25 मिनट पर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। संदीप ने इनोवा में प्रभात को लिटाया और खुद स्कूटी से रास्ता क्लियर कराते हुए, पुलिस से मिन्नतें करते सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। कांग्रेस दफ्तर से सिविल की दूरी 1.7 किलोमीटर है। आमतौर पर यह दूरी 5-7 मिनट में पूरी हो जाती है। लेकिन, ट्रैफिक जाम और डायवर्जन की वजह से इस दूरी को पूरा करने में 35 मिनट लग गए। संदीप प्रभात को लेकर जब अस्पताल पहुंचे, तब तक प्रभात की मौत हो चुकी थी। अजय राय बोले- प्रशासन हत्या की साजिश रच रहा था कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा- पुलिस ने किस तरह से मिस हैंडलिंग की, यह सबने देखा। मेरे ऊपर पुलिस के लोग चढ़ गए, जिससे मैं बेहोश हो गया। 17 दिसंबर से पुलिस ने जो तैयारी की थी, उसमें कांटे की बैरिकेडिंग लगाई गई थी। पहली बार ऐसा हुआ है। कल से मेरे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा था। मेरी मांग है, शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया जाए और निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने कहा- प्रशासन हत्या की साजिश रच रहा था। कांग्रेस के लिए यह दुख की घड़ी है। कांग्रेस मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए देगी। सरकार एक करोड़ रुपए और प्रभात के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे। डिप्टी सीएम ने कहा- पत्रकार ने मांगी थी मदद
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है- पत्रकार मनीष पांडेय का मेरे पास फोन आया। उन्होंने अपने भतीजे के बारे में बताया। उसे एडमिट कराने के लिए मदद मांगी। हमने अस्पताल के निदेशक से कहा। लेकिन, यहां आने पर प्रभात को ब्रॉट डेड घोषित कर दिया गया। हम उनके परिजनों के साथ हैं और जो भी इंतजाम हैं, वो हम कर रहे हैं। डॉक्टर बोले- मृत अवस्था में लाया गया था अस्पताल
DCP मध्य रवीना त्यागी ने बताया- शाम करीब 5 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे को कांग्रेस कार्यालय से सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था। मृतक बेहोशी की हालत में कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय परिसर के अंदर पाए गए थे। डॉक्टरों के अनुसार, प्रथम दृष्टया मृतक के शरीर पर कोई चोट नहीं पाई गई है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान कोई बल प्रयोग नहीं किया था। शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों का पैनल वीडियोग्राफी के साथ करेगा। इसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम में नहीं मिले चोट के निशान, बिसरा सुरक्षित
पुलिस ने प्रभात के चाचा मनीष पांडेय की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हृदय गति रुकना पाया गया है। प्रभात के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। बिसरा को सुरक्षित रखा गया है, ताकि मौत के कारणों की गहन जांच की जा सके। कौन थे प्रभात पांडेय?
प्रभात पांडेय यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव रह चुके हैं, लेकिन वर्तमान में किसी पद पर नहीं थे। वह लखनऊ के विभूति खंड स्थित एक अपार्टमेंट में किराए पर रहते थे और प्रॉपर्टी का काम करते थे। वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे। पिता एलआईसी एजेंट हैं, जबकि परिवार में दो बहनें हैं। ‘कांग्रेस बनाएगी बड़ा मुद्दा’
राजनीति के जानकारों का कहना है, कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट जीतने के बाद वायनाड सीट छोड़ी थी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए यूपी ज्यादा मायने रखता है। इसके अलावा प्रियंका ने जब लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया, तो उन्होंने यूपी से जुड़ी घटनाएं बताई थीं। प्रियंका जब कांग्रेस की तरफ से यूपी की प्रभारी थीं, तो प्रभात पांडेय यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव थे। उस दौरान अजय लल्लू प्रदेश अध्यक्ष थे। इसके अलावा मृतक प्रभात ब्राह्मण परिवार से आते हैं। काफी समय से यूपी का ब्राह्मण आए दिन योगी सरकार से नाराज दिखता हे। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक मूव भी हो सकता है। ———————— यह खबर भी पढ़ें.. सतीश महाना बोले-अतुल प्रधान को बाहर फेंको, मार्शल उठाकर ले गए; विधानसभा में डिप्टी CM के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सड़क से लेकर सदन तक हंगामा होता रहा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा विधायक अतुल प्रधान को उठाकर बाहर फेंकने के लिए कह दिया। उन्होंने कहा कि आपकी विधायकी खत्म करवा दूंगा। मार्शल विधायक को उठाकर बाहर ले गए। विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को स्थगित करना पड़ा। पढ़ें पूरी खबर कांग्रेस यूथ विंग के पूर्व सचिव प्रभात पांडेय 2 घंटे तक कांग्रेस के दफ्तर में बेहोश पड़े रहे। वहां न तो कांग्रेस का कोई नेता था और न ही कोई कार्यालय का कर्मचारी। जाम और बैरिकेडिंग की वजह से अस्पताल ले जाने में 35 मिनट लगे। यही देरी भारी पड़ी और प्रभात पांडेय की अस्पताल पहुंचने से पहले जान चली गई। उनकी मौत को लेकर सबके अलग-अलग दावे हैं। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने जांच कराने की बात कही है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दैनिक भास्कर को बताया कि कांग्रेस इसे मुद्दा बनाएगी। गुरुवार को सुबह 11 बजे कांग्रेस कार्यालय में शोक-सभा की जाएगी। राहुल और प्रियंका गांधी भी आएंगे, मृतक के परिवार वालों से मिलेंगे। वे लोग गोरखपुर भी जा सकते हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने प्रभात पांडेय की मौत के लिए लखनऊ पुलिस और यूपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने X पर लिखा- यह घटना यूपी की बदहाल कानून व्यवस्था को दर्शाती है। जानिए प्रदर्शन के दौरान का पूरा घटनाक्रम बुधवार को सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से कांग्रेस दफ्तर की ओर आ रहे थे। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए जबरदस्त बैरिकेडिंग की थी। कांग्रेस दफ्तर से लेकर प्रेरणा स्थल तक कई लेयर में पुलिस बैरिकेडिंग थी। रास्ता बंद कर दिया गया था। विधानसभा के गेट नंबर- 7 के सामने के रास्ते से (यह विधानसभा सत्र के समय सुरक्षा कारणों से बंद रहता है) यातायात को डायवर्ट कर दिया गया था। कांग्रेस दफ्तर के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास भी पुलिस ने मजबूत बैरिकेडिंग कर रखी थी। प्रभात को चोट कैसे लगी, आखिर हुआ क्या था?
कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने बताया- प्रभात बैरिकेडिंग पर चढ़ कर दूसरी ओर जाने की कोशिश कर रहे थे। तभी किसी पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्का दे दिया। वह पीछे की ओर गिर गए। यह पूरा घटनाक्रम दिन में दो से ढाई बजे के बीच का है। वहां मौजूद प्रभात के कुछ साथी उन्हें लेकर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। प्रभात ने वहां बताया कि पुलिस ने मारा है। मुझे चोट लगी है, आराम करने दो। बाकी साथी मामूली चोट समझकर वहां से चले गए। वह करीब 2 घंटे तक प्रभात वहीं पड़े रहे। किसी तरह इसकी जानकारी प्रभात के चाचा मनीष पांडेय को हुई। मनीष ने अपने कुछ पत्रकार दोस्तों को बताया। इनमें से एक संदीप अपनी स्कूटी से सबसे पहले शाम करीब 4 बजकर 25 मिनट पर कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। संदीप ने इनोवा में प्रभात को लिटाया और खुद स्कूटी से रास्ता क्लियर कराते हुए, पुलिस से मिन्नतें करते सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। कांग्रेस दफ्तर से सिविल की दूरी 1.7 किलोमीटर है। आमतौर पर यह दूरी 5-7 मिनट में पूरी हो जाती है। लेकिन, ट्रैफिक जाम और डायवर्जन की वजह से इस दूरी को पूरा करने में 35 मिनट लग गए। संदीप प्रभात को लेकर जब अस्पताल पहुंचे, तब तक प्रभात की मौत हो चुकी थी। अजय राय बोले- प्रशासन हत्या की साजिश रच रहा था कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा- पुलिस ने किस तरह से मिस हैंडलिंग की, यह सबने देखा। मेरे ऊपर पुलिस के लोग चढ़ गए, जिससे मैं बेहोश हो गया। 17 दिसंबर से पुलिस ने जो तैयारी की थी, उसमें कांटे की बैरिकेडिंग लगाई गई थी। पहली बार ऐसा हुआ है। कल से मेरे कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा था। मेरी मांग है, शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया जाए और निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने कहा- प्रशासन हत्या की साजिश रच रहा था। कांग्रेस के लिए यह दुख की घड़ी है। कांग्रेस मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए देगी। सरकार एक करोड़ रुपए और प्रभात के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे। डिप्टी सीएम ने कहा- पत्रकार ने मांगी थी मदद
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है- पत्रकार मनीष पांडेय का मेरे पास फोन आया। उन्होंने अपने भतीजे के बारे में बताया। उसे एडमिट कराने के लिए मदद मांगी। हमने अस्पताल के निदेशक से कहा। लेकिन, यहां आने पर प्रभात को ब्रॉट डेड घोषित कर दिया गया। हम उनके परिजनों के साथ हैं और जो भी इंतजाम हैं, वो हम कर रहे हैं। डॉक्टर बोले- मृत अवस्था में लाया गया था अस्पताल
DCP मध्य रवीना त्यागी ने बताया- शाम करीब 5 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे को कांग्रेस कार्यालय से सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें मृत अवस्था में ही अस्पताल लाया गया था। मृतक बेहोशी की हालत में कांग्रेस प्रदेश पार्टी कार्यालय परिसर के अंदर पाए गए थे। डॉक्टरों के अनुसार, प्रथम दृष्टया मृतक के शरीर पर कोई चोट नहीं पाई गई है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान कोई बल प्रयोग नहीं किया था। शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टरों का पैनल वीडियोग्राफी के साथ करेगा। इसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमॉर्टम में नहीं मिले चोट के निशान, बिसरा सुरक्षित
पुलिस ने प्रभात के चाचा मनीष पांडेय की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हृदय गति रुकना पाया गया है। प्रभात के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। बिसरा को सुरक्षित रखा गया है, ताकि मौत के कारणों की गहन जांच की जा सके। कौन थे प्रभात पांडेय?
प्रभात पांडेय यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव रह चुके हैं, लेकिन वर्तमान में किसी पद पर नहीं थे। वह लखनऊ के विभूति खंड स्थित एक अपार्टमेंट में किराए पर रहते थे और प्रॉपर्टी का काम करते थे। वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे। पिता एलआईसी एजेंट हैं, जबकि परिवार में दो बहनें हैं। ‘कांग्रेस बनाएगी बड़ा मुद्दा’
राजनीति के जानकारों का कहना है, कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाएगी। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट जीतने के बाद वायनाड सीट छोड़ी थी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के लिए यूपी ज्यादा मायने रखता है। इसके अलावा प्रियंका ने जब लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया, तो उन्होंने यूपी से जुड़ी घटनाएं बताई थीं। प्रियंका जब कांग्रेस की तरफ से यूपी की प्रभारी थीं, तो प्रभात पांडेय यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव थे। उस दौरान अजय लल्लू प्रदेश अध्यक्ष थे। इसके अलावा मृतक प्रभात ब्राह्मण परिवार से आते हैं। काफी समय से यूपी का ब्राह्मण आए दिन योगी सरकार से नाराज दिखता हे। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक मूव भी हो सकता है। ———————— यह खबर भी पढ़ें.. सतीश महाना बोले-अतुल प्रधान को बाहर फेंको, मार्शल उठाकर ले गए; विधानसभा में डिप्टी CM के इस्तीफे पर अड़ा विपक्ष यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सड़क से लेकर सदन तक हंगामा होता रहा। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा विधायक अतुल प्रधान को उठाकर बाहर फेंकने के लिए कह दिया। उन्होंने कहा कि आपकी विधायकी खत्म करवा दूंगा। मार्शल विधायक को उठाकर बाहर ले गए। विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को स्थगित करना पड़ा। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर