हरियाणा के हिसार के हांसी में एक युवा दुकानदार ने आत्महत्या कर ली। उसका शव घर में फंदे से लटका मिला। उसके पास से पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। उसने दुकान में काम करने वाले एक युवक सहित 4 को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ये उसके रुपए नहीं लौटा रहे थे, जिससे वह परेशान था। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। जानकारी अनुसार मृतक युवक की पहचान हांसी की मुलतान कॉलोनी के अरुण महता के रूप में हुई है। वह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसकी एसडी महिला महाविद्यालय के नजदीक श्री बाला जी कम्युनिकेशन के नाम से मोबाइल फोन की दुकान थी। अरुण ने दोपहर को सुसाइड किया। उस समय उसके पिता घर पर नहीं थे। अरुण मकान के फर्स्ट फ्लोर पर था। उसकी पत्नी नीचे घर का काम कर रही थी। अरुण सुबह से ही कमरे में था और मानसिक तौर पर परेशान भी चल रहा था। अरुण ने कमरे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। जब उसके परिजन ऊपर गए तो उन्हें इस बारे में पता लगा। इसके बाद आस – पास के लोग वहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है। शव के पास से पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। इसमें मृतक ने चार युवकों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। एक युवक उसकी दुकान पर काम करता था। अन्य तीन युवकों से पैसे का लेन देन था। अरुण के सुसाइड नोट के अनुसार यह चारों उसके पैसे वापस नहीं दे रहे थे। इसलिए वह परेशान था। इसके चलते उसने सुसाइड किया। सुसाइड नोट में बताई परेशानी युवक ने लिखा है कि प्रिय पापा मैं अपनी जिंदगी से बहुत दुखी हो चुका हूं। अब जीने का मन नहीं करता। इतना परेशान हो चुका हूं कि अब जीने का मन नहीं करता। मेरी सबसे बड़ी परेशानी का कारण है मेरे पैसे गुम होना और दुकान से पैसे चोरी होना। दूसरी परेशानी हे कि मैंने जिस जिस को उधार दी, उसके पैसे वापस नहीं आए। वो मुझे मारने की धमकी देते हैं। ुदकान पर काम कम हुआ है औ पैसे न होने की वजह से मैं परेशान हूं। जिसके मैंने नाम लिखे हैं ये मुझे बहुत धमकी देते हैं। पुलिस अधिकारियों की तरफ से परिजनों के बयान पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। अरुण अपने माता पिता का इकलौता बेटा था। अरुण की बहन पानीपत में विवाहित है। अरुण ही घर को संभाले हुए था। सुसाइड के बाद से परिजनों का बुरा हाल है। अरुण के शव को हांसी नागरिक अस्पताल के मोर्चरी हाउस में रखवाया गया है। वहां पर उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस इस मामले में गहनता से छानबीन कर रही है। हरियाणा के हिसार के हांसी में एक युवा दुकानदार ने आत्महत्या कर ली। उसका शव घर में फंदे से लटका मिला। उसके पास से पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। उसने दुकान में काम करने वाले एक युवक सहित 4 को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ये उसके रुपए नहीं लौटा रहे थे, जिससे वह परेशान था। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। जानकारी अनुसार मृतक युवक की पहचान हांसी की मुलतान कॉलोनी के अरुण महता के रूप में हुई है। वह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। उसकी एसडी महिला महाविद्यालय के नजदीक श्री बाला जी कम्युनिकेशन के नाम से मोबाइल फोन की दुकान थी। अरुण ने दोपहर को सुसाइड किया। उस समय उसके पिता घर पर नहीं थे। अरुण मकान के फर्स्ट फ्लोर पर था। उसकी पत्नी नीचे घर का काम कर रही थी। अरुण सुबह से ही कमरे में था और मानसिक तौर पर परेशान भी चल रहा था। अरुण ने कमरे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। जब उसके परिजन ऊपर गए तो उन्हें इस बारे में पता लगा। इसके बाद आस – पास के लोग वहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है। शव के पास से पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट मिला है। इसमें मृतक ने चार युवकों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। एक युवक उसकी दुकान पर काम करता था। अन्य तीन युवकों से पैसे का लेन देन था। अरुण के सुसाइड नोट के अनुसार यह चारों उसके पैसे वापस नहीं दे रहे थे। इसलिए वह परेशान था। इसके चलते उसने सुसाइड किया। सुसाइड नोट में बताई परेशानी युवक ने लिखा है कि प्रिय पापा मैं अपनी जिंदगी से बहुत दुखी हो चुका हूं। अब जीने का मन नहीं करता। इतना परेशान हो चुका हूं कि अब जीने का मन नहीं करता। मेरी सबसे बड़ी परेशानी का कारण है मेरे पैसे गुम होना और दुकान से पैसे चोरी होना। दूसरी परेशानी हे कि मैंने जिस जिस को उधार दी, उसके पैसे वापस नहीं आए। वो मुझे मारने की धमकी देते हैं। ुदकान पर काम कम हुआ है औ पैसे न होने की वजह से मैं परेशान हूं। जिसके मैंने नाम लिखे हैं ये मुझे बहुत धमकी देते हैं। पुलिस अधिकारियों की तरफ से परिजनों के बयान पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। अरुण अपने माता पिता का इकलौता बेटा था। अरुण की बहन पानीपत में विवाहित है। अरुण ही घर को संभाले हुए था। सुसाइड के बाद से परिजनों का बुरा हाल है। अरुण के शव को हांसी नागरिक अस्पताल के मोर्चरी हाउस में रखवाया गया है। वहां पर उसका पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस इस मामले में गहनता से छानबीन कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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विनेश फोगाट बोलीं-भारतीय दल ने कोई मदद नहीं की:पेरिस ओलिंपिक में कानूनी विकल्प नहीं बताए; BJP ने मेरा मेडल देश का नहीं समझा
विनेश फोगाट बोलीं-भारतीय दल ने कोई मदद नहीं की:पेरिस ओलिंपिक में कानूनी विकल्प नहीं बताए; BJP ने मेरा मेडल देश का नहीं समझा हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट ने पहली बार पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम बढ़े वजन से मेडल से चूकने के बारे में बात की। विनेश ने दावा किया कि मेडल को लेकर उनके पास कानूनी विकल्प था, यह उन्हें भारतीय डेलिगेशन नहीं बल्कि एक दोस्त ने बताया था। विनेश ने यह भी कहा कि BJP वालों ने ओलिंपिक मेडल को मेरा मेडल समझा। मेरी कोई मदद नहीं की गई। विनेश 6 सितंबर को ही कांग्रेस में शामिल हुई हैं। कांग्रेस ने उन्हें जींद जिले की जुलाना विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष भाजपा नेता बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों से जुड़े आंदोलन की अगुआई करने वालों में शामिल थी। विनेश से हुए सवाल-जवाब पढ़िए सवाल: पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन बढ़ा हुआ मिला तो आपके पास कानूनी विकल्प थे, ये किसने बताया?
विनेश: जब हम प्रोटेस्ट में थे तो एक फ्रेंड थी जो इंटरनेशनल स्पोर्ट्स में है। उन्होंने मुझे एप्रोच किया कि ऐसी चीजें हैं। सवाल: भारतीय प्रतिनिधिमंडल में जो लोग थे, उन्होंने कोई आपकी मदद नहीं की?
विनेश: नहीं, वह सब बाद में आए। केस मैंने किया। इनके वकील बाद में आए। सवाल: आपको कुछ विदेशी खिलाड़ियों ने बताया कि सही तरीके से लड़ाई लड़ी जाती तो मेडल आपका होता।
विनेश: यह सच है। दुर्भाग्य है देश का है। ये इतनी इगो पर बात ले गए कि वह मेडल मेरा था। वह मेरा नहीं देश का मेडल था। देश चाहता तो ला सकता था। वह कौन नहीं लेकर आए, सबको पता है। सवाल: विनेश का कैसे, वह मेडल तो भारत का था?
जवाब: BJP वाले तो सोच रहे हैं कि विनेश का था। तभी इन्होंने मुझसे बदला लेने के लिए इतना कुछ किया। मुझे कोई मदद नहीं मिली। मेरे चुनाव लड़ने का फैसला कांग्रेस का
कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ने के बारे में विनेश फोगाट ने कहा कि बजरंग पूनिया के साथ चुनाव लड़ने को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। हमने यह कांग्रेस पार्टी पर छोड़ा था और उन्होंने फैसला कर दिया। बजरंग को जो ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का वर्किंग चेयरमैन बनाया गया है, वह भी हमारे दिल के करीब है। मुझे लगता है कि बजरंग के पास मुझसे ज्यादा जिम्मेदारी है। बृजभूषण को थप्पड़ मारने का भी टाइम आएगा
पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण के छेड़छाड़ पर थप्पड़ क्यों नहीं मारने के सवाल पर विनेश ने कहा कि वही हमारी गलती रह गई। भगवान ने पहले इतनी हिम्मत नहीं दी थी वर्ना बहुत सारी बच्चियां बच जाती। थप्पड़ मारने का भी टाइम आएगा। वह अभी क्यों डर रहा है। इतना क्यों बौखला रहा है। बृजभूषण के एक दिन में डबल ट्रायल के आरोपों पर विनेश ने कहा कि यह सब नियमों के तहत हुआ। अगर मैं इतनी शक्तिशाली होती तो बृजभूषण को जेल के अंदर नहीं डाल देगी। विनेश फोगाट मामले में क्या हुआ, सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें… 1. पेरिस ओलिंपिक में 1 दिन में 3 पहलवानों को हराया
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में 3 मैच खेले। प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी। विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं। 2. डाइट से वजन बढ़ा, पूरी रात कोशिश बेकार गई
सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के दौरान उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना-पानी दिया गया। जिससे उनका वजन 52.700 kg तक बढ़ गया। भारतीय ओलिंपिक टीम के डॉक्टर डॉक्टर दिनशॉ पारदीवाला के मुताबिक विनेश का वेट वापस 50KG पर लाने के लिए टीम के पास सिर्फ 12 घंटे थे। पूरी टीम रातभर विनेश का वजन कम करने की कोशिश में लगी रही। विनेश पूरी रात नहीं सोईं और वजन को तय कैटेगरी में लाने के लिए जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करती रहीं। विनेश ने अपने बाल और नाखून तक काट दिए थे। उनके कपड़े भी छोटे कर दिए गए थे। 3. वजन 100 ग्राम ज्यादा मिला, वजन घटाने को सिर्फ 15 मिनट थे
बुधवार सुबह नियम के अनुसार दोबारा से विनेश के वजन की जांच की गई। उनका वजन ज्यादा निकला। उन्हें 15 मिनट मिले लेकिन आखिरी बार वजन में भी वह 100 ग्राम अधिक निकलीं। जिसके बाद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। 4. विनेश ने अयोग्य करार देने के खिलाफ अपील की
इसके बाद विनेश ने अयोग्य करार देने पर खेल कोर्ट (CAS) में अपील की। जिसमें विनेश ने फाइनल मुकाबला खेलने देने की अपील की। यह संभव नहीं था तो विनेश ने अपील बदलकर कहा कि सेमीफाइनल तक उसका वजन नियमों के अनुरूप था। उसे संयुक्त सिल्वर मेडल दिया जाए। 5. विनेश ने संन्यास का ऐलान किया
विनेश फोगाट ने गुरुवार सुबह कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया। उन्होंने गुरुवार सुबह 5.17 बजे सोशल मीडिया पोस्ट लिखी। विनेश ने लिखा- “मां कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। …माफी।”। 6. खेल कोर्ट ने याचिका खारिज की
विनेश फोगाट की याचिका पर खेल कोर्ट में सुनवाई चली। हालांकि पेरिस ओलिंपिक के बाद इसका फैसला आया। जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद विनेश बिना मेडल के ही देश वापस लौटी। यहां दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर पैतृक गांव बलाली तक उनका काफिले के तौर पर स्वागत किया गया।