हरियाणा के हिसार के हांसी में व्यक्ति ने नशीला पदार्थ निगल लिया। इसके कारण व्यक्ति की मौत हो गई। वह लंबे समय से बीमार होने के कारण मानसिक तौर पर परेशान चल रहा था। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। मौत के असली कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही चलेगा। हांसी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेक्टर 6 निवासी सतीश ने बताया कि कल देर शाम उसके भाई अजय की पत्नी आरती ने उसको फोन कर सूचना दी कि अजय की हालत काफ़ी खराब है। वह बेसुध हालत में पड़ा है। सतीश ने अजय के घर जाकर देखा तो अजय की मौत हो चुकी थी। सतीश ने बताया कि अजय लंबे समय से बीमार रहता था। इसके कारण वह मानसिक तौर पर परेशान भी रहने लगा था। उन्हें ये पता चला हैं कि अजय ने कोई नशीला पदार्थ खाया हैं। परेशानी के चलते और बीमारी की वजह से मौत होने का अंदेशा है। अजय हांसी शहर में मार्केटिंग का काम करता था। आज सुबह 10 बजे के क़रीब अजय का बड़ा भाई सतीश और अन्य परिजन उसके शव को लेकर हांसी के नागरिक अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां पर उसके शव को पोस्टमार्टम हाऊस में रखवा दिया गया। अजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की बाद ही ये पता चल पाएगा कि उसकी मौत किस कारण हुई है। हरियाणा के हिसार के हांसी में व्यक्ति ने नशीला पदार्थ निगल लिया। इसके कारण व्यक्ति की मौत हो गई। वह लंबे समय से बीमार होने के कारण मानसिक तौर पर परेशान चल रहा था। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। मौत के असली कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही चलेगा। हांसी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी सेक्टर 6 निवासी सतीश ने बताया कि कल देर शाम उसके भाई अजय की पत्नी आरती ने उसको फोन कर सूचना दी कि अजय की हालत काफ़ी खराब है। वह बेसुध हालत में पड़ा है। सतीश ने अजय के घर जाकर देखा तो अजय की मौत हो चुकी थी। सतीश ने बताया कि अजय लंबे समय से बीमार रहता था। इसके कारण वह मानसिक तौर पर परेशान भी रहने लगा था। उन्हें ये पता चला हैं कि अजय ने कोई नशीला पदार्थ खाया हैं। परेशानी के चलते और बीमारी की वजह से मौत होने का अंदेशा है। अजय हांसी शहर में मार्केटिंग का काम करता था। आज सुबह 10 बजे के क़रीब अजय का बड़ा भाई सतीश और अन्य परिजन उसके शव को लेकर हांसी के नागरिक अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां पर उसके शव को पोस्टमार्टम हाऊस में रखवा दिया गया। अजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की बाद ही ये पता चल पाएगा कि उसकी मौत किस कारण हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई
रणजीत का परिवार जाएगा सुप्रीम कोर्ट:राम रहीम को बरी किए जाने से परिवार मायूस, बेटा और जीजा बोले-मरते दम तक लड़ेंगे लड़ाई हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख को बरी कर दिया है। इस फैसले से रणजीत सिंह का परिवार मायूस है। परिवार का कहना है कि वह कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए वकीलों से राय ली जा रही है। जल्द ही इसके लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई शुरू करेंगे। डेरा मुखी के बरी होने के बाद बेटे जगसीर सिंह का दर्द सामने आया है। जगसीर सिंह ने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे। जल्द आगामी कदम उठाएंगे। जगसीर ने कहा कि अभी वह इस मामले में ज्यादा नहीं बोलना चाहते। वहीं रणजीत के जीजा प्रभु दयाल ने कहा कि हम अपनी लड़ाई मरते दम तक जारी रखेंगे। कोर्ट का फैसला हमारी इच्छा के अनुरूप नहीं आया है। CBI ने हमें पूरा न्याय दिलाया था, लेकिन अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का जो फैसला आया है, वह हमारी इच्छा के खिलाफ है। रणजीत के परिवार ने 19 साल लड़ा केस
2021 में जब सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम सहित पांच दोषियों को सजा सुनाई थी तो रणजीत सिंह का परिवार भावुक हो गया था। रणजीत सिंह के परिवार ने 19 साल तक केस लड़ा था और दीवाली तक नहीं मनाई थी। डेरामुखी को सजा मिलने के बाद रणजीत के बेटे जगसीर ने कहा था कि अब हमारा परिवार दीवाली मनाएगा। उन्होंने कहा था कि जब पिता रणजीत सिंह का कल्त किया गया तब मैं सात साल का था। दादा ने हत्यारों को सजा दिलाने के लिए घर्ष शुरू किया था। दादा का 2016 में निधन हो गया था। जगसीर ने बताया कि गोलियों की आवाज सुनकर और पिता के छलनी चेहरे की याद आते ही आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जगसीर ने बताया कैसे हुआ था पिता का मर्डर
जगसीर ने बताया कि 10 जुलाई 2002 को वह ट्यूशन के बाद घर पहुंचे थे। मां ने बताया कि पिता खेत में गए हैं। इसके बाद मैं खेल में मस्त हो गया। कुछ देर बाद सूचना मिली कि गांव में किसी की गोली मारकर हत्या हुई है। मां सहित घर के अन्य सदस्य सूचना के बाद खेत की ओर भागे। मैं इस बात से काफी परेशान हो गया और खेत की ओर चल दिया। खेत के पास पहुंचा तो देखा कि भीड़ जमा है और मां रो रही है। साथ में दादा जोगिंदर सिंह परेशान से खड़े हैं और मां को ढांढस बंधा रहे हैं। काफी देर बाद भीड़ को साइड कर देखा तो वहां मंजर देखकर होश उड़ गए। पापा का गोलियों से छलनी चेहरा दिखा। पहचान भी नहीं पा रहा था कि यह मेरे पिता हैं। गुमनाम चिट्ठी के शक में मारी गई थी गोली
रणजीत सिंह की हत्या का मामला गुमनाम चिट्ठी से जुड़ा हुआ है, जिसमें डेरे में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे। ये वह चिट्ठी थी, जो तत्कालीन PM अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई थी। CBI ने दावा किया था कि डेरे को शक था कि रणजीत ने ही अपनी बहन से साध्वियों के यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी लिखवाई है। इसके बाद रणजीत की हत्या कर दी गई। ये खबर भी पढ़ें… राम रहीम डेरा मैनेजर की हत्या के केस में बरी:हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला रद्द किया; पत्रकार हत्याकांड और साध्वी रेप केस में जेल में रहेगा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ राम रहीम समेत 5 लोगों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह हत्याकांड में बरी कर दिया है। राम रहीम समेत 5 आरोपियों को CBI कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी थी। राम रहीम इस वक्त रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 3 मामलों में सजा हुई थी। इनमें रणजीत हत्याकांड के अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और साध्वियों के यौन शोषण का केस भी शामिल है। पत्रकार की हत्या में उसे उम्रकैद और यौन शोषण के 2 केसों में 10-10 साल की कैद हुई थी। इस केस में बरी होने के बावजूद राम रहीम को अभी जेल में ही रहना होगा। (पूरी खबर पढ़ें)
गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा
गुरुग्राम BJP में टिकट को लेकर घमासान:जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक ने छोड़ी पार्टी; कांग्रेस में जाने की चर्चा हरियाणा में बीजेपी कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी होने के बाद प्रदेशभर में भाजपाईयों में नाराजगी देखी जा रही है। पार्टी पदाधिकारी टिकट वितरण पर सवाल उठा रहे हैं, तो कई नेता पार्टी भी छोड़ रहे हैं। वहीं गुरुग्राम में टिकट की रेस में चल रहे जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित 150 से अधिक भाजपा नेताओं ने पार्टी को बाय-बाय बोल दिया है। वहीं कई अपने समर्थकों से डिस्कसन कर रहे हैं। जल्द ही कई अन्य भी पार्टी छोड़ हाथ के साथ हो सकते हैं। बीजेपी की पहली लिस्ट के बाद से उपजे विवाद से यह बात तो साफ हो गई कि जिन बाहरी नेताओं को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई, उन्होंने अपना होमवर्क सही तरीके से नहीं किया। शायद बीजेपी में पहली बार उनके कार्यकर्ता खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं। जीएल शर्मा जल्द ही एक बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। बीजेपी में जिस कदर की भगदड़ मची है, उसके चलते यह तो साफ है कि डैमेज कंट्रोल करना इतना आसान नहीं रहने वाला। गुरुग्राम से बीजेपी टिकट के दावेदार जीएल शर्मा, नवीन गोयल सहित उनके करीब 150 समर्थकों ने पार्टी को छोड़ने का ऐलान किया है। साथ ही इन्होंने टिकट वितरण पर सवालिया निशान लगाते हुए अपने नेताओं पर कई आरोप तक मढ़ दिए हैं। जीएल शर्मा ने बताया कि तीसरी बार दावेदारी थी, पार्टी का हर काम ईमानदारी से किया, मन उदास है, समर्थकों का प्रेशर है, इसलिए पार्टी छोड़ने जा रहे हैं। जल्द बड़ा प्रोग्राम कर कांग्रेस में शामिल होंगे। अब बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी प्रत्याशी का खेल
गुरुग्राम सीट की बात करें तो यहां से बीजेपी ने मुकेश शर्मा को टिकट दिया है। नाराज नेताओं का आरोप है कि जिसने पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा और सीनियर नेताओं को अपशब्द कहते हुए पार्टी गाइड लाइन का उल्लंघन किया उसे टिकट देकर बीजेपी ने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है। वैश्य चेहरे नवीन गोयल ने बुधवार को कई किमी की पैदल यात्रा निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया उसे भी पार्टी नेताओं ने नजरअंदाज कर दिया। अब नवीन गोयल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर मुकेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी प्रकार पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा ने भी समर्थकों की मीटिंग बुलाई है और वह भी टिकट वितरण से खासे नाराज हैं। समर्थकों से मंत्रणा पश्चात वह भी शायद पार्टी को बाय-बाय कह सकते हैं। भितरघात व नाराज वर्कर्स को मनाना आसान नहीं
गुरुग्राम ही नहीं बल्कि प्रदेश की दो दर्जन से अधिक विधानसभाओं में बीजेपी के टिकट दावेदार सड़क पर उतर गए हैं। लगातार इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव ताल ठोंक रहे हैं। इसके अलावा जो पार्टी नहीं छोड़ रहे उनका भी बीजेपी नेताओं से मोह भंग हो गया है। भले ही वह पार्टी में रहेंगे लेकिन यह साफ है कि वह बीजेपी प्रत्याशी का अंदरखाने किसी भी सूरत में सपोर्ट नहीं करेंगे। सालों से जो वर्कर्स पार्टी से जुड़े थे अब उनका सहयोग हासिल करना पार्टी के लिए बड़ा टॉस्क है। इसके चलते कई सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को भितरघात का डर सताने लगा है। यहां तक मौजूदा विधायक व संगठन पदाधिकारी भी अब अंदरखाने खेला करने में शायद पीछे नहीं रहेंगे। चुनाव प्रभारी व प्रदेश प्रभारी पर उठे सवाल
राजनैतिक जानकारों का कहना है कि दूसरे प्रदेश के नेताओं को प्रदेश प्रभारी, चुनाव प्रभारी सहित अन्य दायित्व भले ही दिए गए लेकिन उनका ना तो प्रदेश ना ही यहां के लोगों की समझ है। इन लोगों ने ग्राउंड स्तर पर काम भी नहीं किया। साथ ही प्रदेश के कुछ बीजेपी नेता अपने कद का दुरुपयोग करते हुए अपने समर्थकों के लिए खुलकर पैरवी कर रहे थे, लेकिन दूसरे प्रदेश के प्रभारी इन पर प्रेशर तक नहीं बना पाए। कारण भी साफ है कि प्रदेश के नेताओं के कद, उम्र व अनुभव में दूसरे प्रदेश के जिन नेताओं को दायित्व दिया गया वह उनके सामने अदने थे और उनका जरा भी विरोध नहीं कर पाए। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि भले ही वर्चस्व स्थापित करने के लिए नेताओं ने अपने समर्थकों को टिकट दिला दी, लेकिन अब जो भगदड़ मची है, उससे पार्टी का ही नुकसान होगा। जबकि लोकसभा चुनाव में भी सतीश पूनिया को प्रदेश की बागड़ोर सौंपी गई थी, लेकिन वह असफल साबित हुए और पार्टी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। नवीन गोयल अब निर्दलीय उतरेंगे चुनावी रण में
बीजेपी टिकट दावेदार नवीन गोयल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसका ईमानदारी से निर्वहन किया। पार्टी का कद बढ़ाने के साथ उनकी नीतियों को घर-घर तक पहुंचाया। प्रदेश की रैलियों का सफल आयोजन कराया। 36 बिरादरी को पार्टी से जोड़ा बावजूद 11 साल मेहनत करने के साथ ही लोगों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराईं, लेकिन उनकी उपेक्षा से अब मन उदास है। समर्थकों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बनाया, सर्वे में नाम था बावजूद पता नहीं टिकट वितरण का क्या पैमाना था लेकिन अब लोगों की टिकट पर चुनावी रण में उतरेंगे। नवीन गोयल ने कहा कि लोगों के हित में उनका अभियान जारी रहेगा। जिसे टिकट दी वह ना तो धरातल पर सक्रिय थे ना ही लोगों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं थे।
हरियाणा कांग्रेस में 30 बड़े नेताओं की एंट्री:भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सम्मान का भरोसा दिलाया, उदयभान बोले- लोकसभा महज ट्रेलर, फिल्म अभी बाकी
हरियाणा कांग्रेस में 30 बड़े नेताओं की एंट्री:भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सम्मान का भरोसा दिलाया, उदयभान बोले- लोकसभा महज ट्रेलर, फिल्म अभी बाकी हरियाणा कांग्रेस में आज 30 बड़े नेताओं की एंट्री के साथ सैकड़ों पदाधिकारी पार्टी में शामिल हुए। जिनमें 2019 के विधानसभा चुनाव में जगाधरी से बसपा प्रत्याशी के रूप में 48768 वोट पाने वाले आदर्श पाल सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री, आम आदमी पार्टी एवं हरियाणा के पूर्व डीजीपी के.पी. सिंह के भाई, 2019 में जेजेपी से पंचकूला प्रत्याशी रहे अजय गौतम सहित भाजपा, जेजेपी, इनेलो के कई पदाधिकारी, पूर्व सरपंच, पूर्व पार्षद एवं कई नेता आज कांग्रेस में शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान एवं सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सभी का पार्टी में स्वागत किया। हुड्डा ने उन्हें कांग्रेस में उनके पुराने सम्मान का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं ने सही समय पर सही निर्णय लिया है। उनके आने से कांग्रेस और मजबूत होगी तथा सत्ता परिवर्तन का संघर्ष पहले से अधिक मजबूत होगा। चौधरी उदयभान ने कहा कि लोकसभा के नतीजे तो महज ट्रेलर थे, असली फिल्म कांग्रेस विधानसभा में दिखाएगी। पार्टी प्रदेश में भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। संघर्ष के इस दौर में कांग्रेस के साथी बन रहे सभी साथियों का तहे दिल से स्वागत है। दीपेंद्र हुड्डा ने भी पार्टी में शामिल होने वाले सभी नेताओं को बधाई और शुभकामनाएं दीं। इन नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा आदर्श पाल सिंह और अजय गौतम के साथ आज महेंद्र शर्मा (महासचिव, JJP), पप्पू राम ओड़ (INLD JJP हलका प्रधान SC सेल), मदनलाल चौहान (जिला उपप्रधान SC सेल, हिसार JJP), सुनील पूर्व सरपंच बिचपड़ी (BJP) जोगेंद्र जांगड़ा (BJP), विनोद धवन (JJP), गुलाब सिंह (लोकसभा उपाध्यक्ष, AAP), लखविन्द्र सिंह लक्खा (जिला उपाध्यक्ष, AAP), रोशनलाल पासी (अध्यक्ष, अखिल भारतीय पासी समाज हरियाणा), सतपाल पासी (सीनियर उपाध्यक्ष, पासी एकता समिति करनाल), प्रकाश वीर (अध्यक्ष, कोरी समाज करनाल), बिल्लू (अध्यक्ष, भट्ट समाज करनाल), रविन्द्र सिंह यादव (सचिव, JJP पंचकूला), शीशपाल सैन (सचिन, JJP पंचकुला), जसवंत राणा, महेंद्र सिंह (जिला प्रधान, AAP), सोमवीर (युवा प्रधान उपाध्यक्ष), सरजीत सिंह (ब्लॉक अध्यक्ष), सुरेन्द्र यादव, दलीप सिंह (पूर्व चेयरमैन), अनिल कुमार, राजिंदर खादरी (किसान जिला संयुक्त सचिव), अधिवक्ता सेठ पाल सिंह (लीगल प्रदेश संयुक्त सचिव), भोपाल सिंह, ललित गुलाबगढ़, पूर्व पार्षद प्रदीप काका, पूर्व पार्षद डिंपल, सोनू हरजाई, पूर्व सरपंच रघुबीर सिंह, पूर्व सरपंच जगपाल सिंह, पूर्व सरपंच रामधन, पूर्व सरपंच जगमल दौसोरा, पूर्व सरपंच सुभाष गुर्जर, समेत अनेक सक्रिय नेता व कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस का दामन थामा।