हिमाचल हाईकोर्ट ने कौशल विकास निगम में तैनात तीन आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर रोक लगा दी है। निगम ने 30 नवंबर तक इनकी सेवाएं समाप्त करने के फैसला लिया था। मगर अब तीनों जूनियर ऑफिस असिस्टेंट अगली सुनवाई तक अपने पद पर बने रहेंगे। तीनों असिस्टेंट इंजीनियर ने कौशल विकास निगम के बीते 14 नवंबर के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी। इनकी याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की बैंच ने इन्हें राहत दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई को राज्य सरकार और सभी प्रतिवादियों को जवाब देने के आदेश जारी किए है। अब यह मामला 12 दिसंबर को सुना जाएगा। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट ने कोर्ट को राज्य सरकार के 26 अक्तूबर के आदेश के बारे में अवगत कराया। इसके तहत कौशल विकास निगम ने प्रोजेक्ट को 30 जून 2025 तक बढ़ाया है। कर्मचारियों की नियुक्तियां वर्ष 2017 में की गई थी। सरकार की ओर से स्वीकृत पदों पर कौशल विकास निगम ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर तैनाती दी थी। निगम ने इससे पहले तीनों आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का कार्यकाल समय-समय पर बढ़ाया है। याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने इनकी सेवाओं को देखते हुए इनकी सेवाएं कंटीन्यू करने की अपील की है। 15 सालों से की जा रही आउटसोर्स भर्ती बता दें कि राज्य में आउटसोर्स भर्ती बड़ा मुद्दा बना चुकी है। आर्थिक तंगहाली की वजह से सरकार रेगुलर नियुक्तियां नहीं कर पा रही। बीते 15 सालों से पूर्व और वर्तमान सरकारों ने आउटसोर्स पर भर्तियां की है और इनका खूब शोषण किया गया है। जब चाहे इन्हें नाममात्र मानदेय पर नौकरी पर रखा गया और जब मन किया, इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा चुका हाईकोर्ट हालांकि दो सप्ताह पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने बेरोजगारों की याचिका पर आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा दी है। मगर राज्य के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में 40 हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। हिमाचल हाईकोर्ट ने कौशल विकास निगम में तैनात तीन आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर रोक लगा दी है। निगम ने 30 नवंबर तक इनकी सेवाएं समाप्त करने के फैसला लिया था। मगर अब तीनों जूनियर ऑफिस असिस्टेंट अगली सुनवाई तक अपने पद पर बने रहेंगे। तीनों असिस्टेंट इंजीनियर ने कौशल विकास निगम के बीते 14 नवंबर के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी। इनकी याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की बैंच ने इन्हें राहत दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई को राज्य सरकार और सभी प्रतिवादियों को जवाब देने के आदेश जारी किए है। अब यह मामला 12 दिसंबर को सुना जाएगा। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट ने कोर्ट को राज्य सरकार के 26 अक्तूबर के आदेश के बारे में अवगत कराया। इसके तहत कौशल विकास निगम ने प्रोजेक्ट को 30 जून 2025 तक बढ़ाया है। कर्मचारियों की नियुक्तियां वर्ष 2017 में की गई थी। सरकार की ओर से स्वीकृत पदों पर कौशल विकास निगम ने नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर तैनाती दी थी। निगम ने इससे पहले तीनों आउटसोर्स जूनियर ऑफिस असिस्टेंट का कार्यकाल समय-समय पर बढ़ाया है। याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने इनकी सेवाओं को देखते हुए इनकी सेवाएं कंटीन्यू करने की अपील की है। 15 सालों से की जा रही आउटसोर्स भर्ती बता दें कि राज्य में आउटसोर्स भर्ती बड़ा मुद्दा बना चुकी है। आर्थिक तंगहाली की वजह से सरकार रेगुलर नियुक्तियां नहीं कर पा रही। बीते 15 सालों से पूर्व और वर्तमान सरकारों ने आउटसोर्स पर भर्तियां की है और इनका खूब शोषण किया गया है। जब चाहे इन्हें नाममात्र मानदेय पर नौकरी पर रखा गया और जब मन किया, इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है। आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा चुका हाईकोर्ट हालांकि दो सप्ताह पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने बेरोजगारों की याचिका पर आउटसोर्स भर्ती पर रोक लगा दी है। मगर राज्य के विभिन्न विभागों, बोर्ड व निगमों में 40 हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के नायब सूबेदार गृह प्रवेश से पहले शहीद:बरसात में ढह गया था घर, दिवाली मनाकर ड्यूटी पर लौटे थे, आज अंतिम संस्कार
हिमाचल के नायब सूबेदार गृह प्रवेश से पहले शहीद:बरसात में ढह गया था घर, दिवाली मनाकर ड्यूटी पर लौटे थे, आज अंतिम संस्कार जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए राकेश कुमार (42) का आज हिमाचल प्रदेश के मंडी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राकेश कुमार का पार्थिव शरीर बीती शाम को जम्मू से हेलिकॉप्टर में मंडी के कंगनीधार हेलीपैड पर लाया गया। यहां से पार्थिव शरीर को नेरचौक मेडिकल कॉलेज में लाया गया है। सूचना के अनुसार, आज सुबह 8 बजे शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बरनोग लाया जाएगा। यहां घर में पार्थिव शरीर कुछ देर तक अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होगा। एक सप्ताह पहले ही छुट्टी मना कर ड्यूटी पर लौटे थे राकेश
बताया जा रहा है राकेश कुमार एक सप्ताह पहले ही दिवाली मना कर छुट्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर लौटे और बीते रविवार (10 नवंबर) को किश्तवाड़ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए। वह सेना में जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। राकेश 2 बच्चों के पिता थे। वह अपने पीछे माता भाति देवी, पत्नी भानु प्रिया और 2 बच्चों यशस्वी (14) और प्रणव (9) को छोड़ गए हैं। 23 साल से सेना में दे रहे थे सेवाएं
भारतीय सेना में 23 सालों से सेवाएं दे रहे राकेश कुमार अभी नायब सूबेदार के तौर पर तैनात थे। राकेश की शहादत के बाद पूरे हिमाचल में शोक की लहर है। शहीद के घर पर लोगों का आना जाना लगा हुआ है। 14 महीने पहले बरसात में टूटा 10 कमरों का मकान
जानकारी के अनुसार, शहीद राकेश कुमार का 10 कमरों का मकान पिछली बरसात में 13 अगस्त 2023 की रात को ढह गया था। इसके बाद से राकेश कुमार का परिवार किराए के मकान में रह रहा है। भाई कर्म सिंह के मुताबिक राकेश ने दिसंबर में छुट्टी आना था। तब घर का काम लगाना था। इसके बाद गृह प्रवेश करना था। किश्तवाड़ से कुछ दूरी पर मुठभेड़
आतंकवादियों की उपस्थिति की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ में संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। नायब सूबेदार राकेश कुमार भी इस दल का हिस्सा थे। इसी दौरान तलाशी दलों ने किश्तवाड़ के कुंतवाड़ा और केशवान के सुदूर जंगल में 2 आतंकवादियों को रोका। यह स्थान उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर बताया जा रहा है, जहां 7 नवंबर को विलेज डिफेंस ग्रुप (VDG) के 2 सदस्यों नजीर अहमद और कुलदीप कुमार के शव मिले थे। यहीं पर आतंकियों के साथ तलाशी दल की मुठभेड़ हुई। इसमें गोली लगने से नायब सूबेदार राकेश कुमार शहीद हो गए। वहीं, 3 जवान घायल हुए। उनका इलाज चल रहा है। CM और पूर्व CM ने जताया दुख
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आतंकवादियों से मुठभेड़ में राकेश कुमार की शहादत पर शोक प्रकट किया और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार की शहादत को हमेशा याद किया जाएगा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी जवान की शहादत पर दुख जताया। उन्होंने कहा देश उनके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
अंब में मंदिर पर कब्जे को लेकर मारपीट:दो पक्षों के 50 लोगों में झड़प, 5 घायल, 40 के खिलाफ FIR
अंब में मंदिर पर कब्जे को लेकर मारपीट:दो पक्षों के 50 लोगों में झड़प, 5 घायल, 40 के खिलाफ FIR ऊना जिले के अंब उपमंडल के सूरी में मंदिर पर कब्जे को लेकर दो गुटों में हुई झड़प में पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार सूरी पंचायत एवं मंदिर कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह ने मामला दर्ज करवाया है कि रविवार को वह अपने दो साथियों राजिंदर कुमार और जगदेव सिंह के साथ मंदिर का गेट बंद करके बैठे थे, तभी उनकी शिकायत पर दो पुलिस अधिकारी जांच करने आए। जैसे ही उन्होंने उनके लिए मंदिर का गेट खोला तो प्रताप सिंह, भवानी सिंह समेत करीब 20 लोगों ने उसी वक्त पीछे से मंदिर के अंदर आ गए और उन पर हमला कर दिया। इस दौरान उपद्रवियों से बचाने आई उनकी पत्नी और बेटे के साथ-साथ पुलिस पर भी हमला कर दिया, जिसमें वह, उनकी पत्नी और उनका बेटा घायल हो गए। कुलदीप कुमार का आरोप है कि उसकी पत्नी कैंसर की मरीज हैं और इस मारपीट के दौरान वह बेहोश भी हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव कर उन्हें इन लोगों के चंगुल से छुड़वाया। कुलदीप कुमार का कहना है कि ये लोग उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देते हैं। मंदिर पर जबरन कब्जा करने के लिए ये लोग लगभग हर रोज उनके साथ मारपीट करते हैं। उन्होंने पुलिस से अपने परिवार को सुरक्षा और न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। वहीं, प्रताप सिंह पुत्र मेहर सिंह निवासी सूरी तहसील अंब जिला ऊना ने मामला दर्ज करवाया है कि वह हर रोज मंदिर में माथा टेकने जाता है। दोनों पक्षों पर क्रॉस केस दर्ज रविवार को जब वह मंदिर में पहुंचा तो कुलदीप कुमार, अविनाश कुमार, अंजना कुमारी, दलजीत सिंह, विनोद कुमार, मनोज शर्मा, राजेंद्र शर्मा, सोमा देवी, जगदेव सिंह, जोगिंद्र सिंह, मनोज कुमार, अजय कुमार, अनुराधा, अंजना कुमारी, शाम ठाकुर, समित ठाकुर, मनीष राणा, अमन ठाकुर, संजब कुमार, मीना कुमारी, केसरी देवी, जरनैल सिंह, कमलेश कुमारी, आशा कुमारी ने उसके साथ मारपीट की तथा उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत के आधार पर क्रॉस केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। एसएचओ अंब गौरव भारद्वाज ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने पांचों घायलों का मेडिकल करवाने के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
हिमाचल में पटवारी-कानूनगो के खिलाफ एक्शन:2 दिन में काम पर नहीं लौटे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई, अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी
हिमाचल में पटवारी-कानूनगो के खिलाफ एक्शन:2 दिन में काम पर नहीं लौटे तो अनुशासनात्मक कार्रवाई, अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी हिमाचल सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है। राज्य कैडर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो आज विभिन्न स्थानों पर संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार के साथ सर्कल कार्यालयों की चाबियां सौंप रहे हैं। इस बीच अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) राजस्व ओंकार शर्मा ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी डीसी को प्रदर्शन कर रहे पटवारी-कानूनगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है। एससीएस राजस्व के इन आदेशों से पटवारी कानूनगो में हंगामा मच गया है। उन्होंने दो दिन के भीतर काम पर वापस न लौटने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। पत्र में कहा गया कि इस तरह ऑनलाइन सेवाएं बंद करना सेवा नियमों का उल्लंघन है। अगर पटवारी-कानूनगो को कोई समस्या है तो सरकार से बात करें। इस तरह विरोध करना ठीक नहीं है। स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज पटवारी-कानूनगो स्टेट कैडर बनाए जाने से नाराज हैं। पिछली कैबिनेट बैठक में इन्हें स्टेट कैडर बनाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इतना ही नहीं, वे सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप से भी बाहर हो गए हैं। आज वे दफ्तरों की चाबियां सरकार को सौंप रहे हैं आज पटवारी-कानूनगो संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को अतिरिक्त कार्यभार वाले दफ्तरों की चाबियां भी सौंप रहे हैं। जाहिर है कि इसके चलते प्रदेश के करीब 600 पटवारी-कानूनगो सर्कल दफ्तरों में भी काम ठप रहने वाला है। सरकार और पटवारी-कानूनगो के बीच चल रहे इस विवाद के चलते आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। पिछले 11 दिनों से ऑनलाइन काम बंद है। अब जिन स्थानों पर नियमित पटवारी-कानूनगो नहीं हैं, वहां कल से लोगों के काम भी बंद होने जा रहे हैं। मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा धरना शिमला कानूनगो-पटवारी महासंघ शिमला के अध्यक्ष चमन ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अभी तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं। इसलिए आज अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यालयों की चाबियां सरकार को सौंपी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। 10 दिन से ये काम प्रभावित बोनाफाइड सर्टिफिकेट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट, ओबीसी सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम बंद कर दिए गए हैं। राज्य कैडर से वरिष्ठता प्रभावित होगी: सतीश हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों और कानूनगो की भर्ती जिला कैडर के अनुसार की गई है। अब यदि उन्हें अचानक राज्य कैडर बना दिया जाता है तो उनकी वरिष्ठता प्रभावित होगी। इससे पदोन्नति में देरी होगी और राज्य कैडर में विलय के कारण वरिष्ठता पीछे जा सकती है। उन्होंने कहा कि पटवारियों को जिला कैडर में इसलिए रखा गया है क्योंकि अपने जिले में उन्हें स्थानीय भाषा और क्षेत्र का ज्ञान होता है। यदि उन्हें दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जाता है तो उन्हें भाषा और क्षेत्र को समझने में समय लगेगा। इससे कार्य में दक्षता नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार जिला कैडर में ही रखा जाना चाहिए।