हाथरस के कृतार्थ हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने चार्जशीट में डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक और उनके पिता समेत 5 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। उन्हें सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना न देने का दोषी माना है। जबकि स्कूल के ही कक्षा 8 के एक छात्र को हत्या का आरोपी बनाया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लगता था। वह मोबाइल चलाने का आदी था। वह छुट्टी चाहता था। बार-बार पूछता था कि अगर कोई मर जाएगा तो क्या छुट्टी हो जाएगी? इसलिए उसने कृतार्थ की अंगोछा से गला कसकर हत्या कर दी। स्कूल के पीछे झाड़ियों से अंगोछा बरामद कर लिया गया है। इतना ही नहीं तीन महीने पहले भी उसने इसी तरह से दो अन्य छात्रों की हत्या करने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय वह सफल नहीं हो पाया। कृतार्थ की हत्या के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया। स्कूल के प्रबंधक दिनेश, उसके तांत्रिक पिता जसोधन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में विवेचना में पुलिस ने हत्या का दोषी इसी 13 साल के छात्र को माना। उसे हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया। स्कूल के मैनेजर समेत पांचों आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई। हालांकि अभी जेल से रिहाई नहीं हुई है। क्योंकि स्कूल प्रबंधक पर बिना अनुमति आवासीय विद्यालय संचालित करने का भी आरोप है। बीएसए ने मुकदमा दर्ज कराया था। सीओ सादाबाद हिमांशु माथुर का कहना है कि जांच में नए तथ्य मिले। इसी आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई। जिसमें एक छात्र का नाम सामने आया है। पहले जानिए पूरा मामला…
चंदपा के चुरसेन निवासी 11 साल का कृतार्थ सहपऊ क्षेत्र के रसगवां गांव के डीएल पब्लिक आवासीय स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ता था। वह स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था। पिता श्रीकृष्ण सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। 22 सितंबर की रात स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ की हत्या कर दी गई थी। अगले दिन उसके परिवार के लोगों को स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने सूचना दी कि कृतार्थ की तबीयत खराब है। जब परिजन हॉस्टल पहुंचे तो वहां कृतार्थ नहीं मिला। परिजनों ने फोन पर प्रबंधक दिनेश बघेल से कृतार्थ के बारे में पूछा तो उन्होंने इन लोगों को गुमराह किया। वह कहते रहे कि कृतार्थ को इलाज के लिए ले जाया गया है। कुछ देर बाद पुलिस की मदद से इन लोगों ने सादाबाद के पास दिनेश बघेल को उसकी गाड़ी समेत पकड़ लिया। इस गाड़ी में कृतार्थ की डेड बॉडी थी। गला दबाकर की गई थी हत्या
शव को पुलिस ने वहीं से पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इसके बाद कृतार्थ के परिजनों ने थाने में हंगामा किया। गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि कृतार्थ का गला दबाकर हत्या की गई थी। उसके गले पर चोट के निशान थे। कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण ने दिनेश बघेल सहित 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या की बात सामने आई थी
पुलिस ने मामले में स्कूल प्रबंधक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें सादाबाद निवासी प्रधानाचार्य रामप्रकाश सोलंकी, गांव रसगवां निवासी स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह उर्फ भगत जी, जिला मथुरा थाना बल्देव के गांव बढ़ा लहरोली घाट निवासी स्कूल टीचर लक्ष्मण सिंह और हाथरस के गांव बंका निवासी वीरपाल सिंह उर्फ वीरू को गिरफ्तार किया था। उस समय यह कहा गया कि स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल के पिता जशोधन उर्फ भगत तंत्र-मंत्र करते थे। तंत्र-मंत्र और बलि देने के चक्कर में उन्होंने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। जशोधन और दिनेश को विश्वास था कि तंत्र-मंत्र और बलि देने से स्कूल और काम-धंधा में तरक्की होगी। आरोपी छात्र के पिता बोले- मेरा बेटा हत्या क्यों करेगा?
पुलिस ने जिस छात्र को आरोपी बनाया है, वह मथुरा का रहने वाला है। घटना से तीन माह पहले ही उसने स्कूल में कक्षा 8 में दाखिला लिया था। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी छात्र अक्सर कहता था कि यदि स्कूल में किसी की मौत हो जाए तो उसे छुट्टी मिलेगी या नहीं। इसी चक्कर में उसने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। आरोपी छात्र के पिता का कहना है कि उसके बेटे को पुलिस 16 दिसंबर को घर से उठा ले गई। फिर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। बेटे को पुलिस ने गलत फंसा दिया है। बेटा आखिर हत्या क्यों करेगा, वह भी केवल छुट्टियों के लिए। पुलिस ने पूरा दोष बेटे पर मढ़ दिया है। उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह दुकानों पर केक, पेटीज की सप्लाई करता है। परिजन बोले- पुलिस की कहानी झूठी
कृतार्थ के ताऊ घनश्याम का कहना है कि पुलिस ने झूठी कहानी रच दी है। प्रबंधक दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी है। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेड बॉडी मिली थी। फिर भी पुलिस ने उसे हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया। वह इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे। प्रबंधक दिनेश बघेल की पत्नी पुष्पा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। उनके पति, ससुर और अन्य अध्यापकों ने हत्या नहीं की थी। इसलिए इन्हें जमानत मिली है। ——————————- इसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… हाथरस में बच्चे की बलि या पीट-पीटकर मार दिया:पिता बोले- मर्डर हुआ, बच्चों ने बताया- टीचर डंडे से मारते, गला दबाते हैं ‘दिनेश सर बच्चों को बहुत मारते हैं। दिनेश सर का भांजा भी हमारे हॉस्टल में ही रहता था। उसने तो एक बार रस्सी से मेरा गला दबाया था। मेरा दोस्त कृतार्थ शरारती था, इसलिए दिनेश सर और यशोधन सर उसे बहुत पीटते थे।’ ये बात कह रहे संजय (बदला हुआ नाम) की उम्र सिर्फ 10 साल है। वो हाथरस के रसगवां गांव में उसी डीएल पब्लिक स्कूल में पढ़ता है, जहां 23 सितंबर को कृतार्थ नाम के बच्चे की मौत हो गई। संजय स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ के साथ ही रहता था। कृतार्थ की मौत से दो दिन पहले घर चला गया था। पूरी खबर पढ़ें हाथरस के कृतार्थ हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने चार्जशीट में डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक और उनके पिता समेत 5 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। उन्हें सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना न देने का दोषी माना है। जबकि स्कूल के ही कक्षा 8 के एक छात्र को हत्या का आरोपी बनाया गया। पुलिस का कहना है कि आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लगता था। वह मोबाइल चलाने का आदी था। वह छुट्टी चाहता था। बार-बार पूछता था कि अगर कोई मर जाएगा तो क्या छुट्टी हो जाएगी? इसलिए उसने कृतार्थ की अंगोछा से गला कसकर हत्या कर दी। स्कूल के पीछे झाड़ियों से अंगोछा बरामद कर लिया गया है। इतना ही नहीं तीन महीने पहले भी उसने इसी तरह से दो अन्य छात्रों की हत्या करने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय वह सफल नहीं हो पाया। कृतार्थ की हत्या के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया। स्कूल के प्रबंधक दिनेश, उसके तांत्रिक पिता जसोधन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में विवेचना में पुलिस ने हत्या का दोषी इसी 13 साल के छात्र को माना। उसे हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया। स्कूल के मैनेजर समेत पांचों आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई। हालांकि अभी जेल से रिहाई नहीं हुई है। क्योंकि स्कूल प्रबंधक पर बिना अनुमति आवासीय विद्यालय संचालित करने का भी आरोप है। बीएसए ने मुकदमा दर्ज कराया था। सीओ सादाबाद हिमांशु माथुर का कहना है कि जांच में नए तथ्य मिले। इसी आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई। जिसमें एक छात्र का नाम सामने आया है। पहले जानिए पूरा मामला…
चंदपा के चुरसेन निवासी 11 साल का कृतार्थ सहपऊ क्षेत्र के रसगवां गांव के डीएल पब्लिक आवासीय स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ता था। वह स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था। पिता श्रीकृष्ण सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। 22 सितंबर की रात स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ की हत्या कर दी गई थी। अगले दिन उसके परिवार के लोगों को स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने सूचना दी कि कृतार्थ की तबीयत खराब है। जब परिजन हॉस्टल पहुंचे तो वहां कृतार्थ नहीं मिला। परिजनों ने फोन पर प्रबंधक दिनेश बघेल से कृतार्थ के बारे में पूछा तो उन्होंने इन लोगों को गुमराह किया। वह कहते रहे कि कृतार्थ को इलाज के लिए ले जाया गया है। कुछ देर बाद पुलिस की मदद से इन लोगों ने सादाबाद के पास दिनेश बघेल को उसकी गाड़ी समेत पकड़ लिया। इस गाड़ी में कृतार्थ की डेड बॉडी थी। गला दबाकर की गई थी हत्या
शव को पुलिस ने वहीं से पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इसके बाद कृतार्थ के परिजनों ने थाने में हंगामा किया। गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि कृतार्थ का गला दबाकर हत्या की गई थी। उसके गले पर चोट के निशान थे। कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण ने दिनेश बघेल सहित 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या की बात सामने आई थी
पुलिस ने मामले में स्कूल प्रबंधक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें सादाबाद निवासी प्रधानाचार्य रामप्रकाश सोलंकी, गांव रसगवां निवासी स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह उर्फ भगत जी, जिला मथुरा थाना बल्देव के गांव बढ़ा लहरोली घाट निवासी स्कूल टीचर लक्ष्मण सिंह और हाथरस के गांव बंका निवासी वीरपाल सिंह उर्फ वीरू को गिरफ्तार किया था। उस समय यह कहा गया कि स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल के पिता जशोधन उर्फ भगत तंत्र-मंत्र करते थे। तंत्र-मंत्र और बलि देने के चक्कर में उन्होंने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। जशोधन और दिनेश को विश्वास था कि तंत्र-मंत्र और बलि देने से स्कूल और काम-धंधा में तरक्की होगी। आरोपी छात्र के पिता बोले- मेरा बेटा हत्या क्यों करेगा?
पुलिस ने जिस छात्र को आरोपी बनाया है, वह मथुरा का रहने वाला है। घटना से तीन माह पहले ही उसने स्कूल में कक्षा 8 में दाखिला लिया था। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी छात्र अक्सर कहता था कि यदि स्कूल में किसी की मौत हो जाए तो उसे छुट्टी मिलेगी या नहीं। इसी चक्कर में उसने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। आरोपी छात्र के पिता का कहना है कि उसके बेटे को पुलिस 16 दिसंबर को घर से उठा ले गई। फिर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। बेटे को पुलिस ने गलत फंसा दिया है। बेटा आखिर हत्या क्यों करेगा, वह भी केवल छुट्टियों के लिए। पुलिस ने पूरा दोष बेटे पर मढ़ दिया है। उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह दुकानों पर केक, पेटीज की सप्लाई करता है। परिजन बोले- पुलिस की कहानी झूठी
कृतार्थ के ताऊ घनश्याम का कहना है कि पुलिस ने झूठी कहानी रच दी है। प्रबंधक दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी है। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेड बॉडी मिली थी। फिर भी पुलिस ने उसे हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया। वह इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे। प्रबंधक दिनेश बघेल की पत्नी पुष्पा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। उनके पति, ससुर और अन्य अध्यापकों ने हत्या नहीं की थी। इसलिए इन्हें जमानत मिली है। ——————————- इसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… हाथरस में बच्चे की बलि या पीट-पीटकर मार दिया:पिता बोले- मर्डर हुआ, बच्चों ने बताया- टीचर डंडे से मारते, गला दबाते हैं ‘दिनेश सर बच्चों को बहुत मारते हैं। दिनेश सर का भांजा भी हमारे हॉस्टल में ही रहता था। उसने तो एक बार रस्सी से मेरा गला दबाया था। मेरा दोस्त कृतार्थ शरारती था, इसलिए दिनेश सर और यशोधन सर उसे बहुत पीटते थे।’ ये बात कह रहे संजय (बदला हुआ नाम) की उम्र सिर्फ 10 साल है। वो हाथरस के रसगवां गांव में उसी डीएल पब्लिक स्कूल में पढ़ता है, जहां 23 सितंबर को कृतार्थ नाम के बच्चे की मौत हो गई। संजय स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ के साथ ही रहता था। कृतार्थ की मौत से दो दिन पहले घर चला गया था। पूरी खबर पढ़ें उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर