भास्कर न्यूज | जालंधर नेशनल आई केयर और लेसिक हब की ओर से 30 मार्च को आयोजित की जाने वाली हाफ मैराथन ‘रफ्तार के सूरमे’ की तैयारियों की समीक्षा के लिए वीरवार को बैठक की गई। इस बारे में डॉ. पीयूष सूद, गगन लूथरा, डॉ. रुचि सिंह गौड़, राजेश बाहरी ने बताया कि इसमें तीन इवेंट होंगे। धावकों को 21 किलोमीटर दौड़ के लिए सुबह 5:30 बजे, 10 किलोमीटर के लिए सुबह 6 और 5 किलोमीटर के लिए सुबह 6:30 बजे रवाना किया जाएगा। हाफ मैराथन का उद्देश्य नशा रहित स्वस्थ समाज, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वर्ल्ड आई डोनेशन और विमन इंपावरमेंट है। दौड़ शुरू होने से पहले परिंदे अकादमी से राजन सियोल सभी धावकों के साथ वार्मअप सेशन करेंगे। दौड़ सरकारी आर्ट्स एंड स्पोर्ट्स कॉलेज से शुरू होगी और विधिपुर फाटक से वापस स्पोर्ट्स कॉलेज में समाप्त होगी। डॉ. सूद ने यह भी बताया की 30 मार्च को होने वाली हाफ मैराथन के लिए रजिस्ट्रेशन के माध्यम से इकट्ठी की जाने वाली राशि से 100 जरूरतमंद मरीजों की आंखों के निशुल्क कैट्रिक ऑपरेशन भी किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौड़ में 5 किलोमीटर 10 किलोमीटर और 21 किलोमीटर में प्रथम पहले दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले धारकों को नगद राशि से सम्मानित किया जाएगा। भास्कर न्यूज | जालंधर नेशनल आई केयर और लेसिक हब की ओर से 30 मार्च को आयोजित की जाने वाली हाफ मैराथन ‘रफ्तार के सूरमे’ की तैयारियों की समीक्षा के लिए वीरवार को बैठक की गई। इस बारे में डॉ. पीयूष सूद, गगन लूथरा, डॉ. रुचि सिंह गौड़, राजेश बाहरी ने बताया कि इसमें तीन इवेंट होंगे। धावकों को 21 किलोमीटर दौड़ के लिए सुबह 5:30 बजे, 10 किलोमीटर के लिए सुबह 6 और 5 किलोमीटर के लिए सुबह 6:30 बजे रवाना किया जाएगा। हाफ मैराथन का उद्देश्य नशा रहित स्वस्थ समाज, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वर्ल्ड आई डोनेशन और विमन इंपावरमेंट है। दौड़ शुरू होने से पहले परिंदे अकादमी से राजन सियोल सभी धावकों के साथ वार्मअप सेशन करेंगे। दौड़ सरकारी आर्ट्स एंड स्पोर्ट्स कॉलेज से शुरू होगी और विधिपुर फाटक से वापस स्पोर्ट्स कॉलेज में समाप्त होगी। डॉ. सूद ने यह भी बताया की 30 मार्च को होने वाली हाफ मैराथन के लिए रजिस्ट्रेशन के माध्यम से इकट्ठी की जाने वाली राशि से 100 जरूरतमंद मरीजों की आंखों के निशुल्क कैट्रिक ऑपरेशन भी किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस दौड़ में 5 किलोमीटर 10 किलोमीटर और 21 किलोमीटर में प्रथम पहले दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले धारकों को नगद राशि से सम्मानित किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पुलिस एक्शन के बाद शंभू-खनौरी बॉर्डर के हाल:3 किलोमीटर का एरिया सील, किसानों के बेड-AC टूटे, सामान को लेकर टेंट हाउस मालिकों से झगड़ा पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर को 13 महीने बाद खाली करा लिया गया है। शंभू बॉर्डर पर तो वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। शाम तक खनौरी बॉर्डर भी खुल जाएगा। कल, बुधवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग के बाद पंजाब पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर समेत करीब 200 किसानों को हिरासत में लिया। शाम को ही पुलिस की टीमें दोनों बॉर्डर पर पहुंच गई। यहां लगाए गए मंच और किसानों के टेंट पुलिस ने उखाड़ दिए। गुरुवार सुबह दैनिक भास्कर शंभू और खनौरी बॉर्डर पहुंचा। शंभू बॉर्डर पर सुबह किसानों की झोपड़ियों को हटाया जा रहा था। वहां AC और बेड टूटे हुए पड़े थे। सड़क पर मलबे के ढेर थे। आसपास के लोग इन्हें देखने के लिए पहुंच रहे थे। पुलिस ने लोगों को खदेड़ दिया। वहां किसान और टेंट हाउस के मालिक लड़ते मिले। किसानों ने सामान उठाने का आरोप लगाया। इस पर लोगों ने कहा कि हम टेंट हाउस से है। हमारा सामान मिसिंग है। इसके बाद दोनों में बहस हो गई। ये मामला पुलिस अधिकारियों तक भी पहुंचा। पटियाला से नगर कौंसिल की टीम भी कुछ सामान जब्त कर ले गई। इसी तरह खनौरी बॉर्डर पर पंजाब की तरफ पुलिस ने 4 किलोमीटर पहले बैरिकेडिंग की हुई थी। किसी को आगे नहीं जाने दिया गया। हरियाणा की तरफ भी बॉर्डर से एक किलोमीटर पहले पुलिस ने नाके लगाए हुए थे। बीच का लगभग 3 किलोमीटर का एरिया सील था। पुलिस किसानों के ट्रैक्टर और ट्रॉलियां हटा रही थी। हाइड्रा, JCB और पोकलेन जैसी मशीनों से सीमेंट की बैरिकेडिंग और मिट्टी से भरे कंटेनर हटाने का काम चल रहा था। किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हमारे मोबाइल जब्त कर लिए। कुछ किसानों ने सिलेंडर और सामान चोरी होने के आरोप लगाए। हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कुछ सामान हमने भी कब्जे में लिया है। किसान आकर हमसे ले सकते हैं। अब तस्वीरों में दोनों बॉर्डर का हाल जानिए… शंभू बॉर्डर की तस्वीरें खनौरी बॉर्डर की तस्वीरें

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पंजाब में उपचुनाव के मतदान की तारीख बदलने की मांग:कांग्रेस नेता बाजवा ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, प्रकाश पर्व का दिया तर्क पंजाब में 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए मतदान तय है। लेकिन अब इस तारीख को बदलने की मांग उठी है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। उनकी तरफ से पत्र में दलील दी गई है कि 15 नवंबर को श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व है। प्रकाश पर्व 3 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत 13 नवंबर को अखंड पाठ साहिब से होती है। उसी दिन मतदान होना है। ऐसे में इस विषय पर आयोग को विचार करना चाहिए। मतदान पर पड़ सकता है असर बाजवा ने पत्र में कहा है प्रकाश पर्व में सिख समुदाय के साथ-साथ हिंदुओं और अन्य धार्मिक समूह का भी आध्यात्मिक जुड़ाव है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में संभावना है कि मतदान पर असर पड़ सकता है। इस समय में अधिकतर गुरुद्वारों और अपने घरों में धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होंगे, जिससे चुनाव के दिन लोकतांत्रिक अभ्यास में पूरी तरह से शामिल होने की उनकी क्षमता कम हो जाएगी। उन्होंने तर्क दिया है हरियाणा चुनाव के समय भी तारीख में बदलाव किया था। क्योंकि उस समय बिश्नोई समाज का कोई त्योहार आ गया था। 4 सीटों का धार्मिक महत्व बाजवा ने पत्र में लिखा है कि जिन चार सीटों उप चुनाव हैं। उनमें डेरा बाबा नानक अत्यधिक धार्मिक महत्व का शहर है। बाजवा ने इस बात पर जोर दिया कि पंजाब के लोगों को बिना किसी संघर्ष या समझौते के अपने धार्मिक उत्सव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया दोनों में पूरी तरह से भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। विपक्ष के नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि चुनाव आयोग इस अनुरोध पर अनुकूलता से विचार करेगा, जिससे लाखों लोगों की गहरी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक भावना को कायम रखा जा सकेगा।

पंजाब में पुराने वार्ड विभाजन पर होंगे नगर निगम चुनाव:हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 15 दिन के अंदर प्रक्रिया शुरू करने को कहा
पंजाब में पुराने वार्ड विभाजन पर होंगे नगर निगम चुनाव:हाईकोर्ट ने दिए आदेश, 15 दिन के अंदर प्रक्रिया शुरू करने को कहा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया है कि वह उन सभी नगर पालिकाओं और नगर निगमों में चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित कर चुनाव करवाने की प्रक्रिया शुरू करे, जहां लंबे समय से चुनाव होने बाकी हैं। हाईकोर्ट ने शनिवार को जारी अपने आदेश में राज्य में बिना परिसीमन के चुनाव करवाने के लिए 15 दिन की समय सीमा तय की है। इसके साथ ही राज्य के नगर निगमों फगवाड़ा, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, लुधियाना और 42 नगर परिषदों-नगर पंचायतों के भी चुनाव होने हैं, जहां पांच साल की अवधि समाप्त होने के बाद चुनाव होने थे। हाईकोर्ट बोला- नए सिरे से नहीं होगा सीमांकन हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि इस न्यायालय को पंजाब राज्य चुनाव आयोग और पंजाब राज्य को संवैधानिक आदेश का पालन करने का आदेश देने में कोई हिचकिचाहट नहीं है और इस आदेश की तारीख से 15 दिनों के भीतर सभी नगर पालिकाओं और कस्बों द्वारा चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करें। नए सिरे से परिसीमन प्रक्रिया शुरू किए बिना निगमों में चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित करें। मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिसमें मुद्दा उठाया गया था कि क्या नगर पालिकाओं/नगर परिषदों/नगर निगमों/नगर पंचायतों के लंबित चुनाव के कारण होने चाहिए। बिना परिसीमन के चुनाव कराने का आदेश पीठ के समक्ष बहस करते हुए पंजाब के महाधिवक्ता (एजी) ने कहा कि विभाग को घर-घर सर्वेक्षण करने, कच्चा नक्शा तैयार करने और उसका परिसीमन करने के लिए प्रत्येक नगर पालिका के लिए एक परिसीमन बोर्ड का गठन करने की आवश्यकता है। बताया गया कि 47 में से 44 नगर पालिकाओं के लिए परिसीमन बोर्ड का गठन किया जा चुका है और तीन नगर पालिकाओं यानी नगर निगम जालंधर, नगर परिषद तलवाड़ा और नगर पंचायत भादसों के गठन की प्रक्रिया जल्द ही जारी की जाएगी। कार्यकाल समाप्त होने के कारण विकास कार्य ठप है एजी ने यह भी कहा कि वार्डों के परिसीमन की पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कुल 16 सप्ताह की अवधि की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि 17 अक्टूबर 2023 को परिसीमन का पिछला निर्णय रद्द कर दिया गया था, इसलिए वार्डों का नए सिरे से परिसीमन करना आवश्यक है। हालांकि, दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने राज्य को बिना परिसीमन प्रक्रिया के चुनाव कराने का आदेश दिया। इस मामले में मालेरकोटला निवासी बेअंत सिंह ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा कि पंजाब की 42 नगर परिषदों का कार्यकाल कई महीने पहले खत्म हो चुका है। इनमें से कई का कार्यकाल समाप्त हुए दो साल से अधिक हो गया है, जिसके कारण यहां के सभी विकास कार्य ठप पड़े हैं। याचिका के अनुसार, राज्य में अधिकांश नगर परिषदों का कार्यकाल दिसंबर 2022 में समाप्त हो गया है। लेकिन अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं। 2023 में चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की गई कोर्ट को बताया गया कि 1 अगस्त 2023 को स्थानीय निकाय विभाग ने नगर परिषद चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी, जो 1 नवंबर 2023 को होनी थी। लेकिन आज तक चुनाव नहीं हुए। याचिका के मुताबिक, उन्होंने चुनाव कराने के लिए 5 जुलाई को सरकार को कानूनी नोटिस भेजा था, लेकिन अभी तक उन्हें सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है. इसलिए अब उन्हें हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार से चुनाव कराने के निर्देश मांगने को मजबूर होना पड़ा है।