‘जब कोई अब्दुल अपना नाम सूर्य रखकर परचून की दुकान खोलेगा या टी स्टॉल लगाएगा, तो उसमें जरूर थूकेगा। क्योंकि, उनके मजहब में यह सिखाया जाता है कि हमें हिंदू धर्म को भ्रष्ट करना है। इसलिए हमने कहा कि जितने भी गैर-सनातनी हैं, उनको मेला क्षेत्र में प्लॉट न दिया जाए। हमने मुसलमानों के विरोध के लिए नहीं, धर्म को बचाने के लिए यह बात कही है।’ महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री बैन करने के समर्थन में यह तर्क साधु-संतों के सबसे बड़े मंच अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी देते हैं। वह मेले की पवित्रता बचाने और इसे सुरक्षित बनाने के लिए कुछ कड़े नियम बनाने की बात करते हैं। मुस्लिमों के बैन पर अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने कहा- यह सब भ्रामक खबर है, ऐसा कोई आदेश सरकार की तरफ से जारी नहीं किया गया है। हालांकि अभी महाकुंभ शुरू नहीं हुआ है, लेकिन यह विवाद बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही है कि जब मक्का में हिंदू नहीं जा सकते तो महाकुंभ में मुस्लिम क्यों आएं? संडे बिग स्टोरी में पढ़िए इस विवाद की शुरुआत, हिंदू और मुस्लिम और नेता क्या सोचते हैं? सरकार का क्या रुख है? महाकुंभ में मुस्लिम शासकों का क्या योगदान रहा है? ग्राफिक्स: राजकुमार गुप्ता ————————- ये भी पढ़ें… अखिलेश ने कुंभ पर सवाल उठाए, उसकी हकीकत:SSP ऑफिस, वॉच टावर तैयार; सिपाहियों के लिए भी अफसरों जैसे इंतजाम महाकुंभ..यानी देश का सबसे बड़ा धार्मिक मेला। इन दिनों यूपी की सियासत में भी छाया है। यूपी सरकार 6 हजार करोड़ से मेला सिटी बसा रही है। यहां 45 दिन में 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। CM योगी आदित्यनाथ खुद प्रयागराज के मेला क्षेत्र में 3 बार तैयारियां देखने पहुंच चुके हैं। इस बीच अखिलेश यादव X पर SSP ऑफिस से लेकर पांटून पुल तक पर सवाल उठा रहे हैं। महाकुंभ को कुप्रबंध का कुंभ बोल रहे हैं। (पढ़ें पूरी खबर) ‘जब कोई अब्दुल अपना नाम सूर्य रखकर परचून की दुकान खोलेगा या टी स्टॉल लगाएगा, तो उसमें जरूर थूकेगा। क्योंकि, उनके मजहब में यह सिखाया जाता है कि हमें हिंदू धर्म को भ्रष्ट करना है। इसलिए हमने कहा कि जितने भी गैर-सनातनी हैं, उनको मेला क्षेत्र में प्लॉट न दिया जाए। हमने मुसलमानों के विरोध के लिए नहीं, धर्म को बचाने के लिए यह बात कही है।’ महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री बैन करने के समर्थन में यह तर्क साधु-संतों के सबसे बड़े मंच अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी देते हैं। वह मेले की पवित्रता बचाने और इसे सुरक्षित बनाने के लिए कुछ कड़े नियम बनाने की बात करते हैं। मुस्लिमों के बैन पर अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने कहा- यह सब भ्रामक खबर है, ऐसा कोई आदेश सरकार की तरफ से जारी नहीं किया गया है। हालांकि अभी महाकुंभ शुरू नहीं हुआ है, लेकिन यह विवाद बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही है कि जब मक्का में हिंदू नहीं जा सकते तो महाकुंभ में मुस्लिम क्यों आएं? संडे बिग स्टोरी में पढ़िए इस विवाद की शुरुआत, हिंदू और मुस्लिम और नेता क्या सोचते हैं? सरकार का क्या रुख है? महाकुंभ में मुस्लिम शासकों का क्या योगदान रहा है? ग्राफिक्स: राजकुमार गुप्ता ————————- ये भी पढ़ें… अखिलेश ने कुंभ पर सवाल उठाए, उसकी हकीकत:SSP ऑफिस, वॉच टावर तैयार; सिपाहियों के लिए भी अफसरों जैसे इंतजाम महाकुंभ..यानी देश का सबसे बड़ा धार्मिक मेला। इन दिनों यूपी की सियासत में भी छाया है। यूपी सरकार 6 हजार करोड़ से मेला सिटी बसा रही है। यहां 45 दिन में 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। CM योगी आदित्यनाथ खुद प्रयागराज के मेला क्षेत्र में 3 बार तैयारियां देखने पहुंच चुके हैं। इस बीच अखिलेश यादव X पर SSP ऑफिस से लेकर पांटून पुल तक पर सवाल उठा रहे हैं। महाकुंभ को कुप्रबंध का कुंभ बोल रहे हैं। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
गैगस्टर सुक्खा काहलवां के गांव का सरपंच सर्मसम्मति से चुना:गांव काहलवां निवासियों ने दलवीर काहलों को दी जिम्मेदारी; 4-महिलाओं सहित 9-पंच भी नियुक्त
गैगस्टर सुक्खा काहलवां के गांव का सरपंच सर्मसम्मति से चुना:गांव काहलवां निवासियों ने दलवीर काहलों को दी जिम्मेदारी; 4-महिलाओं सहित 9-पंच भी नियुक्त पंजाब के जालंधर से संबंध रखने वाले गैंगस्टर सुक्खा काहलवां के गांव का सरपंच सर्वसम्मति से चुन लिया गया है। जालंधर के करतारपुर में स्थित गांव काहलवां के सरपंच के तौर पर दलवीर सिंह काहलों को चुना गया है। गांव की भलाई और शांति बनाए रखने के लिए गांव के लोगों ने एक-दूसरे के साथ एकजुट होकर ये फैसला लिया। जबकि गुरमेल सिंह, दलवीर मट्टू, जसविंदर कौर, जसबीर कौर, सुखविंदर सिंह, विलियम, नीलम रानी, मंजीत कौर, अमरजीत को पंच बनाया गया। इस मौके पर सरपंच दलवीर सिंह काहलो ने कहा कि वह ग्रामीणों के बहुत आभारी हैं। जिन्होंने मुझे इस काबिल समझकर गांव की सरपंची की कमान सौंपी। वे ग्रामीणों द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और तनदेही से निभाएंगे और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गांव के विकास कार्य को अंजाम देंगे। वह गांव के लोगों के निजी कार्यों के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
Modi Cabinet 3.0: मोदी कैबिनेट में बिहार से राजपूत, भूमिहार, यादव, दलित और अतिपिछड़ा से कितने मंत्री बने? लिस्ट देखें
Modi Cabinet 3.0: मोदी कैबिनेट में बिहार से राजपूत, भूमिहार, यादव, दलित और अतिपिछड़ा से कितने मंत्री बने? लिस्ट देखें <p style=”text-align: justify;”><strong>PM Modi Cabinet Bihar Ministers List: </strong>देश में तीसरी बार एनडीए की सरकार बन गई है. रविवार (09 जून) को शपथ ग्रहण समारोह भी पूरा हो गया. बीजेपी एवं एनडीए के सहयोगी घटक दलों को मिलाकर प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> समेत कुल 72 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की है. इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री हैं. बात बिहार की करें तो प्रदेश से कुल आठ मंत्री बनाए गए हैं. इनमें से छह लोकसभा सांसद है तो दो राज्यसभा सांसद हैं. आठ में से चार कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री बनाए गए हैं. 6 नए चेहरे हैं जबकि नित्यानंद राय और गिरिराज सिंह फिर से रिपीट किए गए हैं. जानिए जातियों के आधार पर बिहार को कितनी तवज्जो दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार में जातिगत राजनीति होती है. मोदी कैबिनेट 3.0 में जिन नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली उनमें अगर जाति के तौर पर देखें तो राजपूत को साइड कर दिया गया है. राजपूत जाति से केंद्र में इस बार एक भी मंत्री नहीं बने हैं. जेडीयू से दो मंत्रियों ने शपथ ली. कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भूमिहार जाति से आते हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और जननायक कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को राज्य मंत्री बनाया गया है जो अति पिछड़ा (नाई जाति) से आते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी ने गिरिराज सिंह को फिर से कैबिनेट में मंत्री बनाया है. भूमिहार जाति से आते हैं. इसके अलावा बीजेपी से आने वाले सतीश चंद्र दुबे को राज्य मंत्री बनाया गया है. वह ब्राह्मण जाति से आते हैं. बिहार में यादव के वोट को साधने की तैयारी को लेकर नित्यानंद राय को फिर से राज्य मंत्री बनाया गया है. पिछड़ा समाज से आते हैं. वहीं बीजेपी से मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट में जीत दर्ज करने वाले राजभूषण चौधरी को भी राज्य मंत्री बनाया गया है. वह मल्लाह जाति से आते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महादलित से हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के संरक्षक और सांसद जीतन राम मांझी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. दलित समाज के पासवान जाति से आने वाले चिराग पासवान को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. कुल मिलाकर आठ मंत्रियों में तीन सवर्ण जाति के हैं. इसमें दो कैबिनेट मंत्री है. दलित समाज से दो कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. अतिपिछड़ा समाज से दो राज्य मंत्री बनाए गए हैं. पिछड़ा समाज से एक मंत्री बनाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजीव प्रताप रूडी को किया गया दरकिनार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि लालू प्रसाद यादव की लाडली बेटी रोहिणी आचार्य को हराकर सारण लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले राजीव प्रताप रूडी राजपूत जाति से हैं. ऐसी चर्चा थी कि इस बार उन्हें मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन उन्हें भी दरकिनार किया गया है. लगातार पूर्वी चंपारण से जीत दर्ज करने वाले राधा मोहन सिंह को भी मंत्री पद से दूर कर दिया गया. इसके अलावा शिवहर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनीं लवली आनंद भी राजपूत जाति से आती हैं. उन्हें भी मौका नहीं मिला. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-celebrations-at-jdu-office-in-patna-for-formation-of-nda-government-3-0-at-centre-ann-2711376″>Patna News: पटना के JDU-BJP दफ्तर में एक साथ मनी होली-दिवाली, नीरज कुमार बोले- ‘ये तो अभी ट्रेलर है, पूरी फिल्म…'</a><br /></strong></p>
‘बसपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने के लिए हुई थी डील’, ओवैसी का साथ छोड़ते ही AIMIM नेता का बड़ा खुलासा
‘बसपा प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने के लिए हुई थी डील’, ओवैसी का साथ छोड़ते ही AIMIM नेता का बड़ा खुलासा <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut Politics News:</strong> यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. इससे पहले ही एआईएमआईएम को मेरठ में बड़ा झटका लगा है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन की पार्टी से मेरठ मेयर का चुनाव लड़े मोहम्मद अनस ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. असदुद्दीन ओवैसी का साथ छोड़ते ही पूर्व मेयर प्रत्याशी मोहम्मद अनस ने बड़ा खुलासा किया है.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”>असदुद्दीन ओवैसी साथ छोड़ते ही मोहम्मद अनस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि लोकसभा 2024 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी देवव्रत त्यागी को चुनाव लड़ाने के लिए मोटी डील हुई थी. पश्चिम अध्यक्ष और मेरठ नेतृत्व ने ये डील की थी. मोहम्मद अनस ने आरोप लगाते हुए कहा कि चंद सिक्कों की खनक के आगे एआईएमआईएम के कई नेता बिक गए. मिशन को चंद सिक्कों के लिए बेचा गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>असदुद्दीन</strong> <strong>ओवैसी</strong> <strong>दामन</strong> <strong>छोड़ते</strong> <strong>ही</strong> <strong>अनस</strong> <strong>ने</strong> <strong>लगाए</strong> <strong>आरोप</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मोहम्मद अनस ने कहा कि यूपी में बहुत कुछ सही नहीं चल रहा था. मैंने असदुद्दीन ओवैसी और प्रदेश अध्यक्ष को सबूतों के साथ रिपोर्ट सौंपी. तीन महीने में कोई एक्शन नहीं हुआ तो पार्टी छोड़ दी. अनस ने कहा कि अहसास हुआ कि मजलिस किसी की बात नहीं सुनती. मैंने महापौर का चुनाव लड़ा और 1 लाख 28 हजार से ज्यादा वोट पाई. मेरे चुनाव में ओवैसी और प्रदेश अध्यक्ष नहीं आए, लेकिन फिर भी मैं नाराज नहीं हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोहम्मद</strong> <strong>अनस</strong> <strong>ने</strong> <strong>क्या</strong> <strong>कहा</strong><strong>?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मोहम्मद अनस ने कहा कि बसपा को चुनाव लड़ाने के लिए डील करने वाले नेताओं के खिलाफ आवाम में है गुस्सा है. प्रदेश नेतृत्व के इशारे पर की सांठगांठ की गई थी. अपने लोगों से बातचीत कर जल्द फैसला लेंगे कि कहां जाना है और कहां नहीं. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में एआईएमआईएम ने इस बार प्रत्याशी नहीं उतारा था और इसको लेकर भी पार्टी में अंतर्कलह चल रही थी, जिसका जिक्र करते हुए मोहम्मद अनस ने असदुद्दीन की पार्टी एआईएमआईएम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.<span class=”Apple-converted-space”> </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><span class=”Apple-converted-space”>ये भी पढ़ें: <a title=”बरेली में महिला समेत 10 पुलिसकर्मी निलंबित, ड्यूटी में कोताही करने पर SSP ने की कार्रवाई” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bareilly-ssp-suspends-10-policemen-for-remaining-absent-without-notice-ann-2736032″ target=”_self”>बरेली में महिला समेत 10 पुलिसकर्मी निलंबित, ड्यूटी में कोताही करने पर SSP ने की कार्रवाई</a></span></strong></p>