हिमाचल प्रदेश में नए भाजपा अध्यक्ष के लिए जबरदस्त लॉबिंग चल रही है। इसी वजह से भाजपा गुटों में बंटती नजर आ रही है। इससे पार्टी हाईकमान तीन महीनों से पार्टी के कप्तान का चयन नहीं कर पा रही। अध्यक्ष पद के दावेदार पहले कई बार दिल्ली दौड़ लगा चुके हैं। अब बिलासपुर पहुंचे BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से सभी दावेदार बारी-बारी मिल रहे हैं। जेपी नड्डा दो दिन के हिमाचल दौरे पर आए हैं। इस दौरान वह प्रदेश भाजपा के सीनियर नेताओं से अध्यक्ष पद को लेकर मुलाकात कर रहे हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि नड्डा किसी एक नाम पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। मगर धड़ों में बंटी भाजपा में सर्वसम्मति के आसार कम नजर आ रहे हैं। ऐसे में आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान करेगी। सूत्रों के अनुसार, जेपी नड्डा कल दिल्ली लौटेंगे और दो दिन के दौरान हिमाचल के नेताओं से मिली फीडबैक की रिपोर्ट प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को देंगे, क्योंकि अध्यक्ष पद को लेकर अंतिम फैसले में मोदी-शाह की राय महत्वपूर्ण होगी। अध्यक्ष पद के ये दावेदार फिलहाल प्रदेश में अध्यक्ष पद के 4 बड़े दावेदार हैं। इनमें डॉ. राजीव भारद्वाज, डॉ. राजीव बिंदल, डॉ. सिकंदर और त्रिलोक कपूर के नाम शामिल है। सियासी गलियारों में इंदू गोस्वामी, रणधीर, विपिन सिंह परमार, सत्तपाल सत्ती और बिक्रम ठाकुर का नाम भी चर्चाओं में रहा है। राजीव भारद्वाज को जयराम का साथ गुटबाजी की वजह से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धड़ा नहीं चाहता कि राजीव बिंदल को दोबारा कमान मिले। सूत्र बताते हैं कि जयराम ठाकुर ने सांसद राजीव भारद्वाज और सांसद सिकंदर का नाम आगे किया है। उनके अध्यक्ष बनने के चांस के काफी ज्यादा है, क्योंकि बीजेपी के सोर्स बताते हैं कि हाईकमान नॉन एमएलए में से किसी को अध्यक्ष बनाना चाहता है, ताकि 2027 के चुनाव में अध्यक्ष पूरे प्रदेश में प्रचार की कमान संभाल सके। बिंदल को नड्डा-धूमल का आशीर्वाद वहीं मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए जबरदस्त लॉबिंग कर रहे हैं। बिंदल की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है, क्योंकि आरएसएस भी उन्हें अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहता है। धूमल गुट और जेपी नड्डा का भी उन्हें आशीर्वाद है। मगर जयराम ठाकुर का सपोर्ट नहीं है। इन दोनों की अध्यक्ष के लिए बड़ी दावेदारी है। SC कार्ड खेला तो सिकंदर को मिल सकती है सरदारी अध्यक्ष के लिए तीसरा नाम राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर का है। यदि राजीव भारद्वाज और बिंदल पर सहमति नहीं बनी और पार्टी एससी कार्ड खेलती है, तो सिकंदर कुमार के अध्यक्ष बनने की संभावना है। इनका नाम जयराम ठाकुर ने आगे किया है। मगर सिकंदर के अध्यक्ष बनने पर भाजपा को बगावत का भी डर होगा, क्योंकि सिकंदर कुमार संगठन में सक्रिय नहीं रहे। वह भाजपा के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ से जुड़े नेता जरूर रहे हैं। नड्डा की चली तो त्रिलोक कपूर भी हो सकते हैं अध्यक्ष अध्यक्ष के लिए विधायक त्रिलोक कपूर का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसकी वजह जेपी नड्डा से उनकी करीबियां है। त्रिलोक कपूर को हिमाचल में नड्डा का नंबर-वन भरोसे का पात्र माना जाता है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि जिस प्रकार की सामाजिक गतिविधियां बीते दो सालों के दौरान जेपी नड्डा के बेटे हरीश नड्डा की बड़ी हैं, वह 2027 में चुनाव लड़ सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो त्रिलोक कपूर को नड्डा अध्यक्ष बना सकते हैं और उनके स्थान पर अगला चुनाव हरीश नड्डा को लड़ाया जा सकता है। इस वजह से त्रिलोक कपूर का नाम भी खूब चर्चा है। परमार-बिक्रम ठाकुर भी बड़े दावेदार इन चारों नेताओं के अलावा कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले विपिन सिंह परमार और बिक्रम ठाकुर के नाम पर भी पार्टी विचार कर सकती है। हालांकि 2027 के चुनाव लड़ने की वजह से इनके अध्यक्ष बनने की कम संभावनाएं है। मगर चर्चा में नाम जरूर है, क्योंकि कांगड़ा जिला हिमाचल की सत्ता की चाबी तय करता है। इसलिए ये दोनों नाम भी चर्चा में है। इंदू गोस्वामी की दावेदारी पीएम से नजदीकियों के कारण मजबूत इन सब पर सहमति नहीं बनी तो एक नाम चौकाने वाला हो सकता है। वह राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी का हो सकता हैं। सांसद इंदू गोस्वामी को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है। अगले साल उनका राज्यसभा का 6 साल का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। इसलिए पार्टी एक महिला को बीजेपी अध्यक्ष बना सकती है। विरोधियों ने जयराम ठाकुर का नाम भी आगे किया अध्यक्ष पद के लिए सबसे दिलचस्प बात यह है कि विरोधी खेमे ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को ही अध्यक्ष बनाने की हाईकमान से पैरवी की है। ऐसा हुआ तो हिमाचल में नेता प्रतिपक्ष बदला जाएगा। इससे 2027 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का एक ओर बढ़ा दावेदार बीजेपी में हो जाएगा। दिल्ली चुनाव में जिस तरह का ताबड़तोड़ प्रचार सांसद अनुराग ठाकुर ने किया है और बीजेपी को जीत मिली है, उसके बाद अनुराग का नाम भी अध्यक्ष की रेस में शुमार है। सूत्र बताते हैं कि अनुराग ठाकुर ने खुद ही स्टेट की पॉलिटिक्स से इनकार कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में नए भाजपा अध्यक्ष के लिए जबरदस्त लॉबिंग चल रही है। इसी वजह से भाजपा गुटों में बंटती नजर आ रही है। इससे पार्टी हाईकमान तीन महीनों से पार्टी के कप्तान का चयन नहीं कर पा रही। अध्यक्ष पद के दावेदार पहले कई बार दिल्ली दौड़ लगा चुके हैं। अब बिलासपुर पहुंचे BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से सभी दावेदार बारी-बारी मिल रहे हैं। जेपी नड्डा दो दिन के हिमाचल दौरे पर आए हैं। इस दौरान वह प्रदेश भाजपा के सीनियर नेताओं से अध्यक्ष पद को लेकर मुलाकात कर रहे हैं। पार्टी सूत्र बताते हैं कि नड्डा किसी एक नाम पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। मगर धड़ों में बंटी भाजपा में सर्वसम्मति के आसार कम नजर आ रहे हैं। ऐसे में आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान करेगी। सूत्रों के अनुसार, जेपी नड्डा कल दिल्ली लौटेंगे और दो दिन के दौरान हिमाचल के नेताओं से मिली फीडबैक की रिपोर्ट प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को देंगे, क्योंकि अध्यक्ष पद को लेकर अंतिम फैसले में मोदी-शाह की राय महत्वपूर्ण होगी। अध्यक्ष पद के ये दावेदार फिलहाल प्रदेश में अध्यक्ष पद के 4 बड़े दावेदार हैं। इनमें डॉ. राजीव भारद्वाज, डॉ. राजीव बिंदल, डॉ. सिकंदर और त्रिलोक कपूर के नाम शामिल है। सियासी गलियारों में इंदू गोस्वामी, रणधीर, विपिन सिंह परमार, सत्तपाल सत्ती और बिक्रम ठाकुर का नाम भी चर्चाओं में रहा है। राजीव भारद्वाज को जयराम का साथ गुटबाजी की वजह से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धड़ा नहीं चाहता कि राजीव बिंदल को दोबारा कमान मिले। सूत्र बताते हैं कि जयराम ठाकुर ने सांसद राजीव भारद्वाज और सांसद सिकंदर का नाम आगे किया है। उनके अध्यक्ष बनने के चांस के काफी ज्यादा है, क्योंकि बीजेपी के सोर्स बताते हैं कि हाईकमान नॉन एमएलए में से किसी को अध्यक्ष बनाना चाहता है, ताकि 2027 के चुनाव में अध्यक्ष पूरे प्रदेश में प्रचार की कमान संभाल सके। बिंदल को नड्डा-धूमल का आशीर्वाद वहीं मौजूदा अध्यक्ष राजीव बिंदल दोबारा अध्यक्ष बनने के लिए जबरदस्त लॉबिंग कर रहे हैं। बिंदल की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है, क्योंकि आरएसएस भी उन्हें अध्यक्ष के तौर पर देखना चाहता है। धूमल गुट और जेपी नड्डा का भी उन्हें आशीर्वाद है। मगर जयराम ठाकुर का सपोर्ट नहीं है। इन दोनों की अध्यक्ष के लिए बड़ी दावेदारी है। SC कार्ड खेला तो सिकंदर को मिल सकती है सरदारी अध्यक्ष के लिए तीसरा नाम राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर का है। यदि राजीव भारद्वाज और बिंदल पर सहमति नहीं बनी और पार्टी एससी कार्ड खेलती है, तो सिकंदर कुमार के अध्यक्ष बनने की संभावना है। इनका नाम जयराम ठाकुर ने आगे किया है। मगर सिकंदर के अध्यक्ष बनने पर भाजपा को बगावत का भी डर होगा, क्योंकि सिकंदर कुमार संगठन में सक्रिय नहीं रहे। वह भाजपा के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ से जुड़े नेता जरूर रहे हैं। नड्डा की चली तो त्रिलोक कपूर भी हो सकते हैं अध्यक्ष अध्यक्ष के लिए विधायक त्रिलोक कपूर का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसकी वजह जेपी नड्डा से उनकी करीबियां है। त्रिलोक कपूर को हिमाचल में नड्डा का नंबर-वन भरोसे का पात्र माना जाता है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि जिस प्रकार की सामाजिक गतिविधियां बीते दो सालों के दौरान जेपी नड्डा के बेटे हरीश नड्डा की बड़ी हैं, वह 2027 में चुनाव लड़ सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो त्रिलोक कपूर को नड्डा अध्यक्ष बना सकते हैं और उनके स्थान पर अगला चुनाव हरीश नड्डा को लड़ाया जा सकता है। इस वजह से त्रिलोक कपूर का नाम भी खूब चर्चा है। परमार-बिक्रम ठाकुर भी बड़े दावेदार इन चारों नेताओं के अलावा कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले विपिन सिंह परमार और बिक्रम ठाकुर के नाम पर भी पार्टी विचार कर सकती है। हालांकि 2027 के चुनाव लड़ने की वजह से इनके अध्यक्ष बनने की कम संभावनाएं है। मगर चर्चा में नाम जरूर है, क्योंकि कांगड़ा जिला हिमाचल की सत्ता की चाबी तय करता है। इसलिए ये दोनों नाम भी चर्चा में है। इंदू गोस्वामी की दावेदारी पीएम से नजदीकियों के कारण मजबूत इन सब पर सहमति नहीं बनी तो एक नाम चौकाने वाला हो सकता है। वह राज्यसभा सांसद इंदू गोस्वामी का हो सकता हैं। सांसद इंदू गोस्वामी को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है। अगले साल उनका राज्यसभा का 6 साल का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। इसलिए पार्टी एक महिला को बीजेपी अध्यक्ष बना सकती है। विरोधियों ने जयराम ठाकुर का नाम भी आगे किया अध्यक्ष पद के लिए सबसे दिलचस्प बात यह है कि विरोधी खेमे ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को ही अध्यक्ष बनाने की हाईकमान से पैरवी की है। ऐसा हुआ तो हिमाचल में नेता प्रतिपक्ष बदला जाएगा। इससे 2027 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का एक ओर बढ़ा दावेदार बीजेपी में हो जाएगा। दिल्ली चुनाव में जिस तरह का ताबड़तोड़ प्रचार सांसद अनुराग ठाकुर ने किया है और बीजेपी को जीत मिली है, उसके बाद अनुराग का नाम भी अध्यक्ष की रेस में शुमार है। सूत्र बताते हैं कि अनुराग ठाकुर ने खुद ही स्टेट की पॉलिटिक्स से इनकार कर दिया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
